इरोटिक हॉट सिस्टर न्यूड देखी मैंने जब वह नहा रही थी. उससे पहले मैं अपनी बहन को सोते हुए उसका टॉप हटा कर देखता था. एक दिन दीदी ने खुद पूरी नंगी होकर अपना बदन दिखाया.
यह सेक्स कहानी मेरी और मेरी दीदी की है.
पहले मैं आपको अपनी दीदी के बारे में बताता हूँ.
वह 22 साल की है और बहुत खूबसूरत है.
उसका फिगर 32-28-34 का है और वह बहुत कांटा माल है.
पहले मैं अपनी बहन को वासना की नज़र से नहीं देखता था लेकिन एक दिन ऐसा हुआ कि उसके लिए मेरा नज़रिया बदल गया.
यह इरोटिक हॉट सिस्टर न्यूड देखने बात कुछ दिन पहले की है.
मम्मी पापा उस दिन 3 दिन के लिए बाहर गए थे तो घर पर सिर्फ़ मैं और दीदी ही रह गए थे.
उस दिन दीदी अपना काम करके नहाने जाने लगी और मैं टीवी देख रहा था.
वह मुझे बोलती हुई गयी कि दूध वाला आएगा तो तू उससे दूध ले लेना.
मैंने कहा- ठीक है.
वह नहाने चली गयी और मैं टीवी देखने लगा.
तभी कुछ देर बाद डोर बेल बजी.
दीदी ने बाथरूम से आवाज देते हुए बोला- दूधवाला आया होगा, ले लो.
मैं हां बोल कर गेट खोलने चला गया.
सामने दूध वाला ही था तो उसके हाथ से दूध का डिब्बा ले लिया और किचन में खाली करके उसे वापस दे दिया.
अब मैं वापस सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा.
कुछ देर बाद दीदी नहा कर बाहर आ गई और आते ही किचन में घुस गयी.
उधर उसने दूध के बर्तन को गैस पर चढ़ाया और अपने रूम में चली गयी.
फिर हम दोनों ने दोपहर का खाना साथ में खाया और सब कुछ साफ करके दीदी हॉल वाले बेड पर लेट गयी.
उसने मुझसे कहा- मैं सो रही हूँ, मुझे 5 बजे उठा देना.
मैंने ओके बोला.
कुछ देर बाद मैं टीवी देख कर बोर हो गया और वैसे भी मुझे दिन में नींद नहीं आती तो दीदी के बगल में लेट कर फोन चलाने लगा.
अचानक दीदी करवट लेती हुई सीधी होकर सोने लगी और उसका टॉप जो लाल रंग का था, वह साइड से थोड़ा ऊपर हो गया.
उस वजह से मुझे दीदी की गोरी कमर दिखने लगी.
मैंने सोचा कि मैं इसे ठीक कर देता हूँ.
मैं ठीक करने के लिए दीदी के पास को गया तो जो दिखा, उसको देख कर मेरा लंड टाइट हो गया.
मैंने देखा कि दीदी की कमर पर साइड में एक काला तिल है जो उसकी कमर पर बहुत प्यारा लग रहा था.
मैं उसकी कमर का वह सेक्सी तिल देख के दीवाना सा हो गया और मेरा मन किया कि अभी एक किस कर लूँ अपनी बहन की पतली कमर पर.
फिर मैंने दीदी को थोड़ा हिला कर देखा.
तो उसका कोई जवाब नहीं आया.
मैं समझ गया कि दीदी गहरी नींद में है.
फिर मैंने धीरे से अपने एक हाथ को उसकी कमर पर रख दिया और सहलाने लगा.
सच में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.
मेरा दीदी को छूने से उसकी तरफ से कोई रेस्पॉन्स नहीं आने से मेरी हिम्मत और बढ़ गई थी.
अब मैंने दीदी के उस काले तिल पर एक किस कर दिया.
मैं उसके तिल के ऊपर अपनी जीभ चला रहा था.
