मेरी और सहेली की बुर को भैया ने फाड़ा

घर सेक्स कहानी में मैं सेक्सी माल हूँ. मैं खूब चुदी हूँ. एक दिन मैंने अपने भाई को छेड़ दिया. वह मुझसे ज्यादा उतावला था. वह बिस्तर पर मेरे ऊपर लेट गया और फिर …

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, मेरा नाम प्रीति है.
मेरे भाई का नाम आलोक है और चाचा की लड़की का नाम उज्ज्वला है.
उज्ज्वला मेरी बहन कम सहेली ज्यादा है.

फिलहाल मेरी शादी हो गई है और मेरी एक बेटी भी हो गई है.
बेटी हो जाने के बाद मेरी फिगर का साइज 34-30-36 का हो गया है.

मेर गोरा बदन है, लाल लाल होंठ हैं और मेरी गांड भी जरूरत से ज्यादा सेक्सी है.
आपने देखा होगा सनी लियोनी की गांड को, मेरी गांड बिल्कुल वैसी ही है.

शादी के पहले तक तो मैं एकदम बिंदास लड़की थी और मैंने कई लड़कों से अपनी चूत चुदवाई भी थी.
लेकिन शादी के बाद यह सब बदल गया था.

अभी भी मुझे चोदने को तो बहुत सारे लड़के अपना लंड हिलाते हैं.
मैं खुद भी किसी न किसी से चुदने को मचलती हूँ, लेकिन बदनामी की वजह से मैं डरती थी.

इसलिए शादी के बाद मेरी किसी गैर मर्द से पहली चुदाई भाई के लंड से ही हुई.

मेरे भाई के लंड का साइज काफी बड़ा है और मेरी चचेरी बहन की फिगर 30-28-32 की है. वह उम्र में मुझसे छोटी है और मेरा भाई भी मुझसे छोटा है.

यह घर सेक्स कहानी आज से 3 साल पहले की है, जब मैं 21 साल की थी, मेरा भाई 19 साल का था और मेरी बहन उससे छोटी थी.
उस वक्त मैं अपने भाई से चुदी थी.

दरअसल हुआ यूं कि उस दिन हमारे घर पर कोई नहीं था.
मम्मी और बाकी के सब लोग मेला घूमने गए थे.
उस दिन घर पर हम तीन ही रह गए थे.

मेरा भाई दुवारी पर बैठा था, तो मैंने उसके सर पर हाथ फेरते हुए उसे छेड़ दिया और वह भी मुझे छेड़ने लगा.
उससे बचने के लिए मैं भागती हुई अपने कमरे में बिस्तर पर आकर लेट गई और मैंने एक चादर ओढ़ ली.

तभी मुझे खोजता हुआ मेरा भाई आ गया.
वह भी मजाक मजाक में आकर मेरे ऊपर चढ़ कर लेट गया.

मैं उससे कुछ नहीं बोली, क्योंकि मुझे उसका यूं अपने ऊपर चढ़ जाना बहुत अच्छा लग रहा था.

कुछ पल बाद मैं बोली- भाई तुम और नीचे को हो जाओ!
शायद भाई को भी मेरा भरा हुआ बदन सुख दे रहा था और उसे भी हेनू हेनू होने लगा था, तो वह और थोड़ा सा नीचे को हो गया.

उसके हाथ से मेरी एक चूची दब गई और उसका एक पैर का घुटना मेरी चूत से लड़ गया.
आह क्या बताऊं सखियो … चूत पर एक गैर मर्द का घुटना पड़ते ही मेरे सारे बदन में झनझनी सी दौड़ गई.

उसका कड़ियल शरीर मुझे ऐसे लग रहा था, जैसे मैं जन्नत में हूं.
मुझे चुदाई की चुल्ल होने लगी तो मैं अपनी चूत को उसके घुटने से रगड़वाने लगी.

इससे मेरे भाई को भी शायद मजा आने लगा था तो वह अपना हाथ मेरी चूची पर फेरने लगा.
उसके हाथ से अपनी चूची मिंजवाते ही मेरी आंखें मदहोशी के आलम में बंद हो गईं.

