हॉट बुआ हिंदी Xxx कहानी में मेरी सेक्सी बुआ जवानी में विधवा होकर हमारे घर रहने लगी. उन्हें देख मेरा लंड खड़ा हो जाता था. एक दिन मैंने बुआ को रोती देखा.
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम वाशु है.
मैं अभी 22 साल का हुआ हूँ. मैं 6 फुट लंबा और अच्छा खासा शरीर है.
मेरा लंड 7 इंच का है
मेरी फैमिली में मम्मी-पापा, दादा-दादी, बुआ, उनके दो लड़के और मैं रहता हूँ.
मेरे फूफा जी का देहांत 8 साल पहले हो चुका था इसलिए बुआ अब हमारे घर के पास में ही आकर रहने लगी थीं.
उनके साथ मेरी दादी और उनका बच्चा रहता है.
यह हॉट बुआ हिंदी Xxx कहानी इसी विधवा बुआ की है.
मेरी बुआ दिखने में बहुत खूबसूरत हैं, वे किसी मॉडल से कम नहीं लगती हैं.
उनका गोरा बदन, बड़े बड़े बूब्स, बड़ी सी गांड और पतली कमर देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है. उनका फिगर 36-30-38 का है.
यह बात आज से 3 साल पहले की है, तब मैं 19 साल का एक गबरू जवान हो गया था.
उस वक्त मैं अपनी 12 वीं के रिज़ल्ट आने का इंतजार कर रहा था.
उस वक्त मैं ज्यादातर वक्त बुआ के घर पर ही रहता था.
उनका लड़का स्कूल चला जाता था और दादी अपने बुढ़ापे की उम्र की वजह से लेटी रहती थीं.
बुआ ही घर का सारा काम करती थीं. बुआ घर पर लोवर और टी-शर्ट में ही रहती थीं.
उन कपड़ों में उनके बड़े बड़े गोल गोल दूध बड़े ही मस्त लगते थे.
उनके दूध एकदम तोप की तरह उठे रहते थे.
साथ ही चुस्त लोअर में उनकी बड़ी सी गांड जब थिरकती थी, तो उफ … मेरा तो लंड खड़ा ही हो जाता था.
एक दिन दोपहर में मैं बुआ के कमरे में गया था.
दादी सो रही थीं. मेरा भाई अपने स्कूल में था.
मैंने देखा कि बुआ अपने रूम में रो रही हैं.
मैं एकदम से उनके पास गया और बैठ गया.
मुझे आया देख कर वे अपने आँसू पौंछने लगीं.
मैंने पूछा- बुआ क्या हुआ, क्यों रो रही हो?
उन्होंने कुछ नहीं कहा, बस अपना सिर नीचे कर लिया.
मैंने कहा- फूफा जी की याद आ रही है न!
उन्होंने कहा- हां.
वे मेरे साथ एकदम से चिपक कर रोने लगीं.
मैं उनकी पीठ पर हाथ फेरता हुआ उन्हें चुप कराने लगा था.
दोस्तो, बुआ के गले से लगते ही उनकी गोल गोल चूचियां मेरी छाती से सट गईं और उनके शरीर की महक से मेरा सांप खड़ा होने लगा.
मैं उनकी कमर पर से हाथ फेरता हुआ धीरे धीरे उनकी कमर पर अपना हाथ फेरने लगा.
उन्होंने कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत जरा बढ़ गई.
मैंने अपना हाथ उनकी गांड पर रख दिया और उनके गदराए हुए चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा.
वे एकदम से थोड़ा सा दूर हटीं और कहने लगीं- वाशु, यह क्या कर रहा है? मैं तेरी बुआ हूँ यह गलत है.
मैंने सोचा कि यदि बुआ को गलत लग रहा होता, तो अब तक उनका थप्पड़ मेरे मुँह पर पड़ गया होता.
यह सोच कर मैंने कहा कि अच्छा, लेकिन बुआ आपका हाथ तो कुछ और ही कह रहा है.
उनका हाथ मेरे खड़े लंड के ऊपर आ गया था और वे मेरे लौड़े को दबा रही थीं.
मेरे मुँह से यह सुनते ही उन्होंने एकदम से अपना हाथ मेरे लौड़े से हटा लिया और शर्म से अपना सिर नीचे कर लिया.