मुझे ऐसा करते हुए बहुत अच्छा लग रहा था.
फिर मैंने सोचा कि क्यों ना अब दीदी के मम्मों के दीदार किए जाएं.
मैं भी तो देखूँ कि मेरी बड़ी बहन के दूध कैसे हैं.
मैंने उसके टॉप को कुछ और ऊपर कर दिया. उससे मुझे दीदी की काली ब्रा दिखने लगी.
मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को हल्का हल्का सा दबाने लगा.
वाउ … क्या चूचे थे … बिल्कुल मुलायम दूध थे मेरी बहन के!
थोड़ी देर ऐसे ही दूध दबाने के बाद दीदी थोड़ी हिली, तो मेरी हालत खराब हो गयी.
मैंने सोचा कि अब और कुछ करना ठीक नहीं होगा.
मैं उसका टॉप ठीक करके शांत होकर लेट गया.
फिर शाम के 5 बज गए तो मैंने दीदी को उठा दिया.
वह उठ कर बाथरूम की तरफ चली गयी.
मैं दीदी की गांड देख रहा था और मेरा मन अब मेरी बड़ी बहन को नंगी देखने का करने लगा था.
फिर हम दोनों ने रात का खाना साथ ही खाया और सोने की तैयारी करने लगे.
दीदी ने कहा- आज मम्मी पापा नहीं हैं इसलिए तू मेरे पास ही सो जा!
मैंने कहा- ओके.
मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे.
मैंने सोचा कि आज रात में भी अपनी बहन के मज़े लूँगा.
कुछ ही देर में हम दोनों दीदी के रूम में जाकर सो गए.
फिर रात के 1:40 पर मेरी नींद खुली और मैंने बगल में सोई दीदी को देखा.
तो वह गहरी नींद में लग रही थी.
मैंने फिर से दीदी का टॉप ऊपर किया और तिल देखने लगा.
उसका टॉप कुछ और ऊपर किया तो वह नज़ारा देख कर मैं पागल हो गया.
दीदी के बड़े बड़े चूचे मेरे सामने थे और चूचुक भूरे रंग के थे.
उसने टॉप के अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.
शायद मेरी बहन रात में ब्रा पहन कर नहीं सोती थी.
फिर मैंने बहन की चूचियों को मसला और उन्हें देख कर मुठ भी मारी.
कुछ देर बाद लंड ढीला हो गया तो मैंने दीदी के कपड़े ठीक किए और सो गया.
सुबह उठा तो देखा दीदी जाग चुकी थी और किचन में थी.
मैं उठ कर गया और दीदी को गुडमॉर्निंग बोलते हुए पूछा- क्या बना रही हो दीदी?
उसने बोला- आलू के पराँठे … तुम जाओ और जल्दी से फ्रेश होकर आ जाओ … फिर साथ बैठ कर खाते हैं.
मैंने ‘ठीक है’ बोला और बाथरूम में घुस गया.
बाथरूम में नहाते वक़्त मैं ये सोच रहा था कि अब दीदी को पूरी नंगी कैसे देखूँ?
फिर मेरे दिमाग में एक खतरनाक आइडिया आया.
मैंने बाथरूम के दरवाजे में एक छोटा सा छेद कर दिया जिसमें से मैं दीदी को नंगी नहाते हुए देख सकता था.
फिर मैं फ्रेश होकर बाहर आ गया.
अब हम दोनों ने साथ में नाश्ता किया और उसके बाद दीदी घर के कामों में लग गयी.
मैं इंतज़ार कर रहा था कि कब दीदी नहाने जाए और कब मैं अपनी प्यारी दीदी को नंगी देखूँ!
कुछ देर बाद दीदी नहाने जाने लगी और उसने मुझसे कहा- मैं नहाने जा रही हूँ, दूध वाला आएगा तो ध्यान रखना.
मैंने कहा- ठीक है.
