कज़िन सिस्टर की रात भर चुदाई- 1

हॉट कज़िन वांट सेक्स … यह मुझे तब पता लगा जब एक दिन मैंने दीदी को घर में नंगी होकर अपनी चूत में उंगली करती देखा. मैं भी उन्हें चोदने के प्रयास में लग गया.

दोस्तो, मैं रिकी सिंह आप सभी के लिए एक नयी सेक्स स्टोरी लेकर हाजिर हुआ हूँ.
यह एक रियल सेक्स स्टोरी है.

यह हॉट कज़िन वांट सेक्स कहानी मेरी कज़िन सिस्टर आशिया की है जो उस वक्त 27 साल की थी.

दीदी का फिगर 34सी-28-36 का है. वे बिल्कुल दूध जैसी गोरी हैं.
उनकी हाइट औसत लड़कियों के जितनी ही है. उनकी चूचियां 34सी की हैं और एकदम टाइट व बाहर की तरफ निकली हुई हैं.

आशिया दीदी की नाभि बहुत मस्त है, गांड के दोनों हिस्से बाहर की तरफ निकले हुए हैं.
कुल मिलाकर दीदी एक बॉम्ब हैं.
उन्हें कोई भी एक नजर भर कर देख ले, तो गारंटी से उसका लंड खड़ा हो जाएगा; उसका मन करेगा कि इन्हें यहीं पटक कर चोद दें.

बात तब की है, जब हमारे घर में कार्यक्रम था.
सारे घर के लोग इधर-उधर अपने अपने कामों में व्यस्त थे.

मेरा और आशिया दीदी का घर 50 मीटर की दूरी पर था और कार्यक्रम का स्थान घर से आधा किलोमीटर की दूरी पर था.

मैं और दीदी दोनों आपस काफ़ी क्लोज थे, दोनों में खूब मस्ती मज़ाक होता था.
मस्ती करते करते कई बार मैं उनकी चूचियों को भी दबा देता था लेकिन वे सब देख कर भी कुछ नहीं बोलती थीं.
मुझे भी पता था कि दीदी अभी सीलपैक माल हैं और वे भी मेरी तरह अन्दर से खुद बहुत हॉर्नी महसूस करती हैं.

जैसा कि मैंने लिखा कि घर के सब लोग अपने अपने कामों में बिज़ी थे.
आशिया दीदी के पापा यानि मेरे अंकल ने मुझे घर से कुछ सामान लाने को बोला.

यह काम उनके घर जाकर करना था.
घर पर ताला लगा हुआ था तो अंकल ने मुझे चाभियों का गुच्छा पकड़ाते हुए जल्द से काम करके वापस आने का कहा.

मैं सामान लेने उनके घर की तरफ चल दिया.
उनके घर के अन्दर जाने में कुछ ऐसा था कि बीच में एक गैलरी जैसी है और आजू बाजू में सबके कमरे हैं.

मैंने जैसे ही गेट खोला और गैलरी में आया तो मुझे कुछ आवाज आई.
लेकिन मैंने उस आवाज को नजरअंदाज किया और आगे को बढ़ गया.

कुछ ही पल के बाद फिर से वही अजीब सी आवाज मुझे वापस सुनाई दी.

तब पता चला कि घर पर आशिया दीदी हैं.
लेकिन मैं कुछ बोला नहीं, बस चुपचाप उनके कमरे के पास पहुंचा.

तो वहां मुझे मोनिंग की आवाज आ रही थी.
मुझसे रहा न गया तो मैंने की-होल से देखा.
अंदर का नजारा देख कर तो मेरे होश उड़ गए.

मुझे दीदी की गुलाबी चूत नजर आई, जिस पर छोटे छोटे बाल थे.

वे अपनी चूत में फिंगरिंग कर रही थीं; अपनी एक उंगली अन्दर डाल कर ‘फक मी फक मी …’ कर रही थीं.
कुछ ही पलों बाद दीदी ने अपनी दूसरी उंगली भी अपनी चूत में ठेल दी.

उंगली कुंवारी चूत को दर्द देने लगी और वे बहुत जोर से चिल्लाईं ‘आहह मम्मा उफ्फ़ ओह माय गॉड … बहुत दर्द हो रहा है … आह फक मी हार्डर!’

हॉट कज़िन की यह दशा देख कर मेरा मन तो हुआ कि कमरे के अन्दर जाकर अभी उनको चोद दूँ और चूत को फाड़ दूं.

