हॉट इंडियन सेक्स रिलेशन कहानी में मैं अपनी भाभी की बहन को चोद चुका था. इस बार भाभी की बहन ने मेरे साथ सुहागरात का खेल खेलने का तय किया. हमें उनके नए फ्लैट में सुहागरात मनाई.
दोस्तो, कैसे हैं आप लोग?
मैं राजकुमार, प्रयागराज से!
आप सभी मुझसे परिचित हैं.
मेरी पिछली कहानी थी: भाभी और उनकी बड़ी बहन की चुदाई
अब फिर से हाज़िर हूँ आप लोगों के सामने अपनी नई कहानी लेकर जिसमें मैंने अपनी भाभी की विधवा बहन रजनी के साथ सुहागरात मनाई और रात भर उनकी सिसकारियां और चीखें निकाली।
पिछली कहानी में मैंने रजनी और भाभी को एक साथ मजे में चोदा।
तब से मैं भाभी की चूत चोद चोद कर पूरी फाड़ चुका हूँ।
अब आते हैं मुख्य हॉट इंडियन सेक्स रिलेशन कहानी पर कि उसके बाद रजनी को कैसे चोदा।
रजनी ने अभी हाल फिलहाल यानि होली पर एक नया फ्लैट लिया हैं प्रयागराज की एक अच्छी सी सोसाइटी में!
उसी फ्लैट की पूजा में मैं गया था।
होली की पूजा के बाद सब घर चले गए।
तब घर में केवल मैं, रजनी और उनके दोनों बच्चे थे।
मैं वहाँ पर हफ्ते भर रुका था।
चूँकि बच्चे थे तो कुछ हो नहीं पा रहा था।
शनिवार को रजनी के कहने पर दोनों बच्चे 2 बजे की छुट्टी के बाद नानी के पास गांव वाले घर में चले गये।
दोनों घरों में बस 5 किलोमीटर की दूरी है।
उन्होंने फिर सोमवार की सुबह स्कूल टाइम पर आना था.
बच्चे दोपहर 3 बजे के आस पास निकल गये थे.
उसके बाद मैंने और रजनी ने सुहागरात का प्लान बनाया।
हम लोग पहले मार्केट गए.
रजनी ने फुल बॉडी वैक्स कराया और मेकअप कराया.
मैंने मार्केट से लिक्विड चोकलेट, चॉकलेट बार और एक बोतल फ्रूटी ली.
साथ में कुछ गुलाब के फूल, कंडोम, सेक्स पॉवर की टैबलेट और कुछ सामान लिया और फिर हम फ्लैट में वापस आ गए।
फ्लैट पर आकर चॉकलेट को फ्रिज में और फ्रूटी को फ्रीजर में आइस बार में भर कर फ्रीज़ होने के लिए रख दिया.
रजनी ने बिस्तर पर नई चादर बिछाकर फूल बिखेर दिए.
फिर वह खाना बनाने चली गयी।
घंटे भर बाद वह किचन से बाहर आयी और बाथरूम में तौलिया लेकर नहाने चली गयी।
वह नहाकर आयी और खाने का टेबल लगाने लगी.
तब तक मैं भी नहाकर आ गया।
खाना खाने के बाद रजनी तैयार होने चली गयी और मुझे बेडरूम में आने से मना करती हुई बोली- जब बुलाऊँगी, तब ही आना!
और इसी बीच मैंने गोली खा ली।
15 मिनट बाद रजनी ने बुलाया.
मैं अंदर गया.
