सिंपल गर्ल लव स्टोरी में मेरे मामा के गांव में एक लड़की मुझे पसंद करती थी. मैं भी उसे चाहने लगा था. जब मोबाइल आया तो किसी तरह उसका नम्बर मिला और बात हुई.
दोस्तो,
सबसे पहले मेरे बारे में एक संक्षिप्त परिचय:
मेरा नाम शरद गुप्ता है और मैं रक्षा मंत्रालय (आर्मी) में काम करता हूँ।
आर्मी में हूँ तो मेरी बॉडी जिम वाली है और तगड़ी है।
यह सिंपल गर्ल लव स्टोरी कुछ साल पुरानी है और मेरे तमाम यादों में से एक है।
एक बार छुट्टियों के दौरान मुझे अपने मामा गाँव जाने का मौका मिला.
वहाँ पर मैं जब छोटा था, तब से जाया करता था.
मेरे पापा एक अच्छी सर्विस में थे और अच्छे पैसे कमाते थे जिससे हम लोगों का पहनावा और खान पान अच्छा था.
जिससे मेरे मामा गाँव में मेरे सभी ममेरे भाई जो कि मुझसे बड़े थे, सब मुझे बहुत मानते थे।
गांव के मुखिया थे, नाम था, सुरनाथ ओझा!
उनकी बेटी डिम्पल ओझा से मेरी बहुत बनती थी.
या यह कहना उचित होगा कि वह मुझे बहुत चाहती थी और मैं भी उसे चाहता था।
यूँ ही चुपके चुपके कभी कभी हम बस एक दूसरे को गलियों में देख लिया करते थे.
और इसी तरह दिन बीतते गए.
एक दिन जब मोबाइल का जमाना आया और किसी तरह उसका नंबर मिला और बात का सिलसिला शुरु हुआ.
पर कभी अकेले मिलने का सौभाग्य नसीब नहीं हुआ।
एक दिन अचानक उसका फ़ोन आया और बोली- घर में अगले दो तीन दिन के लिए मम्मी और पापा बाहर जा रहे हैं. चाहो तो आ जाओ!
फिर क्या था … संयोग समझिये कि मैंने पहले ही अपनी यूनिट में छुट्टी के लिए आवेदन करके रखा था.
और उसका फ़ोन आ गया था.
चूँकि अभी मेरी शादी नहीं हुई थी इसलिए छुट्टी से घर आने के दिन ही मैं अपने मामा गाँव की तरफ अपनी बाइक लेकर निकल गया।
वहां जाकर कन्फर्म किया कि कहीं उसने मजाक तो नहीं किया है क्योंकि यह एक सपना सा लग रहा था।
मैंने अपने मामा के एक लड़के जिसका नाम गुड्डू था, उसे उसके फ़ोन और रात को मिलने की खबर बता दिया था।
मामा के गाँव में हम पुरुष लोग, गाँव के बाहर एक दादा का दालान है, वहां पर सब लोग एक साथ सोते थे.
तो रात में हम लोग खाना खा कर वहाँ चले गए.
जबकि फ़ोन पर यह तय हुआ था कि डिंपल मुझे रात में कॉल करेगी और दरवाजा खुला रखेगी.
मुझे बिना आवाज किया जाना था।
कमबख्त नीद किसे आती है ऐसे में … मेरे दिल की धड़कनें बढ़ती जा रही थीं और इधर दादा के दालान में अभी कोई सोया भी नहीं था।
मौसम ठण्ड का था और रात के करीब 11 बजे थे.
उसका कॉल आया.
लगा कि कलेजा उछलकर मुंह में आ जायेगा.
धड़कनों की तेजी बहुत बढ़ गयी थी।
मेरे मामा लोग अभी जगे थे और आपस में बात कर रहे थे.
मुझे जाना था, बहाना बनाया कि मेरा मोबाइल घर पर छुट गया है, अर्जेंट है लेकर आता हूँ, नहीं तो वहीं सो जाऊंगा।
ऐसा झूठ बोलकर मैं और मेरा भाई गुड्डू दोनों बाहर निकले.
चारों और घुप्प अँधेरा, हाथ को हाथ भी सुझाई नहीं दे रहा था।
जैसे तैसे डिंपल के घर के दरवाजे पर पहुंचे और दरवाजा धीरे से खोला … तो खुलता चला गया.
मैं अन्दर चला गया और भाई को बोला कि वह घर जाये, अपना फ़ोन पास में रखे, अगर जरूरत हुई तो मैं कॉल करूँगा।
अन्दर जाने पर भी अँधेरा था.