दीदी के बाथरूम में जाते ही मैं बाथरूम के दरवाजे के पास आ गया और छेद से अन्दर का नज़ारा देखने लगा.
मैंने देखा कि दीदी ने अपना टॉप और पजामा उतार दिया था और वह अब सिर्फ़ काले रंग की पैंटी में थी.
मेरा लंड फिर से टाइट हो गया.
दीदी बैठ कर अपने कपड़े धोने लगी और उस वक्त उसके बूब्स मचल उछल रहे थे.
कपड़े धोते हुए क्या नज़ारा दिख रहा था … आह दोस्तो मैं अपनी हालत आपको बता नहीं सकता.
मेरी दीदी की कमर पर बना काला तिल भी बहुत सेक्सी लग रहा था.
फिर वह उठी और नहाने लगी.
मैं यह सब देख कर बहुत गर्म हो गया था और दरवाजे पर ही अपने कड़क लंड को सहलाते हुए मुठ मारने लगा था.
तभी मैंने बाथरूम में देखा तो दीदी ने अपनी चड्डी भी उतार दी थी.
अब मेरी बहन मेरे सामने पूरी नंगी खड़ी हुई थी … क्या मस्त माल लग रही थी.
मेरा मन तो कर रहा था कि अभी अन्दर जाकर उसकी गांड को जोर से दबा दूँ!
फिर दीदी दरवाजे की तरफ मुँह करके नहाने लगी जिससे मुझे उसकी चिकनी चुत के भी दीदार हो गए.
आह क्या चूत थी मेरी बहन की … एकदम संगमरमर की तरह सफेद!
और उस पर हल्के हल्के रेशमी बाल ऐसे लग रहे थे, मानो किसी मुगलिया बेगम के गेसू.
फिर वह साबुन लगा कर अच्छे से नहा रही थी.
कभी वह अपनी चुत पर साबुन लगाने लगती तो कभी मम्मों पर.
उसका पूरा जिस्म पानी से चमक रहा था और उसकी पतली कमर पर काला तिल बहुत सेक्सी लग रहा था.
फिर कुछ देर बाद दीदी का नहाना समाप्त हो गया और अब वह तौलिया से अपना नंगा बदन पौंछने लगी.
मैंने उसे देखना बंद कर दिया और सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा.
लेकिन मेरे दिमाग में दीदी का नंगा जिस्म ही आ रहा था.
अब तो मैं रोज ही अपनी दीदी के नहाने जाने का इंतज़ार करता और उनको नंगी नहाते देखता.
मुझे यह सब देखने में बड़ा मज़ा आने लगा था.
एक दिन रोज की तरह मैं छेद से बाथरूम में देख रहा था कि तभी दीदी की नज़र दरवाजे पर जा पड़ी और वह ध्यान से छेद में देखने लगी.
उसकी नजर दरवाजे की तरफ दिखी तो मैंने सोचा कि उन्होंने कहीं मुझे देख तो नहीं लिया.
वह दरवाजे के छेद को देख कर कहीं समझ न जाए कि मैंने ही वह कारस्तानी की थी.
मैं जल्दी से जाकर बेड पर बैठ गया.
कुछ देर बाद दीदी आई और फिर से हम दोनों ने साथ में दोपहर का खाना खाया.
उसके बाद हम दोनों ही आराम करने लगे थे.
तभी दीदी ने कहा- एक बात पूछूँ?
मैंने कहा- हां!
तो दीदी ने कहा- आज बाथरूम के दरवाजे पर तू था ना!
यह सुनकर मेरी तो हालत खराब हो गई और मैं हकलाते हुए बोला- क..क्या… कौन मैं नहीं … आप क्या बोल रही हो?
तभी दीदी ने कड़क आवाज में बोला- सच बता, तू था या नहीं?
मैंने धीमे से हां बोल दिया.
मेरे हां बोलते ही दीदी ने मुझे थप्पड़ लगा दिया और बोली- तुझे शर्म नहीं आती ऐसा करते हुए … सग़ी बहन हूँ मैं तेरी!
