देहरादून में चचेरी बहन की चुदाई

कजिन सिस Xxx कहानी में मैं अपनी चचेरी बहन को पसंद करता था. एक बार परीक्षा के कारण हम दोनों देहरादून गए और होटल में रुके. रात को सोते समय मैंने उसके जिस्म पर हाथ फिरा दिया.

दोस्तो, मेरा नाम अमित है. मैं उत्तराखण्ड का रहने वाला हूं.
मेरे पापा बिजनेसमैन हैं. हमारे दो ट्रक और पांच दुकानें हैं, जो किराये पर चल रही हैं. टेन्टहाउस का भी व्यापार है, जो पापा चला रहे हैं.

हमारे घर में मेरी दो बहनें और मम्मी‌‌ पापा हैं.

यह कजिन सिस Xxx कहानी मेरी चचेरी बहन रिया की है जो दिखने में एकदम परी की तरह है.
उसकी उम्र 22 साल है. फिगर 32-28-34 का है. उसकी मस्त मस्त चूचियां, गुलाबी होंठ, बड़ी सी गांड इतनी मारू है कि किसी को भी पागल कर दे.

मुझे अपनी बहन को चोदने का बड़ा मन था पर कैसे चोदूँ … समझ नहीं आ रहा था.

यह बात आज से छह महीने पुरानी है. उस समय वह मेरे घर आई थी.
उसका घर मेरे घर से ज्यादा दूर नहीं है पर मैं बहुत कम बार ही उसके घर जाता हूं.

उसकी बड़ी बहन की शादी थी तो वह मेरी बहन को अपने घर ले जाने आई थी.

चूंकि उसका कोई भाई नहीं था.
वे दो बहनें ही थीं. एक की शादी थी तो काम करने में बहुत समस्या आ रही थी.

मैं पॉलीटेक्निक कर रहा हूं तो मैंने भी अपने कॉलेज से छुट्टी ले ली थी.

मैंने भी अपनी बहन के साथ जाने को कहा.
पर पापा ने‌ कहा- तुम कल चले जाना. आज मुझे कुछ काम है, तुम मेरे साथ चलो.
मैं पापा के साथ चला गया.

रात में जब घर आया तो पता चला कि रिया चली गई है.
मैं खाना खाकर अपने कमरे में चला गया और अपनी गर्लफ्रेंड से बात करने लगा.

अगले दिन मैं शाम को अपनी स्विफ्ट कार लेकर उनके घर गया.
वहां पहुंच कर मैंने देखा कि वहां तो बहुत सारे मेहमान आए हुए थे.

मैं जिन्हें जानता था, उन सबसे मिला और चाचा जी के पास आ गया.

मेरे चाचा जी ने मुझसे कहा- अमित, तुम स्टेशन चले जाओ.

मैं अपनी कार लेकर स्टेशन चला गया.
उधर मामा मामी आ रहे थे. उनकी ट्रेन आने वाली थी.

जैसे ही वे लोग आए तो मैं उनको लेकर घर आ गया.
मेरी मामी भी बहुत माल लगती हैं. उनकी सेक्स कहानी किसी और दिन बताऊंगा.

उस वक्त तक रात काफी हो गई थी.

मैंने खाना खाया और सोने के लिए जगह खोजने लगा.
तभी चाची बोलीं- तुम रिया के कमरे में सो जाओ.
मैंने कहा- ठीक है.

फिर मैं रिया के कमरे में जाकर सो गया.
मैं काफी थका था तो जल्द ही सो गया.

रात को मुझे लगा कि कोई मेरे साथ चिपका हुआ है.
मैंने ध्यान दिया तो यह रिया थी जो मेरे साथ चिपक कर सोई हुई थी.

मैं अन्दर तक गनगना गया कि आज तो अच्छा मौका है.
मैंने भी उसे अपनी बांहों में भर लिया.

कुछ ही देर बाद मैं मूड बना कर उसे अपने नीचे लेना ही चाहता था कि बाजू से कुछ आवाज आई.

मैंने पलट कर देखा तो मामी जी लेटी थीं.
मैं समझ गया कि यह शादी वाला घर है और इधर रिया की चुदाई नहीं की जा सकती है.

उस रात मैं मन मसोस कर सो गया.

एक दिन छोड़ कर तीसरे दिन शादी का दिन था.
अगले दिन मेरे मम्मी पापा और बहन भी आ गए.

शादी बीतने के बाद सब लोग अपने घर निकल लिए.
मैं भी अपने घर घर वालों के साथ आ गया.

समय बीतता गया.
रिया का कोई पेपर होना था, उसके लिए उसे देहरादून जाना था.

वह अकेली थी तो चाचा ने पापा के फोन करके मुझे उसके साथ भेजने को कहा.
पापा ने मुझे उसके साथ जाने को कहा.

मैंने रिया को फ़ोन किया और पूछा- कब जाना है?
उसने कहा- दो दिन बाद.

