जवान बहन Xxx कहानी मेरे ताऊ जी के बेटी के साथ सेक्स की है. हम सब एक घर में रहते थे. एक दिन मैंने दीदी की मिली पैंटी देखी तो मैं दीदी की चूत मारने की सोचने लगा.
कैसे हो दोस्तो, मेरा नाम राजवीर है. मुझे सेक्स कहानियां पढ़ना बहुत पसंद हैं.
आज मैं आपको मेरी लाइफ का एक सच्चा किस्सा बताने जा रहा हूँ.
यह मेरी जवान बहन Xxx कहानी है.
मैं हॉस्टल में रहकर कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था और छुट्टियों में गांव आया हुआ था.
गांव में पापा और बड़े पापा का परिवार साथ में रहता था.
उधर हमारा बहुत बड़ा घर था.
मेरे इस बड़े से घर में पापा-मम्मी, बड़े पापा बड़ी मम्मी, बड़े पापा का लड़का, उसकी बीवी और बड़े पापा की 21 साल की लड़की एकता रहते थे.
सभी लोग एक साथ रहते थे.
मैं सवेरे देर से उठता था.
एक दिन सुबह उठ कर नहाने के लिए बाथरूम में गया तो अन्दर एकता की नहाकर निकाली हुई ब्रा और पैंटी पड़ी थी.
मैं उसकी ब्रा हाथ में लेकर देखने लगा.
उसकी 34 की साइज की काले रंग की पैड वाली ब्रा थी.
फिर मैं उसकी गुलाबी रंग की पैंटी देखने लगा. मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था.
मैं उसकी पैंटी सूंघने लगा.
आआह … एकता की चूत की बड़ी मादक खुशबू आ रही थी.
मैं अपने लंड को उसकी पैंटी पर उसकी चूत वाली जगह पर रगड़ने लगा.
आआह … सच में बड़ा मजा आ रहा था.
मैं पैंटी को लंड से लगा कर जोर से हिलाने लगा.
ऐसा लग रहा था, जैसे मैं एकता को चोद रहा हूँ.
इतना मजा आ रहा था कि पता ही नहीं चला कि कब मेरे लंड का पानी एकता की पैंटी में निकल गया.
मैंने उसे पानी से साफ किया और नहा कर बाहर आ गया.
उसके बाद, दिन में जब भी मौका मिलता, मैं एकता को देखता था.
वो ज्यादातर टी-शर्ट पहनती थी इसलिए जब वो नीचे झुक कर कुछ काम कर रही होती, तब उसके मम्मे ब्रा में साफ दिख जाते.
एक दिन रात के टाइम खाना खाकर एकता मुझसे बोली- राज, तुम कहां सोने वाले हो, बता दो. मैं तुम्हारा गद्दा वहीं लगा देती हूँ.
गर्मी का मौसम था. सभी लोग खुले में सोते थे.
मैंने उससे कहा- मैं तो ऊपर छत पर सोने जा रहा हूँ.
एकता हंसकर बोली- मैं तो खुद रोज ऊपर ही सोती हूँ. आज तुम्हारा गद्दा भी ऊपर डाल देती हूँ.
फिर सब सोने चले गए.
मैं और एकता भी ऊपर छत पर आ गए. उसने बिल्कुल पास पास में गद्दे बिछाये थे.
उसने ट्रैक पैंट और टी-शर्ट पहनी थी, बड़ी ही सेक्सी माल लग रही थी.
हम दोनों अपने अपने मोबाइल में टाइमपास करने लगे.
थोड़ी देर बाद वो मोबाइल रख कर सो गयी.
काफी देर बाद मैंने भी अपना मोबाइल साइड में रखा और उसे देखा.
वो सो चुकी थी.
मैं उसे देखने लगा.
उसके बड़े मम्मे और बड़ी सी गांड देख मेरा लंड खड़ा हो रहा था.
मैं अपनी पैंट में हाथ डाल कर लंड को सहलाते हुए उसे देख रहा था.
हमारे घर के आस पास के घर छोटे हैं, हमारा घर सबसे ऊंचा बना है. इसलिए हमें छत पर कोई देख नहीं सकता था.
