मामी ने अपनी चूत मुझसे चुदवा ली- 2

मामी की देसी कहानी.नेट में मेरी मामी अपनी चूत की चुदाई का मजा मेरे लंड से ले चुकी थी पर अब मैं मामी की गांड मारना चाहता था. मामी दर्द के डर से मना कर रही थी.

मित्रो, मैं राहुल आपको अपनी सेक्स कहानी के पहले भाग
सोते हुए मामी ने मेरा लंड चूसा
में बता रहा था कि मामी की वासना किस तरह से उन्हें मेरे लंड से चुदने पर मजबूर कर रही थी. मैं मामा जी के किसी काम से जाते ही मामी को लेकर कमरे में आ गया और उन्हें चोदने की तैयारी करने लगा. लेकिन तभी मामा जी के आने की आवाज आई और हम दोनों अलग हो गए.

अब आगे मामी की देसी कहानी.नेट:

तब तक मैंने जाकर दरवाजा खोल दिया.

मामा अन्दर आए और खटिया पर बैठ कर मामी को आवाज देने लगे- सुनो जरा पानी दे दो.
मैंने मामा को पानी लाकर दिया और थोड़ी देर बाद मामा के पास ही बैठ गया.

उन्होंने बताया कि उन्हें स्कूल से फोन आया था कि इस बार दसवीं के बच्चों की क्लास जल्दी शुरू करना है ताकि सिलेबस जल्दी खत्म हो जाए, इस वजह से वे जल्दी वापस आ गए.

यह बात सुनते ही मुझे दुःख हुआ कि मामी भी मामा के साथ शहर चली जाएंगी.

तभी मामी अन्दर से आईं और मामा से पूछने लगीं- कब जाना है?
मामा ने बताया- दो ही दिन बाद जाना है. और तुमको अभी आने की जरूरत नहीं है. जब सबके स्कूल खुलेंगे, तब मैं तुमको लेने आ जाऊंगा!

यह सुनते ही मैं मन ही मन खुश हो गया.

तभी मामी ने कहा- आपको खाना और कपड़े धोने की दिक्कत होगी, इस वजह से मैं भी चली चलूँगी!

मैं मामी की बात सुनकर मन ही मन में दुःखी हो गया और मामा के सामने देखने लगा.

मामा ने बताया- उस सबकी टेंशन तुम मत लो, मैं सब संभाल लूँगा.
तो मामी ‘ठीक है’ कह कर खाना बनाने के लिए रसोई घर में चली गईं.

मामा ने मुझसे बोला- मुझको शहर में से कुछ सामान लेना है, तो तुम साथ चलो.
मैंने हां कह दिया.

मामा ने मामी को आवाज लगाकर बता दिया कि वे और मैं शहर जा रहे हैं.

हम दोनों बाईक लेकर शहर जाने के लिए निकल गए.

शहर में मामा को उनके लिए कपड़े लेने थे और घर का सामान लेना था, तो हम दोनों एक बड़े से मॉल में गए, वहां से मामा ने अपने लिए कपड़े ले लिए.

फिर वे घर का सामान लेने लगे तो मैंने उनको वॉशरूम जाने का बोल कर मामी के लिए काले रंग की ब्रा और पैंटी ले ली.

मैं फिर से मामा के पास आया तो मामा ने सामान ले लिया था.
मैंने और मामा ने सामान का बिल पे कर दिया और गांव के लिए निकल गए.

रास्ते में आते वक़्त मामा ने मुझसे कहा- मेरे जाने के बाद मामी और बच्चों का ख्याल रखना!
मैंने भी मामा से कहा- आप उसकी बिलकुल चिंता मत कीजिये, मैं सब संभाल लूंगा.

फिर घर पर आके मैंने और मामा ने सारा सामान घर में रख दिया और बैठ गए.
मामी पानी लेकर आईं और उन्होंने मुझे और मामा को पानी का गिलास पकड़ा दिया.

कुछ देर बाद मैं अपने कमरे में जाकर सो गया.
जब मैं उठा तो शाम हो गयी थी.

मैंने मुँह धोया और बाहर आ गया.

उस वक्त मामी किचन में रोटी बना रही थीं और मामा टीवी देख रहे थे.
उनके बच्चे भी मामा के साथ बैठकर टीवी देख रहे थे.

मैं भी वहीं बैठकर टीवी देखने लगा.
फिर शाम का खाना खाया और मैं छत पर जाकर लेट कर फोन यूज करने लगा.

थोड़ी देर बाद मामी बच्चों को लेकर आईं और उनको सुलाने लगीं.
मुझे लगा कि मामा गांव में गए होंगे लेकिन थोड़ी देर बाद वे भी ऊपर आ गए और लेट गए.