मैंने कहा- अरे बुआ, मैं समझ सकता हूँ. हर औरत की कुछ ज़रूरत होती है. अब आपके तो हज़्बेंड भी नहीं रहे हैं. मैं आपकी दुविधा को समझता हूँ. आप बुरा न मानना, क्यों ना मैं आपकी जरूरत को समझूँ … और आप मेरी!
वे कहने लगीं- नहीं यह गलत है! मैं तेरी बुआ हूँ, यह नहीं हो सकता!
मैंने उन्हें एकदम से अपने पास खींचा और अपने होंठ उनके होंठों से सटा दिए.
पहले तो बुआ मुझसे दूर जाने लगीं, फिर कुछ देर बाद वे मेरा साथ देने लगीं.
उन्होंने रोते हुए मुझे अपनी बांहों में भर लिया और अपनी प्यास को अपनी मूक भाषा में मुझसे कहने लगीं.
मैंने उन्हें अपनी बांहों में भींच लिया और उनके होंठों का रस पीने लगा.
कुछ ही पलों में हम दोनों एक दूसरे के मुँह में जीभ डाल कर किस करने लगे.
ऐसे ही हम दोनों 5 मिनट तक किस करते रहे.
उसके बाद मैंने उनकी टी-शर्ट उतार दी और ब्रा को भी खोल दिया.
अब बुआ के बड़े बड़े और गोल गोल बूब्स मेरे सामने थे.
दोस्तो, सच में वह नजारा बहुत खूबसूरत था.
मैं एक छोटे बच्चे की तरह उनके दूध पर झपट पड़ा.
मेरा एक हाथ उनके एक दूध को पकड़ कर मसल रहा था और दूसरे दूध को अपने मुँह में भर कर चूस रहा था.
वे मदमस्त आवाजें लेती हुई मेरे सर को अपने मम्मों पर दबाए जा रही थीं- आह चूस ले … आह कितना अच्छा लग रहा है … आह कब से मैं तेरे इंतजार में थी कि कब तू मेरी प्यास बुझाने आएगा!
मैंने कहा- बुआ, मैं तो कबसे आपकी इस भरी हुई जवानी को भोगना चाहता था!
इसी तरह की बातों के बीच हम दोनों एक दूसरे का खुल कर साथ देने लगे थे.
मैं बुआ के दोनों मम्मों के साथ पूरी मस्ती से खेल रहा था और वे भी मुझे अपने मम्मों से मजा दे रही थीं.
बुआ सिसकारियां ले रही थीं- आअहह उफ़ उम्म्म … हन्न चूस वाशु … इन्हें जोर जोर से चूस … उम्म्म!
ऐसे ही थोड़ी देर तक दूध चूसने के बाद हम दोनों ने फिर से होंठों को किस करना शुरू कर दिया.
बुआ ने किस करते हुए ही मेरी शर्ट उतार दी और मेरी छाती के निपल्स को कुतरने लगीं.
थोड़ी देर बाद बुआ ने मेरा लोवर के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ लिया और बोलीं- लगता है तूने अपनी बुआ के लिए नीचे कुछ बड़ा सा तोहफा छुपा रखा है, जरा देखूँ तो सही कि कितना बड़ा गिफ्ट है मेरे लिए!
यह कहते हुए बुआ ने मेरा लोवर और चड्डी दोनों को एक साथ में नीचे खींच दिया.
लोवर और चड्डी उतरते ही मेरा 7 इंच का लंड उनका मुँह के सामने आ गया.
वे मोटा लंबा लंड देख कर एकदम से चौंक गईं और मेरा लंड पकड़ती हुई बोलीं- आह वाशुउ इतना बड़ा लंड … मुझे मालूम होता तो कब का खा लिया होता!
वे बेहद खुश हो गई थीं.
उन्होंने मेरा लंड हिलाना शुरू कर दिया.
मैंने कहा- बुआ मुँह में लो न … अब इंतजार नहीं होता!
उन्होंने कहा- हां ज़रूर, बिना मुँह में लिए तो मुझे चैन ही नहीं मिलेगा!
उन्होंने एक एक्सपर्ट रांड की तरह मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया.
दोस्तो, उस समय मुझे इतना मज़ा रहा रहा था कि क्या ही बताऊं.
बुआ कभी पूरा लंड अपने गले तक ले लेतीं तो कभी उसे बाहर निकाल कर चाटने लगतीं.