मैंने कहा- ओके कल ही चलते हैं, कॉलेज भी खोज लेंगे.
उसने कहा- ठीक है.

सुबह मैं अपनी कार लेकर उसके घर गया.
मैं बाहर बैठ कर चाचा के साथ बात कर रहा था, तभी उसने बाहर आकर कहा- भैया, ये सामान गाड़ी में रख लो.

मैंने उसे देखा और देखता ही रह गया. उसने शॉर्टपेन्ट और टी-शर्ट पहनी थी.
इस ड्रेस में उसकी गोरी गोरी टांगें दिख रही थीं.

मैंने सामान रखा और उसे लेकर निकल गया.
चार घंटे मैं हम दोनों देहरादून पहुंच गए.

कॉलेज खोजने के बाद हमने एक अच्छे से होटल में कमरा ले लिया और खाना खाकर बाहर घूमने चले गए.
रात में मैं रिया को लेकर होटल आ गया और सो गया.

वह अपने पेपर की पढ़ाई करने लगी.

सुबह वह जल्दी उठकर तैयार हो गई.
उसने मुझे जगाया और मैं उठ कर तैयार होकर उसे साथ लेकर कॉलेज की ओर चल दिया.

अब मेरा मन रिया को चोदने का हो रहा था तो मैं वापस होटल आ गया और बाथरूम में रिया की गीली पैंटी पर मुठ मारने लगा.

दो घंटे बाद रिया का फोन आया- कहां हो, आ जाओ.
मैं उसे लेने गया.
होटल कॉलेज के पास में ही था.

वहां पहुंच कर मैंने पूछा कि पेपर कैसा हुआ?
तो उसने कहा- अच्छा हुआ.
वह खुश दिख रही थी.

फिर हम दोनों ने लंच किया और घूमने लगे.
रात में बाहर से ही डिनर करके हम दोनों होटल वापस आ गए.

हम दोनों ने सोने की तैयारी की और लेट गए.
बात करते करते कब नींद आ गई, कुछ पता ही नहीं चला.

रात में मेरी अचानक नींद खुली तो मैं बाथरूम होकर वापस आया और पानी पी कर रजाई में घुस गया.

मेरा हाथ अचानक रिया के पेट पर लगा तो मैंने अपना हाथ तुरंत हटा लिया और सोने की कोशिश करने लगा.

पर नींद कहां आने वाले थी.

मैंने हिम्मत करके अपना हाथ उसकी चूचियों पर रखा तो उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की.

अब मेरे अन्दर थोड़ी हिम्मत और आ गई. मैंने अपना एक हाथ उसकी बुर पर रख दिया और बुर को मसलने लगा.

शायद अब वह भी जाग गई थी पर उसने कोई विरोध नहीं किया.

जैसे ही मैंने अपना हाथ उसकी नाइटी के अन्दर घुसाया, वह उठ गई.
वह बोली- भाई ये क्या कर रहे हो?

मैंने कहा- रिया मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता!
रिया बोली- भाई ये नहीं हो सकता, हम दोनों भाई बहन हैं. भले ही चचेरे हैं तो क्या हुआ, हैं तो भाई बहन ही न!

मैंने कहा- क्या तुम्हारा मन नहीं होता चुदाई का?
रिया- क्या बोल रहे हो तुम! तुम्हें शर्म नहीं आ रही क्या?

मैं- देखो रिया, ये भाई बहन सब बकवास है. बुर को सिर्फ लंड चाहिए होता है और लंड को बुर. फिर चाहे वह किसी का भी छेद हो. बाकी तुम समझदार हो.

रिया- पर भाई किसी को पता चला, तो लोग क्या कहेंगे … और पापा जान से ही मार देंगे!
मैं- हम किसी को बताएंगे ही नहीं, तो पता कैसे चलेगा?

रिया- भाई, मैंने आज से पहले कभी नहीं किया. बहुत दर्द होगा!
मैं- हाँ पहली बार में थोड़ा दर्द तो होता है … पर मैं धीरे धीरे करूंगा!

रिया मुस्कुरा दी- ओके पर धीरे धीरे करना!
यह सुनकर मेरी तो मानो लॉटरी लग गई थी.

मैंने उसे अपने ओर खींचा और उसके होंठों को चूसने लगा.
वह भी मेरा पूरा साथ देने लगी.

फिर मैंने अपना हाथ उसकी बुर पर रखा और मसलने लगा.
वह सिसकारियां लेने लगी.

फिर मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
जल्दी ही वह मेरे सामने नंगी थी.

मैं उसकी चूचियों को दबाने और चूसने लगा.
आह … क्या रसीले आम के जैसी खूबसूरत चूचियां थीं.

अब मैं धीरे धीरे उसकी चूचियों से नीचे चूत की तरफ सरकने लगा.
मैंने उसकी चूत देखी.
आह क्या चूत थी साली की … छोटे छोटे बाल और गोरी गोरी टांगों के बीच छोटी सी बुर.

