निःसन्तान महिला को बच्चे का सुख दिया- 2

सेक्स एप्प Xxx कहानी में एक अनजान खूबसूरत जवान भाभी से डेटिंग ऐप से मुलाक़ात हुई. उसने मुझे अपने घर बुलाया और मैंने उसका बच्चे का सपना पूरा किया.

दोस्तो, मैं देवू आपको एक निसन्तान औरत के साथ सेक्स संबंधों पर आधारित एक सच्ची सेक्स कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
पत्नी से सेक्स का सुख नहीं मिल रहा
में अब तक आपने पढ़ा था कि एक सेक्स एप्प के जरिए मुझे मधु नाम की एक विवाहित महिला मिली और वह मुझसे सेक्स करके एक बच्चे की चाहत बताने लगी.
इसी मुद्दे को लेकर मैं उसके बुलाने पर उसके घर आ गया.
वह मुझे अन्दर ले गई और सोफ़े पर बैठने का कह कर पंखा चलाने चली गई.

अब आगे सेक्स एप्प Xxx कहानी:

मधु आकर मेरे बग़ल में बैठ गई और उसने नौकरानी को पानी लाने के लिए आवाज़ लगाई.
अब हमारी बातें चालू हुईं, कुछ झिझक के साथ.

मधु- कैसे हो आप … और घर ढूँढने में कोई तकलीफ़ तो नहीं हुई?
मैं- अच्छा हूँ … और आज और अच्छा हो जाऊंगा शायद … और मुझे यहां पहुंचने में कोई दिक़्क़त नहीं हुई.

मधु- अभी भी शायद बोल रहे हो … कोई संदेह है क्या आपको?
मैं- यार मुझे तो अभी भी सब सपना जैसा लग रहा है. मैं कभी सोचा ही नहीं था कि ज़िंदेगी में तुम जैसी कोई मिलेगी. लगता था कि लाइफ हिला हिला कर ही ख़त्म हो जाएगी.

मधु थोड़ी शरारती होकर बोली- क्या हिला हिला कर?
मैं- आपको पता तो है!
मधु- आप नहीं … तुम बोलो न!

इतने मैं नौकरानी पानी ले आई और मधु ने उसको जाने के लिए कहा क्योंकि अब उसका काम ख़त्म हो चुका था.

जैसे ही नौकरानी बाहर गई कि मधु उठ कर दरवाज़ा बंद करने चली गई.

वह उधर से वापस आई तो एकदम से मेरी गोदी में बैठ गई और कसके गले लगा लिया.
थोड़ी देर वह ऐसे ही बैठी रही. उसकी चूचियां मेरे सीने से चिपकी हुई थीं.

उसकी चूचियों का गर्म अहसास मेरे लंड में खून का प्रवाह बढ़ा रहा था और मेरा लंड खड़ा हो रहा था.

जब मेरा लंड उसकी गांड को दस्तक देने लगा, तो मधु मुस्कुरा दी.

मधु- किसी का कुछ खड़ा हो गया!
मैं- किसी की बड़ी बड़ी गेंदें मेरे सीने में दबी हुई हैं, इसलिए वह खड़ा हो रहा है!

मेरी बात ख़त्म हो ही रही थी कि मधु मेरे होंठों को किस करने लगी.

मैं भी उसका साथ देने लगा और हम दोनों एक दूसरे को ज़बरदस्त तरीके से चुम्मा लेने देने लगे.

मेरे दोनों हाथ कभी उसकी पीठ पर तो कभी गांड पर घूमते रहे और दबाते रहे.
हम दोनों मदहोश हो रहे थे.

फिर मैं उसकी गर्दन को चूमने लगा.
उसके रोंगटे खड़े होने लगे.
वह कामुकता की नदी में डुबकी लगाने लगी.

मैंने उसके मख़मली गाउन को अपने हाथों से कंधे से तनिक हटाया और कंधे को चूमने लगा.
इससे वह और ज्यादा उत्तेजित हो गई और कामुक आहें निकालने लगी.
‘आह आह … यू आर सो स्वीट …’

मैं चूमते हुए जब गर्दन के नीचे चूचियों के ऊपर पहुंचा तो वह झट से थोड़ा पीछे हुई और गांड उठा कर उसने अपने गाउन को एक झटके से निकाल दिया.

मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं क्योंकि अन्दर उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
इसलिए उसकी नंगी चूचियां मेरे सामने हिल हिल कर मुझे लुभा रही थीं कि आओ, हमें दबाओ चूसो और हमारे साथ खेलो.

मैंने एक पल की भी देरी ना करते हुए झट से दोनों मम्मों को पकड़ा और चूमने लगा.

मधु मदमस्त हो रही थी और अपने हाथों से अपना एक दूध पकड़ कर मेरी आखों में देखती हुई मेरे मुँह में देने लगी.
मैं एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह दूध को चूसने लगा.

चूचे को चूसने के साथ साथ मैं निप्पल को जीभ से कुरेदता हुआ चाट रहा था.

उसका दूसरा दूध बुरा ना मान जाए इसलिए मैं उसको भी दबाने लगा.

मुझे उसके बड़े बड़े मम्मों से खेलने में मज़ा आ रहा था.
मधु भी उत्तेजित हो रही थी और मेरे सर को अपने चूचों में दबा रही थी.

मैंने महसूस किया कि वह मेरी गोदी में बैठ कर अपनी गांड हिला हिला कर चूत को मेरे लंड पर रगड़ रही थी.

शायद जब औरतें ज्यादा उत्तेजित हो जाती हैं तो उनकी चूत में खलबली मचने लगती है और वे चूत को लंड से रगड़ने लगती हैं.

मधु मेरे सामने नंगी बैठी थी; उसने सिर्फ़ पैंटी पहनी हुई थी.
मैंने उसको उठा कर सोफ़े पर लेटा दिया ताकि उसकी रसीली देह का सही से मजा मिल सके.

अब मैं उसके सपाट पेट और नाभि को चूमने चाटने लगा.

मधु एकदम गर्म हो चुकी थी और मैं भी अपना होश खोकर काम के वश में हो चुका था.

मैं उठकर सीधा उसके पैरों को पकड़ कर चूमने लगा और धीरे धीरे चूमते हुए जांघ तक आ गया.

अब मैं पैंटी की इलास्टिक में अपनी उंगलियां फंसा कर उसे नीचे खींचने लगा.
तो मधु ने अपनी गांड उठा कर ख़ुद ही अपनी पैंटी को निकलवा दिया.

आह … सच में यार क्या मादक नज़ारा था दोस्तो … उसकी एकदम चिकनी चूत सामने थी और उसे पर एक भी बाल नहीं था.

मैं चूत के ऊपर के पाव सरीखे फूले हुए हिस्से को नाक से सूंघने लगा.

दोस्तो, चूत के ऊपर जो बाल होते हैं, वहां की त्वचा जब चिकनी हो जाए तो उस जगह को मैं पाव बोलता हूँ.

मेरे नाक लगाने से मधु को सिहरन हुई और वह मचलने को हुई, उसी वक्त मैंने झट से उसकी चूत को एक चुम्मा दे दिया और सूंघते हुए चाट लिया.

मेरे मुँह में खट्टा सा स्वाद और एक मदहोश करने वाली सुगंध आई.

मेरी बीवी ने तो कभी चूत चटवाई नहीं थी तो इस छेद का स्वाद कैसा होगा, यह मालूम ही न हुआ.
मैं बस बीवी की तुलना मधु से करते हुए सोचता रहा.

फिर मैं खुद से बोला कि चल देबू, आज चूत भी चख ही ले.

जैसे मैंने उसकी टांगें फैलाईं और जीभ से चूत को पहली बार अच्छे से चाटा तो नमकीन सा स्वाद लगा.

मैं चूत का स्वाद जज़्ब करने लगा और थोड़ा सा रुक गया.

मधु- क्या हुआ जान … मेरी चूत का स्वाद पसंद नहीं आया?
मैं- कभी पहले तह स्वाद मिला ही नहीं, तो अभी बस स्वाद ले रहा हूँ!

वह हंस दी और उसके हाथ ने मेरे सर को वापस अपनी चूत पर दबा दिया.

मैं फिर से चूत चाटने लगा और चाटते चाटते ही चूत का रस अच्छा लगने लगा.
दूसरी तरफ वह भी अपनी गांड उठा उठा कर चूत चटवाने में लगी थी.