डिंपल दरवाजे के बगल में खड़ी थी.
जैसे ही मैं अन्दर गया, उसने मेरा हाथ पकड़ा और एक कमरे में ले गयी.
वहाँ पर अँधेरा था … पर अब आँखें थोड़ा देखने की आदी हो चुकी थीं।
मुझे एक बिस्तर नजर आया।
वहां बस हम एक दूसरे को खड़े खड़े देख रहे थे.
ज्यादा कुछ नजर तो नहीं आ रहा था पर एक दूसरे की धडकन को महसूस कर रहे थे।
उसने मेरा हाथ पकड़ रखा था.
मैंने कहा- नीचे जमीन पर गद्दा बिछा लो!
क्योंकि चारपाई पर सोने में आवाज आती।
उसने चारपाई की रजाई नीचे बिछाई, फिर हम लेट गए।
मैंने पूछा- घर में और कौन कौन है?
उसने कहा कि उसकी छोटी बहन ( 6 वर्ष ) और भाई ( 8 वर्ष ) के … जो छत पर बने कमरे में आराम से सो रहे थे।
हमारी साँसें एक दूसरे के बिलकुल पास सुनाई दे रही थीं.
फिर अचानक से उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरे होंठों पर एक किस कर दिया.
मेरा पूरा शरीर कांपने लगा.
ऐसा नहीं है कि मैंने इसके पहले सेक्स नहीं किया था.
पर ये हालात और माहौल … एक डर था … इसलिए सब कुछ बड़ा रोमांचक लग रहा था।
फिर मैंने भी उसके होंठों पर किस किया.
डिंपल एकदम अंग्रेज की तरह गोरी थी, उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था और सांसें तेजी से चल्र रही थीं, सांसें तेज चलने से उसके सीने के उभार ऊपर नीचे हो रहे थे।
पहली बार मेरा ध्यान उसके उभारों पर गया था.
क्या उन्नत वक्ष थे … एकदम सख्त से एवं तने तने।
मैंने आहिस्ता से अपनी हथेली को उसके उभार के ऊपर रखा.
एकदम सख्त सा अहसास हुआ और हथेली को हल्के से दबाने भर से उसके होंठों से सीत्कार निकल गयी।
ठण्ड का मौसम था, पर उसने एक टीशर्ट और नीचे स्कर्ट पहना था.
मैंने टी शर्ट के ऊपर से अहसास किया कि उसने टीशर्ट के अन्दर शायद कप वाली ब्रा पहनी थी जो उसके उभारों को और भी हार्ड बना रहा था।
आहिस्ता आहिस्ता मैं अपने हथेली से टीशर्ट के ऊपर से ही सहलाने लगा और अपने होंठों को उसके होंठों में चिपका दिया।
दोनों के होंठ एक दूसरे को किस करने में लगे थे और धीरे धीरे किस करते हुए एक दूसरे का रस पीने में लग गए।
जीभ से जीभ के मिलन से लार टपकने लगी और पूरा मुंह या यूँ कहिये कि पूरे होंठ गीले होकर एक दूसरे को चाटने लगे थे.
मुंह के अन्दर और अन्दर जीभ डालने के चक्कर में हम दोनों जोर लगा रहे थे.
सांसें तूफानी हो गयी थीं, बस ऐसा लग रहा था की बस एक दूसरे में समा जाएँ।
हाथ कब उसके उभारों को थोड़ा जोर से दबाने लगे पता ही नहीं चला … और न ही उसने मना किया.
फिर होंठ नीचे और नीचे अपने आप आने लगे, गर्दन पर होंठ धीरे धीरे दांतों के हल्के काटने के अंदाज में बढ़ने लगे.
पूरी गर्दन पर दांत के चुभने के अंदाज में बढ़ना और गले तक किस करना डिम्पल को पूरा मदहोश कर गया.
उसने अपना टी शर्ट अपने आप ही अलग कर लिया.
एकदम गोरे बदन पर काले रंग की ब्रा चमकती हुई दिख रही थी।
उसने मेरे हाथों को अपनी ब्रा के ऊपर रखा और मुझे प्यार से देखने लगी.
मैंने भी अपने दोनों हथेली से उसके दोनों स्तनों को देखने के अंदाज में रखा और अपने होंठों को उसके उभारों के बीच में रखा और चूम लिया.
धीरे धीरे मैंने अपनी जीभ को उसके गोरे और लाल सिन्दूरी वक्ष को चाटने में लगा दिया।
उसके मुंह से सीत्कार के साथ साथ कराह निकलने लगी.
उसने अपने हाथों से मेरे बालों को पकड़ लिया.
मेरी जीभ अपने काम पर पूरी तल्लीनता से लगी हुई थी.
फिर वो घडी भी आई जब उसने खुद ही अपनी ब्रा उतार कर अपने उरोजों को आजाद कर दिया और अपने उन्नत उरोजों को मेरे सीने से चिपका दिया।
एकदम से गोरे उभार और उसके ऊपर मटर के दाने जैसा भूरा भूरा निप्पल, तने हुए चाटी की तरफ मुंह उठाये चुनौती दे रहे थे.
मैंने अपने होंठ उसके एक निप्पल पर रख दिये और चूम लिया.
उसके मुंह से आह निकल गई.
धीरे धीरे मैंने उसे जीभ से चाटना शुरू कर दिया था।
समय का अंदाजा तो नहीं … पर रात के करीब 12 बज गए होंगे.
मैं जीभ से उसके दोनों निप्पलों को अच्छी तरह से चाटता रहा और बीच बीच में दांत का हल्का सा काटना भूलता नहीं था.
उसके मुंह से बराबर सीत्कार निकल रही थी, वह उफ़ … उफ्फ्फ … आह आह’ करती जा रही थी।
फिर मैं अपने होंठ नीचे उसकी नाभि की तरफ लेकर गया और उसके कटाव पर जीभ रख दी.
शायद आपको यकीं नहीं होगा … पर उसका हर एक अंग जैसे तराशा हुआ था, और मैं उसमें खो सा गया था।
नाभि को चाटते चूसते मैंने उसकी स्कर्ट को नीचे कर दिया.
काले रंग की पैंटी में उसकी सफ़ेद सी जांघें बहुत ही क़यामत ढा रही थी।
मैंने पैंटी के ऊपर से ही अपनी हथेली को उसके फूली हुई उभार पर रख दिया।
पैंटी के नीचे का अंग यानि उसकी बुर किसी पावरोटी की तरह फूली हुई थी और एकदम साफ़ थी.
मैंने दांत से उसके पैंटी को निकालने की कोशिश करने लगा उसने मदद की, मैं कामयाब हो गया।
पैंटी नीचे आ गयी थी और चोकलेट जैसे रंग वाली उसकी फूली हुई चूत मेरे सामने थी.
बिना सोचे मैंने अपनी जीभ उसके चूत के ऊपर रख दी.
उसकी सांसें अटक गयी और वह अपनी टांगों को अकड़ाने लगी.
मैंने एक बार जोर से उसकी चूत पर किस किया और जीभ को चारों तरफ फिराया.
मेरे मुंह में अपने आप पानी भर गया था और जीभ आराम से फिसल रही थी।
गजब की खुशबू आ रही थी उसकी चूत से!
मैं एकदम से उसे चाटने लगा.
और उसकी ‘आह उफ़ ऊओह’ बढ़ती गयी.
उसने मेरे सर को जोर से थाम लिया और मेरे मुंह को अपनी जांघों के बीच में दबा लिया जोर से!
मैं अब एकदम मजे से उसकी चूत का रसपान करने में लगा रहा.
उसकी चूत पूरी तरह से पानी पानी से भर गई थी और मैं सारा पानी पीता जा रहा था।
उसका पूरा बदन ऐंठता जा रहा था और मैं रसपान में डूब सा गया था.
तब उसने मुझे कहा- अब बस करो।
फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए, मैं केवल सपोर्टर में था.
चूँकि मैं जिम जाया करता था तो मैं नीचे सपोर्टर ही पहनता था।
मेरा लन्ड का सुपारा मेरे सपोर्टर के इलास्टिक से बाहर दिख रहा था।
मैं आपको अपने लंड के आकार के बारे में बता देता हूँ.
मेरा लन्ड 7 इंच से थोड़ा बड़ा होगा और करीब 2 इंच तक मोटा है.
पर सबसे खास मेरे आगे का सुपारा है जो मेरे लंड के पिछले भाग से थोड़ा मोटा है और एक मूसल के जैसा दिखता है।
वही मूसल का हिस्सा मेरे सपोर्टर के इलास्टिक से बाहर निकला था, जिसे डिंपल ने हाथ से स्पर्श किया और तुरंत वापस खींच लिया, बोली- ये क्या है?
मैं बोला- खुद ही देख लो!
और मैंने अपना सपोर्टर निकाल दिया.
अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे.
हालाँकि ठंडी का मौसम था पर हमारे शरीर पूरी तरह से गर्म थे।
डिंपल मेरे लौड़े को बड़े ध्यान से देखे जा रही थी.