लेकिन अंकल ने मुझे सामान जल्दी लाने को कहा था.
मुझे देर होती लग रही थी तो मैंने सोचा कि इस चुदाई के काम में जल्दबाजी ठीक नहीं है; दीदी को तो कभी भी पेल दूंगा.

मैं उनके कमरे से दूर हो गया और उनको आवाज दी- दीदी, आप घर पर ही हो क्या?
वह एकदम से सहमी सी आवाज में बोलीं- हां, तुम कब आए?

मैंने कहा- मैं बस अभी ही आया हूँ, अंकल ने सामान लाने को बोला है.
दीदी ने अपने कमरे का दरवाजा खोला और मैंने देखा कि वे अपना हाथ छुपा रही थीं.

लेकिन मैंने देख लिया था कि उनके हाथ की उंगली में कुछ लगा हुआ था.
मैं सामान्य भाव से बोला- ये सामान चाहिए?

उन्होंने कहा- एक मिनट रूको, मैं अभी आई वॉशरूम से!
दीदी वॉशरूम चली गईं.
लेकिन वे अपने फोन को बेड पर छोड़ कर गयी थीं, वह भी अनलॉक्ड था.

मैंने फोन उठा कर देखा, तो उसमें उनकी फोटो और अभी के ही वीडियोज थे.
मुझे लगा कि दीदी ने यह सब किसी को सेंड करने के लिए अभी ही बनाए हैं.

जब तक दीदी ले जाने वाला सामान निकाल रही थीं, तब तक मैंने चुपके से उनके फोन से सब फाइल्स अपने फोन में ले लीं और सामान लेकर वेन्यू पर चला गया.

मैंने दीदी से इस बारे में कुछ बात नहीं की क्योंकि मैं सही टाइम का इंतजार कर रहा था.

कार्यक्रम शाम को 7 बजे खत्म हो गया था.
रात में जब मैं अपने कमरे में आया, तब मैं दीदी के बारे में सोचने लगा और मुठ मारने लगा.
उस वक्त मैं अपने फोन पर उनकी फोटोस वीडियो देखने लगा.

यार वे इतनी सेक्सी हैं कि क्या ही बताऊं … देख कर मन कर रहा था कि अभी ही उनके साथ सेक्स कर लूँ.

एक वीडियो में मैंने देखा कि वे अपनी उंगली नीचे रख कर उस पर कॉऊगर्ल पोजीशन में राइड कर रही थीं.

उस रात मुझे नींद नहीं आई, सिर्फ़ यही सोचता रहा था कि दीदी को कैसे चोदा जाए.
बस उनकी चूत एक बार मिल जाए.

लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.

कुछ दिन बाद अंकल का फोन आया कि वे सब लोग 10 दिन के लेकिन ट्रिप पर जा रहे हैं. आशिया की छुट्टियां नहीं हैं, इसलिए वह घर पर ही है. तुम रात में मेरे घर में ही सो जाया करना.
मैंने खुशी खुशी ओके बोल दिया.

दो दिन बाद सब लोग ट्रिप पर चले गए.

मैं रात में खाना खाकर दीदी के पास रात में चला गया.
दीदी में मुझे अपने से बगल वाले कमरे में सोने को बोला.
मैं ओके बोल कर कमरे में चला गया.

उधर मैं दीदी के बारे में सोचने लगा कि कैसे चोदा जाए.

तभी मुझे उनके मोन करने की आवाज फिर से आने लगी.
मैंने झट से उठ कर फिर से की-होल से झाँका तो देखा कि दीदी काफ़ी तेज तेज फिंगरिंग कर रही थीं.

मैं भी मुठ मारने लगा था.
फिर दीदी ने अपना पानी निकाला और सो गईं.

मैं कमरे में आकर सोचने लगा कि ऐसे कैसे चोद सकूंगा!
लेकिन ये है कि क़िस्मत साथ देती, तो हर तरीके से देती है.

मैं जिस कमरे में सो रहा था, उसका एसी काम नहीं कर रहा था.
अगले दिन मैंने दीदी से कहा कि कमरे का एसी काम नहीं कर रहा है.

दीदी बोलीं- आज से तू मेरे कमरे में सो जाना.
मैं यह सुनकर ही काफ़ी उत्तेजित हो गया.

