अन्तर्वासना Xxx स्टोरी में मैं दीदी के घर गया तो उसकी ननद के साथ मेरी सेटिंग हो गयी. मैं उसे छत पर आने को कहा कर ऊपर चला गया. जैसी ही लड़की आई, मैंने उसे दबोच लिया.
नमस्ते दोस्तो, मैं अक्की एक और सच्ची सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ।
मामी की चुदाई के बाद मैं घर आ गया।
कुछ माह बाद नेहा दीदी के ससुराल में एक शादी निकल आई तो मुझे उनके घर जाना पड़ा।
घर में सभी लोग शादी की तैयारी में जुट गए थे।
उसी दौरान मेरी मुलाकात नेहा दीदी की छोटी ननद नैना से हुई।
यह अन्तर्वासना Xxx स्टोरी इसी नैना से बनी.
उसे देखते ही मैं उस पर फिदा हो गया और मैं उसके आगे पीछे मंडराने लगा।
जल्द ही वह भी मेरी नीयत समझ गई और मुझे बढ़ावा देने लगी.
और थोड़े ही समय में हमारे बीच इशारे शुरू हो गए।
रात को कुछ लोग मिठाइयां बनाने तो कुछ लोग मेंहदी रखने में व्यस्त गए।
बाकी के लोग भी कहीं न कहीं व्यस्त हो गए।
मौका मिलते ही मैं उसे छत पर बने स्टोर रूम में आने का इशारा करते हुए ऊपर चला गया।
थोड़ी ही देर बाद मुझे किसी के आने अहसास हुआ तो बिल्कुल सतर्क होकर सीढ़ियों के पास दरवाजे के पीछे खड़ा हो गया।
जैसे ही वह छत पर आई तो मैंने आव न देखा न ताव … सीधे पीछे से दबोच लिया।
थोड़ी ही देर में मुझे अहसास हो गया कि यह नैना नहिंम, नेहा दीदी है।
मैंने तुरन्त सोच लिया कि अब जो मिल गया पहले उसे चोद दो।
नेहा दीदी खुद को झुड़ाती हुई बोली- अक्की, तुम ये क्या कर रहे हो, मुझे छोड़ दो।
मैंने फिर उनको पकड़ के अपनी तरफ खींचते हुए उनके होंठों को चूमते हुए बोला- नेहा दीदी, आज आप बहुत सुन्दर और सैक्सी लग रही हो।
बस ये कह कर मैंने उनके मम्मों को भी दबाना शुरू कर दिया।
वह बोली- मुझे पता है, मैं हॉट और सेक्सी लग रही हूं। लेकिन नीचे तुम्हारे जीजू मेरा इंतजार कर रहे हैं।
मैं समझ गया कि यह अब मुझसे चुद जायेगी, बस थोड़ी नाटक कर रही है।
तो मैं तुरंत उन्हें खींचकर स्टोर रूम में ले गया।
मैंने उन्हें पलटा कर अपनी बांहों में भर लिया और ब्लाउज़ के अन्दर हाथ डालकर उनके मम्मे दबाने लगा।
वह शायद दिखावे के लिए मुझे रोक रही थी, पर वह गर्म होने लगी थी.
मैंने उनके होंठों को चूमना शुरू कर दिया।
वह सिसकार कर बोली- आह्ह्ह … नहीं नहीं … आह … ओह … ओह प्लीज अक्की … नहीं नहीं आहह … ओहह प्लीज उईइ … मुझे जाने दो।
मैं उनकी बातों को अनसुना करते हुए कुछ देर तक उनके मम्मों को निचोड़ता रहा।
फिर मैं उनके पेट को सहलाते हुए धीरे धीरे अपना हाथ नीचे सरकाने लगा।
वह एक बार फिर बोली- प्लीज़ छोड़ दो न … मत परेशान करो!
पर मैंने अपना हाथ उनकी साड़ी में हाथ डालकर पैंटी के अन्दर घुसा दिया और उनकी चिकनी चूत को सहलाने लगा।
जब उन्हें बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह मेरे चेहरे को पकड़ के मेरे होंठों को चूमते हुई बोली- उम्म्म … आह्ह्ह्ह … अब जल्दी … से जो करना है, कर लो आह!
