देसी मामी चुदाई स्टोरी में मैं मामा के बेटे की शादी में गया तो छोटी मामी के घर सोया. बीच रात मामी अपनी सहेली से सेक्स की बात करके गर्म हो रही थी. मामी ने मेरा लंड कैसे लिया?
दोस्तो, मैं सुनील.
कैसे हो आप सभी … आशा करता हूँ कि आप सब अच्छे ही होंगे.
मैं यहां बहुत टाइम से सेक्सी कहानी पढ़ रहा हूँ.
तो आज मैंने सोचा कि क्यों ना मैं भी अपनी आपबीती आप सभी को लिख कर सुनाऊं.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है.
देसी मामी चुदाई स्टोरी लिखने में अगर मुझसे लिखने में कुछ ग़लती हो जाए तो प्लीज़ उसे नज़रअंदाज़ कर सेक्स कहानी का आनन्द लें.
यह बात आज से 3 साल पहले की उस समय की है, जब मैंने 12वीं पास की थी.
उस वक्त मैं 18 साल का हो गया था और मेरी छोटी मामी, जिनकी चूत चुदाई की बात मैं इस कहानी में बता रहा हूँ, उनकी उम्र तब 27 साल थी.
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ.
तब मैं एक सीधा सा लड़का था और मेरे लंड का साइज़ भी कुछ खास नहीं हुआ था, पर किसी भी छेद को खुश करने के लिए यह पर्याप्त आकार ले चुका था.
उस वक्त मुझे नहीं पता था कि मेरी मामी बहुत ही चुदक्कड़ थीं, वे हर टाइम चुदाई के बारे में ही सोचती थीं.
यह बात मुझे बाद में पता चली थी.
मैं थोड़ा सा अपनी मामी के बारे में भी बता देता हूँ.
उनकी फिगर साइज़ 36-32-38 की है और जब वे तैयार होकर चलती हैं, तो अच्छे अच्छों का लंड खड़ा हो जाता है.
उन पर बहुत सारे शोहदे किस्म के मर्द उनकी चूचियों और उभरी हुई गांड को देख देख कर कमेंट भी करते हैं, पर इन सब बातों से मामी नाराज नहीं होती हैं, उनको खुशी ही होती है.
मेरे बड़े मामा जी के लड़के की शादी थी तो हमारे परिवार के सभी लोग गए थे.
रात को बारात से वापस आने के बाद मैंने देखा कि बड़ी मामी के घर में सोने के लिए जगह नहीं है, तो मैं इन वाली चुदक्कड़ मामी के यहां सोने चला गया.
काफी रात हो गई थी.
जब मैं उनके घर गया और दरवाजा खटखटाया तो मामी ने ही दरवाजा खोला.
मुझको देखकर मामी बोलीं- आ गए बारात से, बड़ी देर कर दी.
मैंने कहा- हां मामी, उधर कुछ ज्यादा देर हो गई.
फिर मैंने उन्हें बताया- वहां सोने के लिए जगह नहीं थी तो मैंने सोचा कि आपके यहां सो जाऊंगा.
वे हंसने लगीं और बोलीं- लेकिन इधर भी सब फुल है.
मैं चुप हो गया.
तो उन्होंने कहा- देख लो इधर ही कहीं अड्जस्ट करके सो जाओ!
मुझको जगह नहीं मिली तो उन्होंने खुद ही कहा- अगर तुमको कोई दिक्कत नहीं हो, तो मेरे बेड पर मेरे साथ ही अड्जस्ट करके लेट जाओ!
तो मैं मामी के पास लेट गया.
वे ठंडी के दिन थे, हम दोनों एक ही रज़ाई में लेट गए.
मैं मामी की तरफ पीठ करके लेट गया था.
मामी के जिस्म की गरमाई से कुछ ही देर में मुझको नींद आने लगी थी.
अभी मैं कच्ची नींद में था; मैंने सुना कि मामी किसी से फोन पर बातें कर रही थीं.
शायद उन्हें लगा था कि मैं सो गया हूँ तो वे फोन पर कुछ गंदी बात कर रही थीं.
यह उनकी कोई सहेली थी.
मामी कह रही थीं- यार क्या बताऊं, चार महीने से नया माल नहीं मिला. पुराने से काम चलाना पड़ रहा है. वह भी कभी कभी ही मिलता है!
उधर से क्या बात हो रही थी, वह मुझे सुनाई नहीं दे रहा था.
मुझको सिर्फ मामी की आवाज़ आ रही थी.
ये सब सुन कर तो साली नींद भी गुम हो गई.
वे कह रही थीं- अब तो कोई जवान लंड चाहिए!
फिर मैंने सोने का नाटक करते हुए ही करवट ली और उनकी तरफ मुँह करके लेट गया.
थोड़ी देर में मैंने अपना एक हाथ उनके बूब्स पर रख दिया.
वे तो पहले से ही गर्म थीं, उन्हें लगा कि मैं नींद में हूँ तो उन्होंने फोन पर बात करते हुए ही मेरे हाथ से बूब्स को मसलवाना चालू कर दिया.
कुछ देर बाद मामी ने फोन कट करके रख दिया और उन्होंने अपना हाथ नीचे लाकर देखा तो मेरा लंड पहले से ही खड़ा हुआ था.
अब उन्होंने मेरी पैंट के बाहर से अपने हाथ में लंड को पकड़ लिया और उसे ऊपर नीचे करने लगीं.
मैं एकदम से जागता हुआ बोला- क्या कर रही हो मामी जी!
तो उन्होंने तुरंत मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगीं.
देसी मामी चुदाई के लिए तैयार थी.
हम दोनों कुछ मिनट तक किस करते रहे.