फिर रात को जल्दी जल्दी उनके यहां आ गया.
मैं दीदी के कमरे में उनके बिस्तर के नीचे सोने जा रहा था, तो वे बोलीं- अरे ऊपर ही आ जा न … इधर जगह तो है. अड्जस्ट कर लेंगे.
यह मेरे लिए सोने पर सुहागा हो गया.

मैं भी ओके बोल कर उनकी तरफ पीठ करके सोने का नाटक करने लगा.

करीब एक घंटे बाद दीदी ने मुझे आवाज दी.
मैं कुछ नहीं बोला.
उन्होंने मुझे हिला कर चैक किया कि मैं सोया हुआ हूँ या नहीं.

फिर कुछ देर बाद मुझे बिस्तर हिलने का अहसास हुआ.
मैं समझ गया कि दीदी फिंगरिंग कर रही हैं.
पर मैं कुछ नहीं बोला.
मैं अपनी तरफ से बिल्कुल जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता था.

आज दीदी बहुत धीमी आवाज में मोन कर रही थीं.

अचानक से मैंने सुना कि दीदी मेरा नाम लेकर चूत में उंगली करने लगीं.
यह सुनकर मेरे तो होश उड़ गए.
फिर उनका रस निकल गया और वे वॉशरूम में चली गईं.

मैंने नोटिस किया कि उनका थोड़ा सा पानी बेड पर गिरा था.
मैंने उसकी स्मेल ली.
वह महक मुझे मदहोश कर रही थी.

उसके बाद दीदी वापस आईं.

मेरे तो नींद उड़ गई थी और बगल में गर्म माल चुदने के लिए रेडी हो, तो ऐसे में कहां नींद आती!
कुछ देर बाद मैंने देखा कि दीदी सो रही हैं.

तब मैं उठ कर वॉशरूम गया और वहां जाकर लंड हिलाने लगा.

मेरा काम हो जाने के बाद जब मैं बाहर आ रहा था तब मैंने देखा कि दीदी दरवाजे पर खड़ी थीं.
वे मुझसे हंस कर कहने लगी थीं- क्या कर रहे थे अन्दर? अभी सबको घर पर बताती हूँ!

मैं बोला- सॉरी दीदी!
वे बोलीं- क्यों कर रहा था, वह भी गेट ओपन था वॉशरूम का!

अब मैं बिंदास बोला- आप भी तो करती हो!
यह सुनकर उनके होश उड़ गए.

वे पूछने लगीं- तुम्हें कैसे पता?
‘मुझे सब पता है, कार्यक्रम वाले दिन मैंने सब देखा है … लो आप भी देख लो!’
यह कह कर मैंने अपने फोन में उनकी फोटो व वीडियो दिखा दीं.

दीदी इस बात पर मुझ पर गुस्सा करने लगीं.
मैंने सॉरी कहा.

तो वे मुझसे बोलीं- चलो कोई नहीं, देखो हम दोनों को ही यह सब चाहिए. मैं बाहर मुँह मारने जाऊंगी नहीं, प्लीज तू आज मुझे सॅटिस्फाइ कर दे! समझ ले कि ये सब इस उम्र में चाहिए ही होता है. तुझे मैं पसंद तो हूँ न!

मैंने कहा- मुझे तो आप हमेशा से ही पसंद हो, दीदी आपको क्या बताऊं आपके बूब्स और गांड देख कर मेरा क्या हाल हो जाता है!
दीदी- तो तुम्हें पहले कहना चाहिए था ना!

मैं बोला- मुझे इस बात का डर लगता था कि कहीं आपने मुझे मारा या डांटा तो मेरी तो वाट लग जाएगी न! मुझे तो कॉन्फिडेन्स तब आया, जब आप मेरा नाम लेकर फिंगरिंग कर रही थीं.
वे बोलीं- तुम्हें बगल में देख कर मुझे और गर्मी चढ़ गई … इसलिए मैं तुम्हारा ही नाम लेकर अपनी में उंगली करने लगी थी. पर चलो ठीक है, कोई बात नहीं, जब हम दोनों को एक दूसरे का सब पता ही है तो अब क्यों वक्त खराब करना!

यह कह कर दीदी ने मुझे पकड़ा और किस करने लगीं.
वे मुझे वाइल्ड्ली किस किए जा रही थीं.
मैं भी उनका साथ देते हुए उनके टॉप के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबा रहा था.