मैंने उन्हें दीवार से चिपका दिया और उनके मम्मों को निचोड़ने लगा।
नेहा दीदी सिसकारती हुई गाली देने लगी- आहह इस्स … साले … अहहह ओहह … हआह हह … धीरे-धीरे मसलो न … दर्द हो रहा है माधर … चोद आहह आहह!
उनकी गाली सुन कर मैं और भी बेदर्दी से मम्मों को निचोड़ने लगा।
फिर मैंने उनकी ब्लाउज की हुक खोल के बारी बारी से निप्पलों को चूसना शुरू कर दिया और उनकी साड़ी को ऊपर करके चूत में उंगली घिसने लगा।
दीदी सिसकारने लगी- आहह ओह … इस्स आह … आह ओह … मत तड़पाओ अब … चोद … भी दो नाआअ प्लीज! चोद दो!
मैं तेजी से चूत में उंगली घिसने लगा जिस वजह से थोड़ी ही देर में नेहा दीदी झड़ गई और हांफने लगी।
थोड़ी ही देर में वह घुटनों के बल बैठ के मेरे पैंट को खोल के मेरे लंड सहलाती हुई बोली- साले … ये लंड है या लोहे की छड़ … बाप रे कितना लंबा मोटा लंड है।
मैं गाली देते हुए बोला- मादरचोद कुतिया … लंड देखती रहेगी या मुँह में भी लेगी हरामजादी। पहले भी तो इससे चुदी हो?
वह मुस्कुराती हुई लंड का सुपारा चूमकर बोली- अक्की, इस हब्शी लंड को मैं अपने मुँह में जरूर लूँगी।
मैं एक हाथ से उनके मम्मों को सहलाने लगा और वह मेरे लंड का सुपारा चूसने चाटने लगी।
मैं- आह … हरामजादी … नेहा साली छीनाल चूस रांड … चूस भैन की लौड़ी … और चूस आह क्या लंड चूसती है मादरचोद … मजा आ गया … चूस बहनचोद चूस!
पूरे जोश में मैंने उनका सर पकड़कर उनके मुँह में लंड पेला और धक्के मारना शुरू कर दिया।
मेरा मोटा और लम्बा लंड जब भी उनकी गले से टकराता, दीदी की सांसें रुक सी जाती थीं।
तभी छत पर किसी की आने की आहट पाकर हम दोनों सन्न हो गए।
नेहा दीदी तो डर गई और मेरा लंड छोड़ दिया.
पर मैं अपना लंड पकड़ के उनके मुँह में डालकर धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा।
थोड़ी देर बाद लगा कि शायद यह हम दोनों का भ्रम था।
एक बार फिर दीदी ने लंड निकाल कर बोली- जाने दे अक्की … मेरे पति ढूंढ रहे होंगे, मुझे जाने दो ना!
मैं बोला- तू चिंता मत कर बहनचोद, कुछ नहीं होगा. बस थोड़ा सा और लंड चूस ले।
तब मैं फिर लंड उनके मुँह में डालकर तेजी से घिसने लगा।
नेहा दीदी औकक … औकक … आक करने लगी और लंड को चूसने लगी।
करीब 15 मिनट के बाद मेरे लंड से धमाका हुआ और उनका मुँह मेरे वीर्य से भर गया।
मैं- आह … हरामजादी क्या लंड चूसती है मादरचोद … आह मजा आ गया. पूरा माल पी ले मादरचोद कुतिया!
नेहा दीदी पूरा वीर्य गटक गई।
मेरा लंड अभी भी तना हुआ था।
वह लंड को चाटती हुई बोली- अक्की, ये तो अभी भी खड़ा है।
मैं बोला- दीदी, ये असली लंड है मादरचोद, तुझे चोदने के बाद ही बैठेगा।
“साले तू बिना चोदे मानेगा नहीं!” बोलते हुए नेहा दीदी अपनी साड़ी को ऊपर करके अपनी पैंटी को निकाल के वही नीचे लेट गई।
मैं भी अपने पैंट को सरका के चुदाई के पोजीशन में उनके ऊपर लेट गया।
हमारे बीच में कोई दूरी नहीं बची, मेरा खड़ा लंड उनकी चूत से सट गया।
मैं उसी पोजीशन एक हाथ से उनके चूचों को दबाते हुए किस्स करने लगा.
