हॉट इंडियन सेक्स कहानी में मेरा और चाचा का घर एक ही है. एक रात मैंने चाची को नंगी होकर चूत में वाइब्रेटर से मजा लेती देखा. अब मुझे चाची को चोदना था.
दोस्तो, मैं अमित आपका दोस्त आपको अपनी चाची की चुदाई की कहानी सुनाने हाजिर हूँ.
दरअसल चाची को नंगी देख कर मेरे अन्दर कामवासना जाग गई थी और बाद में किसी एक कारण से वे समझ गई थीं कि मैं उनकी काम पिपासा शांत कर सकता हूँ, तो उन्होंने मुझे रात में आने को कह कर मुझसे अपनी चुत चुदवा ली.
फिर दो दिनों तक मैंने चाची को इतना ज्यादा चोदा कि उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा.
उनकी चुत का भोसड़ा बना देने के बाद मैंने चाची की गांड भी मारी थी.
यह सब कैसे हुआ था, आज मैं आपको अपनी हॉट इंडियन सेक्स कहानी में बताने जा रहा हूँ.
दोस्तो, मेरा नाम अमित है और मैं 19 साल का हूँ. मैं दिखने में सुंदर तो हूँ पर शरीर से थोड़ा पतला हूँ.
मेरी हाइट 6 फीट एक इंच है, इस वजह से मैं और ज्यादा बांस जैसा लंबा दिखता हूँ. लेकिन चुदाई के वक्त मेरी टाइमिंग इतनी ज्यादा है कि चाची ने मेरे लंड का लोहा मान लिया था.
इधर मैं आपको एक बार पुनः अपनी चाची के बारे में बता देता हूं.
मेरी चाची का नाम अर्पिता है और उनकी उम्र करीबन 37 वर्ष की है पर वे दिखने में 28-30 वर्ष से ज्यादा की नहीं दिखती हैं.
हॉट इंडियन चाची दिखने में हुस्न की परी जैसी दिखती हैं, सेक्स की मूर्ति लगती हैं.
उनके बड़े बड़े चूचे और बड़ी सी गांड कयामत ढाती है. ऊपर से चाची का फिगर तो आह … उनके फिगर की तो क्या ही तारीफ करूं.
चाची लगभग 36-32-38 के फिगर की रही होंगी.
आप भी उनको अगर एक बार देख लेंगे, तो मेरा दावा है कि उन्हें एक बार चोदे बगैर नहीं छोड़ेंगे.
मैं भी कभी कभी जब उनके साथ मार्केट जाता हूँ तो कई लोग भीड़ का फायदा उठा कर उनकी चूचियां व उनकी गांड को हाथ लगा ही देते हैं.
हमारे घर में मम्मी-पापा, चाचा-चाची, उनका एक बेटा और बेटी और मैं रहता हूँ.
एक बार मेरी मम्मी मामा के घर गई हुई थीं और मेरे चाचा कुछ दिनों के लिए गोवा गए हुए थे.
मेरे चाचा एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं इसी कारण से वह हर महीने में कहीं न कहीं बाहर जाते हैं.
उनका यह टूर उनको महीने में दस दिन घर से बाहर रखता ही था.
उस दिन हमारे घर में सिर्फ मेरे पापा और चाची और मैं ही था.
चाची के दोनों बच्चे स्कूल गए हुए थे.
उस दिन मैं चाची के कमरे में जाकर सो गया था.
तभी चाची कमरे में आईं और उन्होंने मुझे उठा दिया.
वे बोलीं- अपने रूम में जाकर सो जाओ!
मैं बिना कुछ कहे अपने कमरे में आ गया.
शाम के 5 बजे थे, तब चाची ने मुझे उठा दिया.
मैं उठ कर अपना फोन चलाने लगा था.
फिर रात को हम सबने डिनर कर लिया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए.