थोड़ी देर बाद मैं भी सो गया.
ऐसे ही कुछ दिन बीत गए थे.
एक दिन रात में हम ऊपर सोये हुए थे.
रात में करीब एक बजे मेरी आंख खुल गयी.
मैंने पानी पिया और एकता की ओर देखा.
वो दूसरी और करवट लेकर सोई हुई थी. पीछे से उसकी टी-शर्ट थोड़ी ऊपर हो चुकी थी और उसकी ब्लैक और व्हाइट कलर की लाइनिंग वाली पैंटी उसकी पैंट से थोड़ी ऊपर दिख रही थी.
उसे देखते ही मेरा शैतान लंड पूरा खड़ा हो गया.
मैं सोयी हुए एकता की ओर मुड़ कर उसे देख रहा था.
मैंने धीरे से अपनी पैंट थोड़ी नीचे करके लंड को बाहर निकाला.
मेरा लंड पूरा तना हुआ था.
मैं उसे सहलाने लगा.
लंड सहलाते हुए मैं एकता के थोड़ा और नजदीक सरक गया और धीरे से लंड को एकता की गांड के पास लगा दिया.
मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था कि कहीं एकता उठ न जाए, पर पता नहीं क्यों, मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा था.
मेरा लंड उसकी गांड को छू रहा था.
काफी देर तक मैं ऐसे ही लेटा रहा.
फिर एकता थोड़ी हिली, तो मैं वापस अपने गद्दे पर आ गया.
वो थोड़ी मुड़ कर सीधी होकर सो गई.
मैं अब भी उसे देख रहा था.
उसका एक हाथ मेरे गद्दे के पास आ गया था.
मैंने धीरे से अपना खड़ा लंड उसके हाथ में रखा और उसका हाथ मेरे हाथ में पकड़ा कर धीरे धीरे लंड हिलाने लगा. आआह … उसके नर्म हाथ से मेरा लंड सटा हुआ था. बड़ा मजा आ रहा था.
मैं क्या कर रहा था, मुझे कुछ पता नहीं था.
थोड़ी देर में ही एकता उठ गयी और ये सब देख कर चौंक गयी.
उसने झट से अपना हाथ मेरे लंड से हटा लिया और धीमे से बोली- राज, ये क्या कर रहे हो?
पहले तो मैं सकपका गया. फिर मैंने उससे कहा कि मैं कुछ कहना चाहता हूँ.
वो भी शांत होकर बोली- क्या कहना चाहते हो?
मैंने धीरे से उसे सब बात बताई कि कैसे मैंने बाथरूम में उसकी ब्रा पैंटी देखी और कैसे उससे लंड हिलाया. अभी भी कैसे उसकी पैंटी देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.
वो ये सब बातें सुन कर हैरान हो गयी.
मैंने उससे कहा- एकता, प्लीज़ ये बात किसी को मत बताना. मैं भी किसी को नहीं बताऊंगा.
वो चुप थी.
मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हें ऐसे देख अपने आपको रोक नहीं पाया.
वो कुछ नहीं बोली, बस चुपचाप मेरी बात सुनती रही.
मैंने उससे कहा- एकता, अगर तुम चाहो, तो हम दोनों एक दूसरे को मजा दे सकते हैं.
वो बोली- ऐसा थोड़ी होता है.
मैंने कहा- मैं कुछ ज्यादा करने को नहीं बोल रहा हूँ. मैं तो सिर्फ हाथों से और मुँह से मजे करने की बात कर रहा हूँ.
वो बोली- पर किसी को पता चल गया तो?
मैं बोला- किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. बस ये बात हम दोनों में ही रहेगी.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ा और कहा- प्लीज़ एकता, बहुत मजा आएगा. मैं भी, जैसा तुम बोलोगी, वैसा करूंगा.
वो बोली- मतलब … मैं समझी नहीं?
मैं बोला- तुम्हें मजे देने के लिए जैसे तुम बोलोगी, वैसा करूंगा.
मेरी बात सुनकर वो शर्मा गई.
मैंने उसकी शर्माने वाली अदा का फायदा उठाया और उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड के पास ले आया.
उसके हाथ में लंड देकर धीरे धीरे उसके हाथ से लंड सहलवाने लगा.