कुछ देर में नेहा दीदी ने टांगें फैला दीं।
मैं उनकी फ़ैली हुई टांगों के बीच में आ गया।
मेरा लंड उनकी चूत को चूमने लगा और वह गर्म होकर सिसयाने लगी- हाय आहह … इस्स अहह ओहहह अक्की.. … चोदो चोदो … जल्दी से मेरी आग बुझा दो!
मैंने सुपारा उनकी चूत पर टिका दिया।
उनकी सांस भारी होने लगी और वह आंखें बंद करके लंड के घुसने का इन्तजार करने लगी।
प्यार भरी निगाह से उन्हें देखते हुए मैंने ने एक झटके में सुपारा चूत में घुसा दिया।
नेहा दीदी कराह निकली- आहह … धीरे-धीरे अक्की … चूत फट जायेगी … इस पर रहम करो।
मैं उनके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया और लंड चूत में सरकाने लगा।
दीदी कराह रही थी- आहह आऊ … धीरे-धीरे … आआह … ऊऊईई … आहह इस्स बाप रे धीरे-धीरे डालो … आआह ऊऊईई अक्की … कितना मोटा लंड है बाप रे … जान निकल गई ओहह इस्स!
ऐसा लग रहा था कि वह पहली बार मुझसे चुद रही है।
मैंने उनके होंठों को अपने होंठों में भर लिया और चूमने लगा.
इससे उनकी सिसकारियां दब गईं और वह उम्म … अम्म करने लगी।
कुछ ही देर में पूरा लंड चूत के अन्दर समा गया।
शायद मेरा लंड उनकी बच्चेदानी तक घुस गया था।
मैं धीरे से बोला- नेहा मेरी जान, क्या बात है रानी … मज़ा आ गया क्या मस्त कसी हुई चूत है मादरचोद … तेरा पति शायद ठीक से चोद नहीं पाता है।
वह आह भरते हुए बोली- आह्ह … एक साल के बाद तो उम्म … आज तो मेरा पति आया है।
मैं उनके होठों को चूमते हुए बोला- मतलब एक साल में आज पहली बार मुझसे चुद रही हो।
वह अपनी कमर हिलाकर बोली- हां साले … अब बाते मत कर जल्दी जल्दी से चोदो ना!
मैं मुस्कुराते हुए उनके बदन को सहलाने लगा और मम्मों को दबाते हुए तेजी से चोदने लगा।
पहले तो उन्हें थोड़ा दर्द हुआ लेकिन वह अपने होंठों को भींचकर सिसयाने लगी- इस्स आहह … आऊ धीरे-धीरे … आआ ऊऊ ईई करो।
कुछ ही पलों में मेरी ताबड़तोड़ चुदाई के बाद उनकी चूत फैल गई और उनका दर्द कम हो गया।
अब वह आंखें बंद करके चुदाई का मज़ा लेने लगी और अपनी कमर हिलाकर मेरा साथ देने लगी.
और उनके मुंह से निकलने लगा- आहह इस्स … मज़ाहह आ रहा है अहहह ओहहह … आह ओहहह अक्की कितना मोटा लंड है … सच में बहुत मज़ा आ रहा है … आह … और तेज रगड़ो … आह फाड़ दो मेरी चूत को!
दीदी ऐसे बोलने लगी।
मेरी तूफानी चुदाई से वह जल्दी ही झड़ गई और हांफने लगी- आहह आहहह अक्की … बस बस रूको … आहह आऊ छोड़ दो न!
मैं बोला- चुप साली! तेरी चूत से पानी निकल गया तो बस करो बोल रही। साली कुतिया थोड़ी देर सहन कर ले मादरचोद।
मैंने उनकी टांगें अपने कंधों पर फंसाईं और बेरहमी से चोदने लगा।
उनका बदन दोहरा हो गया और वह कराहने लगी- आहह आऊ … धीरे-धीरे दर्द हो रहा है … आहह मर गई आइइइ आहह!
कोई 15 मिनट चोदने के बाद मैंने अपना लंड बाहर खींचा और उनके मम्मों के बीच में फंसाकर घिसने लगा।
थोड़ी देर बाद उन्होंने मुँह खोल दिया और मेरे लंड अपने मुँह में अंदर बाहर होने दिया।
मैं जल्दी जल्दी लंड रगड़ने लगा।
वह फिर से औकक आकक करने लगी।
जब वह थक गई तो लंड को हाथ से पकड़ के मुँह में भरकर चूसने लगी।
थोड़ी देर बाद मैंने लंड बाहर खींचा और पूछा- कैसा लगा बहनचोद?