पीले रंग की साड़ी में रजनी क्या ही लग रही थी, एकदम काँटा माल जैसा हमारी तरफ बोलते हैं।
कोई भी चाहे कि ऐसी माल मिल जाए तो चोद चोद कर फाड़ डालूं।
मैंने लाल और नीले रंग के नाईट लैंप जला दिए जिससे कमरा और रोमांटिक लग रहा था।
मैं बेड पर बैठा और रजनी के करीब गया।
मैंने उसके चेहरे का घूंघट उठा कर माथे पर किस किया।
बदले में रजनी ने भी माथे पर किस किया।
फिर मैं उसको बाहों में लेकर बेड पर लेट गया।
रजनी मेरी बाजु पर लेट कर मुझे बड़े ही प्यार से देख रही थी।
मैं बीच बीच में उसको किस कर देता था।
थोड़ी देर ये सब चलने के बाद रजनी अपने हाथ मेरी कमर पर फिरा ने और धीरे धीरे उसका हाथ मेरे लंड पर पहुँच गया और लोवर के ऊपर से ही वह मेरे लंड को दबाने लगी।
फिर अचानक से वह मेरे होंठों को अपने लबों में भर कर चूमने लगी।
वह मेरे होंठों को ऐसे चूम रही थी … ऐसा लग रहा था कि अभी कट जायेंगे।
पाँच मिनट की चुसाई के बाद मेरी बाहों में लेट गयी।
मैंने अब उसको बाहों में उठाकर बैठाया और उसकी साड़ी का पल्लू नीचे कर दिया।
मैं ब्लाउज़ के ऊपर से ही चूचियों को दबा दिया जिससे उसकी चीख निकल गयी.
फिर मैंने धीरे से बड़े प्यार से पूरी साड़ी निकाल दी।
अब वह सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में रह गयी थी।
फिर मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और खुद भी उसके ऊपर लेट गया जिससे वह नीचे कसमसा रही थी।
फिर मैं थोड़ा उससे बगल होकर उसको किस करने लगा।
मैं उसको उसके गले पर किस कर रहा था और चूचियों को ब्लाउज़ के ऊपर से ही दबा रहा था।
जिससे उसकी मादक आवाजे निकलना शुरू हो गयी- अह्ह … उम्मह अह्ह्म … उम्महा … शी!
और वह अपने होंठों को काट रही थी।
मैं मस्त होकर रजनी के गले और कंधे को चूम रहा था और वो सिसकारियां भर रही थी।
अब मैं थोड़ा नीचे बढ़ा और क्लीवेज पर आ गया।
मैंने उसके बूब्स को दबाकर क्लीवेज को चूसने लगा जिससे रजनी मस्त होने लगी और आहें भरने लगी.
रजनी के मुंह से ‘आह … आह … ईई … अह … सी … उम्म … ईई … आह … सी … सी’ की कामुक आवाज़ें आ रही थी।
मैंने अब उसका ब्लाउज़ और ब्रा निकाल दिया और रजनी ने मेरे कपड़े निकाल दिये।
उसके 36″ के बूब्स मेरे सामने एकदम नोक निकाले खड़े हो गये।
मैं एक निप्पल मुंह में लेकर चूसने लगा और दूसरे स्तन को दबाने लगा।
अब रजनी ‘आह … ईई … आह … सी ‘ कर रही थी।
दोस्तो, मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितना मजा आ रहा था।
मैंने दूसरे बूब को चूसा और फिर चूमते हुए पेट पर आ गया और उसकी नाभि में जीभ डालकर घुमाने लगा.
जिससे वह और पागल होने लगी और मुझे कसकर पैरों में जकड़ लिया।
फिर मैंने रजनी का पेटीकोट खोल दिया, पैंटी भी निकाल दी और चूत को हाथ से मसल दिया.
जिससे वह चिहुंक उठी- अरे .. मम्मी रे!
अब मैं उठा और फ्रीज़ से चॉकलेट और मैंगो जूस जो क्यूबिक शेप में जमाया था, वो ले आया।
मैंने रजनी के दोनों बूब्स पर लिक्विड चॉकलेट लगाई और बार चॉकलेट को रजनी की चूत पर रखा।
मैं बूब्स पर लगे लिक्विड चॉकलेट को चूसने लगा और साथ में बूब्स को काट भी रहा था।
नीचे चूत पर चॉकलेट बार रगड़ रहा था जिससे वह और तड़प रही थी- आह … हईई … आह … सी … सी!
फिर अचानक से मैंने चॉकलेट बार उसकी चूत में घुसा दिया, जिससे वह चीख़ पड़ी- आह … हई ईय … आह … सीईई … आह सी!