मैं रोते हुए बोला- माफ़ कर दो दीदी, अब नहीं होगा … प्लीज़ आप मम्मी को मत बताना.
मैंने बहुत माफी मांगी.
फिर दीदी ने कहा- ऐसा क्यों किया तूने?
तो मैंने बता दिया कि आप मुझे अच्छी लगती हो … और जब से मैंने आपकी कमर का तिल देखा है, मैं उसका दीवाना हो गया हूँ. मुझे वह तिल बहुत अच्छा लगता है.
दीदी कुछ देर कुछ नहीं बोली. फिर उसने कहा- और क्या देखा?
मैंने कहा- आपके बूब्स और पूरा शरीर!
दीदी ने कहा- इतनी अच्छी लगी मैं?
मैंने कहा- हां दीदी, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
मैंने वापस से उससे माफी मांगी और कहा कि यह बात आप मम्मी को मत बताना.
वह बोली- नहीं बताऊंगी.
मैंने दीदी को थैंक्यू बोला और दीदी ने मुझे एक मुस्कान दी.
अब हम दोनों थोड़े सामान्य हो गए.
मैंने दीदी से कहा- दीदी, आप बुरा ना मानो तो एक बात बोलूँ?
उसने कहा- हां बोल!
मैंने कहा- मुझे आपको नंगी देखना है.
दीदी हँसती हुई बोली- अभी तो देखा था तूने नहाते टाइम!
मैंने कहा- हां, लेकिन मुझे फिर से देखना है प्लीज़!
दीदी ने कहा- ठीक है मगर तू ये बात किसी को नहीं बताएगा कि तूने मुझे ऐसे देखा है?
मैंने कहा- नहीं बताऊंगा.
फिर दीदी ने अपनी टी-शर्ट उतार दी और मेरा लंड मेरे लोवर के अन्दर ही खड़ा हो गया.
दीदी मेरे लौड़े को लोअर के ऊपर से ही देख रही थी.
फिर मैंने दीदी की कमर का तिल देखा और उससे पूछा- क्या मैं इसे छू सकता हूँ?
तो वह बोली- हां.
मैंने दीदी की कमर सहलाते हुए दीदी से बोला कि ये बहुत प्यारा लग रहा है मुझे!
दीदी हंस कर बोली- पागल!
मैंने दीदी से कहा- आप रुक क्यों गईं … और सब भी उतारो ना!
तो दीदी ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और पूरी नंगी होकर मुझे अपना बदन दिखाया.
वह पूछने लगी- कैसी लग रही हूँ?
मैंने कहा- बहुत सेक्सी लग रही हो दीदी.
वह बोली- अब मैं कपड़े पहन सकती हूँ?
मैंने आंखों से नहीं का इशारा किया.
वह हंसने लगी और इरोटिक हॉट सिस्टर न्यूड ही बिस्तर पर लेट गई.
कुछ देर बाद वह अपने कपड़े लेकर बाथरूम में यह कहती हुई चली गई कि अब छेद में से मत झांकना.
मैंने कहा- ओके दीदी.
अब हम दोनों जब भी अकेले होते हैं, तब दीदी मेरे सामने नंगी हो जाती है. वह अब मुझे भी नंगा कर देती है.
मेरे लंड को सहलाती है. मैं भी उसके बूब्स दबाता हूँ और चूत सहलाता हूँ.
अब तक चूत चुदाई की बात नहीं जमी है.
लेकिन मुझे उम्मीद है कि मम्मी पापा की अगली यात्रा पर हम दोनों की घमासान चुदाई होकर रहेगी.
तो दोस्तो, यह थी मेरी छोटी सी सेक्स कहानी, जिसमें मैंने अपनी दीदी के तिल का दीवाना होने कि बात लिखी.
आपके कमेंट्स अच्छे आए तो मैं दीदी को अपने साथ बिठा कर आप सभी के कमेंट्स पढ़वाऊंगा.
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