दीदी उठकर बैठती हुई बोली- अक्की, मज़ा आ गया।
फिर उसने मुझे नीचे लेटाया और खुद मेरा लंड चूत में घुसा लिया और जोर जोर से झटके देने लगी.
कुछ मिनट में वीर्य से उनकी चूत भर गई और वीर्य की गर्मी से वह फिर से झड़ गई।
वह मेरे ऊपर गिर गई और हांफने लगी।
मैं उसके होंठों को चूमते हुए बोला- मादरचोद साली … क्या बात है मज़ा आ गया!
वह भी आह … करती हुई मुझे चूमने लगी और बोली- भाई, मजा तो मुझे भी आया, पर अब मुझे जाने दो। बाद में मुझे जी भरकर चोद लेना, पर अभी जाने दो।
मैंने भी उनके होंठों को कसकर चूमते हुए बोला- ठीक है बहनचोद, अभी तो जा. तुझे तो बाद में अच्छी तरह से चोदूँगा मादरचोद!
वह उठ कर अपने कपड़ों को सही की फिर एक किस्स करके नीचे चली गई।
मैं अपने कपड़ों को जैसे ही सही करके बाहर निकला मेरे सामने नेहा दीदी की ननद नैना खड़ी थी।
मैं उसे देख के चौकते हुए बोला- तू … तुम कब आई?
नैना- जब तुम अपनी बहन को चोद रहे थे।
उसने हम दोनों की चुदाई देख ली थी.
अब मेरे पास कोई चारा नहीं था।
फिर मैं कुछ सोचते हुए बोला- यह सब तुम्हारे चक्कर में हुआ है, मुझे लगा कि तुम हो, प्लीज किसी से कहना मत!
नैना- साले झूठ भी तो ठीक से बोल ले, तुम दोनों की चुदाई देख कर सब पता लगा गया कि तुम दोनों का पहले से ही चक्कर है।
इस पर मैं कुछ नहीं बोला।
वह मुझ खामोश देख कर अपने एक हाथ से मेरा लन्ड पैंट के ऊपर से पकड़ती हुई बोली- अभी इसमें कुछ दम है या सब अपने बहन पर ही खत्म कर दिया।
तब मैं समझ गया कि हम दोनों की चुदाई देख के वह पूरी गर्म हो गई है।
मैं उसे अपने तरफ खींच कर उससे चिपकते हुए बोला- दम तो इतना है कि पूरी रात तुम्हारी बजा सकता हूं।
नैना मुझसे अलग होते हुई बोली- मैं जा रही अपने रूम में अकेले सोने!
इतना बोल के वह गांड मटकाती हुई नीचे के फ्लोर में जाने लगी।
उस वक्त उसने गुलाबी रंग का लहंगा पहना हुआ था।
मैं उसकी गांड देखते हुए समझ गया कि आज यह मुझसे दबा के चुदेगी।
मन ही मन मैं यह सोच कर खुश हो गया.
क्या मस्त लग रही है हरामजादी … आज तो इसे जी भरकर चोदूँगा मादरचोद को!
मैं उसके पीछे पीछे उसके कमरे के दरवाजे के पास जाकर उसे पीछे से ही पकड़ के उससे पूछा- कोई आ गया तो?