मैं उसकी चूत की छोटी सी डंडी को सहलाता, तो वह चीख उठती.
‘आह हाए क्या मज़ा आ रहा है. पूरी चूत खा जा कमीने.’

मुझे भी पहली बार चूत चाटने में मज़ा आ रहा था.
कभी मैं उंगली करता तो कभी जीभ से चूत चुदाई करता.

इस सबसे मधु अपने चरमसुख पर पहुंच गई और पानी छोड़ते हुए शांत हो गई.
मैं समझ गया कि वह झड़ चुकी है.

मैंने उसकी तरफ देखा तो वह अपने होंठों को चबा कर नशीली नज़रों से मुझे देख रही थी.

मेरी उससे नजरें मिलीं तो मैंने झट से उसे अपने ऊपर खींच लिया.

मैं भी उसके ऊपर लेट गया और वह सरक कर मेरे नीचे सही से बिछ गई.

अब मैं उसकी जगह था और वह मेरी जगह.

मधु- ये ग़लत बात है कि मैं पूरी नंगी हूँ और आप कपड़ों में हैं!
मैं- उतार दो और मुझे भी नंगा कर दो.

मैंने अपनी टी-शर्ट को निकाला और मधु मेरी जीन्स पैंट को निकालने लगी.
मैंने अपनी गांड को उठाया ताकि वह आसानी से मेरी पैंट व चड्डी को उतार सके.

उसने मेरी चड्डी को भी पैंट के साथ ही निकाल दी.
उस वक्त उसने एक खास हरकत की, वह मेरी चड्डी को सूंघने लगी क्योंकि चड्डी प्रीकम से गीली हो गई थी.

मेरा लंड एकदम खम्बे की तरह खड़ा हो गया था और मधु उसे हाथ से पकड़ कर झटके देने लगी थी.

वह लंड को बढ़िया से चाटने लगी और आइसक्रीम के जैसे चूसना चाटना शुरू कर दिया.

मेरी ज़िंदगी का पहला ब्लोजॉब मिल रहा था और उस सुख को महसूस करने के लिए अपनी आंखों को बंद करके मैंने अपना ध्यान मधु की हरकतों पर केंद्रित कर लिया था.

उसने शायद लंड चूसने में महारत हासिल की हुई थी.
वह इतना बढ़िया से लंड चूस रही थी कि मत पूछो दोस्तो.

आपको भी यह पता होगा कि इस अहसास को शब्दों में बयान नहीं कर सकते.

अब मेरे गोटों पर कुछ उबाल मार रहा था, तो मैंने कहा कि मैं माल निकालने वाला हूँ.
यह सुन कर मधु ने तेज तेज चूसना चालू कर दिया.

कुछ ही देर बाद मेरे मुँह से एक ज़ोर की आवाज़ निकली- आहह … आहह.
बस मैंने अपना सारा वीर्य मधु के मुँह में ही छोड़ दिया.

मधु भी सारा रस पीती चली गई.
वह मेरे लंड व पेट को चाट कर साफ़ करने लगी.
मधु मुझे जन्नत का अहसास दे गई थी.

अब हम दोनों उठ कर बेडरूम में आ गए.
उधर आकर खड़े खड़े ही एक दूसरे के आगोश में समा गए.

मधु की दोनों चूचियां बिना किसी रुकावट के मेरे सीने से चिपक रही थीं और मेरा लंड उसकी चूत के ऊपर खलबला रहा था.
थोड़ी देर गले मिलने के बाद उसने मुझे बिस्तर ले लेटा दिया और मेरे लंड से खेलना चालू कर दिया.

मैं समझ गया कि वह चुदने के लिए तैयार हो गई है.

हम दोनों 69 का मजा लेने लगे और थोड़ी ही देर मैं मेरा खूँटा वापस सीना ताने खड़ा हो गया.

मधु ने एकदम से मेरा लंड पकड़ लिया और वह अपनी चूत के दरवाज़े पर रख कर लंड को घिसने लगी.

वह मेरे लंड के ऊपर बैठने लगी तो मेरा लंड भी उसकी गीली चूत में धँसता हुआ अन्दर जाने लगा.

मेरा लंड डूबते हुए सूरज की तरह मधु की चूत में लीन हो गया.
हम दोनों अब सातवें आसमान पर थे.

वह एक बेशर्म औरत की तरह चुदने लगी.
उसकी चूत व चूतड़ मेरे लंड और जांघों पर टकरा रहे थे और थप थप थप की आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी.

जब वह उछल उछल कर चुद रही थी तो उसके बड़े बड़े दूध भी ऊपर नीचे हिल रहे थे.

मैं अपने दोनों हाथों से दोनों दूध को मसलने लगा.
उसके पूरे बदन पर और बड़ी सी गांड पर अपना हाथ फेर रहा था.

एकदम मदमस्त होकर हम दोनों एक दूसरे के साथ चुदाई का मजा ले रहे थे.

कुछ ही देर बाद वह फिर से झड़ी और मुझसे लिपट गई.

मेरा लंड तो अब भी अपने उफान पर था तो मैं अपनी गांड उठा उठा कर उसको चोदने लगा.

वह चिल्ला रही थी- आह और ज़ोर से चोदो मुझे … मेरी चूत का भोसड़ा बना दो … मेरा पति कुछ नहीं कर पाता आह आज मुझे चोद कर एक बच्चा दे दो!

कुछ देर तक ताबड़तोड़ चोदने के बाद मैंने उससे घोड़ी बनने को कहा.
तो वह झट से चौपाया बन गई.

फिर अपनी मोटी गांड मेरी तरफ़ करके बोली- आ जाओ, मुझे घोड़ी बना कर चोदो और फाड़ दो!
मैं उसके ऊपर घोड़ा बन कर चढ़ गया और उसकी घोड़ी के जैसी चुदाईं करने लगा.

मधु ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगी.

मेरा लंड अभी भी किसी ज़िद्दी लड़के की तरह खड़ा था और रस निकालने को राज़ी ना था.

कुछ देर घोड़ी बनाकर चोदने के बाद मैं अलग हो गया और वह नीचे लेट गई.

मैंने वापस लंड पेला और अपना इंजिन चालू रखा.

काफ़ी देर तक लगातार चूत को चोद रहा था तो मधु को अपनी चूत में जलन महसूस होने लगी.
वह बोली- जवानी अभी भी कूट कूट कर भरी है … आपकी सेक्सी बॉडी और चुदाई से मैं बहुत खुश हूँ. सच में बहुत सालों बाद आज एक अच्छी चुदाई मिली है.

मैं अब झड़ने वाला था तो वह बोली- चूत में वीर्य निकालो और थोड़ी देर लंड को चूत के भीतर रखे रहो.

मैंने वैसा ही किया और लंड को चूत में रख कर ही उसके ऊपर लेट गया.
वह भी खुश होकर मेरे बालों को सहला रही थी.

कुछ देर बाद हम दोनों उठे और बाथरूम में जाकर अपने आपको साफ़ किया.

अब तक मेरा ऑफिस का समय हो गया था तो मैं अपने मोबाइल के हॉटस्पॉट बना कर लैपटॉप से लॉगिन हो गया.

मेरी जितनी भी मीटिंग्स थीं, मैंने उन सबको कैंसिल कर दिया ताकि अगले राउंड में प्यार मोहब्बत के खेल में कोई रुकावट ना हो.

घर में हम दोनों नंगे ही थे.

ख़ाना उसने ऑर्डर कर दिया और आकर मेरी गोदी में बैठ गई.

मैं- एक बात बताओ, तुम्हारे पति कहां हैं?
मधु- वे दुबई में हैं, मैं अकेली आयी हूँ. मुझे कुछ घर के कानूनी कामों के कारण आना था.

हम दोनों पूरे नंगे थे और वह गोदी में थी तो काम वासना फिर से जाग गई.

इस बार पता नहीं उसको क्या पागलपन सूझा कि वह एकदम से उठी और किचन की तरफ चली गई.

उधर से फ्रिज की तरफ़ गई और चॉकलेट सीरप ले आई.
उसने मेरे लंड पर सीरप डाला और चूसने लगी.

उसको मेरा लंड बड़ा पसंद आ रहा था.
पूरा लंड साफ़ करके उसने सीरप अपनी चूत पर डाल दिया.

अब उधार चुकाने की मेरी बारी थी.
मैं अपनी जीभ लेकर पहुंच गया चूतपुर की सँकरी गलियों में.

इतना मज़ा कभी मेरे जीवन में नहीं मिला था … और मुझे तो यक़ीन ही नहीं हो रहा था.

किसी भूखे कुत्ते के जैसे मैं चूत चाट रहा था और चूत से सीरप की सफ़ाई करने में लगा हुआ था.

मैं अपने आप से ख़ुश भी था कि मधु पूरा मज़ा दे रही थी और वह बहुत संतुष्ट भी थी.

मैंने उसको उठा कर उसके दोनों हाथों को दीवार से लगा कर टिका दिया और उसके दोनों पैरों को थोड़ा फैला कर पीछे से खड़े खड़े ही चूत में लंड घुसा कर चोदने लगा.

वह भी गांड को पीछे करके धक्का देने लगी.
तो मैं पीछे से उसकी हिलती हुई चूचियों को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था.

वह मदहोश होकर कामुकता भरी आवाज़ निकाल रही थी और गाली दे रही थी- मादरचोद, कितना चोदेगा मुझे … और आज ही मेरी चूत को खोद खोद कर कुआं बना देगा क्या? साले … कुछ तो रहम कर बहन के लंड … आह कितना अन्दर तक पेल रहा है!
मैं- हराम की जनी साली रंडी … तुझे क्या गाली देकर चुदने में मज़ा आता है?

मधु- हां हरामी साले कुत्ते … मुझे गाली देकर चुदने में बहुत मज़ा आता है. पति के सामने अच्छा संस्कारी होना पड़ता है, इसलिए कुछ नहीं कह पाती … पर तेरे सामने तो जो चाहूँ कर सकती हूँ ना?
मैं- हां, तुम तो मेरी रंडी हो … और मैं तुम्हारा ग़ुलाम हूँ … जो चाहे और जो भी ख्वाहिशें है, सब पूरी कर सकती हो.

मधु- अब जल्दी करो, ख़ाना वाला ख़ाना लेकर आ रहा होगा.
मैंने भी उसकी इस बात से सहमति जताई.

हम दोनों ज़ोरदार पेलम पेली के बाद साथ में ही झड़ गए.

उस दिन हमने बाथरूम सेक्स भी किया.
उसे चार बार चोद कर मैं अपने घर वापस आ गया.

मैंने घर में अपनी पत्नी से कहा कि अब दो तीन हफ़्ते ऑफिस रेगुलर जाना पड़ेगा, कुछ बड़े अधिकारी आ रहे हैं.

तक़रीबन एक महीना तक मैं रोज़ दिन में जाकर चोद कर रात को घर आता था.

हम दोनों ने कुछ नये नये तरीक़े इंटरनेट से देख कर किए और हम दोनों एक दूसरे के साथ पूरा आनन्द लिया.

फिर जैसे ही उसकी माहवारी नहीं आई तो वह समझ गई कि वह पेट से हो गई है.
उसका बच्चे का सपना सच हो रहा था.

दो दिन बाद जब मैं उसके पास पहुँचा, तो वह बहुत खुश थी और मुझे देखते ही उछल कर मेरी बांहों में आ गई.
वह मेरे कान में बोली- आप बाप बनने वाले हो.

हम दोनों बहुत खुश थे और मुझे तसल्ली थी कि मैं एक दुखियारी की मदद कर सका.

वह दुबई चली गई ताकि वह अपने पति के साथ चुदाई करके उसे बता सके कि यह बच्चा उसी की देन है.

अब उसने डेटिंग एप अकाउंट डिलीट कर दिया और फ़ोन नंबर भी बदल दिए ताकि कोई किसी से संपर्क ना रख सके; वह अपनी ज़िंदगी में अपने परिवार के साथ खुश रह सके.

आशा करता हूँ कि आपको मेरी सेक्स एप्प Xxx कहानी पसंद आई होगी.
आप लोगों के सुझाव और फीडबैक का मुझे इंतज़ार रहेगा.
आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं.

मेरी ईमेल आईडी है
[email protected]