मैं अपने भाई से कुछ बोल ही नहीं पा रही थी … जबकि कमरे का दरवाजा भी खुला था, तब भी हम दोनों को कोई होश नहीं था कि हम दोनों भाई बहन होकर यह सब क्या कर रहे हैं.

कुछ पल बाद मेरा भाई थोड़ा सा और नीचे सरक गया.
अब उसका बड़ा लंड मेरी चूत पर रगड़ गया.

उसका लंड मेरी पैंटी के ऊपर से ही रगड़ा था लेकिन मन मयूर सा हो नाच उठा था और अन्दर से दिल में ‘आह … आह …’ की आवाज आने लगी थी.
मेरी पैंटी भी एक आधुनिक किस्म की पैंटी थी, जिसमें चूत को सिर्फ एक पट्टी से ढका गया होता है.

सच में जब मेरा भाई मेरी चूत को अपने लौड़े से रगड़ रहा था तो मुझे बेहद सनसनी हो रही थी.

वह याद मुझे अभी भी आने लगी है जब मैं आपको यह कहानी सुना रही हूँ.

आप यूं समझें कि उस पल की याद आई तो मेरी चूत अभी भी स्टोरी लिखते समय गीली हो गई है.

उस समय मेरे भाई के लंड का सुपारा सीधा मेरी चूत के छेद पर ही जा रहा था.
पैंटी ने भी खुद ब खुद सरक कर लंड को अन्दर लेने के लिए अपना मुँह खोल दिया था.

मैं कुछ बोल नहीं पा रही थी.

भाई कभी ऊपर उठकर फिर से मेरे ऊपर लेट जाता था और वह जितनी जोर से गिर गिर कर लंड से ठोकर दे रहा था, उतनी ही जोर से मेरी चूत के छेद में लंड घुस रहा था.

मैंने भी अब अपनी टांगें फैला दी थीं और उसके लंड की चूत को अपनी चूत पर झेलने लगी थी.
टांगें फैल जाने से चूत का मुँह पूरा खुल गया था.
पैंटी का अवरोध भी लगभग समाप्त हो गया था.

उसने भी शायद अपने लौड़े को बाहर निकाल लिया था जिस वजह से लंड चूत का स्पर्श हम दोनों को ही होने लगा था.

इसके बाद तो मेरे भाई ने चूत पर निशाना साधा और सटीक अंदाज से इतनी जोर से मेरी चूत पर अपने लंड को गिराया कि मेरी चूत में उसका लंड घुसता चला गया.

उसी पल मेरे मुँह से चीख निकल गई- आह … आह … आह … भाई मेरी जान लोगे क्या?
मेरे भाई आलोक को भी शायद थोड़ा महसूस हुआ होगा, तो उसने अपनी आंखें बंद कर लीं और अपने कड़क लंड को मेरी चूत में घुसा दिया.

मेरी पैंटी चूत से अलग हो गई थी तो उसका पूरा लंड अन्दर घुसता चला गया और मेरी चूत से खून गिरने लगा.
मुझे बेहद दर्द हो रहा था.
उस वक्त मुझे ऐसा लग रहा था मानो मेरे भाई ने कोई गर्म रॉड मेरी चूत में पेल दी हो … बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था.

मेरी चीख निकली तो उसी वक्त मेरे भाई आलोक ने झट से अपने हाथ से मेरा मुँह बंद कर दिया और वह लंड चूत में पेले हुए ही रुक गया.
फिर जब आलोक मेरे ऊपर से उठा तो उसका लंड चूत से बाहर आ गया था और एकदम तना हुआ था.

उसके मूसल से लौड़े को देख कर मैं घबरा गई.
मैं दहशत से बोली- आलोक तेरा लंड कितना बड़ा है! इसी लिए तो मेरी चूत से खून गिर गया है … नहीं तो मैं अब तक कितने ही लंड ले चुकी हूं, पर मेरा कभी भी खून नहीं गिरा!