मैं अपने हाथ को उनके बूब्स से हटा कर नीचे चूत पर ले आया.
वहां टटोल कर देखा तो पहले से गीला हुआ पड़ा था.
उन्होंने मेरे होंठों से हटा कर कहा- जो मैं कर रही हूँ, तुम उसमें मेरा साथ दो वरना मैं तेरे मामा से बोल दूँगी कि तुम मेरे साथ ज़बरदस्ती कर रहे थे!
मैं भी उनका साथ देने लगा क्योंकि मैं तो सीधा सा लड़का था तो मुझे इन सब का ज्ञान नहीं था.
उन्होंने नीचे होकर मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
मुझे ऐसा लगा मानो मेरे लंड के अन्दर से कुछ निकलने वाला है.
मैंने उनको रुकने के लिए बोला, पर वे नहीं रुकीं और उन्होंने मेरे लंड का सारा रस पी लिया.
उसके बाद दोबारा मुँह से लंड चूसती हुई वे मेरे लौड़े को कड़क करने लगीं और जल्द ही उन्होंने लंड को दोबारा खड़ा कर लिया.
उसके बाद मामी जी खुद मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पर सैट करके उसे ऊपर नीचे रगड़ने लगीं.
उनकी चूत रस छोड़ रही थी तो लंड अन्दर घुसने लगा और वे भी धीरे धीरे लौड़े पर बैठने लगीं.
फिर अचानक से एक ही झटके में लंड को चूत के अन्दर कर लिया.
मुझको बहुत ज्यादा दर्द हुआ, मुझे ऐसा लगा मानो किसी ने लंड को काट लिया हो.
उसके बाद 10 मिनट तक मामी मेरे लंड की मां चोदती रहीं.
फिर वे मुझसे बोलीं- अब तू मेरे ऊपर आ जा, मेरे पैरों में दर्द होने लगा है.
अब मामी नीचे आ गईं और मैंने उनके बताए अनुसार उनके दोनों पैर पकड़ कर ऊपर कर लिए.
उसके बाद एकदम से लंड चूत के अन्दर कर दिया.
इस बार मेरे लंड एक ही झटके में सीधा अन्दर हो गया.
वे एकदम से आह करती हुई बोलीं- आराम से कर … आह … वरना आवाज़ होगी, तो सबको पता चल जाएगा!
ऐसे ही धीरे चुदाई करते हुए 5 मिनट बाद मैं उनके अन्दर ही चूत में ही फ्री हो गया.
वे चुदने के बाद बहुत खुश लग रही थीं.
उन्होंने मुझसे कहा- सुबह वापस मत जाना, कल यहीं रुक जा, तेरे मामा ड्यूटी जाएंगे, तो तेरे से मुझको पूरे दिन चुदाई करने को मिलेगा.
यह कह कर मामी ने मुझे अपने ऊपर ही लिटा कर सुला लिया.
सुबह जब मेरी आँख खुली तो दस बज रहे थे और सब लोग वहां से जा चुके थे.
घर में नई बहू आई थी तो सब उसको देखने चले गए थे.
मैं उठा और देखा तो मामी जी नहा रही थीं. घर पर कोई नहीं था.
मैंने बाथरूम पर नॉक किया तो उन्होंने कहा- अभी रूको, मैं नहा रही हूँ, थोड़ी देर में आना.
तब मैंने कहा- मुझे आपके साथ नहाना है.
उन्होंने कहा- मेन गेट बंद करके आओ, फिर साथ में नहाते हैं.
मैं जल्दी से गया और मेन गेट बंद करके आ गया.
मैंने पहले ही कपड़े उतार लिए थे और बिना कपड़ों के अन्दर चला गया.
उन्होंने देखा कि मेरा लंड खड़ा हुआ है तो तुरंत हाथ से पकड़ कर बोलीं- इतनी जल्दी खड़ा हो गया?
मैंने कहा- हां मामी, अब आप जल्दी से नीचे लेट जाओ.
मैंने मामी को वहीं चित लिटाया और चोदना चालू कर दिया.
हम दोनों अपनी मस्ती में थे और मामी झड़ने वाली हो गई थीं कि उसी वक्त दरवाजे पर किसी की आवाज़ आई.
ये मेरी मम्मी जी की आवाज थी, वे मुझे बुलाने के लिए आई थीं.
मैं डर गया, पर मामी जी तब तक नहीं छोड़ा, जब तक वे बिल्कुल फ्री नहीं हो गईं.
उसके बाद तौलिया बाँध कर बाहर गईं और उन्होंने दरवाजा खोला, तो मम्मी बोलीं- अच्छा नहा रही थी, इसलिए टाइम लगा … सुनील कहां है?
मामी जी बोलीं कि वह सो रहा है.
इतनी देर में मैं जाकर सोने का नाटक करने लगा था.
मम्मी अन्दर आईं और मुझको उठाने लगीं.
वे बोलीं- चलना नहीं है क्या?
मैंने कहा- आप जाओ मम्मी, मैं कल आ जाऊंगा … अभी सोने दो.
वे चली गईं.
उसके बाद पूरे दिन मैं और मामी दोनों नंगे ही रहे और दिन में 4 बार देसी मामी चुदाई की.
अब तो जब भी मेरा मन होता है, मैं उनके पास पहुंच जाता हूँ.
अभी मैंने उनके घर के पास में ही एक लड़की को भी सैट कर लिया है.
अब उस लड़की की चुदाई करने को भी मिलने लगी है.
अगली बार मैं आपको उसके साथ चुदाई की कहानी को लिखूँगा.
आप जरूर बताएं कि आपको मेरी देसी मामी चुदाई स्टोरी कैसी लगी.
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