बल्कि यह कहना गलत न होगा कि घूर घूर के देख रही थी।
तभी एकदम से वह नीचे बैठ गयी घुटनों के बल और अपना हाथ मेरे लौड़े पर रख दिया और आराम से पकड़ने का प्रयास करने लगी.
पूरी हथेली से भी लगभग 3 इंच ऊपर मेरा मूसल सा टोपा, एकदम लाल!
उसने अपनी जीभ से उस पर स्पर्श किया.
और अब करंट खाने की बारी अब मेरी थी … पूरे बदन में सिहरन सी झूम गयी।
उसने अपने जीभ से ही धीरे धीरे मेरे टोपे को चाटना शुरु किया फिर आगे का पूरा मूसल अपने मुंह में ठूंस लिया.
उसका पूरा मुंह भर गया था पर उसने निकाला नहीं और अपने मुंह में लार से उसे पूरा गीला कर दिया।
हालाँकि उसका पहला अहसास था … या कौन सा … पता तो नहीं … पर उसकी अचानक से की गयी यह हरकत मुझे बहुत रोमांचित कर गयी।
शायद उसे चूसना अच्छा लग रहा था.
पर गुदगुदेपन के अहसास ने मुझे आँखें बंद करके महसूस करने पर विवश कर दिया था।
उसने अगले 10 मिनट तक मेरा मूसल अपने मुंह में लेकर लोलीपोप की तरह प्यार से चूसा.
जब बाहर निकाला तो उसका मुंह लार से भर गया था.
उसने कहा- इतना मोटा मेरी चूत में कैसे जायेगा?
तो मैंने कहा- देखते हैं! और कोशिश तो करनी पड़ेगी. घर में कुछ क्रीम या तेल है तो लेकर आओ।
वह सरसों का तेल लेकर आई।
मैंने उसे नीचे चित लिटा दिया और अपने मूसल को तेल में डुबाया और उसकी फूली हुई चूत पर टिका दिया.
तेल की कुछ बूंदें उसके आगे भगनासा पर टपका दी और धीरे से अपने मूसल का हिस्सा अन्दर करने की कोशिश की.
थोड़ा सा गया भी … पर डिंपल का बुरा हाल हो गया.
दर्द से एकदम से अकड़ने लगी पर हिम्मत नहीं हारी उसने!
मुझे देखती हुई बोली- आराम से पूरा डाल दो।
मैंने पूछा- अचानक से यह चुदाई का प्लान कैसे बना लिया?
तब उसने बताया कि उसकी शादी तय हो गयी है और अगले महीने शादी है. पर वह मुझे प्यार करती है तो और चाहती है कि सबसे पहले मैं उसको चोदूँ।
अब मेरी समझ में आया कि आखिर इतना सब अचानक कैसे और क्यों!
इतनी देर में मेरे मूसल जैसे टोपे ने चूत के अग्रिम भाग में अपना जगह बना ली थी.
मैंने अपने हाथों को उसके कंधे पर जमाया और एक झटका लगा दिया.
वह चिहुंक कर पीछे सरक गयी.
पर ज्यादा पीछे नहीं जा पायी क्योंकि मैंने अपने होंठों से उसका कन्धा पकड़ा हुआ था.
उसकी आँखों के आंसू मैं साफ़ देख सकता था.
मैंने अपने को पीछे खींचना चाहा तो उसने मुझे पकड़ लिया और बोली- जैसे हो, ऐसे ही रहो.
फिर उसने मेरे होटों पर एक किस कर लिया और मेरे गाल पर प्यार करने लगी।
वह मेरे कान के पास अपने होंठों को लाकर बोली- I LOVE YOU! मुझे आज पूरी रात जमकर चोदो। मैं आज की रात अपनी पूरी लाइफ याद करना चाहती हूँ।
मैंने भी धीरे से एक और झटका लगा दिया.
लगभग आधा लंड उसकी चूत के अन्दर समा गया था.
मैंने नीचे ध्यान लगाया तो पहुत गीला गीला लगा, शायद खून का रिसाव हो रहा था.
पर तेल की वजह से ज्यादा समझ में नहीं आ रहा था.
उसने बोला- रुक जाओ, और तेल लगा लो. तुम्हारा लौड़े के आगे का सुपारा एकदम मोटा है. तुम्हारा पूरा लंड बहुत मस्त है, जिसको भी चोदोगे, वो लड़की तुम्हें हमेशा याद रखेगी.
मैंने कहा- मैं चाहता हूँ कग बस तुम मुझे याद रखो, मुझे सभी से क्या लेना देना।
मैंने सरसों का तेल की ज्यादा मात्रा अपने लंड पर गिराया जिससे लंड अपने आप धीरे धीरे अन्दर जाने लगा।
अब मैंने अब पूरा डालने की कोशिस नहीं की और उतने पर ही धीरे धीरे घर्षण शुरू किया, पूरा टोपे तक बाहर निकलना और फिर धीरे से आधे हिस्से तक अन्दर डालना!
यही मैं अगले 10 मिनट तक करता रहा.
इतने में डिंपल ने भी अपने नाखून मेरी पीठ में चुभाना शुरू कर दिया था और उसके मुंह से ‘आह आह उफ़ उफ़’ की मादक आवाज निकालना शुरू हो गयी थी.
फिर मैंने एक फाइनल जोरदार शॉट लगा दिया.
तभी वह मेरे सीने से एकदम चिपक गयी.
मैं भी कुछ देर वैसे ही पड़ा रहा.
तब उसने बात करना शुरू किया और कहा कि वह चाहती है कि मैं उसे प्रेग्नेंट कर दूं।
सिंपल गर्ल लव देख मैं चकित रह गया.
उसने कहा- ऐसे मत देखो … और प्लीज मुझे माँ बना दो, मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ।
मैंने कहा- तुम्हारे पति को पता चल गया तो?
उसने कहा- शादी दस दिन बाद ही है. और बच्चे के लिए 9 महीने में 10 या 15 दिन आगे पीछे चलता है।
उसे मेरी निशानी चाहिए थी.
तो मैंने भी पूरा जोर लगाना शुरू कर दिया और अपना मूसल जैसा लंड जड़ से टॉप तक अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
वह भी पूरे जोर शोर से से अब अपने मस्त चूतड़ उछाल रही थी.
दर्द भरी कराह के साथ अब मादक सिसकारियाँ भी आने लगी थीं.
मैंने फिर अपना दायाँ हाथ उसकी गर्दन में फंसाया और अपना बायाँ हाथ उसके पेट के बगल में रखा, अच्छे से पकड़ बनायी और गगन चुम्बी धक्के लगाने लगा.
जबरदस्त आवाज कमरे में गुजने लगी.
थप थप और फच फच की आवाज से गूंजने लगा सारा कमरा!
उसकी कराह अब उत्तेजना में बदल गई थी और वह चुदाई में पूरा साथ दे रही थी.
उसने अपने नाखूनों को मेरे पीठ पर जोर से गड़ा रखा था.
मुझे इसी आसन में चोदते हुए काफी देर हो चुकी थी पर मैं रुका नहीं था.
दबादब मैं एकदम तेजी में उसे पेले जा रहा था.
अचानक से उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और बोली कि उसका पानी निकलने वाला है, अगर बच्चा देना चाहते हो तो मुझे भी उसके साथ अपना पानी निकलना पड़ेगा।
फिर क्या था … मैंने उसकी टांगों को अपने कंधों पर चढ़ाया और दोनों हाथों को उसके बदन के अगल बगल रखकर अपने पैरों को पीछे सीधा करके बहुत तेजी में शॉट लगाने शुरू किये.
उसका पूरा बदन कांपने लगा और उसका हर एक अंग कम्पन कर रहा था.
और मैंने तभी अपना पानी निकाल दिया.
मेरी एक आदत है, जब मेरा पानी निकलता है तो मैं उस समय में भी पूरी रफ़्तार से फुल शॉट लगाता हूँ.
काफी लम्बी घमासान चुदाई के बाद दोनों थके से पड़े थे और उम्मीद कर रहे थे कि शायद वह आज रात मेरे बच्चे की माँ बनने का बीज धारण कर ले.
उस रात हमने 3 बार चुदाई करी.
फिर सुबह 4 बजे मैं वहां से निकल गया।
उसके बाद मैं 2 साल के लिए ट्रेनिंग पर चला गया.
मेरे भाई गुड्डू ने मुझे बताया कि डिंपल का लड़का हुआ था और उसकी आदत और शक्ल भी लगभग मेरे से मिलती है.
और आश्चर्य की बात कग उसका नाम भी शरद ही है।
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको यह सिंपल गर्ल लव स्टोरी?
प्लीज मुझे मेरे ईमेल आईडी पर अपने विचार जरूर दें.
ताकि जब मैं जब अपनी अगली सच्ची कहानी लेकर हाजिर होऊं तो आपका स्नेह मिलता रहे।
आप सभी का बहुत बहुत आभार.
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