मौसेरी भाभी ने मेरे लंड का मजा लिया

हॉट फुद्दी चुदाई कहानी में मेरी मामी ने मेरी रिश्ते में भाभी को मुझसे चुदवाया. मैं मामा के यहां शादी में गया था। मेरी मौसी की बहू भी वहां आई थी। कमरे में मैं अकेला सो रहा था तो भाभी मुझे चूमने लगी।

दोस्तो, मेरा नाम पवन राज है.
मैं पेशे से कवि हूँ और कविताओं का दीवाना हूँ।

मेरे लण्ड का साइज काफी लम्बा व मोटा है।
मैं सेक्स के मामले में लम्बी रेस का घोड़ा हूं।

कुछ बातें हम पूरी जिन्दगी भूल नहीं पाते.
यह कहानी मेरे ननिहाल में मेरे साथ हुई घटना पर आधारित है।

यह हॉट फुद्दी चुदाई कहानी मेरे और मेरी मौसी के बेटे की पत्नी के बीच की है.
मेरी भाभी ने मेरी मामी के उकसाने पर ही मुझसे चुदने की पहल की थी.

जिस भाभी की चुदाई की ये कहानी है, वो बहुत ही सुन्दर है।
ये चुदाई मेरी मामी की देन है।

बात मेरे मामा की लड़की की शादी की है और कहानी मेरे मौसेरे भाई की पत्नी, जो मेरी भाभी भी लगती है, के साथ की है।

मई महीने के अन्त में गर्मी अपना तांडव और आम अपना जलवा दिखाने लग जाते हैं।

मेरे ननिहाल में मामा का घर तीन मंजिल का है और तीसरे माले पर मेरा ठिकाना।
मैं चेन्नई से लम्बे सफर से थका हुआ आया था।
तो मैं अपने कमरे में नहाकर सो गया था।

मामी ने मेरी मौसी की बहू को मुझे खाना देने के लिए भेजा।

मैं नींद में मस्ती में सो रहा था।
तीसरे माले पर कोई विशेष काम हो तो ही कोई आता है।

भाभी का नाम चांदनी था।
वह कब रूम में आकर अन्दर से दरवाजा बंद करके मेरे गोरे मुखड़े को निहारे जा रही थी, मुझे नहीं पता चला।
भाभी ने मुझे जगाने की बजाए मेरे लबों पर चुम्बन लेने शुरू कर दिये।

दो-चार बार तो मुझे लगा कि मेरा वहम है।
लेकिन फिर से चुम्बन आया तो आंखों से नींद उड़ गई।
मैंने उसको कसकर पकड़ लिया।

चांदनी- अरे कोई देख लेगा तो क्या कहेगा!
मैं- ये सब पहले सोचना चाहिए था।

चांदनी- आप सोते हुए बड़े प्यारे लग रहे थे।
मैं- और जागने के बाद?
चांदनी- अब पूरे शैतान लग रहे हो!

मैं- तो शैतान किसने बनाया, सोने देती और देखती रहती।
चांदनी- अच्छे लगे तभी तो चूमा था।

मैं- तो चुम्बन को वापस भी तो करना पड़ता है … नहीं तो …
चांदनी- नहीं तो क्या?

मैं- कर्ज, मर्ज और प्यार कभी नहीं रखना चाहिए। नहीं तो कर्ज का ब्याज, मर्ज की दवा और प्यार का बुखार बढ़ते जाते हैं।
चांदनी- अच्छा जी, और जो नीचे बढ़ रहा है उसका क्या!

मैं- उसको जिसने बढ़ावा दिया है वो ही उसको रोके!
चांदनी- अभी नहीं, कोई ऊपर आ गया तो? पहले उठकर खाना खा लो, मौका देखकर चौका मार देना!
मैं- कुछ तो दो मौका, रही बात ऊपर किसी के आने की तो इतना ऊपर कौन चढ़ाई करने वाला है?

चांदनी- तुम चढ़ रहे हो ना!
मैं- तभी तो कह रहा हूँ चढ़ जाने दे, कुछ तुम्हारी भी शाम हसीन हो जाएगी, कुछ हमें भी राहत मिल जाएगी। जिस तोप को आग दिखाई है वो भी सही निशाने पर लग जाएगी।

चांदनी- बड़े शायर हो रहे हो, आपके भाई आपकी बहुत तारीफ करते हैं। आज मौका लगा था हाथ … तो सोच रही थी हाथ फेर दूं! चलो पहले भोजन, फिर चोदन!

चोदन कहकर भाभी शर्मा गई।

दोस्तो, आज भी भाभी मेरे साथ फोन पर सेक्सी वार्तालाप करती रहती है और भाई की सेक्स पावर कितनी कम है, वो सन्तुष्ट नहीं होती … ये सब वो बताती रहती है।

मैंने बातों-बातों में खाना खा लिया।
फिर मैं भाभी को दबोचने लगा।

वह बोली- मैं बर्तन रखकर आती हूँ और मामी को बोलकर आती हूँ ताकि कोई खतरा नहीं हो।

दोस्तो, आपको बता दूं मामी भी इसी कमरे में मेरे संग कई बार कमर हिलाकर चूत चुदवा चुकी है।
वे बातें फिर कभी करेंगे।

वैसे चांदनी को मेरे से चुदवाने में कुछ हाथ मामी का भी था जो बाद में मामी ने ही बताया।
तो अब कहानी को आगे बढ़ाते हैं।

तो कुछ ही देर में चांदनी मेरे कमरे में आकर दरवाजा बंद करके मेरे पास आ गई।

चांदनी- हां तो क्या कह रहे थे … आप मेरे साथ क्या करने वाले थे?
मैं- ये बताने की नहीं, करने की बात है! खुद जान जाओगी। वैसे तुमने मामी को क्या बोला?

चांदनी- यही कि आपके नानदे का बम्बू खड़ा है, मैं तम्बू लगवा आती हूँ। आप किसी को ऊपर मत भेजना।

अगले ही पल मैंने चांदनी को दबोच लिया और लगा उसके बदन का नाप लेने!
पहले चूचे, फिर कमर और फिर गांड की गोलाइयां … क्या कड़क फिगर था चांदनी का।

बदन पर हाथ फिराते हुए हम एक दूसरे से लिपटने लगे।
फिर एक-एक कपड़ा बदन से उतरने लगा।

बातों ही बातों में मैंने उसे नंगी कर दिया और उसने मुझे नंगा कर दिया।

हम दोनों एक दूसरे को चूमते-चाटते हुए कब 69 की पोजिशन में आ गए हमें पता ही नहीं चला।

भाभी की शादी को कुछ ही महीने बीते थे तो नई चूत चाटने का मजा कुछ अलग होने वाला था।

चांदनी ने मेरे अंडरवियर को निकाला तो मेरा फनफनाता नाग उसके सामने फुंफकारे मारने लगा।

मेरा मूसल लंड देखकर भाभी के मुंह से बस इतना ही निकला- ओह माई गोड … इतना बड़ा!
मैं- तो भाई का छोटा है क्या?
चांदनी- आपके से आधा भी नहीं है, ये तो मेरी फाड़ देगा।

मैं- प्यार से दी गई कोई भी चीज फाड़ती नहीं, मजा देती है।
चांदनी- तभी तो … मामी आपके लण्ड का इतना गुणगान क्यों कर रही थी बार-बार, आज पता चला मुझे तो!

बातें छोड़ मैं चूत को मुंह से चोदने लगा।

वह फिर से सिसिया गई- आईई स्स्स … मार ही डालोगे!
मैं- नहीं, डाल-डालकर मारूंगा मेरी जान … आह्ह तेरी चूत … क्या चूत है तेरी … आह्ह भाभी की ऐसी चूत हो तो कौन नहीं मारना चाहेगा!

जीभ दे देकर मैं उसकी चूत को खाये जा रहा था।
वह भी मछली के जैसे मेरे घेरे में तड़प रही थी।

उधर उसके वार भी कम नहीं थे।

लंड को लॉलीपोप बना डाला था चांदनी भाभी ने!
मेरे लण्ड को चूसने में वो इतनी रूचि रखती है यह आज पता चला था।

लौड़ा पूरे तनाव में आकर उफानें मार रहा था।

भाभी के मुंह में मेरा मूसल लंड बड़ी मुश्किल से समा पा रहा था।
वह बार-बार मुंह में से लंड को निकालती और फिर होंठों से चूम लेती।

कभी अंडकोष मुंह में भर लेती तो कभी टोपे को जीभ से पपोल देती।

पागल कर रही थी भाभी की मस्ती भरी लंड चुसाई।

काफी देर लंड और चूत की चुसाई का ये खेल दोनों को आनंद विभोर करता रहा।

फिर चुदाई की बारी आ गई।

चांदनी की दोनों टांगें फैलाते हुए मैंने लंड उसकी चूत पर सेट कर दिया।
मैंने धक्का मारा तो सुपाड़ा चूत में फंस गया और भाभी चिल्ला पड़ी।

मैंने लण्ड बाहर निकालकर उस पर तेल लगाकर फिर से चूत पर सेट किया।

सेट करके धक्का दिया तो इस बार दो इंच तक लण्ड चूत में चला गया और भाभी रोने लगी।
रोते हुए बोली- आपका बहुत मोटा है … आह्ह बाहर निकाल लो इसे प्लीज।

इतने में ही मैंने एक और शॉट मारा तो उसका निकाल लो शब्द चिल्लाहट में बदल गया- आआ आई ईईई।
इतने में ही मैंने एक और धक्का लगाते हुए होंठ उसके होंठों पर चिपका दिए।

होंठ चूसते हुए मैं उसको शांत करने की कोशिश करने लगा।
फिर थोड़ा मरहम देकर फिर से धक्का दे दिया।
करारा शॉट था … और चांदनी भाभी की चूत चरमरा गई।

वह बेहोशी के कगार पर जा पहुंची।

चार महीने चुदने के बाद भी उसकी चूत छोटे लंड से खुली नहीं थी।

मैंने नीचे हाथ लगाकर देखना चाहा कि लंड कितना पहुंच पाया है तो हाथ पर गीला सा लगा।

भाभी की चूत से खून आ रहा था जो मेरे हाथ पर लग गया था।
लेकिन मैं फिर भी उसे सहलाता रहा, उसके होंठों का रसपान करते हुए चूचियों को दबाता रहा।

कुछ देर में उसने होश संभाला तो नीचे गांड हिलाकर लंड को एडजस्ट करने की कोशिश की।
फिर कराहते हुए कहने लगी- आपने तो मेरी फाड़ ही दी! मामी सच कह रही थी … लण्ड नहीं मूसल है! लेकिन एक बार अन्दर जाकर तो कहर बरसाता है … क्या खाकर इतना लम्बा व मोटा किया है?

मैं- तुम्हारे जैसी कम चुदी चूतों का पानी पीया है।
चांदनी- भैया, नीचे चूत में जलन हो रही है।
मैं- तुम सच कह रही थीं, मैंने चूत फाड़ ही दी … लेकिन अब प्यार से होगा।

कहकर मैंने धीरे-धीरे चांदनी भाभी की चूत में धक्के लगाने शुरू किए।

उससे लंड बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था।
लेकिन मैं जानता था कि कुछ देर बाद यह खुद गांड उठाकर चुदवाएगी।

मैं उसके होंठों को पीते हुए चूत में लंड पेलने लगा।
थोड़ी ही देर में चूत रवा होने लगी और लंड को पूरी जगह देने लगी।
हालांकि अभी भी लंड चूत में टाइट फंसता हुआ जा रहा था।

धीरे-धीरे भाभी को चुदाई में पूरा मजा आने लगा।

वह अब टांगें ढीली छोड़कर चुदवा रही थी।
लग रहा था जैसे लंड को पूरा अंदर तक महसूस करने का मजा ले रही हो।

उसके कुछ देर बाद वो अच्छे से गांड हिलाती हुई लंड के धक्कों में मेरा साथ देने लगी।
अब उसकी दर्द वाली चीखें मजे की सिसकारियों में बदलने लगीं- आह्ह … आह्ह … चोदो भैया … आह्ह मेरी चूत … अस्स आह्ह क्या लंड है तुम्हारा … मामी ठीक ही तुमसे ठुकवाती रहती है … आह्ह ईईई हए … चोदते रहो!

मैं भी तबियत से भाभी की चुदाई करने में लगा हुआ था।
वह जोर-जोर से सीत्कारें भरती जा रही थी और हर धक्के के साथ उसकी आंखें कुछ ऊपर चढ़ जाती थीं।

आधे-एक घंटे तक भाभी की जबरदस्त पेलाई हुई।
वह तीन चार बार पूरी तरह खाली हो गई।

अब मैं भी झड़ने के करीब आ चुका था।

मैं- आने वाला हूँ! कहां निकालूं?
चांदनी- इतना दर्द … आह … देकर … आ आ बाहर क्यों? बाहर आआ … क्यों निकालना है … आह्ह सब अंदर ही आने दो चूत में … आह्ह आज पता चला मर्द क्या होता है!

मैं- तो फिर लो … मेरे वीर्य की बरसात … आह आह आह!
हॉट फुद्दी चुदाई करते हुए मैं उसकी चूत में झड़ने लगा।

मैं खाली हो गया और बुरी तरह से हांफ रहा था।

अब हम दोनों पूरी तरह से सन्तुष्ट होकर आपनी सांसों पर काबू पाने की कोशिश कर रहे थे।

तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और बाहर से मामी ने आवाज लगाई- दरवाजा खोलो!
मैं- मामी और कौन है साथ में?
मामी- कोई नहीं, जल्दी खोलो!

चांदनी उठकर बाथरूम में चली गई।
मैंने तौलिया लपेटकर दरवाजा खोला।

खोलते ही मामी ने अन्दर आकर दरवाजा बन्द कर लिया।

फिर हाथ में ली चाय एक तरफ रखकर मेरा तौलिया हटाकर लण्ड को ध्यान से देखने लगी।

लंड पर मेरा और चांदनी का रस लगा हुआ था।
मामी- ओह! कर डाला कांड! लाओ, मेरे लॉलीपोप को मैं चाटकर साफ कर देती हूं!

वो घुटनों पर बैठ मेरे लंड को चाटने लगी।
मैं मस्ती में खोने लगा।

तब तक भाभी भी बाथरूम से नंगी ही बाहर लंगड़ाते हुए आ गई।
मामी- क्यों बहू, कैसा लगा मेरा चोदू यार?

चांदनी- मामी, मेरी चूत की तो मां चोद दी, अभी भी लग रहा है कुछ तो है अन्दर!
मामी- जब पहली बार मेरी चुदाई हुई तो मुझे भी ऐसा ही लगा था।

मामी मेरे लण्ड को साफ करके भाभी की चूत को भी चाटने लग गई।
फिर कपड़े पहनकर सब नीचे आकर काम में लग गए।

इसके बाद मैंने मामी और भाभी की एक साथ चुदाई भी की थी।
वह कहानी मैं आपको आगे कभी सुनाऊंगा।

फिलहाल इस कहानी पर अपनी राय जरूर दें।
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हॉट फुद्दी चुदाई कहानी पर आपकी प्रतिक्रियाओं का मुझे बेसब्री से इंतजार रहेगा।
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