वो थोड़ी डर रही थी.
मैंने उससे कहा- एकता, कुछ नहीं होगा, किसी को पता नहीं चलेगा. तुम डरो मत, बहुत मजा आएगा.
ऐसा बोलते हुए मैंने धीरे से हाथ उसके मम्मों पर रख दिया.
जैसे ही मैंने उसके एक मम्मे को मसला, उसकी आंखें बंद हो गईं और उसने मेरा लंड भी टाइट पकड़ लिया.
मैं उसकी टी-शर्ट के ऊपर से ही बारी बारी से उसके दोनों मम्मों को मसलने लगा.
वो आंखें बंद करके मजे ले रही थी और धीरे धीरे मेरा लंड सहला रही थी.
थोड़ी देर बाद मैं उसकी टी-शर्ट को ऊपर करने लगा. उसने कुछ नहीं कहा.
मैंने गले तक उसकी टी-शर्ट को ऊपर कर दिया.
आआह … ब्लैक और व्हाइट लाइनिंग वाली ब्रा में उसके टाइट मम्मे क्या सेक्सी लग रहे थे.
मैंने पीछे हाथ ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा ऊपर कर दी.
उसके दूध जैसे सफ़ेद मम्मों पर छोटे से ब्राउन कलर के निप्पल एकदम कड़क हो चुके थे.
मैं फिर से उसके मम्मों और निप्पलों को सहलाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने धीरे से उसके एक निप्पल को मुँह में भर लिया और चूसने लगा.
जैसे ही मैंने निप्पल मुँह में लिया, एकता ने मेरा सर पकड़ लिया.
वो गर्म हो चुकी थी.
मैं उसके मम्मों को मसलते हुए चूसने लगा … और वो भी मेरा सर पकड़ कर बारी बारी दोनों मम्मों को मेरे मुँह में दे रही थी.
मैंने धीरे से पूछा- मजा आ रहा है?
वो थोड़ा मुस्कुराई और उसने हां में सर हिला दिया.
मैंने एकता के मम्मों को चूसते हुए एक हाथ उसकी पैंट के अन्दर डाल दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैं उसकी पैंट को नीचे करने लगा. मैंने उसकी पैंट घुटनों तक नीचे उतार दी.
एकता ने बिल्कुल ब्रा जैसी ही डिजाइन वाली सेक्सी पैंटी पहनी हुई थी.
वो छोटी सी टाइट पैंटी में बड़ी सेक्सी लग रही थी.
मैंने उसकी पैंटी भी नीचे कर दी.
आअह … क्या चूत थी एकता की!
हल्के ब्राउन कलर की चूत पर एक भी बाल नहीं था … बिल्कुल सफाचट मुनिया थी.
मैं उसके पेट को चूमते हुए नीचे तक आ गया और उससे थोड़े से पैर खोलने के लिए कहा.
एकता ने पैर खोल दिए.
जैसे ही मैंने अपने मुँह को उसकी चूत पर रखा, उसके मुँह से आह की आवाज निकल गयी.
उसने जोर से मेरे बालों को पकड़ लिया, वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी.
मैं उसकी चूत को चूमने लगा.
वो मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबा रही थी.
मैं काफी देर तक चूत को अपने मुँह से सहलाता रहा.
उसकी चूत पानी से लथपथ हो चुकी थी.
मैंने उसे अपने लंड की तरफ इशारा करके कहा- अब तुम भी इसे मुँह में ले लो.
ये कह कर मैं सीधा होकर लेट गया और एकता मेरे पास बैठ गई.
उसने लंड को पकड़ा और अपने नर्म नर्म होंठों से चूमने लगी.
मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
मैंने उसका सर पकड़ा और लंड मुँह में पेलने लगा.
सच में जन्नत का मजा आ रहा था.
वो मेरे लंड को चूसती हुई मुँह में अन्दर बाहर कर रही थी.
थोड़ी देर बाद मैंने उसे हाथों से जोर से लंड हिलाने के लिए कहा.
वो लंड हाथ में पकड़ कर जोर से हिलाने लगी और थोड़ी देर में मेरे लंड ने पानी निकाल दिया.