मैंने पहली बार उनकी चूचियों को हाथ में पूरी तरह से पकड़ा हुआ था.
दीदी के दूध काफी उभरे हुए और एकदम सेवफल जैसे टाइट थे.
मुझे उनके दूध दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर मैं नीचे हाथ ले जाकर दीदी के लोवर के ऊपर से ही उनकी चूत को सहलाने लगा था.
दीदी भी अब अपना संयम खोती जा रही थीं और जोर जोर से मुझे किस कर रही थीं.

उन्हें भी मेरे साथ यह सब करने में और करवाने में बहुत मज़ा आ रहा था.

मैं वैसे ही किस करते हुए उन्हें उठा कर बेड पर ले गया और उन्हें लिटा कर उनके ऊपर चढ़ गया.
मैं उन्हें किस कर रहा था, वे भी पूरा मज़ा ले रही थीं.

फिर मैं उन्हें किस करते हुए ही नीचे आया और उनकी गर्दन पर किस करने लगा.
वे मज़े से सीत्कारें भर रही थीं.

मैं और नीचे आ गया और टॉप के ऊपर से उनके बूब्स दबाने और चूसने लगा.
उनके टॉप के ऊपर से दूध चूसने से उनका टॉप दूध के पास गोलाई में गीला हो गया था.
उस वक्त वह टॉप बहुत ही सेक्सी लुक दे रहा था.

मैं उन्हें मादक भाव से देखते हुए नीचे सरकता गया और पूरा नीचे आ गया.

नीचे मैंने उनकी जांघों पर किस किया और उनकी आंखों में कामुकता से देखता हुआ लोवर की इलास्टिक में उंगलियां फंसा कर उन्हें देखा और होंठ गोल करके आंख मारी.
तो दीदी ने अपनी गांड उठा दी और मैंने उनके लोअर को नीचे खींच कर घुटनों तक उतार दिया.

अब मैंने देखा कि दीदी ने गुलाबी रंग की फूलों वाली पैंटी पहनी हुई थी जो चूत के पास फूली हुई थी और गीली थी.

मैंने अपनी एक उंगली से उनकी चूत की फांक को कुरेदा और चूत से खेलते हुए ऊपर को अपने हाथ ले गया.

वे लंबी लंबी सांसें ले रही थीं, जिससे उनके मम्मे गजब उठ-बैठ रहे थे.
मैंने उनके टॉप को ऊपर किया और उनके गले से निकालता हुआ उतार दिया.

आह … जैसे ही मैंने दीदी का टॉप उतारा तो देखा कि वह झीना सा बड़े गले वाला लाइनर पहनी हुई थीं.
उनके मम्मों की क्लीवेज मस्त दिख रही थी.

मेरे सामने एकदम दूध सी गोरी, खुले बालों में दीदी क़यामत माल लग रही थीं.
वे पिंक बिकिनी में कितनी ज्यादा हॉट लग रही थीं, मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता.

फिर उन्होंने सरगोशी से कहा- मेरे कपड़े तो उतार दिए और खुद ने पहने हुए हैं.
मैं बोला- आप खुद उतार दो न!

दीदी ने उंगली के इशारे से मुझे खड़े होने का संकेत दिया.
मैं खड़ा हो गया और दीदी ने बैठ कर मेरे टी-शर्ट उतार दी.

उसके बाद मेरे शॉर्ट्स को जैसे ही उतारा, मेरा लंड मेरे अंडरवियर में तंबू बनाए हुए उन्हें मस्त करने लगा था.

दीदी ने मुझे करीब खींचा और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही सहलाया तो मेरे लंड में मानो आग लग गई.
फिर उन्होंने एक झटके से जैसे ही अंडरवियर को नीचे किया, लंड झटके से बाहर उनके मुँह से जा लगा.

दीदी एकदम से अचकचा कर दूर हुईं, तो लंड उन्हें सलामी देने लगा.
उन्होंने मेरा सात इंच लंबा लंड देखा, तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं.

मैं मजे से उन्हें अपना लंड हिला हिला कर दिखा रहा था.

दोस्तो, आपको मेरी हॉट कज़िन वांट सेक्स स्टोरी अच्छी लग रही होगी.
इसके अगले भाग में मैं आपको अपनी दीदी की चुदाई की कहानी को विस्तार से लिखूँगा.
प्लीज आप मुझे मेल करके जरूर बताएं कि आपको कहानी कैसी लग रही है!
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हॉट कज़िन वांट सेक्स कहानी का अगला भाग: