सर्दी में भाभी की चूत की गर्मी मिली

न्यूड भाभी वांट फक कहानी मेरी और मेरी सगी भाभी की है कैसे मैंने पूरी रात उनकी चुदाई करके ठंडा किया और पूरी रात मजे करे हम दोनों ने! मेरी भाभी हॉट है, एकदम भरी हुई माल है.

फ्रेंड्स, मेरा नाम राहुल है. मैं दिल्ली से हूं.
मेरी हाइट सवा छह फीट की है और मेरा औजार काफी लंबा है.

मेरी भाभी का नाम सीमा है.
उनकी उम्र 32 साल की है.
भाभी का फिगर 32-28-34 का है, वे अभी एक 22-23 साल की लड़की जैसी ही लगती हैं.

यह न्यूड भाभी वांट फक कहानी कुछ समय पहले की है.
उस वक्त दिल्ली में शीत लहर चल रही थी.
बहुत तेज सर्दी थी, वह दिसंबर का महीना था.

उन दिनों हमारे घर में हम भाभी देवर और मेरी मम्मी ही थीं, भैया अपनी कंपनी के काम से बैंगलोर गए थे.

मैं दिल्ली में रह कर अपनी पढ़ाई कर रहा था और मम्मी गांव जाने वाली थीं.
रात को मैंने और भाभी ने खाना खाया.
उसके बाद भाभी अपने कमरे में सोने चली गई थीं.

रात में ठंड बहुत तेज थी और मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैं अपने कंबल में लेटा था और करवटें बदल रहा था.

तभी भाभी मेरे कमरे में आईं और कहने लगीं- सोए नहीं राहुल?
मैंने कहा- भाभी, सर्दी बहुत तेज है, नींद नहीं आ रही है.

भाभी ने कहा- तुम्हारे कमरे में तो हीटर भी है, तब भी तुमको नींद नहीं आ रही है. खैर … क्या मैं यहां सो जाऊं?
मैंने कहा- हां आ जाओ. बस आप जरा हीटर को फुल पर कर देना.

वे हीटर को तेज स्पीड पर करके मेरे बेड पर आ गईं और मेरी तरफ गांड करके सोने लगीं.
मुझे पता नहीं क्यों आज भाभी का मूड कुछ बदला बदला सा लग रहा था.

रात के करीब एक बजे मेरी आंख खुली, तो हीटर के कारण कमरे में खासी गर्मी हो गई थी और शायद उसी कारण से भाभी ने कंबल से खुद को अलग कर लिया था.

उनकी साड़ी उनके घुटने के ऊपर थी और उनके बूब्स ब्लाउज से बाहर आ रहे थे.

मैंने अपने एक हाथ को उनकी गांड पर रगड़ना शुरू कर दिया और अपना पैर उनके पैर के ऊपर रख दिया.

भाभी धीरे धीरे गर्म हो रही थीं.
उनकी मादक आहें निकलने लगी थीं.
मैं समझ गया कि न्यूड भाभी वांट फक!

फिर मैंने अपने दूसरा हाथ भाभी के बूब्स पर रख दिया और उनके बूब्स दबाने लगा.

भाभी अपनी गांड को मेरे लंड में चिपकाने लगीं और वे थोड़ी जोश में आने लगीं.
उसके बाद वे मेरी तरफ मुड़ गईं और हमारी लिप किस शुरू हो गई.

दस मिनट तक मैंने उनके होंठों को अच्छे से चूसा.
उनका हाथ मेरे लंड को मसल रहा था.

मैं भाभी को नंगी करने लगा.
उनके नंगे बूब्स और गांड देख कर मेरे लंड में तनाव आने लगा.

मैं भाभी के बूब्स को चूसने लगा और एक हाथ से उनकी चूत को रगड़ने लगा.
उनके दोनों मम्मों को मैंने बारी बारी से चूस चूस कर लाल कर दिया.

उसके बाद मैं भाभी की चूत को चूसने लगा.
भाभी गर्म गर्म सांसें ले रही थीं और अपने हाथ से मेरे सर को अपनी चूत में दबा रही थीं.

करीब 15 मिनट तक मैंने भाभी की चूत को चूसा तो भाभी अकड़ती हुई बड़बड़ाने लगीं और झड़ गईं!

मैं उनकी चूत को चूसता रहा और उनकी चूत की मलाई को चाट कर चूत चमका दी.

कुछ देर बाद भाभी उठीं और वे मेरे ऊपर आ गईं.
वे मेरे होंठों को किस करने लगीं और मेरा लंड सहलाने लगीं.

कुछ ही देर में भाभी के हाथ जोर जोर से मेरे लौड़े को मुठियाने लगे.
मैंने कहा- चूस लो न!

यह सुनते ही भाभी मेरे लंड को चूसने लगीं और मेरे गोटों को सहलाने लगीं.
मैं आप लोगों को एकदम सच बता रहा हूँ कि उस वक्त मुझे कैसा मजा आ रहा था.

भाभी के लंड चूसने से तो मुझे जन्नत मिल गई थी.
मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था, भाभी उसको चूसे जा रही थीं.

फिर भाभी कहने लगीं- देवर जी, अब चोद दो, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
मैंने भाभी को उठाया और उनकी चूत को चूसने लगा.
उसके बाद मैं अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा.

भाभी तड़पने लगीं, वे बार बार कह रही थीं- जल्दी से चोद दो देवर जी … चोदो ना जल्दी से!
मैंने अपना पूरा लंड एक बार में भाभी की चूत के अन्दर डाल दिया.

भाभी जोर से चीख पड़ीं और ‘आह आह मर गई’ की आवाज करने लगीं.
उनकी आंखों से आंसू आने लगे, मैं समझ गया था कि भाभी बहुत दिनों से नहीं चुदी होंगी इसीलिए उनकी चूत की फांकें चिपक गई होंगी.

मैं उनको और तेज रफ्तार से चोदने लगा.

भाभी बस चिल्ला रही थीं और मेरी बाहों में तड़प रही थीं.
मैं उन्हें ताबड़तोड़ चोदता जा रहा था और उनकी चूत में लंबे लंबे झटके मारने लगा था.

वे भी अपनी तरफ से मेरे लौड़े का जमकर मुकाबला कर रही थीं और मेरे पाल पकड़ कर मुझे अपनी चूचियों की तरफ खींच रही थीं- चूची भी चूस साले … आह कितना अन्दर तक पेल रहा है लौड़े को आह मजा आ गया … अब तो सर्दी की मां का भोसड़ा … आह चोद राजा.

मैं भाभी की चूची को मुँह में भर कर उन्हें घचाघच घचाघच चोद भी रहा था और उनके दोनों दूध को बारी बारी से खींचता हुआ चूस रहा था.

चुदाई का घमासान अपने चरम पर आ गया था.
मेरा लंड उन्हें कई दिनों से चोदना चाहता था जिसका मौका मुझे आज मिल रहा था.

भाभी को भी देवर के लौड़े से चुदने में खूब मजा आ रहा था- आह अम्म आह चोद दे रगड़ दे आह बना ले अपनी रंडी आह!
उनकी प्यारी प्यारी कामुक आवाजों को सुनकर मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो रहा था.

मैं उनके ऊपर अपना पूरा वजन डालकर चढ़ गया और उनकी चूत को रगड़ कर चोदते हुए और जोर से चुम्मा चाटी करने लगा.

कुछ देर बाद मैंने उनकी दोनों टांगों को अपने कंधों के ऊपर रख लिया और लंड पेला तो पाया कि इस आसन में उनकी चूत पूरी खुल चुकी थी और उस खुली चूत में मैंने अपना भरा हुआ लंड डाल दिया.

मैं भाभी की पुनः चुदाई करने लगा.
वे आह आह कर रही थीं और अपनी गांड उठा उठा कर लंड ले रही थीं.

मैं अपने दोनों हाथों से उनकी टांगों को अपनी बांहों में दबाए हुए थे और भाभी को दबा कर चोद रहा था.

फिर मैं उनकी टांगों को उनके सीने के ऊपर झुकाता चला गया और इस अवस्था में भाभी लगभ दोहरी हो गई थीं.

मैं एक हाथ से उनके मम्मों को भी दबा रहा था और उनके होंठों को भी चूम रहा था.

भाभी- आ आह … बहुत अच्छा लग रहा है देवर जी … ऐसे तो तुम्हारे भैया भी मुझे नहीं चोद पाए … आह अम्म अम्म ऊह आह फाड़ दो मेरी चूत को!
मैंने कहा- भाभी, मैं भी आपसे बहुत प्यार करता हूं. मुझे आपके साथ सेक्स करने में बहुत ही मजा आ रहा है!

भाभी बोलीं- मुझे मालूम होता कि तुम मेरे साथ सेक्स करना चाहते हो तो मैं तो उसी के बाद मैं तुम्हारे पास आ जाती, जब तुम्हारे भैया बाहर गए थे! मुझे भी एक महीने तक वासना में तड़पना तो नहीं पड़ता!
मैंने कहा- भैया को आने में अभी 2 महीना और हैं न भाभी!
भाभी- हां हां मैं जानती हूं … आह तुम उनके आने तक मेरी लेते रहना ऊह आह!

बस हम दोनों का कुछ ही देर में रस झड़ने वाला था.
भाभी को भी वासना की नदी में डुबकी लगाने को मिलने वाला था और मुझे भी.

उस वक्त मैंने अपनी चुदाई की रफ्तार और बढ़ा दी और मैं भाभी की चूत की चुदाई और जोर जोर से करने लगा.
साथ ही मैं अपने हाथ से उनकी चूत के ऊपर दाने को भी मसलने लगा.

भाभी को बहुत ही ज्यादा चरमसुख और वासना का मजा मिल रहा था.
फिर जैसे ही मेरा झड़ने वाला था, मैंने अपना लंड बाहर निकाला और भाभी के पेट पर अपना सारा माल झाड़ दिया.

मैं और भाभी हम दोनों बहुत ज्यादा थक गए थे इसलिए मैं भाभी के ऊपर गिर गया और भाभी ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया.
वह मेरे सिर को अपने नर्म हाथों से सहलाने लगीं. साथ ही मेरी गांड के ऊपर अपने हाथ फेरने लगीं.

भाभी कहने लगीं- तुमने मुझे असली प्यार दिया है!
मैंने कहा- अभी 2 महीने और हैं भाभी जी … क्यों परेशान हो रही हो!

हम दोनों हंसने लगे और मैं भाभी की बांहों में ही सो गया.
मैं कुछ देर बाद उठा और देखा भाभी मेरे ऊपर पड़ी दी थीं नींद में बड़बड़ा रही थीं.

मैंने उनके बूब्स दबाने शुरू कर दिए और अपना खड़ा लंड भाभी की गांड में दबा दिया.

थोड़ी देर में यूं ही पड़ा रहा था, फिर लंड की अकड़न से भाभी भी होश में आने लगीं और मजा लेने लगीं.

मैंने उस रात भाभी को 3 राउंड चोदा और उन्हें थका दिया.
भाभी की चूत दर्द करने लगी थी.

फिर हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.
सुबह भाभी मेरे पास आईं और मुझे जगाती हुई बोलीं- देवर जी, नहा लो और नाश्ता कर लो.

मैंने कहा- भाभी, आज तुम्हारे साथ नहाना है. चलो न मेरे रूम वाले बाथरूम में!
उन्होंने मना कर दिया- अभी नहीं, मम्मी जी देख लेंगी.
मैंने कहा- चलो ना भाभी, कोई नहीं देखेगा … मम्मी जी तो वैसे भी मंदिर जाने वाली होंगी.
भाभी ने कहा- ओके, पहले उन्हें चली जाने दो, उसके बाद करते हैं.

जैसे ही मम्मी बाहर गईं, मैंने भाभी को इशारा कर दिया!
भाभी ने हंस कर कहा- तुम चलो, मैं आती हूं.

जैसे ही मैं बाथरूम में अन्दर आया, पीछे से भाभी भी अन्दर आ गईं.

मैंने उनको पीछे से अपनी बांहों में ले लिया और गर्दन को चूमने लगा.
भाभी घूम कर सामने से आ गईं और हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूमने लगे.
फुल मजे में भाभी लिपकिस कर रही थीं और वे मेरे होंठों को काटे जा रही थीं.

हम दोनों के कपड़े अलग हो गए, तभी मैंने फव्वारा चालू कर दिया और हम दोनों नहाने लगे.
भाभी मेरा लंड सहलाने लगीं और नीचे बैठ कर चूमने लगीं.

उनके मुँह में जाते ही मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया.
मैं भी उनका सर पकड़ कर मुँह चोदने लगा.

भाभी भी फुल मजे में अपना मुँह चुदवा रही थीं.

दस मिनट बाद मैंने सारा माल़ भाभी के मुँह में छोड़ दिया.

भाभी बड़े मजे से सारा रस पी गईं.
फिर मैं फर्श पर लेट गया और 69 में आकर भाभी की चूत चाटने लगा.
भाभी मेरा लंड चूसने लगीं.

कुछ ही देर बाद भाभी की चूत हॉट हो गई और वे चिल्लाने लगीं- आह … जोर जोर से देवर जी … अब चोद दो … बर्दाश्त नहीं हो रहा है!

फिर मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और पीछे से उनकी चूत मारने लगा.

भाभी पूरी पागल हो गई थीं और गाली देने लगी थीं- देवर साले, चोद ना … फाड़ दे मेरी चूत को … आह अपनी राण्ड बना ले मुझको … ऐसे ही रोज चोदना मुझको … अह अह्ह फाड़ दी बहन के लौड़े ने मेरी चूत!
मैं भाभी को धकापेल चोदे जा रहा था.

करीब पंद्रह मिनट बाद मैंने अपना सारा माल भाभी की चूत में ही निकाल दिया और भाभी देवर दोनों एक साथ शांत हो गए.
फिर हम दोनों नहाकर बाहर आए और खाना खाया.

अब जब घर में कोई नहीं रहता है, तो मैं भाभी को बहुत चोदता हूँ.
कभी कभी तो हम दोनों छत पर भी जाकर भी खुले में चुदाई करते हैं!

दोस्तो, आपको न्यूड भाभी वांट फक कहानी कैसी लगी, प्लीज मेल करके जरूर बताएं.
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