अब मैं ऊपर बूब्स चूस रहा था और नीचे चॉकलेट बार अंदर बाहर कर रहा था।
रजनी की सिसकारियां बढ़ती जा रही थी.
मैंने देखा चॉकलेट उसकी चूत में पिघल रहा था।
तो मैंने रजनी की चूत के नीचे तकिया लग दिया जिससे की चॉकलेट चूत के बाहर ना निकले.
15 मिनट के इस खेल में रजनी की चूत ने पानी छोड़ दिया और वह झड़कर शांत हो गयी.
फिर मैं लेट गया।
थोड़ी देर बाद रजनी मेरे ऊपर बैठ गयी और वही लिक्विड चॉकलेट मेरे सीने और लंड पर लगा दिया और मेरे निप्पल चूसने लगी और मेरे लंड को उसने दोनों जांघों के बीच चूत पर दबा लिया।
दोस्तो, अब आप कल्पना कीजिये इस हालत में आपको कैसा लगेगा।
उस वक़्त जो मैंने महसूस किया मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता।
अब रजनी मेरे लंड को मुंह में लेकर एकदम मजे मे चूस रही थी और मैं ‘आह … ईई … आह … सी’ कर रहा था.
और फिर मेरे लंड ने अपने सब्र का बांध छोड़ दिया और मैं रजनी के मुंह में ही झड़ गया।
रजनी मुंह हटाना चाहती थी लेकिन मैंने सर पकड़ कर लंड पर दबा दिया जिससे उसको मेरा वीर्य पीना पड़ा।
फिर उसने चूस कर लंड को साफ किया।
अब बगल में आकर लेट गयी।
हम एक दूसरे को देखने लगे।
मैंने मैंगो आइस क्यूब उठाया जो हल्का पिघलने लगा था, रजनी के मुंह में डाल दिया और चूसने लगे।
फिर मैं धीरे से नीचे आया और उसकी जाँघों पर लगे चॉकलेट को चूसने लगा।
जिससे उसकी सीत्कार निकलने लगी- आह … ईई … आह … सी … आह … ईई … आह … सी!
फिर अचानक से मैंने एक क्यूब चूत में डाल दिया जिससे वो हाथ पैर पटकने लगी.
लेकिन मैंने बाहर नहीं निकलने दिया।
मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया।
अब वह ‘आह … ईई … आह … सी ईई … आह … सीह … सी’ करने लगी।
मैं अपनी जीभ से क्यूब को उसकी चूत में घुमाने लगा जिससे वह और तड़प रही थी, सीत्कारें ले रही थी, आह … सी … अरे ममी … मम्मी … कर रही थी.
10 मिनट की चुसाई में वह फिर झड़ गयी और शांत होकर लेट गयी।
मैंने दूसरा क्यूब लेकर चूत में डाल दिया और चूसने लगा.
5 मिनट बाद रजनी फिर से गर्म हो गयी, बोली- अपना लंबा मोटा लंड मेरी चूत में डालकर मुझे रगड़ कर चोदो।
मैंने भी मौके की नजाकत को समझते हुए अपना लंड उसकी चूत के दरवाज़े पे रखा और चूत पर रगड़ने लगा।
रजनी और तड़पने लगी और नीचे से गांड उठाकर लंड चूत के अंदर लेने की कोशिश करने लगी।
लेकिन मैं अभी और तड़पाना चाहता था।
मेरा निजी अनुभव है कि औरत जितना तड़प के चुदती है, उतना ज्यादा मजे देती है।
अचानक से रजनी उठी और मुझे बेड पर पटक कर मेरे ऊपर आ गयी और चूत फैलाकर लंड पर धीरे धीरे बैठने लगी।
मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसको कमर से पकड़ कर एक ही झटके में पूरा लंड घुसा दिया।
उसकी चीख़ निकाल गयी- आह … ईई … आह … सी … सी … ऊइया!
और वह लंड पर थोड़ी देर बैठी रही।
4-5 मिनट बाद रजनी धीरे धीरे लंड पर उछलने लगी और ‘आ हईई सीस्स आह … सी … ऊह या ऊया’ की आवाज़ निकालने लगी।
10 मिनट की चुदाई के बाद रजनी एक दम जंगली हो गयी।
वह मेरे लंड बहुत तेजी से कूदने लगी और मेरे होंठों को चूसने लगी।
उस दौरान मैं रजनी से डर गया था।
मुझे लगा कहीं ये मेरे होंठ ही ना काट ले, ऐसे चूस रही थी।
थोड़ी देर की चुदाई के बाद थक कर मेरे ऊपर ही लेट गयी
फिर मैंने प्यार से रजनी को लेटाया और मैं ऊपर आ गया।
मैंने चूत पर लंड रखा और एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया।
रजनी बहुत तेजी से चीख़ दी और मुझसे चिपक गई.
उसने मेरे गले पर काट लिया और अपने नाखून मेरे पीठ में गड़ा दिये और रोने लगी।
मैं फिर उसका रोना ना देखकर बस उसको हचककर चोद रहा था।
हर झटके पर उसके मुंह से जोर जोर से आवाजें निकल रही थी।
5 मिनट की चुदाई के बाद रजनी नीचे से गांड उठा कर लन्ड के ताल से ताल मिला रही थी और पूरे कमरे से फच्च … फ्चा … फच्च … की आवाज़ आ रही थी।
वह मजे से सीत्कारें भरने लगीं- आह … पूरा पेलो. आह मजा आ रहा है. और चोदो अन्दर तक लंड पेल … मेरी बच्चेदानी में छेद कर दे. आह फाड़ दे मेरी चुत को … आज से ये तेरी गुलाम है जान!
मैं भी जोश में आ गया- आह ये लो … और अन्दर लो … आज के बाद तुम मेरी बीवी हो … आह अह!
रजनी- आह जान, ऐसे ही पेलो, मेरा जीवन धन्य हो गया। अब बस तुम मुझे ऐसे ही चोदते रहना।
मैंने कहा- ठीक है।
मैं रजनी को चोद रहा था और रजनी मजा लेकर के चीख़ रही थी।
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं और रजनी साथ में झड़ने लगे।
उस वक़्त रजनी ने पैरों के बीच मुझे ऐसे पकड़ रखा था कि मैं हिल भी नहीं पा रहा था।
बस मेरा लंड उसकी चूत में घुसा था, बाकी वह खुद नीचे से गांड उठा उठा कर कर रही थी।
उस रात सुबह 5 बजे तक चुदाई का कार्यक्रम चला।
सुबह 10 बजे मैं जब सो कर उठा तब रजनी उठ चुकी थी और टीवी देख रही थी।
मैं उठकर उसके पास गया और किस किया।
वह भी मुझे किस करने लगी और थोड़ी देर में हम दोनों फिर से गर्म हो गए.
हमने एक दूसरे के कपड़े निकाल फेंके और वही सोफे पर ही सोगला रजनी को एक बार फिर रगड़ कर चोदा।
मैंने देखा कि उसकी चूत रात की चुदाई की वजह से फूल गई थी।
लेकिन आज रजनी के चेहरे पर एक अलग चमक दिख रही थी।
अब में लगभग हर शनिवार को रजनी को रगड़ कर चोदने के लिए पहुँच जाता हूँ और हम दोनों रात में खूब चुदाई करते हैं।
अबकी बार गर्मी की छुट्टियों में रजनी और मेरी भाभी दोनों की गांड चुदाई का प्रोग्राम रजनी के फ्लैट पर बना रखा है।
बस अब गर्मी की छुट्टियों का का इंतज़ार है।
फिर मैं वो स्टोरी लिखूँगा।
साथ में रजनी की भाभी की भी चुदाई का मन है … लेकिन रजनी मान नहीं रही है।
तब तक आप हमको बतायें कि यह हॉट इंडियन सेक्स रिलेशन कहानी कैसी लगी?
और बताएं कि रजनी को उसकी भाभी की चुदाई के लिए कैसे मनाया जाये।
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