लड़की की गांड मारी मैंने … वो लड़की मेरी छोटी बहन ही थी. उसके चूतड़ गजब के थे. मैंने बहन की चुदाई का प्रयास किया तो वह तो पहले से ही गर्म बैठी थी.
दोस्तो, मैं बिहार से हूँ, मेरा नाम अमित है.
मेरे घर में हम चार लोग हैं. मैं, पापा मम्मी और मेरी छोटी बहन.
मेरी छोटी बहन का नाम अंजलि है. वह अभी 18 साल की सेक्सी माल है, जिसकी गांड देखकर मेरे घर के सभी चचेरे भाइयों को मन करता है कि उसे चोद दूं.
पर मेरी छोटी बहन किसी भी ऐरे-गैरे से चुदवाने वाली नहीं है.
सच बोलूं तो मेरा मन भी उसकी गांड मारने का करता है.
जब भी वह अपनी कमर मटका कर चलती है तो उसकी गांड लेफ्ट राइट करती है और उसको देखकर मैं अपना लंड सहला लेता हूँ.
उसे देख कर मेरी हालत ऐसी हो गई थी कि मैं एक दिन में चार चार बार मुठ मार लेता था.
अब मैंने सोच लिया था कि इसकी गांड और चूत का उद्घाटन तो मैं ही करूंगा.
बस अब मैं उसको चोदने का प्लानिंग करने लगा.
यह कहानी जिसमें मैंने लड़की की गांड मारी, मेरी इसी बहन की है.
मैं मार्केट से एक फेक आईडी से सिमकार्ड खरीद कर लाया और उस नंबर से व्हाट्सएप चालू करके उसे मैसेज करने लगा.
वह जब भी फोन चलाती, मैं उसे गन्दी गन्दी वीडियो, फोटो और मैसेज कर देता था.
पर उसने मुझे ब्लॉक कर दिया.
फिर मैंने एक और प्लान बनाया.
रात को मैंने अपने रूम का पंखा खराब कर दिया और उससे कहा- यार, आज मेरे रूम का पंखा खराब हो गया है. कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं?
उसने वही बोला, जो मैंने सोचा था.
वह बोली- आज आप मेरे कमरे में सो जाना!
मैंने कहा- ठीक है.
फिर रात के 9 बज रहे थे, मैं उसके कमरे में आ गया.
वह अपने बिस्तर पर बैठी थी और फोन चला रही थी.
फिर मैं भी उसी बेड पर लेट गया और फोन चलाने लगा.
वह एक घंटा फोन चलाकर सो गई.
उस वक्त मैं भाई बहन वाला सेक्स वीडियो देख रहा था और मेरा लंड खड़ा था.
तभी उसने करवट बदली और अपना बड़ी सी गांड मेरी तरफ कर दी.
मेरा लंड और तड़पने लगा.
उसने ब्लू कलर की लैगिंग्स पहनी हुई थी जिससे उसकी गांड की दरार साफ साफ दिख रही थी.
तभी मैंने अपने हाथ को उसकी गांड की तरफ बढ़ा दिया.
मैं हिम्मत करके उसकी गांड सहलाने लगा और अपना लंड हिलाने लगा.
जब वह कुछ नहीं बोली तो मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया और उसकी गांड को सहलाने लगा.
ओहो … क्या मुलायम मक्खन जैसी गांड … साला जिसे चाटने के सपने देखा करता था, आज मैं उसे साफ साफ देख पा रहा था.
मैंने उसकी पैंटी को लैगिंग्स के साथ नीचे खींच दिया और उसकी नंगी गांड को सहलाने लगा.
सच में इतनी गोरी और गोल मटोल गांड देख कर मेरा हाल खराब हो गया था दोस्तो.
शायद आपने भी कभी ऐसी बेदाग गांड को नहीं देखा होगा.
अब मैं उसकी गांड के छेद में उंगली करने लगा और जोर जोर से मुठ मारने लगा.
ताज्जुब की बात यह थी कि मेरी छोटी बहन की नींद नहीं टूटी थी.