मेरे से रहा नहीं जा रहा था.
मैं उसकी बुर को आइसक्रीम की तरह चाटने लगा.
उसने भी अपनी टांगें फैला दीं और वह मेरे मुँह पर अपनी कमर को उठा कर बुर को मेरे मुँह में घुसेड़ने सी लगी.

मैंने उसकी एक चूची को मसला और उससे पूछा- मजा आ रहा है न?
वह अपनी बुर मेरे मुँह पर घिसती हुई बोली- हाँ भैया, सच में बहुत मजा आ रहा है, आप जल्दी जल्दी चूसो न!

मैंने कहा- न जाने कितने दिन से तेरी बुर का मजा लेना चाह रहा था!
वह बोली- तो अब तक मेरी ले क्यों नहीं ली भैया!

मैंने कहा- क्या तुमको भी मेरे साथ सेक्स करने का मन करता था?
वह हंस दी और चुप हो गई.

मैंने कहा- बोल न कुतिया?
वह मेरे बाल पकड़ कर अपनी बुर को रगड़वाती हुई बोली- हाँ यार … पर मैं कहती कैसे?

मैंने जोश में आते हुए उसकी बुर के दाने को चाटा और कहा- कुछ इशारा तो करती!
यह सुनकर उसने कहा- आते समय शॉर्ट ड्रेस पहन कर इशारा दिया तो था!

मैं अपनी चचेरी बहन की इस बात पर निहाल हो गया.

उसने आगे कहा- और दीदी की शादी में मैं आपसे लिपट कर सो गई थी, वह क्या इशारा नहीं था? अब बस जल्दी से चोद दो अपनी बहन की कुंवारी बुर को भाई … आह बड़ी आग लग रही है.

मैंने अब और ज्यादा देरी करना उचित न समझा और पूरे मनोयोग से बहन की बुर को भोसड़ा बनाने की नियत से लग गया.

जल्दी ही उसकी बुर पानी छोड़ दिया.
मैं उसकी बुर का सारा पानी, मीठा रस समझ कर चाटता गया.

कुछ ही देर बाद मैं उसके उल्टा करके उसकी गोरी गोरी गांड को चाटने लगा.

उसने कहा- भाई अब डाल भी दो, रहा नहीं जाता!
मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसे लंड मुँह में लेने को कहा.
तो उसने मना कर दिया.

मैंने भी जबरदस्ती नहीं की, उसकी दोनों टांगों को फैलाकर अपना लंड बुर पर रख दिया.
बुर की फाँकें फैला कर मैंने एक झटका लगाया.
तो लंड फिसल गया.
वह हंसने लगी.

अब मैंने अपने लंड पर थोड़ी सी वैसलीन लगाई और दुबारा से लंड सैट करके झटका लगाया.

इस बार लंड का टोपा अन्दर चला गया.
उसे दर्द होने लगा, वह छटपटा उठी और मुझे अलग होने की कोशिश करने लगी.
पर मैंने उसके मुँह को बंद करके एक और जोरदार झटका लगा दिया.

इस बार मेरा झटका कुछ ज्यादा ही तगड़ा लग गया था, जिस वजह से मेरा पूरा लंड बुर में चला गया.
वह दर्द से रोने लगी.

मैं एक मिनट रुका रहा और उसे किस करता रहा, उसकी चूची को मसलता रहा.
वह थोड़ी सामान्य हो गई.

अब मैं धीरे धीरे धक्का लगाने लगा.
थोड़ी देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी.

अब मैंने कजिन सिस Xxx का मजा लेते हुए अपनी स्पीड बढ़ा दी.
वह ‘आ‌ह मर गई भाई … आह मजा आ रहा है भाई … आह और जोर से चोदो आह … उई मां मर गई आह … और तेज जानू और तेज … फाड़ दो मेरी बुर को!’ चिल्लाने लगी.
मैं भी बिना रुके उसकी बुर पेले जा रहा था.

करीब पन्द्रह मिनट तक बुर चोदने के बाद मैं उसी की चूत में झड़ गया.
वह अब तक दो तीन बार झड़ चुकी थी.

फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और उसकी चूत को एक टिशु से साफ किया.

उसकी बुर रक्तरंजित हो गई थी.
मैं उसे सहारा देकर बाथरूम में ले गया.
वह दर्द से चल भी नहीं पा रही थी.

कुछ देर के बाद हम दोनों ने फिर से सेक्स किया और नंगे ही चिपक कर सो गए.

उसके बाद मेरी बहन ने मेरे साथ अब न जाने कितनी बार सेक्स किया है, मुझे खुद याद नहीं.

‌तो दोस्तो, यह मेरी सच्ची कजिन सिस Xxx कहानी है, आपको कैसी लगी … प्लीज मुझे मेल जरूर करें.
अगर आप भी अपनी बहन को चोदना चाहते हैं, तो मुझे मेल अवश्य करें.
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