दरवाजा खोलते हुए नैना- कोई नहीं आयेगा।
हम दोनों अंदर आ गए।
दरवाजा बंद करते ही हम दोनों एक दूसरे पर टूट पड़े और एक दूसरे के बदन से खेलने लगे।
मैं उसके होठों को चूमते हुए उसने चूचों को दबाने लगा।
वाह … क्या कड़क मम्मे थे मादरचोद रांड की, मजा आ गया।
कुछ ही पल में कमरे में मेरे और उसके कपड़े उड़ने लगे और थोड़ी देर बाद हमारे नंगे ज़िस्म बेड पर ही उलझ गए।
उसने टांगें हवा में उठा दी जिससे उसकी चूत की दरार में मेरा लन्ड रेंगने लगा।
वह मस्ती में आ कराहने लगी- आह … और तेज तेज रगड़ो … आहह आऊ … इस्स अहहह ओहहह … अक्की … क्या लंड है मज़ा आ गया … और तेज रगड़ो।
फिर उसने मुझे नीचे पलटा के खुद मेरे ऊपर चढ़ गई।
मेरे होठों को चूमते हुए अपने हाथ से लंड को सहलाते हुई बोली- भाभी तो बहुत किस्मत वाली है कि उनके भाई का लन्ड ऐसा है. इसलिए वह छिप कर तुमसे अपनी चूत चुदवाती है।
मैं जोश में आते हुए बोला- मादरचोद कुतिया, जल्दी से मुँह में ले हरामजादी रंडी।
वह हंसती हुई मेरे बदन को चाटते हुए नीचे के तरफ जाने लगी।
धीरे धीरे वह मेरे लन्ड के करीब पहुंच गई।
फिर मेरे हब्शी लंड को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया।
मैं एक हाथ से नैना के बाल तो दूसरे हाथ से अपना लन्ड पकड़ के उसके होंठों पर लंड घिसने लगा।
फिर धीरे धीरे लंड को उसके मुँह में घुसाना चालू कर दिया।
नैना उम्म … औकक … करने लगी और मुझे हटाने लगी.
पर मैंने उसे दबोच कर रखा था।
धीरे धीरे मेरा लंड उसके गले तक घुस गया और मेरे अंडे उसके होंठों से चिपक गए।
उसकी सांस रुकने लगी, आंखों से आंसू निकलने लगे और वह तड़पने लगी।
उसकी हालत देखकर मैंने लंड निकाल लिया.
तब उसकी जान में जान आई।
नैना हांफने लगी और बोली- बेहनचोद, तूने तो मेरी जान निकाल दी।
मैं लंड को उसके गालों पर रगड़ते हुए बोला- नैना, तू चिंता मत कर छिनाल, मैं तुझे कुछ नहीं होने दूंगा।
तभी मैं फिर से अपने लंड को उसके मुँह में डाला और घिसने लगा।
वह फिर से औक … औक … गु.. गू … करने लगी।
जब मैं लंड बाहर खींचता तो वह होंठों से लंड को कस लेती और लंड उसके होंठों को रगड़ता हुआ निकलता।
ऐसा करने में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मैं- वाह हरामजादी छिनाल वाह … तू तो काफी मजेदार तरीके से लंड चूसती है … चूस बहनचोद चूस!
नैना- अक्की, तेरे लंड का स्वाद बड़ा मस्त है … मजा आ गया।
फिर मैं उसके मम्मों के बीच में लंड फंसा कर घिसते हुए बोला- अरे वाह मेरी रंडी, क्या कड़क मम्मे हैं … मजा आ गया।
थोड़ी ही देर में हम 69 की पोजीशन में आ गए।
मै उसकी चूत को देखते हुए उसकी मुंह की चुदाई करने लगा।
करीब दो ही मिनट में मेरे लन्ड से वीर्य की धार निकल गई।
मेरे वीर्य से उसका मुँह भर गया।
मैं बोला- पी साली कुतिया, पूरा माल गटक जा मादरचोद रांड!
वह धीरे धीरे पूरा वीर्य गटक गई और मेरे लंड को चाट कर साफ किया।
फिर मैंने उसे पलंग पर लेटाया और उसकी चिकनी चूत को निहारने लगा।
मैंने उसकी जांघों को खूब चूमा और चाटा.
फिर झुककर उसकी चूत को चूमा और अपना मुँह उसकी चूत में घुसेड़ दिया।
थोड़ी ही देर में मेरी लपलपाती जीभ उसकी चूत के अन्दर घूमने लगी।
नैना मछली की तरह उछलती रही थी और मेरा सर पकड़कर और अन्दर करने लगी।
जब नैना को सहन नहीं हुआ तो उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मेरे होठों को काटने लगी।
थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और उसकी चूत से टकराने लगा।
नैना अपनी कमर उचकाने लगी और अपनी चूत को मेरे लन्ड पर रगड़ने लगी।
फिर वह अपनी टांगें फैलाकर बोली- अक्की, अब सहन नहीं हो रहा प्लीज, जल्दी से लंड मेरी चूत में घुसा दो ना!
नैना ने अपने घुटनों को मोड़ के अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया।
जिससे उसकी चूत खुल गई।
मैंने अपना लंड चूत पर रखा और एक झटके में लंड अन्दर डाल दिया.
नैना जोर से चीखी- आहह … मम्मी … मर गई … अह्ह्ह्ह … एस्सस्स … मेरी जा … न निकल गई।
मैंने एक हाथ से उसके मुंह की दबा के चुदाई चालू रखा, झटके पर झटका देने लगा।
नैना उम्म्म … उम्म् … करके मेरे लन्ड को झेलने लगी।
करीब पांच मिनट बाद मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कंधों पर फंसाई और तेज़ी से चुदाई शुरू कर दी।
नैना कराहने लगी- आहह आऊ … धीरे-धीरे आहहह … अक्की मज़ाहह आहह रहा है।
मेरा लंड उसकी चूत में सीधा सीधा घुस रहा था और तेजी से चूत में अन्दर बाहर होने लगा।
तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और कमरे में फच फच की आवाज गूंजने लगी।
नैना बोली- अक्की, तूने तो मेरी चूत की मां चोद दी है, अब चूत को फाड़ दोगे क्या … प्लीज़ थोड़ी धीरे धीरे चोदो ना!
मैं- तू चिंता मत कर बहन की लवड़ी, कुछ नहीं होगा रंडी, तेरी चूत मस्त है। साली रंडी, तुझे चोदने में बड़ा मजा आ रहा है।
उसके होठों को चूमते हुए मैं तेजी से उसकी चुदाई करने लगा।
नैना ‘अम्मम उम्म …’ करने लगी.
मेरे झटके काफी तेज हो गए, पलंग भी चरमराने लगा।
थोड़ी देर बाद ही वह झड़ गई।
अब मेरा लंड उसको सहन नहीं हो रहा था।
वह कराहती हुई बोली- आहह आह अक्की प्लीइइज … आई ईई छोड़ दोओ।
मगर मैं झटके मारते हुए बोला- नैना मादरचोद कुतिया, अभी तो मुझे मजा आने लगा है … और तू बोल रही है कि छोड़ दो। हरामजादी रंडी … अभी तो मैं तुझे जी भर के चोदूँगा मादरचोद।
मैंने लंड निकाल कर उसके मुँह में डाला और कहा- लंड चूस छिनाल!
वह लंड चूसने लगी।
थोड़ी देर बाद मैं बोला- चल कुतिया बन जा मेरी रण्डी।
नैना चुपचाप कुतिया बन गई।
मैं उसके पीछे गया और उसकी चूत में लंड घुसा दिया और उसके कंधों को पकड़ा और तेजी से उसकी चूत में लंड पेलने लगा।
कमरे में उसकी चीखें गूंजने लगीं- आई ईईई … ऊई ईईई … बचाओ आईईई मर गयी।
मैंने उसके पुट्ठों पर चांटे मारने शुरू कर दिए।
कमरे में फच फच के साथ चट चट चटाक की आवाज सुनाई दे रही थी।
करीब पांच मिनट बाद फिर एक बार वह झड़ गई।
वह हांफती हुई मुझसे अलग हो गई।
उसका पूरा शरीर पसीने से भीग गया था।
मेरे खड़े लन्ड के तरफ देखते हुई बोली- साले, तेरा लन्ड है या मशीन जो थकने का नाम ही नहीं ले रहा? अब नहीं होगा. तुमने काफी देर तक चोद लिया है … प्लीज अब छोड़ दो ना … बाद में चोद लेना।
मैं उसके हाथों में अपना लन्ड देते हुए बोला- अरे मादरचोद, ये तुझे अभी और चोदना चाहता है।
वह बोली- प्लीज अक्की, अब बिल्कुल भी हिम्मत नहीं है. तुमने तो मेरी चूत को फाड़ कर रख दिया है.