हम लोगों ने 4 बीएचके का घर लिया हुआ था तो सबको अलग अलग रूम मिल गए थे.
मैं दोपहर को सो गया था तो मुझे रात को नींद नहीं आ रही थी.
इसलिए मैं अपना फोन चला रहा था तभी मुझे कुछ आवाज सुनाई देने लगी थी.
यह किसी मशीन के घर्राने की सी आवाज थी और चाची के कमरे से आ रही थी.
चाची और मेरा कमरा एक साइड में थे और आपस में जुड़े हुए थे.
मैंने अपने कमरे का दरवाजा खोला और चाची के कमरे की तरफ बढ़ा.
तभी मैंने देखा कि चाची के कमरे का दरवाजा थोड़ा खुला था.
मैंने उसमें से झांक कर देखा तो अन्दर कमरे में चाची पूरी नंगी थीं.
वे अपने एक हाथ में वाइब्रेटर वाला डिल्डो पकड़ी हुई थीं और एक हाथ से अपनी चूत में उंगली कर रही थीं.
चाची बारी बारी से अपनी चुत में डिल्डो और अपनी उंगली चला रही थीं.
उनको इस तरह से देखने के बाद मेरी तो हालत खराब होने लगी थी.
मैं वहीं खड़ा होकर उन्हें देख रहा था.
कुछ देर बाद चाची की चूत से पानी निकल गया और वे शांत हो गईं.
उसके बाद मैं भी अपने कमरे में आकर लेट गया और उनके बारे में सोचने लगा.
उसी दरमियान पता नहीं कैसे, मेरा हाथ मेरे लौड़े पर चला गया और मैं उसे हिलाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैं झड़ गया और सो गया.
दूसरे दिन से मैं अपनी चाची को एक अलग ही नजर से देखने लगा.
मुझे पहले तो उनमें कोई इंटरेस्ट नहीं था, पर अब धीरे धीरे मेरा उनमें इंटरेस्ट बढ़ने लगा था.
वे मुझे पसंद आने लगी थीं.
मैंने उस दिन उनके बाथरूम में जाकर उनकी पैंटी को भी चूमा चाटा था पर तभी चाची के आने की हलचल हुई तो मैंने उनकी पैंटी अपनी चड्डी में डाल ली और बाहर आ गया था.
मुझे हड़बड़ाया हुआ देख कर चाची पूछने लगीं- क्या कुछ बात हो गई है?
मैंने उनसे कहा- कुछ नहीं चाची, बस ऐसे ही मैं जल्दी जल्दी में आपका बाथरूम यूज करने लगा था, इसलिए!
बस यह कह कर मैं वहां से निकल गया.
शायद चाची ने मेरी चोरी पकड़ ली थी क्योंकि उनकी पैंटी उन्हें नहीं मिल रही थी.
वे मुझे अजीब सी नजरों से देख रही थीं.
चाची मुझसे कुछ कहतीं, उससे पहले ही मैंने बम फोड़ने की सोच ली.
फिर रात को खाने खाने के बाद मैंने पापा के जाते ही चाची से कहा- चाची, कल रात में मुझे काफी अजीब अजीब सी आवाजें सुनाई दे रही थीं. उन आवाजों से मुझे बहुत डर लग रहा था, तो क्या आज रात मैं आपके कमरे में सो जाऊं!
चाची ने मेरी बात की गहराई को समझते हुए मुझसे कहा- हां ठीक है, सो जाना.
यह कह कर वे अपने काम में लग गईं.
जब चाची ने किचन का सब काम खत्म कर लिया तो वे कमरे में सोने आ गईं.
मैं पहले से ही उनके कमरे में था और मोबाइल चला रहा था.
अपने कमरे में जाते ही चाची अपने बिस्तर पर लेट गईं और मैं भी सही से लेट गया.
उनकी आंख लगती कि उससे पहले ही मैंने चाची से कहा- चाची, मैंने कल वह सब देख लिया था, जो आप कल रात को कर रही थीं.