साथ ही उन्होंने मेरे दोनों आंड भी चूसना चालू कर दिए थे.
ऐसे ही दस मिनट तक बुआ मेरा लंड चूसती रहीं.
लंड चुसवाने के बाद मैं सीधा खड़ा हुआ और उन्हें बेड पर चित लिटा दिया.
मैंने उनका लोवर निकाल कर फूली हुई पैंटी को देखा जो पूरी तरह से भीग चुकी थी.
मैंने झट से उनकी पैंटी को नीचे किया और बुआ की गुलाबी चुत चाटने लगा.
उनकी गुलाबी चुत का स्वाद बहुत मस्त था. मैं उनकी चुत चाटता हुआ उनकी फाँकों के बीच में अपनी उंगली डाल कर पेलने लगा.
इस वजह से वे जोर जोर से कामुक सिसकारियां भरने लगी थीं- उम्म्म आहह फक मी आह चाट ले अपनी रंडी बुआ की चुत को आह चाट आअहह!
फिर बुआ से ना रहा गया तो उन्होंने मेरा सर पकड़ कर अपनी चुत पर दबाना चालू कर दिया.
वे बोलीं- आह प्लीज चाट ले वाशु अपनी बुआ की चुत को … आह चाट जोर से चाट ले … आअहह उफ़फ्फ़ आहह भैंचोद चूस न मां के लौड़े!
मैं चुत चाटने लगा.
कुछ देर तक चुत चटवाने के बाद वे बोलीं- वाशु अब और इंतजार नहीं होता … अब अपना ये बड़ा सा लंड मेरी चुत में डाल दे!
मैं यह सुनते ही खड़ा हुआ और बुआ की दोनों टांगों को फैला कर अपने लंड को उनकी चुत पर सैट करके चुदाई की पोजीशन में आ गया.
बुआ को चुल्ल हो रही थी तो मैंने एक जोर का झटका दे मारा. मेरे एक ही धक्के में पूरा लंड बुआ की चुत में घुसता चला गया.
चुत में लंड जाते ही बुआ जोर से चिल्ला पड़ीं- आआहह भैंचोद … मर गई साले भोसड़ी के लंड बाहर निकाल मादरचोद!
बुआ की चुत सच में काफी टाइट थी.
वे मेरे लंड को अपनी चुत में बेहद ताकत से दबा रही थीं.
फिर मैंने धीरे धीरे धक्का मारना शुरू किया.
बुआ मादक सिसकारियां लेने लगीं- आहह हम उम्म्म फक आह!
थोड़ी देर बाद मैंने स्पीड बढ़ा दी और उन्हें जोर जोर से चोदने लगा.
अब कमरे में पच पच की आवाज आने लगी थी.
बुआ जोर जोर से सिसकारियां भरने लगीं- आआहह भैंचोद चोद मुझे चोद … आह अपनी बुआ की चुत को फाड़ दे अम्म ह!
कुछ देर बाद ही बुआ झड़ गईं और वे बेड पर निढाल हो गईं.
लेकिन मेरा लंड अभी भी पूरा कड़क था.
बुआ बोलीं- साले अभी तेरा कितना और चलेगा?
मैंने कहा- अभी तो मैं आपको काफी देर तक चोदूंगा!
बुआ यह सुनकर मुस्कुरा दीं और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने बुआ का फेस पकड़ा और उनके मुँह को चोदने लगा.
उनके मुँह से फछ फछ की आवाज आने लगी.
मैं अपना पूरा लंड उनके मुँह में घुसा रहा था और निकाल रहा था.
फिर मैंने जब अपना लंड मुँह से निकाला, तब बुआ ने गहरी सांस ली.
वे हँसती हुई बोलीं- कमीना ऐसे करता है कोई?
मैं भी हंसने लगा.
फिर मैंने बुआ को घोड़ी बनने को कहा.
बुआ झट से घोड़ी बन गईं.
अब मैंने अपना लंड उनकी चुत पर घिसना चालू किया और उन्हें तड़फाने लगा.
फिर बुआ बोलीं- अब और मत तड़पा मेरे कबूतर … अब चोद भी दे मेरी चुत को!
मैंने अपना लंड चुत पर सैट किया और जोर से धक्का दे मारा.
मेरा लंड अन्दर घुसता चला गया.
बुआ आह करके गांड हिलाने लगीं.