आज मेरा कुछ नहीं होने वाला था इसलिए मैं भी आँखें बंद करके सो गया.

आधी रात को मेरी नींद खुल गयी.
मैं बोतल से पानी पीने के लिए उठा तो देखा कि मामा मामी नहीं थे.

तुरंत उनको ढूंढता हुआ मैं नीचे गया.
नीचे का दरवाजा बंद था लेकिन लॉक नहीं था.
तो मैंने धीरे से दरवाजा खोला और अन्दर आकर देखने लगा.

मामा के कमरे की लाइट चालू थी और दरवाजा भी खुला था.
मैं उसमें से देखने लगा.
मैंने देखा कि मामा, मामी के ऊपर चढ़े हुए थे और उनको चोद रहे थे.

थोड़ी ही देर मैं मामा झड़ गए और मामी के बाजू में लेट गए.
लेकिन साफ लग रहा था कि मामी को चुदने में मज़ा नहीं आया था इसलिए वे मामा को बोल रही थीं- थोड़ी ही देर में आपका हो जाता है, लेकिन मेरा क्या?

यह कह कर मामी बाथरूम मैं चली गई और मामा भी खड़े होकर कपड़े पहनने लगे.

फिर मैं ऊपर आकर सो गया.

मैं सुबह उठा और फ्रेश होकर चाय पीकर गांव में चक्कर लगाने चला गया.

मामा को जाना था तो वे घर पर ही थे, उस वजह से तो मेरा मामी को चोदने का कोई चांस ही नहीं था.

फिर दूसरे दिन मामा को जाना था.
उस दिन उन्होंने मुझे बस स्टॉप पर छोड़ने को बोला.

मैं उन्हें बाईक पर लेकर निकल गया और उनको बस में बिठा कर वापस आने लगा.
जब मैं वापस आ रहा था तो सोचा कि आज सेक्स टाईम बढ़ाने की दवाई ले लेता हूँ.

मैंने सोचा कि इस गांव से दवा ली तो भेद खुल जाएगा.
इसलिए मैंने बाजू के गांव में जाकर उधर की दवाई की दुकान से पिल्स ले लीं और घर पर आ गया.

मामा को छोड़ने मैं बिना नहाए गया था तो मैं पहले जाकर नहाने चला गया और अपने शरीर से सारे बाल निकाल दिए.

मैं तौलिया ले जाना भूल गया था तो मैंने आवाज दी.
मामी मुझको तौलिया देने के लिए आ गईं.

जब मैंने तौलिया लेने के लिए दरवाजा खोला और मामी मुझे तौलिया देने लगीं.
तो मैंने उन्हें अन्दर खींच लिया और दरवाजा बंद कर दिया.

वे बाथरूम में आ गईं और मैं उनको पकड़ कर उनके होंठों को चूसने लगा.
मामी भी मेरा साथ देने लगीं.

थोड़ी देर में वे भी पानी से भीग गईं.
मैंने उनके सारे कपड़े निकाल दिए और चूमने लगा.

उनके चूचों के ऊपर से पानी नीचे गिर रहा था.
यह देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मामी के बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.

उनके बूब्स थोड़ी ही देर में लाल हो गए.

फिर मैं नीचे होकर मामी की चूत चाटने लगा जिससे मामी सिसकारियां लेने लगीं और अपने हाथों से मेरे मुँह को चूत पर दबाने लगीं.

थोड़ी देर में मामी झड़ गईं.
मैं खड़ा हुआ और मामी को नीचे करके उनके मुँह में लंड घुसेड़ दिया और मामी का मुँह चोदने लगा.

बाथरूम में सिर्फ ‘गहह … गहह …’ की आवाज आ रही थी.
मैं भी मामी के मुँह में झड़ गया और वे सारा माल पी गईं.

फिर मामी खड़ी हो गईं और हमने एक दूसरे को साबुन लगा कर मजा करने लगे.

इसी बीच मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
तो मैंने भी मामी को दीवार की ओर मुँह करवा कर दीवार से ही सटा दिया और पीछे से लंड सैट करके चोदने लगा.

मामी भी मज़ा लेने लगीं और सिसकारियां लेने लगीं.

मैंने मामी को घुमाया और फिर खड़े खड़े किस करते करते उन्हें चोदने लगा.

बाथरूम में मामी को चोदने का अलग ही मज़ा आ रहा था.
मन कर रहा था कि मामी को ऐसे ही पूरे दिन बाथरूम में नंगी रखूँ और चोद चोद कर उनकी चूत को फाड़ दूँ.

करीब 15 मिनट के बाद मैं मामी की चूत में झड़ गया और हांफ़ता हुआ उनको चूमने लगा.
मामी भी थक गई थीं.

हमने एक दूसरे को साफ किया और बाहर आ गए.
मामी नंगी ही अपने कमरे मैं चली गईं और मैं अपने कमरे में कपड़े पहन कर बाहर आ गया.

अब मैंने और बच्चों ने खाना खा लिया था.
मैं थक गया था तो अपने रूम में सो गया.

शाम को उठ कर बाहर गया तो मामी खाना बना रही थीं और बच्चे टीवी देख रहे थे.

मैंने रसोई में जाकर मामी को पीछे से पकड़ा और उनको गले में किस कर दिया.

मैं मामी के पेट को सहला रहा था तो वे भी अपनी गांड हिला रही थीं और मैं भी उनको सहलाते हुए उनके शरीर को चूम रहा था.

बच्चे टीवी देख रहे थे तो कोई टेंशन नहीं थी.

फिर धीरे से मैंने मामी की गांड को हाथों से दबा कर कहा- मुझे आपकी गांड मारनी है!
मामी ने मुस्कुरा कर कहा- ये गांड अभी तक मैंने तेरे मामा को भी नहीं मारने दी है … और तुझे भी नहीं मिलेगी!

मैंने बोला- देख लेना, मेरा लंड आपकी इस मोटी गांड को फाड़ कर ही रहेगा.
वे हंसने लगीं.

मैं वहां से बच्चों के पास आया और उनके साथ खेलने लगा.

मामी ने खाने के लिए बोला तो मैंने ‘भूख नहीं है’ कह दिया और टीवी देखने लगा.
मामी ने बच्चों को खाना खिला दिया और उन्होंने भी खा लिया.

फिर वे बर्तन साफ करके बच्चों को कमरे में ले गईं और सुला दिया.

आज मामा नहीं थे तो मामी ने कहा- आज सब नीचे ही सो जाएंगे.

बच्चों के सो जाने के बाद मामी मेरे पास आकर टीवी देखने लगीं.

मैं भी अपना सिर मामी की जांघों पर रख कर टीवी देखने लगा.

थोड़ी देर बाद मैं मामी का हाथ लेकर चूमने लगा और मामी ने भी टीवी बंद कर दी.
वे मुझे चूमने लगीं.

वैसे ही थोड़ी देर चूमने के बाद मैं मामी को अपने कमरे में ले गया और मैंने उनको वह काले रंग की ब्रा और पैंटी की थैली पकड़ा दी और पहनने को बोला.

मामी इस गिफ्ट से बहुत खुश हो गईं.
उन्होंने मुझे एक प्यारा सा हग दे दिया और वे बाथरूम में चली गईं.

इसी वक़्त मैंने सेक्स टाईम को बढ़ाने की पिल्स ले ली.

वे जब बाहर आईं तो मैं उनको देखता ही रह गया.
मामी एकदम गोरी थीं और ऊपर से काली ब्रा-पैंटी पहनी तो वे इतनी अधिक सेक्सी दिख रही थीं कि मैं आपको अपने शब्दों में बता ही नहीं सकता.

उनके आते ही मैं उनको पकड़ कर आईने के सामने ले गया.

वे खुद को देखकर खुश हो गईं और मुझे हग करके मुझे थैंक्स बोलने लगीं.
मैं भी मामी को खुश देखकर खुश हो गया.

मामी मेरे होंठों को चूमने लगीं, मैं भी उनको चूमने लगा.

थोड़ी देर में मैंने मामी को बेड पर लेटा दिया और चूमने लगा.
मैं मामी के पूरे शरीर को चूमे जा रहा था, इससे मामी भी गर्म हो गईं और कामुक सिसकारियां भरने लगीं.

फिर मैंने मामी की ब्रा पैंटी उतार दी और उनके बूब्स को चूमने लगा.
मामी ने मेरी शर्ट और लोवर को निकाल दिया और मेरे लंड को सहलाने लगीं.
मैं भी मामी को चूमे जा रहा था.

फिर मैं और मामी 69 में आ गए, एक दूसरे के आइटम चूसने लगे.

थोड़ी देर में मामी झड़ गईं और मैंने उनका सारा रस पीकर चूत को साफ कर दिया.

फिर मैंने मामी की चूत पर लंड सैट करके एक ही धक्के में पूरा लंड चूत में पेल दिया.
मामी थोड़ी चिल्लाईं लेकिन थोड़ी देर में सामान्य होकर साथ देने लगीं.

करीब दस मिनट के बाद मैंने उनको घोड़ी बनने को बोला तो वे बन गईं और मैंने पीछे से लंड चूत में पेल दिया.

कमरे में थप … थप … की आवाज़ आने लगी.

