हॉट सिस्टर पुसी फिंगर स्टोरी मेरी मौसी की लड़की बहुत माल चीज है, वह हमारे पड़ोस में रहती थी. मैं उसे चोदना चाहता था. वह भी सेक्स का मजा लेना चाहती थी.
फ्रेंड्स,
सबसे पहले लंड की चाहत रखने वाली आंटियां, भाभियां और लड़कियां आप सभी रस भरी चूत की मालकिनों को मेरे खड़े लंड से प्यार. आज आप सभी अपनी चूत में उंगली डाल कर तैयार हो जाएं क्योंकि उसमें पानी की बौछार होने वाली है.
सभी लड़के अपना लंड बाहर निकाल लें क्योंकि उनका भी पानी निकलने वाला है.
आप सबका मेरी हॉट सिस्टर पुसी फिंगर स्टोरी में स्वागत है.
मेरा नाम एक्स है. मैं सन 2010 से अन्तर्वासना पर हिन्दी की सेक्स कहानी से पढ़ रहा हूँ.
मुझे इधर सेक्स कहानी पढ़ने में बहुत आनन्द आता है.
खास कर वह सेक्स कहानी, जिसमें अपने सगे रिश्ते की चुदाई की दास्तान लिखी गई हो.
मेरी उम्र 29 साल की हो गई है.
मेरी बॉडी किसी एथलीट के जैसी कसरती बॉडी है.
उसका कारण यह है कि मैं नियम से कसरत करता हूँ.
मैंने बहुत सी चूतों की आग बुझाई है और उनका रस भी पिया है.
पर इस बार की चुदाई ने मुझे मजबूर कर दिया कि मैं इस अपनी सेक्स स्टोरी को आप सभी के साथ साझा करूं.
हुआ यूं कि मेरे पड़ोस में मेरी मौसी रहने के लिए आईं.
मैं बहुत जल्दी उन लोगों से घुल-मिल गया.
अब मैं ज्यादा से ज्यादा टाइम उनके घर पर बिताने लगा.
मेरी मौसी की उम्र कोई ज्यादा नहीं थी, वे 39-40 साल की रही होंगी.
उनका रंग एकदम दूध सा गोरा, चेहरा क्यूट सा, पतली सी कमर … और चूचियां तो ऐसी कि पूछो ही मत.
उनकी चूचियों का रंग भी उनके जैसे बिल्कुल सफेद था.
वे जब भी झुकतीं, तो मेरे अन्दर करेंट दौड़ जाता था.
उनकी उभरी हुई गांड का तो कहना ही क्या था!
मतलब कहने का यह कि जो भी एक बार उन्हें देख ले, तो वह मुठ मारने पर मजबूर हो जाए.
चोदा तो मैंने उन्हें भी है.
पर वह सेक्स स्टोरी मैं आपको कभी और बताऊंगा.
पहले उनकी बेटी की चुदाई के बारे में बता देता हूँ.
उनकी बेटी परी (यह नाम बदला हुआ है) की उम्र तब 18 की हो गई थी और वह गदर माल हो गई थी.
उसका रंग पूरा सफेद, लाल लाल गाल छोटी छोटी सी चीकू के जैसी गोल गोल चूचियां, जो पूरे हाथ में समा जाएं.
पतली कमर से नीचे एकदम गोल मासूम सी गांड.
वह मेरे ख्यालों में आने लगी थी.
ऐसे तो मैं चोदू किस्म का बंदा हूँ तो हर औरत लड़की या हर फीमेल को चुदाई के नज़र से ही देखता हूँ.
पर शुरू शुरू में उसको लेकर मेरा ऐसा कुछ इरादा नहीं था.
हम दोनों साथ में मस्ती करते थे, मैं उसके साथ क्रिकेट खेलता था.
जब मैं अपनी एक्सर्साइज़ करता था तो वह मेरे पास आकर बैठ जाती और मुझे देखती रहती थी.
उसे मेरे साथ रहने में मज़ा आता था.