मैंने फिर से उनकी चुत की चुदाई करना शुरू कर दी.
वे भी अपनी गांड हिला हिला कर मेरा लंड ले रही थीं.
मुझे बुआ को घोड़ी बना कर चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था.
मैंने अचानक से स्पीड बढ़ा दी और बुआ की गांड पर थप्पड़ मारने लगा.
बुआ जोर जोर से आवाज निकालने लगीं- आअहह भैनचोद … चोद अपनी बुआ की चुत … आह भोसड़ा बना दे मेरी चुत का …. आअहह और मार थप्पड़ मुझे एक रंडी की तरह चोद साले उम्म्म अह.
फिर दस मिनट घोड़ी की तरह चोदने के बाद में बुआ वापिस से झड़ गईं.
फिर मैं बेड पर लेट गया और बुआ को 69 में आने को कहा.
बुआ की बड़ी सी गांड मेरे मुँह पर थी. मैं अपनी बुआ की गांड चाटने लगा और उनका झड़ा हुआ रस पीने लगा.
वे मेरा लंड चूसने लगीं.
मेरे लंड पर उनका झड़ा हुआ रस लगा था, वे उसे चाटने लगीं.
कुछ देर बाद बुआ उठीं और मेरा लंड के ऊपर आ गईं.
बुआ ने लंड को चुत के ऊपर सैट किया और अपनी चुत में लेते ही लंड के ऊपर कूदने लगीं.
उनके बड़े बड़े बूब्स खूब हिल रहे थे.
मैंने एक हाथ से उनके एक दूध को मसलना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से उनकी गांड को दबाने लगा.
फिर बुआ जोर जोर से सिसकारी लेती हुई लंड पर अपनी चुत रगड़ रही थीं.
‘आह उम्म्म ह्म्म्म्म आअहह कैसा लग रहा है वाशु … तेरी बुआ की चुत की गर्मी मजा दे रही है न!’
‘बुआ आह एकदम मस्त … इतना मज़ा तो आज तक मुझे किसी ने नहीं दिया!’
बुआ- साले अब तक किस किस को चोद चुका है?
मैंने हँसते हुए उनके दूध को चूस कर खींचा और छोड़ दिया.
फिर कुछ देर बाद मैंने बुआ को कस पकड़ा और जोर जोर से चोदने लगा.
बुआ- आअहह उम्म्म्म मर गई साले … इतनी देर से चोद रहा है, कब होने वाला है तेरा … कितना चोदेगा अपनी बुआ को … आह साले अब अपना माल भी पिला दे मैं तड़प रही हूँ तेरा माल के लिए!
मैंने कहा- बस बुआ, मैं झड़ने वाला हूँ.
उन्होंने कहा- मुझे तेरा माल मुँह में चाहिए!
मैं उनकी चुत से लंड निकाल कर खड़ा हो गया और बुआ ने लंड चूसना चालू कर दिया. वे जोर जोर से लंड चूस रही थीं.
कुछ देर तक लंड चूसने का बाद मैं बुआ के मुँह में झड़ गया.
बुआ मेरा सारा माल पी गईं और पूरा लंड चाट कर साफ कर दिया.
हम दोनों थोड़ी देर तक एक दूसरे को किस किया और कपड़े पहन लिए.
मैं बेड पर बैठ गया.
मैंने कहा- क्यों बुआ मज़ा आया न!
बुआ बोलीं- मज़ा साले तूने लिया, मुझे तो तूने किसी रंडी की तरह ठोका. इतनी बुरी हालत कर दी चुत की, पर मज़ा खूब आया! इतने दिनों बाद मुझे लंड नसीब हुआ!
मैं बोला- अब टेंशन ना लेना बुआ, अब तो मैं आपको रोज चोदा करूंगा. आपकी चुदाई की प्यास बुझा दूँगा.
बुआ खुश होकर हंसती हुई बोलीं- न अगली बार मुझे यह लंड अपनी गांड में भी चाहिए!
मैंने कहा- हां क्यों नहीं बुआ, जैसा आप चाहो!
फिर मैं अपने घर वापिस आ गया और बुआ भी सो गईं.
तो दोस्तो कैसी लगी आपको मेरी विधवा बुआ की पलंगतोड़ चुदाई की कहानी?
मैं इसका अगला पार्ट भी लिखूँगा कि मैंने कैसे बुआ की गांड मारी.
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