यह सुन कर आलोक चौंक गया और वह अब मुझे चोदने के लिए अपने तेवर दिखाने लगा.
उसने बेड से नीचे उतर कर अपना लंड सही से सहलाया और उसे कपड़े से पौंछ कर मेरे मुँह के करीब ले आया.

मैं भी उसके लंड को देख कर मदहोश हुई जा रही थी और अपनी चूत में इतना हैवी लंड घुसवाने की सोचने लगी थी.
वह मेरे गालों को दबा कर मुँह में लंड घुसाने की कोशिश करने लगा.

पर मैं उसके लंड को अपने मुँह में नहीं ले रही थी तो उसने मेरे एक दूध को अपनी पूरी ताकत से मसल दिया.
इससे मेरा मुँह दर्द से खुल गया और उसी वक्त वह मेरे मुँह में लंड पेल कर चुसवाने लगा.

मेरा भाई मुझे गाली देने लगा- साली रण्डी भोसड़ी वाली … चूस लौड़े को आह चूस आज मेरे लंड को … आह मुझे पता ही नहीं था कि मेरी घर में तेरे जैसी मस्त रण्डी बहनें भी हैं … चूस साली बहन की लौड़ी आज तू भी चूस ले मेरे लंड को! आह इस घर में तो पांच पांच रंडियां हैं.

मैं अपने भाई का लंड चूसने लगी.
कुछ देर बाद आलोक ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाला और पूछने लगा कि दीदी तुम किस किस से चुदी हो बताओ ना प्लीज़!

मैंने उसके लंड का चूमा लेकर उसे बाहर निकाला और बोली- मैं तेरे दोस्त रोहन और तेरी गर्लफ्रेंड के भाई से चुद चुकी हूं. पर आलोक, तू ऐसा क्यों बोल रहा था कि घर में पांच पांच रंडियां हैं! बता न वे पांच रंडियां कौन कौन हैं?
भाई बोला- अब एक तुम हो, एक बड़ी दीदी काजल और मँझली दीदी सौम्या और तुमसे जो बड़ी है पायल दीदी, वह भी रंडी है और इन सबको मैं चोद चुका हूं. बस तू ही एक बची थी जो मुझसे नहीं चुदी थी … लेकिन लगता है आज सपना पूरा हो जाएगा.

मैं आलोक की बात सुन कर हंसने लगी और बोली- ठीक है, आज तेरा सपना भी पूरा होगा और तुझे डबल मजा भी मिलेगा … लेकिन रात में मिलेगा. तुम्हारा बर्थडे है तो तुमको क्या चाहिए … अपना गिफ्ट बोलो?
आलोक सोचने लगा तो मैं उसका लंड अपने हाथ में लेकर सहलाती हुई बोली- क्या सोच रहे हो, गिफ्ट में क्या चाहिए बताओ?

भाई ने कहा- मैं जो मांगूंगा, वह दोगी ना!
मैं बोली- क्या चाहिए, मुझे तो तुम रात को चोदोगे ही … कुछ और बोलो?

तो आलोक ने कहा- नहीं मुझे तुम्हारी सहेली बहुत पसंद है, प्लीज़ उसको तुम एक रात मुझसे चुदवा दो ना … प्लीज़ दीदी मना मत करना.
मैंने कहा- सहेली भी है और वह बहन भी है, उसी की कह रहा है न?
उसने कहा- हां साली बड़ी मस्त छकटिया है. उसकी बुर बिना चुदी है … साली की सील तोड़ने का मन है!

मैं बोली- ठीक है, आज उसकी बुर का भी भोसड़ा बना देना! पर यह तो बता कि तूने सिर्फ चार के नाम लिए हैं, पाँचवी रंडी कौन है?
वह हंस दिया.
तो मैं समझ गई कि इसने अपनी मां भी चोद ली है.
शायद इसलिए वह बताने से हिचक रहा था.

मैं भी चुप रही और उसके साथ चुदाई का मजा लेने लगी.
उसके लंड से चुद कर मुझे बड़ा मजा आया.