मैं उसकी गांड में उंगली डालने और निकालने लगा था.
एक बार तो मैंने उसी उंगली को गांड के रस से भिगो कर अपने मुँह में भी डाल ली.
बड़ा ही मस्त स्वाद आया.
अब मैं समझ गया कि मेरी बहन भी मजा ले रही है.
तो मैंने उसकी गांड में अपनी उंगली को और अन्दर तक डालना चालू कर दिया.
कुछ ही देर में मैं बड़ी तेज़ी से अपनी उंगली को उसकी गांड में अन्दर बाहर करने लगा और उसी स्पीड से अपने लौड़े को भी मुठियाने लगा.
कुछ ही देर में मैं झड़ गया और मेरे लौड़े ने पानी की धार उसकी पजामी पर ही छोड़ दी.
फिर मैंने जल्दी से उसकी चड्डी और लैगी को ऊपर किया और कमरे की लाइट को बन्द करके सो गया.
अगले दिन मैं जरा देर से उठा तो देखा कि बहन तो जल्दी से उठकर अपनी कोचिंग क्लास चली गई थी.
मैं भी थोड़ा बाहर घूमने निकल गया और एक घंटा बाद वापस आया तो बहन आ चुकी थी.
मुझे उसका बैग तो दिख रहा था, पर वह कहीं नहीं दिख रही थी.
मैंने उसे ढूंढना चालू किया. उसे कमरे में देखा, छत पर देखा, बाथरूम में भी कोई नहीं था.
अब बस एक ही जगह बची थी. वह स्टोर रूम था, जिसमें हमारे घर के सभी टूटे फूटे सामान रख दिए जाते थे.
मैं उधर गया तो देखा वह तो अन्दर से बंद है.
यह देख कर मुझे थोड़ा अजीब सा लगा.
मैं एक टेबल लाया और टेबल पर चढ़कर कर वेंटीलेटर से देखा तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.
वह अपने सभी कपड़े खोल कर लैपटॉप पर पोर्न देख रही थी.
साथ ही वह अपनी गांड में लंबा वाला बैंगन डाल रही थी और निकाल रही थी.
वह बैंगन को बहुत जोर जोर से अन्दर बाहर कर रही थी, साथ ही वह ‘आह आह ओह ओह’ चिल्ला रही थी.
उसके एक हाथ की उंगलियां चूत में भी चल रही थीं.
तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वह झड़ गई थी.
अब वह अपने कपड़े पहनने लगी.
उसने वह बैगन अपनी जेब में रख लिया.
तभी मैंने वहां से जल्दी से टेबल हटा दी और चला गया.
मैं उसके कमरे में जाकर सोने का नाटक करने लगा.
तभी 5 मिनट बाद उसने आकर पूछा कि भैया आप बैंगन का भर्ता खाओगे?
मैंने हां कर दिया.
‘ठीक है, मैं बैंगन का भर्ता बनाने जा रही हूं.’
मैंने कहा- ओके!
वह चली गई.
तभी मैं किचन में पानी पीने गया तो देखा कि उसने अपनी जेब से शायद वही बैंगन निकाला और उसका भर्ता बनाने लगी.
मैं वहां से चला गया.
मैंने देखा कि मम्मी पापा आलू की सब्जी खा रहे हैं और मेरे लिए बैगन का भर्ता बना है.
मेरा शक पक्का हो गया कि यह वही बैगन है, जिसे मेरी छोटी बहन अपनी गांड में डाल कर हिला रही थी.
तभी वह हम दोनों का खाना लेकर आई और बहुत जोशीले अंदाज में बोली- भैया लीजिए आपका स्पेशल खाना!
उसने खुद अपने हाथ से एक निवाला बैंगन भर्ता से बनाया और मेरे मुँह में डाल दिया.
अब साली पूछने लगी- कैसा है?
सच में मैंने भी इतना स्वादिष्ट बैंगन का भर्ता कभी नहीं खाया था.
मैंने बोला- ओहो छोटी, क्या मस्त भर्ता बनाया है!