यह सुनते ही चाची ने अपनी आंखें खोल दीं और वे मुझे हैरानी से देखने लगीं.
मैंने चाची को कसके पकड़ लिया और उन्हें चूमने लगा.
चाची मुझसे छूटने की जगह मेरा साथ देने लगीं.
उनकी इस हरकत से मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था.
मैं चाची के बूब्स दबाने लगा और चाची को चूमने लगा.
चाची भी मेरा साथ देने लगीं.
मैंने चाची का ब्लाउज खोल दिया और अगले ही पल मेरे सामने चाची के तनतनाते हुए चूचे खुल गए थे.
मैं उनके दूध बहुत जोर जोर से दबा रहा था.
चाची के मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगी थीं ‘आह उह आह … पी जा इन्हें … निचोड़ ले मेरे थन आह!’
उनके मुँह से ऐसी कामुक आवाज सुनकर मैं और जोर जोर से दबाने लगा.
मैंने एक हाथ नीचे ले जाकर चाची का पेटीकोट निकाल दिया.
चाची ने अन्दर कुछ नहीं पहना था.
मुझे समझ में आ गया था कि चाची पूरी गर्म हैं और आज मैं नहीं आता तो इनका प्रोग्राम फिर से डिल्डो से खेलने का था.
इसलिए इन्होंने आज पैंटी नहीं पहनी है.
मैंने चाची की प्यासी चूत में अपनी उंगली करनी शुरू कर दी.
चाची की वासना भरी आवाजों से पूरा कमरा गूंज उठा था.
मैं ऊपर से चाची के बूब्स दबा रहा था और नीचे एक हाथ से उनकी चुत में उंगली कर रहा था.
मुझे उनके साथ यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था.
तभी वे मुझसे कहने लगीं- अब सब्र नहीं हो रहा है अमित, प्लीज जल्दी से अपना अन्दर डाल दो!
मैंने कहा- डाल तो दूँ, पर पहले आप उसे बाहर तो निकाल लो!
चाची ने अब तक मेरा लौड़ा नहीं देखा था.
तभी मैं उठा और अपनी पैंट निकाल कर अपना लौड़ा हिलाने लगा.
चाची बड़े ध्यान से मेरा लंबा मोटा लौड़ा देख रही थीं.
मैंने चाची को कहा- चलो इसे मुँह में ले लो … आप बहुत दिनों से प्यासी हो ना … आज आपकी चुत का भोसड़ा बना देता हूँ!
चाची ने बड़े प्यार से मेरे लंड को पकड़ा और उसे अपने मुँह में ले लिया.
अपने मुँह में लौड़ा डालते ही चाची मेरे लौड़े को ऐसे चूसने लगी थीं, जैसे वे कोई सड़क छाप रंडी हों!
उनसे अपने लौड़े को चुसवाते हुए मैं भी चाची के मुँह में ही झड़ गया और चाची सारा माल पी गईं.
अब मैं चाची की चुत चूसने में लग गया.
चाची ने आज से पहले अपनी चुत कभी नहीं चुसवाई थी.
वे खुद ऐसा कह रही थीं- आह अमित न जाने कब की तमन्ना आज जाकर पूरी हो रही है, तेरे चाचा ने तो कभी मेरी चुत चाटी ही नहीं! आह आह … जरा जोर से चूस ले आह. पहले तो मेरी ले ही लेते थे, अब तो उन्हें मेरी तरफ देखने की फुर्सत ही नहीं है.
मैंने चाची से कहा- मैं हूं ना, चाची मैं आपको चोदूंगा.
फिर मैंने चाची को 69 की पोजीशन में आने को कहा और थोड़ी देर तक ऐसे ही एक दूसरे के अंग चूसने लगे.
कुछ देर के बाद चाची जी व्याकुल हो उठीं.