क्योंकि मेरा नेचर भी कुछ ऐसा ही है कि मैं हमेशा खुश रहता हूँ और हंसी मजाक करके सबको हंसाता रहता हूँ.
वह मेरे साथ बहुत घुल-मिल गई थी.
अब मेरी नज़रें उस पर हावी होने लगी थीं और मैं उसकी कुंवारी चूत को चोदना चाहता था.
एक दिन मैंने उसके आने से पहले से ही मोबाइल में पॉर्न मूवी लगा दी और एक्सर्साइज़ करने लगा.
वह आई तो मैं अपने मोबाइल को वहीं छोड़ कर जानबूझ कर पानी पीने के बहाने किचन में चला गया ताकि वह सेक्स वीडियो देख ले.
मैं थोड़ी देर तक जानबूझ कर नहीं आया.
फिर जब मैं आया तो मोबाइल लॉक था.
मैं समझ गया कि उसने वीडियो देख कर लॉक कर दिया है.
अब वह मेरे मूड को समझ चुकी थी और मैं उसकी नजरों को पढ़ने लगा था कि यह मेरे लंड को बड़ी गौर से क्यों देखती है.
एक दिन मैंने उससे पूछा- परी, एक बात बोलूँ?
वह बोली- हां भैया बोलिए!
मैंने कहा- किसी से बोलोगी तो नहीं?
उसने कहा- नहीं!
मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा- पहले प्रॉमिस करो!
वह हंस कर बोली- प्रॉमिस!
फिर मैंने कई बार प्रॉमिस करवाते करवाते उसे पीछे से पकड़ लिया.
मेरे दोनों हाथ उसके पेट पर आ गए थे और मेरा लंड जो कि खड़ा हो चुका था, उसकी कमसिन गांड से टच हो रहा था.
मैं धीरे धीरे अपना लंड उसकी कमसिन गांड में धकेल रहा था.
उसे उस वक्त चुदाई के बारे में कुछ भी नहीं समझ आ रहा था.
बातों बातों में मैंने धीरे धीरे अपना हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया.
ऊहह … क्या सॉफ्ट सी छोटी छोटी चूचियां थीं.
मैं धीरे धीरे उसकी चूचियों को दबाने और सहलाने लगा.
अब उसे भी मज़ा आ रहा था, तो वह भी अपनी चूचियां मिंजवाती रही.
करीब दस मिनट तक मैंने उसकी चूचियां दबाईं और वह मस्त हो गई.
वह बोली- भैया आप कुछ कहने वाले थे?
मैंने कहा- कुछ कहने का जी नहीं कर रहा है.
वह बोली- क्यों?
मैंने उसके एक निप्पल को मींजते हुए कहा- बस ऐसे ही … आज मजा आ रहा है, तो कुछ कहने का मन ही नहीं कर रहा है.
वह हंस दी.
अब हम दोनों समझ चुके थे कि बात-वात कुछ नहीं थी, बस चूचियों को दबाने की नीयत थी.
उसे अच्छा लगा.
अगली बार वह खुद से मेरी गोदी में आकर बैठ गई और मैं उसकी चूचियां मसलने लगा.
नीचे से मेरा लंड उसकी चूत में गड़ रहा था, जिसे वह अपनी गांड हिलाकर और ज्यादा घिसवा रही थी.
हम दोनों ही इस खेल को हरी झंडी दे चुके थे.
अब जब भी उसे मौका मिलता, वह मेरे घर आ जाती और मैं उसे कभी अपनी गोद में बैठा कर तो कभी खड़े खड़े उसकी चूचियों को खूब मसल कर मजा ले लेता.
ऐसा कई दिनों तक चलता रहा.
हम दोनों को चुदाई करने का मौका नहीं मिल पा रहा था.
जबकि अब मैं जब भी मौका मिलता, तो उसके कोमल गुलाबी होंठों को चूम लेता. उसे लेटा कर उसके ऊपर आकर उसकी चूचियों को खूब चूसता … उसके एक दूध को अपने मुँह में पूरा भर भर कर चूसता, जिससे वह मदहोश हो जाती.
एक दिन उसके घर में कोई नहीं था.
उसका इंस्टा पर मैसेज आया कि भैया आज मौका है, मॉम डैड कहीं जा रहे हैं, वे दोनों 2-3 घंटों के लिए जा रहे हैं. आप आ जाओ.
मैं बेताब हो उठा था उसकी कुंवारी चूत को चाटने के लिए और उसकी वर्जिनिटी खत्म करने के लिए.
मेरा लंड पहले से ही खड़ा हो गया था.
जैसे ही उसके मॉम डैड यानि मेरे मौसा मौसी गए, मैं उसके घर आ गया.
मैंने उसे बांहों में भर लिया और उसके गुलाबी होंठों को चूसने लगा.
पीछे से उसकी गांड को दोनों हाथों से सहलाने और दबाने लगा.
फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर उसे चूसने लगा.
कभी उसके होंठ, कभी गर्दन, कभी उसकी कमसिन छोटी छोटी चूचियां और कभी उसके पेट पर गोल गहरी नाभि को चूसने लगता.
मेरा खड़ा लंड उसकी कुंवारी चूत पर रगड़ मार रहा था.
मैंने उसकी पैंट खोलना शुरू किया, उसने मना कर दिया- हाय भैया … अभी यह नहीं!
तो मैंने कहा- क्यों नहीं, बहुत मज़ा आएगा … लेकर तो देख!
उसने बहुत मना किया.
पर मैंने उसे राजी कर लिया और उसकी पैंट खोल दी.
मगर उसने अपनी पैंटी नहीं उतारने दी.
मैंने अपना लंड निकाला और उसकी छोटी सी चूत की दरार में रगड़ना शुरू कर दिया था.
उसकी फूली हुई चूत की दरार उसकी टाइट पैंटी के ऊपर से ही दिख रही थी.
उसको लगा कि मैं उसे चूसते हुए उसकी चूत पर रगड़ने का मजा ले रहा हूँ.
चूंकि उसे भी लंड रगड़वाने में मज़ा आ रहा था तो वह भी बिंदास अपनी दोनों टांगों को खोल कर मेरे लौड़े से अपनी बुर घिसवा रही थी.
फिर मैंने एक हाथ से उसकी पैंटी खिसका कर लंड को चूत से टच करवा दिया तो वह एकदम से सिहर उठी.
उसी पल उत्तेजना का सैलाब उठा और वह झड़ गई.
कुंवारी चूत की गर्मी को मैं भी सहन नहीं कर पाया और मैं भी उसकी बुर पर ही झड़ने को मचल गया.
मैंने भी अपना पानी उसकी पैंटी के किनारे से चूत पर गिरा दिया.
हम दोनों की सांसें बहुत तेज तेज चल रही थीं और मैं उसके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा.
फिर मेरी जीभ उसके मुँह में चली गई और हम दोनों वासना के दरिया में गोते लगाने लगे.
उस दिन मैं मौसी से घर से चला आया.
अब हम दोनों के बीच ऐसा ही बहुत दिन चलता रहा.
मैंने उससे कहा- अब तुम्हें मेरे सामने नंगी होना पड़ेगा और मुझसे अच्छे से चुदवाना पड़ेगा.
वह हंस कर बोली- हां ठीक है भैया … अबकी बार जब घर में कोई नहीं रहेगा और चुदाई के लिए अच्छा मौका रहेगा, तब अपने मन की सब कर लेना.
एक दिन मेरे घर के सब लोग मंदिर गए थे.
यह मंदिर एक गांव में था और मेरे घर से करीब 40 किलोमीटर दूर था.
उधर सारा दिन कार्यक्रम चलने वाला था. मौसा मौसी को भी साथ में जाना था.
परी ने जाने से मना कर दिया था तो उसकी देख रेख के लिए मुझे भी घर में रुकने के लिए कह दिया गया था.
मतलब बिल्ली से दूध की रखवाली के लिए कहा गया था और मुझे रह रह कर बस यह लग रहा था कि कब सब लोग जाएं और मैं परी की कुंवारी चूत फाड़ दूँ.
मैंने उसे अपने घर बुलाया.
आते ही वह मेरे साथ चिपक गई.
उसकी चूचियों को खूब चूसने के बाद और उसकी चूचियां मींजने के बाद मैंने उसकी पैंटी खोलनी शुरू की.
वह शर्माने लगी.
ओह दोस्तो … मैं बता नहीं सकता कि कितनी ज्यादा सनसनी हो रही थी.
मैंने बहुत सी चूतें चोदी थीं, लेकिन आज इस कमसिन कली की चूत का भोसड़ा बनाने में मुझे बेहद उत्तेजना हो रही थी.
मेरी जवान बहन की कमसिन चूत … ओये होये … बहुत ही लज़ीज़ थी.
छोटी सी कमसिन सी मगर फूली हुई चूत … उस पर छोटी छोटी सी झांटें, जिसे उसने साफ कर ली थीं.
मैंने देर ना करते हुए अपनी जीभ उसकी कुंवारी कमसिन बुर पर फेरना शुरू की.
उसी के साथ उसकी कामुक सिसकारियां भी निकलना शुरू हो गईं ‘उहह भैया ओह …’
मैंने बुर को चाटते हुए ही उससे पूछा- कैसा लग रहा है?
वह मदहोश हो चुकी थी और मदहोश आवाज़ में बोली- ओह भैया … बहुत अच्छा लग रहा है.
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अन्दर पेल दी और फांकों को अन्दर से चाटने लगा था.
उसकी चूत ऐसी थी कि मन कर रहा था … बस उसे कच्चा ही खा जाऊं.
मैंने बहुत देर उसकी चूत को चाटा, चूत चाटने का मजा लिया.
उसकी चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी.
उसे मैं तब भी चाटता जा रहा था.
आप समझ सकते है कि एक जवान कुंवारी लड़की की चूत का रस कितना टेस्टी होगा.
बहुत देर तक उसकी चूत चाटने के बाद में 69 की पोजीशन में आया.
अब मैंने उसे बताया कि लंड को अच्छे से आइसक्रीम की तरह चूसना है.
मैं उसके ऊपर आ गया और मेरा लंड उसके मुँह में घुस गया था जबकि मेरी जीभ उसकी चूत में चल रही थी.
मैंने दोनों हाथ उसकी गांड के नीचे लगाए और उसे उठा उठा कर हॉट सिस्टर पुसी को चाटने लगा था.
इस 69 की पोजीशन में ही मैं नीचे और वह मेरे ऊपर आ गई.
अब वह मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत और गांड चाट रहा था.
फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया, उसकी गांड के नीचे तकिया लगा दिया और बहुत देर उसके होंठों को चूसा.
चूचियां और चूत चूसने और चाटने के बाद मैंने अपना खड़ा और बड़ा साढ़े छह इंच का मोटा मर्दाना लंड तेल लगा कर उसकी नन्ही सी चूत के मुँह में रख कर धीरे धीरे रगड़ना चालू कर दिया.
उसने अपनी आंखें डर के मारे बंद कर ली थीं.
मैंने जैसे ही थोड़ा सा लंड उसकी चूत में घुसाना चाहा, वह चिल्ला पड़ी और हटने लगी.
वह मुझे मना करने लगी.
मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए.
मैं उसे प्यार से चोदना चाहता था ताकि मुझे भी आगे से कुंवारी चूत फाड़ने का अनुभव प्राप्त हो जाए और उसकी सहेलियों को भी मैं चोद सकूँ.
दोस्तो, हॉट सिस्टर पुसी फिंगर स्टोरी के अगले भाग में मैं आपको बताऊंगा कि मैंने अपनी कमसिन बहन की कुंवारी चूत का भोसड़ा कैसे बनाया और उसके बाद उसकी गांड भी फाड़ी.
आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लग रही है, प्लीज मुझे जरूर बताएं.
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हॉट सिस्टर पुसी फिंगर स्टोरी का अगला भाग: मौसी की कमसिन बेटी की सील तोड़ी- 2