मैंने कपड़े से सब साफ किया और हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक कर लिए.
मैंने उससे पूछा- मजा आया?
उसने शर्माते हुए हां में सर हिलाया और बोली- राज, ये बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए.
मैंने उससे कहा- ये बात हम दोनों में ही रहेगी, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा.
कुछ देर बाद हम दोनों सो गए.
हम दोनों ऐसे रोज मजे करने लगे.
कुछ दिनों बाद मेरी बुआ का फ़ोन आया कि उनकी बेटी की मंगनी फिक्स हो गई है, तो सबको आने के लिए कहा.
घर के सब लोग वहां जाने वाले थे.
उसी दिन एकता की सहेली की भी मंगनी थी तो वो बोली- मुझे अपनी सहेली के घर जाना पड़ेगा, इसलिए मैं बुआ के घर नहीं आ पाऊंगी.
मैंने भी कहा कि मैं भी नहीं जाऊंगा.
वैसे भी गाड़ी में जगह नहीं थी, तो पापा ने कहा- कोई बात नहीं, तुम भी रुक जाओ. इधर एकता भी अकेली है.
अब सब निकल गए और वो सब देर रात तक वापस आने वाले थे.
घर पर मैं और एकता अकेले रह गए थे.
एकता अपनी सहेली के घर जाने के लिए तैयार हो गयी.
वो नए कपड़ों में सेक्सी लग रही थी.
मैंने उससे पूछा- कब तक आ जाओगी?
वो बोली- बस एक दो घंटे में वापस आ जाऊंगी.
मैंने कहा- जल्दी आ जाना.
उसने हंस कर आंख दबा दी.
वो गांड मटकती हुई चली गई.
मैं भी टीवी देखने लगा.
टीवी देखते हुए ही मैंने अपने मोबाइल में कुछ मस्त सी पोर्न वीडियो डाउनलोड कर ली ताकि एकता को दिखा कर उसे गर्म कर सकूं.
करीब दो ढाई घंटे बाद वो वापस आई.
वो उधर से कुछ खाना वगैरह खाकर नहीं आई थी क्योंकि खाना में काफी देर लग रही थी.
हम दोनों ने खाना खाया.
वो बोली- मैं कपड़े बदल कर आती हूँ.
ऐसा बोलती हुई वो अपने रूम में चली गई.
उसके जाने के थोड़ी देर बाद मैं भी उसके रूम में गया तो वो अपने कपड़े उतार रही थी.
उसने कुर्ती निकाल दी थी और सलवार निकाल रही थी.
मुझे देखते ही वो मुस्कुरा कर बोली- मुझे पता था, तुम मेरे पीछे जरूर आओगे.
मैंने कहा- मैं तो सुबह से तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ.
वो दूसरे कपड़े पहनने के लिए हाथ में ले रही थी, तभी मैंने उसे पकड़ लिया और कहा- एकता, ऐसे ही रहने दो. तुम्हें ऐसे देखने में मजा आता है.
वो बोली- पागल, कोई आ गया तो?
मैं बोला- अब शाम तक कोई नहीं आएगा.
वो हंसकर बोली- तो क्या शाम तक ऐसे ही रहना है?
मैंने कहा- हां. आज तो हम आराम से सब करेंगे.
वो बोली- यार, मुझे शर्म आ रही है.
मैं बोला- ऐसा है, तो मैं भी अपने कपड़े उतार देता हूँ.
ऐसा बोलकर मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए. अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था और वो भी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी.
हम दोनों वहीं रूम में बिस्तर पर लेट गए और एक दूसरे को बांहों में पकड़ कर सहलाने लगे.
मैंने एकता से कहा- तुमने कभी पोर्न वीडियो देखे हैं?
वो बोली- हां, एक दो बार मेरी सहेली के मोबाइल में देखे थे.
मैंने कहा- मैंने मस्त वीडियो डाउनलोड किए हैं, रुको दिखाता हूँ.
और मैंने अपने मोबाइल में वो वीडियो निकाले और उसे दिखाने लगा.
मैंने पहले उसे लंड और चूत चूसने वाले वीडियो दिखाए और बाद में जोरदार चुदाई वाले वीडियो दिखाए.