मैं उसकी गांड सहलाते हुए बोला- ठीक है बहनचोद रंडी … मैं तेरी चूत नहीं चोदूंगा, अब मैं तेरी गांड मारूंगा।
मेरी बात सुन कर अपने गांड से मेरा हाथ हटाते हुई बोली- ना! इसके बारे सोचना भी मत। इससे पहले मैं चार लोगों से चुदी हूँ लेकिन किसी को अपनी गांड मारने नहीं दी। तुम्हारा तो लन्ड ऐसा है कि मेरी चूत की मां चुद गई, अगर यह मेरे गांड में गया तो मैं मर ही जाऊंगी।
मैं उसके होठों को चूमते हुए बोला- अरे मेरी जानेजाना, तुझे बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा. मैं बिल्कुल आराम से तेरी गांड मारूंगा।
नैना नहीं नहीं करती रही पर मैंने उसे बिस्तर पर गिरा दिया और उसके मम्मों को सहलाते हुए बोला- नैना, मान जा मेरी लौंडिया, देखो दर्द हुआ तो मैं लंड निकाल लूँगा।
उसके न चाहते हुए मैंने उसे पलटा दिया और उसकी चूत के नीचे एक तकिया लगा दिया जिससे उसकी गांड उठ गई।
फिर उसकी गांड सहलाते हुए बोला- क्या नरम नरम पुट्ठे हैं।
फिर ढेर सारा थूक उसकी गांड पर और अपने लन्ड पर लगा कर अच्छे से गीला किया।
उसके बाद नैना की टांगें फैलाईं और लंड उसकी गांड में घुसाने!
धीरे धीरे उसकी गांड फैलने लगी।
नैना के मुंह से चीखे निकलने लगी- आह मादरचोद … ओह ओह … प्लीज.. नहीं … ईईई उफ अह छोड़ दो ना … काफी मोटा लंड है … आईई ईई ऊई ईई आआह!
मैंने उसकी कमर पकड़ी और जोर लगाया तो मेरा मोटा सुपारा उसकी गांड में घुस गया।
वह थोड़ी सी तड़पी, फिर शांत हो गई।
मैंने एक फिर उसकी कमर पकड़ी और जोर का झटका दे मारा, जिससे मेरा आधा लंड उसकी गांड में घुस गया।
नैना जोर से चीखी- आईईई ईईई … मर गयी मम्मीईईई … ईईई आहह … बचाओ ईई!
मैंने ने उसकी चीख पर कोई ध्यान नहीं दिया और फिर से एक बार जोर से झटका दे मारा।
इस बार पूरा लंड उसके अन्दर चला गया।
नैना चीखने लगी- आई ईईई ऊईई ईई बचाओ … आह छोड़ दो नाआ.
मैं बिना रहम किए जोर जोर से लन्ड ऊपर, नीचे करने लगा।
कमरे में उसकी चीखें गूंजने लगीं- आईई ईई ऊईईईई … आआह बस रुकोओ आहह धीरे धीरे!
मैंने पांच मिनट में ही उसके गांड को पोला कर दिया और उसका दर्द कम हो गया।
उसकी चीखें कम हो गईं और वह सिसयाने लगी- आहह ओह इस्स … आ.. राम … से चोद … ओ।
मैं रूककर उसके गालों को चूमते हुए पूछा- दर्द कम हुआ या नहीं?
वह बोली- हां थोड़ा सा कम हो गया है. मजा भी आ रहा है।
मैंने उसके बदन को करवट लेकर लिटा लिया और उसके मम्मे दबाने लगा और धीरे धीरे उसकी गांड मारने लगा।
मैं लंड अन्दर बाहर करते हुए बोला- सच में यार … बड़ी मस्त गांड है तेरी … साली हरामजादी रंडी.
वह भी मस्ती में सिसियाते हुए कहने लगी- आहह ओह … तुम्हारा भी मस्त लंड है … आह मजा आ गया आह … और तेज अक्की … और तेजी से मेरी गांड मारो!
मै फिर से तेज गति से उसकी गांड मारने लगा।
नैना ‘ओहहहह ओह प्लीज आराम से चोदो ना’ करती रही.
पर मैं तेजी से उसकी गांड चुदाई करते रहा।
मैंने उसकी गांड को एकदम ढीला कर दिया।
करीब पंद्रह मिनट तक मै अपने लंड से उसकी गांड का फालूदा बनाता रहा।
30-35 मिनट तक अलग अलग पोजीशन में मै उसे अच्छी तरह से चोदा और अपना रस उसके अन्दर छोड़ दिया।
मैं वहाँ चार दिन तक रुका और रोज रात को छिप छिप कर नेहा दीदी और नैना की चुदाई करता रहा।
यह अन्तर्वासना Xxx स्टोरी कैसी लगी आपको?
मुझे कमेंट्स और मेल में बताएं.
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