वे कहने लगीं- बस अब फाड़ डालो मेरी चुत और बना लो मुझे अपनी रंडी.
मैं चाची को चोदने की पोजीशन में आ गया और उनकी चुत की फांक में अपना लौड़ा रख दिया.
मैंने लंड के सुपारे को चुत पर रख कर चुत के दाने को मसलने लगा, तो चाची के मुँह से ‘उफ्फ आह’ की आवाज निकलने लगी.
मैंने लंड पर थोड़ा जोर दिया तो लंड ने चुत में घुसने से इंकार कर दिया.
उधर चाची भी आह आह करने लगीं कि दर्द हो रहा है.
मैंने अपने लंड को बड़ी मुश्किल से उनकी चुत के अन्दर पेला.
चाची तो मानो रोने लगी थीं.
चाचा ने चाची को बहुत दिनों से नहीं चोदा था तो चाची की चुत काफी टाइट हो गई थी.
मैंने चाची को दस मिनट तक चोदा और उनकी चुत के बाहर लंड निकाल कर झड़ गया.
इस दौरान चाची दो बार झड़ चुकी थीं.
चाची को चोदने के बाद हम दोनों वहीं चिपक कर नंगे ही सो गए.
रात के दो बजे मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
चाची सो रही थीं, मैंने चाची को उठाया नहीं.
वे चूंकि नंगी लेटी थीं तो मैंने अपना कड़क लंड चाची की सूखी चूत में पेल दिया और उनको चोदने लगा.
चाची लंड घुसने से एकदम से कराहीं और उठ गईं.
वे ‘उफ्फ उफ्फ आह्ह आह्ह’ की आवाज निकालने लगी थीं.
कुछ देर बाद मैंने चाची को अपने ऊपर आने को कह दिया.
चाची मेरे ऊपर आ गयी और अपनी चुत में लंड लेकर कूदने लगीं.
वे अपने मुँह से दर्द भरी आवाजें निकाल रही थीं.
मैंने इस बार चाची को 15 मिनट तक चोदा और उनके अन्दर ही झड़ गया.
चाची भी दो बार झड़ चुकी थीं.
मैं झड़ने के बाद चाची के ऊपर आ गया और उनके चूचों से खेलने लगा.
चाची फिर से गर्म होने लगीं तो मैंने चाची को लंड मुँह में दे दिया.
कुछ ही देर में मैं भी गर्म होने लगा और चाची के मुँह में ही झड़ गया.
सुबह जब मैं उठा तो चाची भी उठ चुकी थीं.
चाची के बच्चे भी स्कूल जा चुके थे और पापा भी काम के लिए गए हुए थे.
तब चाची किचन में काम कर रही थीं, मैंने पीछे से जाकर चाची की साड़ी खोल दी.
चाची ने पेटीकोट पहना था.
मैंने उसे भी निकाल दिया और चाची को वहीं चोदने लगा.
इस दिन उनकी इतनी ज्यादा चुदाई हुई थी कि वे ठीक से चल भी नहीं पा रही थीं.
चाची को चोदने के बाद मैंने चाची की चुत भी चूसी और जब तक घर में कोई नहीं आया, तब तक हम दोनों ने कपड़े भी नहीं पहने.
उस दिन चाची को मैंने इतना चोदा था कि मैं खुद बीमार पड़ गया था.
मेरी बीमारी में चाची ने ही मेरा ध्यान रखा. मैंने तब भी लेटे लेटे ही उनकी चुत चूसी.
इसके बाद मैंने चाची की कैसे गांड मारी, वह मैं आपको अपनी अगली हॉट इंडियन सेक्स कहानी में लिखूँगा.
अब मुझे जब भी मौका मिलता है, मैं चाची को चोद देता हूँ.
वे भी मेरे लंड की गुलाम बन गई हैं.
मेरी हॉट इंडियन सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज कमेंट करके जरूर बताएं.
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