वह बहुत खुश हो गई और हम दोनों भी बहन खाना खाकर कमरे में आकर फोन चलाने लगे.
कुछ देर बाद वह सो गई.
फिर मुझे भी नींद आने लगी तो मैं भी सो गया.
अचानक मेरी नींद 12 बजे खुली और मैंने देखा कि मेरी छोटी बहन मेरी तरफ गांड करके सोई हुई है.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैं धीरे धीरे उसकी पैंट को उतारने लगा.
मैंने देखा कि इसने तो आज अपनी चड्डी ही नहीं पहनी है.
मैं धीरे धीरे उसकी गांड में उंगली करने लगा और मुठ मारने लगा.
तभी बहन जाग गई और मैं डर गया.
तभी बहन बोली- साले कल से देख रही हूं … तू सिर्फ उंगली कर रहा है, तेरे पास लंड नहीं है क्या?
मैं उसकी भाषा सुनकर बहुत हैरान था.
उसने कहा- चल अब मेरी गांड में मुँह लगा और चाट!
वह मुझसे अपनी गांड चटवाने लगी.
जिस तरह से वह हरकतें कर रही थी उससे साफ लग रहा था, जैसे उसे काफी एक्सपीरियंस हो.
कुछ देर तक गांड चटवाने के बाद बहन ने कहा कि अब अपना लंड निकाल और मेरी गांड को चोद जोर जोर से!
मैं अपनी बहन की गांड में लंड पेल कर चोदने लगा.
वह ‘आह ओह ओह ओह’ कर रही थी और अपनी बड़ी सी गांड को हिला हिला कर मुझसे चुदवा रही थी.
वह बोल रही थी कि आह और जोर से … और जोर से!
मेरे लंड में ऐसा लग रहा था, मानो किसी ने उसमें आग लगा दी हो.
वह मेरे लंड पर अपनी गांड को रखकर उछल रही थी.
फिर उसने कहा- साले थूक लगा, मेरी गांड जल रही है.
मैंने जल्दी से अपने मुँह से थूक निकाल कर लगा दिया तो वह एकदम से मानो पागल हो गई थी.
मेरी बहन ऐसे कर रही थी, जैसे वह सालों से सेक्स की भूखी हो.
फिर उसने कहा- सिर्फ गांड ही मारेगा … चूत क्या अपने अपने दोस्तों के लिए छोड़ रखी है?
मैंने जल्दी से उसे चित लेटने को बोला और उसकी चूत चाटने लगा.
वह सिसकारियां लेने लगी- आह ओह आह ओह.
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और धक्का लगा दिया.
मेरा लंड एक बार में ही उसकी चूत में आधा चला गया था.
वह कराही मगर मैंने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया.
वापस एक बार फिर से धक्का लगाया तो इस बार पूरा लंड अन्दर चला गया था.
अब उसने कहा- साले, तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या? थोड़ा जोर लगा … और जल्दी जल्दी चुदाई कर!
मैं भी अपनी पूरा जी जान लगा कर उसे चोदने लगा.
वह आह ओह आह करती रही.
फिर वह बोली- अपना लंड निकाल … मुझे चूसना है!
मैंने लौड़े को निकाला तो वह उसे पागलों की तरह चूसने लगी.
अब वह बोली- चल अब फिर से अन्दर डाल!
मैं उसकी चूत में लंड डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.
वह चिल्लाने लगी- आह ओह भैया … और जोर से आह ओह!
हम दोनों झड़ गए और दोनों अपने अपने कपड़े पहन कर लेट गए.
बहन बोली- आज से मेरे सारे खर्चे तू उठाएगा, तू मेरा बॉयफ्रेंड है!
मैंने भी हां कर दी.
ऐसी माल को कौन मना कर सकता है.
इस तरह मैंने अपने जीवन में पहली बार लड़की की गांड मारी.
फिर मैं हर रात को साली की गांड मार लेता हूं.
ऐसी ही और सेक्स कहानी सुनने के लिए मुझे मेल करें.
kumarabhishek92274@gmail.com