उसे देखने में मजा आ रहा था.
वीडियो दिखाते हुए मैं उसकी पैंटी में हाथ डाल कर उसकी चूत सहला रहा था और वो भी मेरा लंड बाहर निकाल कर सहला रही थी.
वीडियो देख कर उसकी चूत गीली हो चुकी थी.
मैंने मोबाइल साइड में रख कर उसे पकड़ कर अपने ऊपर खींच लिया.
मेरा लंड बिल्कुल उसकी पैंटी के नीचे था. मैं दोनों हाथों से उसकी गांड पकड़ कर उसको अपने लंड से रगड़ने लगा.
वो खुद भी अपनी चूत मेरे लौड़े पर घिसने लगी.
मैं उसकी ब्रा खोलने लगा और दोनों मम्मों को मसल मसल कर चूसने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी पैंटी उतार दी और अपनी अंडरवियर भी निकाल दी.
अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.
हम पहली बार ऐसे नंगे होकर ये सब कर रहे थे.
मैंने एकता को नीचे किया और उसकी टांगें खोलकर उसकी चूत को अपने मुँह से सहलाने लगा.
उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.
अब मैं दोनों हाथों से उसके मम्मों को मसलते हुए चूत चाट रहा था.
फिर मैंने अपना लंड पकड़ा और उसे एकता की चूत पर रखा.
वो बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं, ऐसे ही सहला रहा हूँ.
वो कुछ नहीं बोली.
मैं अपने लंड के मुँह को उसकी चूत पर ऊपर से नीचे रगड़ने लगा.
मेरे लंड का मुँह एकता की चूत को खोल रहा था.
मैं जोर जोर से ऊपर नीचे करके लंड रगड़ने लगा.
मेरे लंड रगड़ने की वजह से वो पूरी गर्म हो चुकी थी. उसकी आंखें बंद हो चुकी थीं और मुँह से आवाज निकल रही थी.
मैं उसके ऊपर पूरा लेट गया और उसे किस करने लगा.
एकता ने अपने हाथ में मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर रगड़ना चालू कर दिया.
मैं भी धीरे धीरे अपनी गांड हिला कर लंड उसकी चूत पर दबा रहा था.
एकता मेरे लंड को चूत पर ऊपर नीचे रगड़ती हुई कभी कभी उसे अपनी चूत के होल में लेने लगी.
वो जैसे ही चूत के होल पर लंड का मुँह रखती, मैं लंड पर थोड़ा ज्यादा जोर दे देता.
ऐसे में मेरे लंड का मुँह थोड़ा उसकी चूत में चला जाता.
वो आह करके लंड हटा देती.
ऐसा करने में उसे बहुत मजा आ रहा था.
मैंने उससे पूछा- मजा आ रहा है?
वो धीरे से बोली- हां यार, मुझे बहुत मजा आ रहा है … और तुम्हें?
मैंने कहा- हां, मुझे भी बहुत मजा आ रहा है.
मैंने उससे कहा- थोड़ा और अन्दर जाने दूँ?
वो बोली- नहीं, मुझे डर लगता है.
मैंने कहा- उसमें क्या डरना, कुछ नहीं होगा. पूरा लंड अन्दर जाएगा तो और मजा आएगा.
वो बोली- तेरा इतना बड़ा अन्दर गया, तो बहुत दर्द होगा.
मैंने कहा- सिर्फ थोड़ी देर के लिए ही दर्द होगा, उसके बाद तुम्हें बहुत मजा आएगा.
एकता बोली- पर मुझे डर लगता है.
मैंने कहा- कुछ नहीं होगा, तुम्हें पता भी नहीं चलेगा और ये अन्दर चला जाएगा.
मैं उसे किस करते हुए लंड को उसकी चूत के होल पर रख कर धीरे धीरे लंड को अन्दर दबाने लगा.
धीरे धीरे लंड का सुपारा चूत के अन्दर डाल दिया.
थोड़ी देर ऐसे ही लंड का मुँह अन्दर बाहर करने लगा.
वो कराहती हुई बोली- नहीं जाएगा.
मैंने कहा- बस तुम एक बार थोड़ा दर्द सह लो, तो हो जाएगा.
ऐसा बोलते हुए मैंने लंड को चूत पर रखा और एकता के दोनों कंधे पकड़ कर जोर का धक्का दे दिया.
मेरा मोटा लंड एकता की चूत को खोलते हुए पूरा अन्दर चला गया.
एकता के मुँह से चीख निकल गई.
मैं उसे किस करने लगा और उसके ऊपर वजन रख कर लेट गया.
मैंने थोड़ी देर के लिए लंड को चूत के अन्दर ही रहने दिया.
वो तड़फ कर बोली- बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- अब कुछ नहीं होगा, बस थोड़ी देर ऐसे ही लेटी रहो.
हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे.
कुछ देर में ही उसका दर्द कम ही गया, तो मैंने लंड को बाहर निकाला और फिर से धीरे धीरे अन्दर बाहर करके डालने निकालने लगा.
अब उसकी चूत खुल चुकी थी. उसे दर्द भी नहीं हो रहा था और मजा भी आने लगा था.
मैं ऊपर चढ़े हुए धीरे धीरे एकता को चोदने लगा.
थोड़ी देर चोदने के बाद वो बोली- अब बाहर निकाल लो प्लीज़, अगली बार कंडोम लगा कर करेंगे.
मैंने लंड बाहर निकाला. उसी वक्त मेरे दिमाग में एक विचार आया.
मैंने एकता से कहा- चल, भैया के रूम में देखते हैं, वहां हमें कंडोम मिल जाएगा.
वो बोली- नहीं, उनको पता चल जाएगा.
मैं बोला- कुछ पता नहीं चलेगा. चल ढूंढते हैं.
उसकी चूत में भी आग लगी थी, वो राजी हो गई.
फिर हम दोनों नंगे ही उठ कर भैया के रूम में आए और अलमारी में देखने लगे.
हमने पूरी अलमारी देख ली पर कुछ नहीं मिला आखिर में मैंने भाभी की ब्रा पैंटी वाला ड्रॉवर खोला.
एकता बोली- अरे पागल, वहां कुछ नहीं होगा.
मैं बोला- रुक तो सही.
मैं भाभी की ब्रा पैंटी उठा कर देखने लगा और उसमें से कंडोम का पूरा पैकेट मिल गया.
मैंने तुरंत एक कंडोम निकाल कर लौड़े पर लगा लिया.
एकता हंस कर बोली- तू बड़ा बदमाश है.
मैं वहीं भैया के बिस्तर पर लेट गया और एकता को ऊपर आने के लिए कह दिया.
वो मेरे ऊपर आ गयी.
मैंने लंड सीधा पकड़ा और वो लंड के ऊपर बैठ गयी.
एक ही बार में पूरा लंड अन्दर चला गया.
मैं एकता को पकड़ कर उसे लंड पर झूला झुलाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने एकता को बिस्तर पर घोड़ी बना दिया और मैं उसके पीछे आ गया, अपने लंड को चूत पर टेक दिया और उसकी कमर पकड़ कर जोर जोर से धक्के देने लगा.
मैं उसे जोर से धक्के देते हुए उसके दोनों मम्मों को मसल रहा था.
एकता की चूत पानी से लथपथ हो चुकी थी.
मैं अपनी स्पीड बढ़ाने लगा.
हमारे चोदने की छप छप आवाज पूरे कमरे में सुनाई दे रही थी.
मैं पूरी ताकत से और फुल स्पीड से एकता को चोदने लगा.
फिर आखिर में मैंने एक जोर का झटका दिया और एकता बिस्तर पर गिर गयी.
मैं भी उसके ऊपर लद गया.
आआह … जवान बहन ने Xxx मजा दिया!
उसे भी पूरा मजा आया था.
हम दोनों काफी देर तक ऐसे पड़े रहे.
फिर सब साफ करके अपने अपने कपड़े पहन लिए.
उस दिन के बाद से मैंने और एकता ने बहुत चुदाई की.
दोस्तो, आशा करता हूँ कि आपको मेरी जवान बहन Xxx कहानी अच्छी लगी होगी.
प्लीज़ मुझे बताएं.
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