मामी सिसकारियां लेती हुई बोल रही थीं ‘अह्ह … चोदो मुझे … जोर से चोदो.’

मैंने मामी के बालों को पकड़ लिया और चोदने लगा जिससे मुझे और मज़ा आने लगा.
मामी की गांड पर थप्पड़ मार मार कर मैंने उनकी गांड लाल कर दी.

थोड़ी देर बाद मैं नीचे लेट गया और मामी को लंड पर बैठने को बोला.
तो वे लंड पर चूत को सैट करके बैठ गईं और ऊपर नीचे होने लगीं.

मामी ऊपर नीचे हो रही थीं तो उनके बूब्स भी मस्त उछल रहे थे.
यह देखकर मैंने मामी के बूब्स को हाथ से पकड़ लिया और दबाने लगा.

करीब 15 मिनट के बाद मैं झड़ गया और मैंने अपना सारा माल मामी की चूत में ही गिरा दिया.

मामी थक गई थीं और पूरी पसीने से भीग गई थीं.
वे मेरे ऊपर ही लेट गईं.

मैं मामी को सहलाने लगा और उनकी पीठ पर हाथ फेरने लगा.
मैंने देखा तो मामी की आंख से आँसू आ रहे थे.

यह देखकर मैंने पूछा तो मामी ने बताया कि ये खुशी के आँसू हैं. वे आज बहुत खुश हैं.
मैं भी मामी को देखकर खुश हो गया और उनको चूमने लगा.

थोड़ी देर में मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने मामी को मुँह में लेने के लिए बोला.
मामी तुरंत लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं.

लंड गीला हो गया था तो मैंने मामी को वापस घोड़ी बनने को बोला.
तो वे तुरंत घोड़ी बन गईं.

मैं मामी की गांड मारना चाहता था तो मैंने उनकी गांड के छेद में थूक लगाया और चाटने लगा.
मामी तुरंत हट गईं और गांड देने के लिए मना करने लगीं.

मैंने उनको समझाया कि कुछ नहीं होगा लेकिन वह मना कर रही थीं और बोल रही थीं कि दर्द होगा.

मैं बोला- कुछ नहीं होगा!
काफी देर बाद मामी ने हां कर दी और फिर से घोड़ी बन गईं.

मैं फिर से गांड के छेद मैं थूक लगा कर चाटने लगा और मैंने अपनी एक उंगली को उनकी गांड के छेद में डाल दिया.

उंगली डालने से भी मामी को थोड़ा दर्द हो रहा था, मैंने काफी देर गांड के छेद को चाट कर पूरा गीला कर दिया.
अब लंड पर थूक लगा कर छेद पर लंड सैट कर दिया.

फिर मैंने धक्का मारा तो लंड छेद मैं घुसा ही नहीं और फिसल गया.

मैंने फिर से लंड को सैट करके थोड़ा ज्यादा दबाया तो लंड का टोपा गांड के छेद में घुस गया और मामी को दर्द होने लगा.

मैंने फिर से एक और धक्का मारा तो आधा से ज्यादा लंड छेद में चला गया था.
लेकिन मामी को बहुत दर्द हो रहा था.

वे मुझे गाली दे रही थीं- निकाल दे मादरचोद … दर्द हो रहा है … फट गई मेरी गांड … निकाल मादरचोद!
गाली देने के साथ ही वे अपनी गांड को आगे की तरफ खींच रही थीं, लेकिन मैंने उनको कमर से पकड़ रखा था.

थोड़ी देर मैं लंड को गांड में यूं ही रखे रहा और शांत रहा.
थोड़ी देर बाद जब दर्द कम हुआ, तो मैंने फिर से धक्का मार कर पूरा लंड पेल दिया.

अब मामी को ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था.
तो मैंने धीरे धीरे अपनी रफ्तार बढ़ा दी और मामी की गांड मारने लगा.

मामी की गांड बहुत टाईट थी तो मैं 15 मिनट में ही उनकी गांड मैं झड़ गया.

झड़ने के बाद मैं और मामी पूरे थक चुके थे तो हम ऐसे ही नंगे सो गए.

सुबह उठा तो मैंने फिर से मामी को किचन में चोद दिया.

अब मैं मामी को रोज चोदता था.
कभी कभी मैं खेत में भी मामी को चोद देता था.

फिर छुट्टियां खत्म हुईं तो मामा मामी को ले गए और मैं भी अपने घर आ गया.

अब मुझे चूत के बिना रहा नहीं जा रहा था तो एक दिन मैंने अपनी चाची को चोद दिया.

वह सेक्स कहानी मैं अगली बार लिखूँगा.
आपको मेरी यह मामी की देसी कहानी.नेट कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं.