Xnx लेडी फक स्टोरी में गरीब औरत को खेत में मालिक चोद रहा था, औरत का बेटा अपनी माँ की चुदाई देख रहा था. नंगी माँ को देख कर उसका लंड भी खड़ा हो गया.
नमस्कार दोस्तो, मैं आपका दोस्त विशू राजे.
मेरी पिछली कहानी थी: दूर के रिश्ते के चाचा चाची को चोदा
आज मैं आपके लिए एक नई Xnx कहानी लेकर आया हूँ.
आज की Xnx लेडी फक स्टोरी एक घर की है.
इसके प्रमुख किरदार का नाम मुकेश है.
वह 25 साल का हट्टा-कट्टा नौजवान है.
मुकेश का जन्म गरीब घराने में हुआ था. उसकी मां शारदा और पिताजी पूरन की खुद की जमीन नहीं थी तो वे दूसरे के खेत में मजदूरी करके अपना और अपने बच्चे का पेट भरते थे.
मेहनत मजदूरी करके उन्हें खाने को रूखी सूखी रोटी ही मिलती थी.
मुकेश भी बड़ा होकर मां पिताजी के साथ खेतों में काम करने जाने लगा था.
एक दिन मुकेश मां के साथ काम कर रहा था कि मालिक वहां आया और उसने मुकेश की मां से कहा- सामने वाली कुटिया को साफ कर दो.
उसकी मां समझ गयी कि मालिक क्या चाहता है.
पर वह अपने बच्चे के सामने कैसे जा सकती थी.
उसे मालूम था कि कुटिया के अन्दर जाते ही मालिक उसे पकड़ लेगा और चोद देगा.
वह अभी सोच ही रही थी कि मालिक की आवाज फिर से आयी.
‘शारदा जल्दी जाओ!’
तब शारदा चली गयी.
कुटिया में जाने के बाद 5 मिनट ही हुए थे कि मालिक भी कुटिया में चले गए.
इधर बाहर मुकेश अपने काम में मग्न था.
बहुत देर होने के बाद भी जब उसकी मां कुटिया से बाहर नहीं आयी, तो मुकेश अपनी मां को देखने के लिए कुटिया के पास चला गया.
उसे कुटिया के अन्दर से मां की कामुक सिसकारियां सुनायी देने लगीं.
उसने कुटिया के अन्दर झाँका तो वह हड़बड़ा गया.
उसकी मां पूरी नंगी थी, मालिक भी नीचे से नंगे थे.
उन्होंने मां को अपनी कमर पर उठा रखा था और पीछे से वे मां की चुत में अपना लंड पेल रहे थे.
मुकेश को यह देख कर बड़ा गुस्सा आया.
पर वह कर भी क्या सकता था.
वह मालिक से डरता था.
उसकी मां मालिक के गले में बांहें डाल झूला झूलती हुई मजे से चुत चुदवा रही थी.
मालिक का लंड शारदा की चुत के अन्दर गोते खा रहा था.
मां के चेहेरे पर एक सुकून झलक रहा था.
कुछ देर तक अपनी मां को नंगी चुदती हुई देख कर मुकेश का भी लंड खड़ा हो गया था.
वह न चाहते हुए भी अपना लंड सहलाने लगा.
अब उसके मन में अपनी मां के प्रति कामभावना जाग चुकी थी.
उसने अब तक अपनी मां को कभी निर्वस्त्र नहीं देखा था.
उसके स्तन उसकी कमर उसकी टांगें उसका पिछवाड़ा सब उसके लिए नया अनुभव था.
आज उसके मन में अपनी मां के लिए गंदे ख्याल आ गए थे.
वह मालिक और मां की चुदायी देखने में खो गया था और उसका लंड कड़क होकर चड्डी फाड़ कर बाहर आने को बेताब था.
उसने चड्डी के ऊपर से ही अपने लंड को पकड़ा और सहलाने लगा.
तब तक अन्दर का नजारा बदल गया था.
मालिक ने उसकी मां को खटिया पर पटक कर उसे घोड़ी बना दिया और अपने खड़े लंड को हाथ में लिए मालिक साब मां के पीछे आ गए थे.
अब वे मुकेश की मां की गांड के छेद पर थूक लगाने लगे थे.
थोड़ा सा थूक अपने लंड पर भी लगा कर मालिक ने मां की गुदा के छेद पर अपना लौड़ा टिका दिया.
उसके बाद मालिक ने मां की कमर कस कर पकड़ी और एक ही धक्के में अपना लंड मां की गांड में उतार दिया.
शारदा ये झटका और दर्द सह न पायी और चिल्ला उठी- उइ मां मर गयी मालिक … छोड़ो … निकालो मैं मर गयी … मेरी गांड फट गयी!
यह देख कर मुकेश के मन में सवाल उठा कि कोई पीछे से लंड कैसे डाल सकता है!
उसने शायद यह नहीं देखा था कि उसकी मां की हालत खराब हो गई थी और वह मालिक से छूटने के लिए छटपटा रही थी.
पर मालिक की पकड़ मजबूत थी, उन्होंने मां को कसके पकड़ा हुआ था.
तभी उन्होंने एक और धक्का मारा, इस बार उनका पूरा लंड मां की गांड के अन्दर घुस गया था.
यह कामुक दृश्य देख कर मुकेश का बांध फूट पड़ा और उसके लंड ने तत्काल पिचकारी छोड़ दी.
चूंकि लंड ने पतलून के अन्दर ही वीर्य फेंक दिया था तो उसके लंड का लावा पैंट से होते हुए पैरों पर बहने लगा.
उसके मन में मां के शरीर को पाने की चाह जाग गई.
उसने मां को चोदते हुए मालिक में खुद को देखा कि वह खुद अपनी मां को पेल रहा है.
इस भावना ने उसे कामुक बना दिया और वह वहां से निकल कर कुंए के पास आ गया.
उधर उसने अपने वीर्य से भरे पैंट को निकाला और अपने पैरों को धोने लगा.
उसके दिलो दिमाग से अभी तक मां का नंगा शरीर नहीं जा रहा था.
कुछ ही देर में उसकी टांगों की सफाई हो गयी और वह पेड़ के नीचे जाकर अपने काम में लग गया.
कुछ देर बाद उसकी मां शारदा आ गयी और उसके बगल में बैठ कर काम करने लगी.
उसने अपने बेटे को देखा, वह किसी गहरी सोच में डूबा सा दिखा.
शारदा ने उसे आवाज लगायी और बोली- मुकेश, क्या हुआ?
मुकेश ने देखा कि उसकी मां शारदा उसके बगल में बैठ कर काम कर रही है, तो उसकी तन्द्री टूटी.
तब तक मालिक भी बाहर आ गए.
वे शारदा को देखते हुए खराशते हुए अपनी मूछों पर ताव देते हुए चले गए.
मुकेश अभी भी अपनी मां को चोदने के बारे में सोचने में लगा था.
दुपहरी हुयी तो उसके पिता भी पास के खेत से आ गए और वे दोनों बाप बेटे खाना खाने के लिए एक पेड़ के नीचे बैठ गए.
शारदा ने सबको खाना परोसा और खुद भी ले लिया.
दोनों मियां बीवी खाना खाने लगे.
शारदा की नजर मुकेश पर गयी, मुकेश निवाला हाथ में लिए कुछ सोच रहा था.
उसने मुकेश से कहा- क्या हुआ, खा ले खाना!
शारदा को नहीं मालूम था कि मुकेश उसी को चोदने के बारे में सोच रहा था.
मुकेश का लंड भी सेक्स की सोच सोच कर खड़ा हो गया था.
ये सब शारदा से छुपा न रहा.
उसकी नजर मुकेश के तंबू बनी चड्डी पर गयी.
वह शर्मा गई.
उसने अपने बेटे की टांगों को छुआ और बोली- खा ले बेटा, काम पर लगने का वक्त हो गया.
तब तक उसका पिता खाना खत्म करके काम के लिए निकल गया.
उसका काम उन दोनों से बहुत दूर था.
मुकेश ने खाना खाया और दोनों एक पेड़ की छाया में बैठ गए.
अभी मुकेश कुछ सोच रहा ही था कि उसकी मां ने उसकी जांघों को सहलाते हुए कहा- क्या बात है बेटा, बता तो मुझे. मैं तेरी मां हूँ, मैं तेरे लिए कुछ भी कर सकती हूँ.
शारदा का स्पर्श पाते ही मुकेश के लंड ने झटके खाने चालू कर दिए और खड़ा हो गया.
आज पहली बार मां का स्पर्श पाकर मुकेश का लंड खड़ा हो गया था.
शारदा फिर से बोली- बोल न बेटा! क्या सोच रहा है?
तो मुकेश बोला- मां मैंने तुम्हें और मालिक को कुटिया में नंगे काम करते देखा था.
यह सुनकर शारदा का बदन ठंडा पड़ गया.
उसका गला सूख गया, हाथ पैर थरथराने लगे.
उसने अपना हाथ खींच लिया और वह चुप हो गयी.
अब वह अपने बेटे को क्या जवाब दे, यह सोच रही थी.
मुकेश बोला- अगर पिताजी को पता चला तो जानती हो न कि क्या होगा!
तब शारदा के मुँह से कोमल सी आवाज आयी- तेरे पिताजी ने ही पहली बार मुझे मालिक के पास भेजा था.
कुछ पल तक वे दोनों शांत रहे थे.
कुछ देर बाद शारदा बोली- हम लोग गरीब हैं बेटा, मालिक की बात नहीं टाल सकते.
मुकेश बोला- मां, मुझे माफ कर देना. पर मां आपका नंगा बदन देख कर मेरे तन बदन में आग लगी है. मेरे मन में आपके लिए गलत भावना जाग गयी है. मैं खुद को कोस रहा हूँ. पर गलती मेरी नहीं है मां, आपका बदन है ही किसी परी के जैसा. मैं आपके साथ वह सब करना चाह रहा था, जो मालिक कर रहे थे. मां क्या मेरा ये सोचना गलत है या सही है? क्या मां बेटे में ये सब हो सकता है?
मुकेश यह कह कर शांत हो गया.
आस-पास कोई नहीं था.
दोनों चुप थे एक अजीब शी खामोशी छाई थी.
कुछ बाद सोचने के बाद शारदा उठी और बोली- बेटा, मालिक अब नहीं आएंगे.
यह कह कर वह कुटिया की ओर चल दी.
मुकेश मां को देखता रहा, उसे कुछ समझ नहीं आया.
दरवाजे तक जाने के बाद शारदा ने मुड़ कर मुकेश की ओर देखा और आंखों से उसे आने को इशारा किया.
मुकेश असमंजस में था, पर मां के इशारे पर वह कुटिया की ओर चल पड़ा.
दरवाजे तक जाकर उसने पीछे नजर घुमाई. दूर दूर तक कोई नहीं था.
मुकेश अन्दर घुस गया.
शारदा सामने पलंग के पास पीठ कर खड़ी थी.
मुकेश उसके नजदीक गया, उसकी धड़कन तेज हो गयी थी.
उसने एक पल सोचा कि अभी कुछ देर पहले देखा हुआ उसका ख्वाब पूरा होने जा रहा है.
वह मां के करीब जाकर चिपक कर खड़ा हो गया.
दोनों के शरीर एक दूसरे की गर्मी को महसूस कर रहे थे.
मुकेश मां से थोड़ा ऊंचा था.
उसकी सांसें उसकी मां की गर्दन पर आ रही थी. उससे शारदा गर्म होने लगी थी.
वह अपने बेटे की इच्छा पूरी करने का सोच कर उसकी चुत चुदी हुई होते हुए भी पानी छोड़ रही थी.
यहां मुकेश की हालत भी खराब थी, उसका लंड अकड़ गया था और खड़ा होकर झटके देने लगा था.
मुकेश अपनी मां के पीछे जाकर सट गया.
इस तरह मुकेश का लंड चड्डी के ऊपर से मां की गांड में रगड़ देने लगा.
मुकेश ने अपनी मां के कँधे पर हाथ रखा.
शारदा मुकेश के हाथ का स्पर्श पाकर सिमट गयी.
मुकेश ने कई बार उसे छुआ होगा, पर आज का स्पर्श किसी मर्द का था जो एक नारी को अपने साथ संबंध बनाने के लिए उसे तैयार कर रहा था.
मुकेश ने अपनी मां की गर्दन के ऊपर अपने होंठ रख दिए और उसकी गर्दन को वह अपनी जुबान से चाटने लगा.
इससे शारदा किसी सूखे पत्ते की तरह कांपने लगी.
उसके मन में दुविधा थी कि वह जो कर रही है, क्या वह सही है या गलत है.
अब मुकेश के हाथों ने हरकत की और वह अपनी ही मां के स्तनों को मसलने लगा.
अपने बेटे के कठोर हाथ अपने कोमल स्तनों पर पाकर शारदा का संतुलन खो गया.
उसके विचार-सोच आदि सब हवा हो गए.
अब एक मादा एक नये नर को अपना जिस्म सौंपने को तैयार हो रही थी.
शारदा की चुत तो मानो आज नहर बन गयी थी.
वह बहती ही जा रही थी. उसका कामरस उसकी टांगों से होते हुए नीचे बहने लगा.
आज बेटा मां को चोदने वाला था.
मुकेश को खुद को संभालना मुश्किल हो रहा था.
उससे रहा नहीं गया और उसमें अपने मां की साड़ी पीछे से उठा कर ऊपर को कर दी.
अब उसके मां की गोरी गांड उसके सामने थी.
जिसे उसने सुबह किसी और के साथ चुदते देखा था, वह अब उसके सामने थी और चुदने को तैयार थी.
मुकेश ने भी चड्डी नीचे खिसका दी और अपने लंड को आजाद कर दिया.
गोरी गांड और खड़ा लंड आमने सामने थे.
उसने अपनी मां को थोड़ा सामने की ओर झुका कर उसकी टांगें फैला दीं और अपने लंड को उसकी चुत पर सैट कर दिया.
अब वह कुछ देर रुका, पता नहीं उसके मन में क्या था.
कुछ पल रुकने के बाद उसने मां का पिछवाड़ा खोला और अपना लंड उधर से निकाल कर चुत पर लगा दिया.
बस फिर क्या सोचना बाकी था … उसने आंखें बंद की और एक तेज धक्का दे मारा.
उसका लंड शारदा की चुत में घुस गया.
मुकेश का लंड काफी बड़ा था, शारदा की चुत में एकदम फिट बैठ गया.
उसने सोचा न था कि मुकेश का लंड इतना तगड़ा होगा.
अब बारी दूसरे धक्के की थी, वह भी मुकेश ने लगा दिया.
लंड शारदा के चुत की दीवारों से घिसते और चीरते हुए अन्दर दाखिल हो गया.
शारदा को दर्द महसूस हुआ, पर वासना ने उसे झेल लिया था क्योंकि वह चुदी चुदाई नार थी.
पर मुकेश के लंड को अन्दर कसाव महसूस हुआ. लंड बिल्कुल भी अन्दर हिल नहीं पा रहा था.
मुकेश ने तीसरी कोशिश की, अबकी बार कमर पकड़ कर ठोका तो पूरा लंड चुत के अन्दर जड़ तक जा पहुंचा.
शारदा कसमसाई और दर्द भी हुआ, पर वह चुप थी.
आखिरकार मां बेटे की चुदाई चालू हुई.
बेटा मां को दम से ठोक रहा था.
मां भी अपने बेटे के लंड को अपनी चुत के अन्दर गहराई तक समाती जा रही थी.
चुदाई की हर थाप पर शारदा सहयोग दे रही थी.
कुछ 15 मिनट तक चली इस चुदाई में शारदा झड़ती जा रही थी, उसकी योनि बहती जा रही थी.
उसकी चुत रुकने का नाम नहीं ले रही थी.
मुकेश की उत्तेजना शिखर पर जा पहुंची और उसका वीर्य शारदा की चुत में भरने लगा.
मुकेश थक गया, वह लंड अन्दर रखकर शारदा की पीठ पर सुस्ताने लगा.
कुछ देर बाद उसका लंड अपने आप अपनी मां की चुत से बाहर निकल आया.
उन दोनों का मिश्रित वीर्य भी बहने लगा.
वासना का तूफान शांत हो गया था.
पर अब मुकेश को अपने किये का पछतावा हो रहा था.
उसने अपनी जन्मदात्री मां को ही अपनी हवस का शिकार बनाया था.
उसे अपने आप से घिन होने लगी.
वह बाहर आकर काम में लग गया.
कुछ देर बाद साफ सफाई करके और अपने कपड़े सही करके शारदा भी बाहर आ गयी.
दोनों में से एक दूसरे से नजरें मिलाने की हिम्मत किसी में ना थी.
दोनों बिना बोले ही रहे.
आखिरकार शाम हुई.