फिर रात को केक कटा और पार्टी हुई.
उस पार्टी में हम तीनों ही थे.

मेरा भाई शराब की बोतल लाया था तो हम तीनों ने पी थी.
भाई ने कुछ ज्यादा पी ली थी तो आलोक ने वहीं पर मेरी सहेली को बिस्तर पर पटक दिया और चोदने लगा.
उसकी चूत फट गई थी और वह चीख रही थी.
मगर मेरे भाई ने उसे नहीं छोड़ा और दबा कर चोदता रहा.

कुछ ही देर बाद मेरी बहन व सहेली आहें भरने लगी- आह … आह … भ..भाई … और चोदो और चोदो प्लीज … मजा आ रहा है!
मुझे उज्ज्वला की कामुक आवाज सुनाई दी तो मैंने देखा बिस्तर पर उज्ज्वला और आलोक दोनों मस्ती में चुदाई कर रहे हैं.

मैं सीन देख कर कामुक हो गई और मेरी चूत भी पानी पानी हो गई.
मैं भी बेड पर आ गई और भाई से बोली कि भाई मेरी चूत भी चोदो प्लीज!

तभी भाई ने सहेली की चूत से लंड निकाला और आकर मेरे होंठ चूसने लगा.
मेरी सहेली आलोक का लंड चूसने लगी.

क्या नजारा था थ्री सम चुदाई का … आह … आह … यह पहली बार हो रहा था.

फिर भाई ने दस मिनट तक लंड चुसाई का मजा लिया और सीधे नीचे आ गया.
उसने मेरी चूत में अपना मुँह डाल दिया और अपनी जीभ से मेरी चूत चोदने लगा.

आह … आह क्या मजा आ रहा था.
पहली बार ऐसा मजा मिला था.

फिर न जाने कब आलोक ने अपना बड़ा लंड मेरी चूत में एक झटके में अन्दर डाल दिया और जोर जोर का झटके मारने लगा.

क्या बताऊं दोस्तो, आपको अपनी चुदाई की कहानी लिख रही हूँ न तो मेरी चूत अभी भी एकदम से गर्म हो गई है.
काश मेरा भाई अभी मेरे पास होता तो मैं उसके लंड पर झूला झूल रही होती.
पर मजबूर हूँ आह … आह … अभी उंगली से ही अपनी चूत चोद रही हूं.

हां तो उधर उज्ज्वला ने अपनी चूत मेरी मुँह पर रख दी और मैं उसकी चूत चाटने लगी.
आलोक मेरी चूत चोद रहा था और अपने दोनों हाथों से उज्ज्वला की चूचियां दबा रहा था.
उज्ज्वला मेरी चूचियां दबा रही थी.

हम तीनों आपस में सेक्स कर रहे थे.

भाई मेरी चूत में दनादन दनादन लंड पेल कर चोद रहा था और मैं बस अपनी मुट्ठियां भींच कर भाई के दस इंच के लंड से चूत चुदवाने का मजा ले रही थी.

फिर भाई ने कहा- दीदी, मेरा लंड अब पानी छोड़ने वाला है, आपको चूत में ही भर दूँ क्या या आपकी सहेली को पिला दूँ?
मैं बोली- नहीं, मेरी चूत को ही रस पिला दे!

उसने अगले कुछ ही पलों में अपने लंड से निकला गर्म गर्म पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया.
मेरी चूत में इतनी तेज आग जल रही थी कि उसके वीर्य से वह बुझ गई थी.

भाई ने अपना लंड मेरी चूत से निकाला और एक साइड में लेट गया.
फिर मेरी सहेली ने अपनी चूत का पानी मेरे मुँह में भर दिया और मैं उसकी चूत को चाट चाट कर पूरा रस पी गई.

फिर सहेली मेरी चूत को चाटने लगी और मेरी चूत का पानी वह पी गई.
उसके बाद हम तीनों ने एक एक बार चूत चुदाई का मजा और लिया और साथ में नंगे नहाने लगे.

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