तीनों घर आ गए.
पर शारदा कुछ ज्यादा ही शांत थी.
सबने खाना खाया, सोने का समय हुआ तो सब साथ में ही जैसे सोते थे, सोने लगे.
पहले मुकेश, फिर उसकी मां, फिर पूरन … पर आज मुकेश पूरन के बगल जाकर सो गया.
शारदा को लगा कि मुकेश उससे नाराज है.
सब सो गए.
आधी रात को मुकेश को पेशाब लगी.
वह उठा और पेशाब करके आया और जाकर अपनी मां के बगल में जा बैठा.
कुछ देर बाद उसने मां की कमर पर रखा.
फिर एक हाथ ऊपर स्तन पर चला गया, उसका दूसरा हाथ मां की जांघों पर चलने लगा.
इस हरकत से शारदा की नींद खुल गयी.
उसने देखा कि मुकेश उसे सहला रहा है.
सबसे पहले उसने अपने पति को देखा, वह घोड़े बेच कर सो रहा था.
अब शारदा उठकर बैठ गयी और उसने बैठे बैठे मुकेश को गले से लगा लिया.
फिर वह उसे खींच कर अपने ऊपर लेती हुई सोने लगी.
अब मुकेश ऊपर था और शारदा नीचे थी.
मुकेश का लंड शारदा के सहलाने से खड़ा हो गया था.
उसने मां की चोली खोल दी, साड़ी ऊपर कर दी.
फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और शारदा की चुत पर रख घिसने लगा.
शारदा की चुत फिर से पानी पानी होने लगी.
मुकेश ने शारदा के एक स्तन को मुँह में भर लिया और चूसने लगा.
शारदा का स्तन आज बहुत दिनों बाद चूसा जा रहा था, नहीं तो उसे पूरन चूसता ही नहीं था.
मालिक भी नहीं चूसते थे, उन दोनों को चुत से बस काम रहता था.
स्तन चुसवाने से उसकी कामुकता बढ़ने लगी.
उसने मुकेश को कसके अपने स्तन पर दबाया.
यहां मुकेश ने एक झटके में अपना लंड अपनी मां की चुत में उतार दिया.
शारदा की चीख निकलते निकलते रह गयी.
अब चुसाई और चुदाई एक साथ चालू हो गई.
चुदाई में मस्त दोनों मां बेटे को खबर ही नहीं रही कि उसका बाप और मां का पति बाजू में सो रहा है.
उसे कितनी ही बार इन दोनों के धक्के लगे … पर गहरी नींद के चलते उसे कोई फर्क नहीं पड़ा.
यहां मां बेटे एक दूसरे को अन्दर समा लेने को आतुर थे.
मुकेश अपनी मां को धकाधक पेले जा रहा था.
शारदा की चूत फिर बहने लगी, उसे खुद को पता नहीं चल रहा था कि बेटे के साथ चुदाई करने पर चुत पानी पानी क्यों होती है.
इन दोनों के साथ क्यों नहीं होती.
आधा घंटा तक चुत चोदने के बाद लंड ने जवाब दे दिया और अपना वीर्य चुत में उगल कर खाली हो गया.
मुकेश थक गया था.
शारदा का भी बदन दर्द कर रहा था.
पर आज उसकी मस्त चुदाई हुई थी.
मुकेश मां के ऊपर ही सो गया.
दोनों थके एक दूसरे के आगोश में सो गए.
सुबह शारदा जल्दी उठी उसने अपने कपड़े ठीक किए और अपने बेटे की ओर देखा.
तो उसका लंड सुबह सुबह खड़ा था.
उसने प्यार से लंड छुआ, थोड़ा सहलाया फिर उसके कपड़े ठीक किए और नहाने चली गयी.
अब मां बेटे को जब भी मौका मिलता, चुदाई में लग जाते.
दोनों ने कई जगह चुदाई की. खेतों में, नदिया के अन्दर नहाते समय, घर में, रात को घर के बाहर खुले आंगन में, नहाने की जगह भी Xnx पेलम-पाली चलती रही.
फिर काम के लिए मुकेश को गांव छोड़ कर मुंबई आना पड़ा.
वहां क्या हुआ, वह अगली कहानी में बताऊंगा.
धन्यवाद.
Xnx लेडी फक स्टोरी पर आपके मेल का इंतजार रहेगा.
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