हार्डकोर सेक्स पड़ोसन के साथ करके पूरा मजा लिया मैंने उसके चिकने गोरे चिट्टे जिस्म का. वह अकसर बुर्के में रहती थी और उसका शौहर मेरे पास सुट्टा लगाने आता था.
दोस्तो, मेरा नाम अक्षय ठाकुर है।
मेरी जॉब की वजह से मुंबई में घर शिफ्ट करता रहता हूँ और सिंगल बैचलर्स को लोग घर देने से मना करते हैं इसलिए मुझे दूर के इलाके में घर रेंट पर लेना पड़ा।
मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता था जिसमें रिजवान, उसकी बीवी, उनकी एक बड़ी बेटी और दो छोटे बेटे थे।
रिजवान बहुत ही कट्टर था, ज्यादा बात नहीं करता था।
उसकी उम्र 40 साल होगी।
उसकी बीवी की उम्र का तो पता नहीं, पर वो काफी जवान दिखती थी।
वह हमेशा बुर्के में रहती थी, पर उसका बुर्का भी टाइट रहता था जिससे उसका भरा हुआ कटीला बदन साफ दिखता था।
उसके बड़े 38 के स्तन, पतली 30 की कमर और उभरी हुई 40 की गांड देख के मेरा लंड हमेशा उछलता था।
उनके दोनों बेटे किसी दूसरे शहर में पढ़ने गए थे और घर में सिर्फ रिजवान, उसकी बीवी हीना और बेटी 19 साल की जरीन थी जो अपनी माँ के जैसे बदन की मालकिन थी।
दोनों औरतें एकदम गोरी चिट्टी थीं, कटीली आँखों वाली, भरे बदन की मालकिन थीं।
और रिजवान दिखने में काला, बहुत मोटा था।
उसे देख के लगता था सच में लंगूर के मुँह में अंगूर थे।
हम ठाकुर हैं और जॉइंट प्रसाद की तो आदत सी हो गई थी।
नई जगह में माल का जुगाड़ आसानी से हो गया और मैं हर दिन बिल्डिंग के टेरेस पे जा के माल मारता था।
कुछ ही दिन में रिजवान को पता चला और वो पहली बार मुझसे बात करने आया।
मैं जब टेरेस पे माल मार रहा था तब वो आके मुझसे अच्छे से बात करने लगा।
मैंने उसे जॉइंट दिया, वो खुशी से मारने लगा।
वहाँ से शुरू हुई हमारी जान-पहचान और फिर हर दिन हमारी बात होने लगी और उसके बाद उसके घर खाने पे जाना शुरू हुआ।
वो जब भी बुलाता मैं खुशी से जाता था ताकि उसकी बीवी और बेटी का कटीला बदन ताड़ सकूँ।
मेरी हीना से बहुत अच्छी बातचीत होती थी।
हीना ज्यादा घर के बाहर नहीं निकलती थी तो हमेशा अपनी दुनिया में रहती थी।
मैं उसे हमेशा बाहर की दुनिया के बारे में बताता था और हमेशा कहता था कि बाकी मर्द अपनी औरतों को आजादी देते हैं और प्यार भी ज्यादा देते हैं, तो वो गुस्सा होने का नाटक करती थी।
इसलिए वो चिकन खाते वक्त मुझे बोलती थी, “हम ज्यादा गोश्त खाते हैं इसलिए ज्यादा ताकत होती है,”
तो मैं उसे बोलता था, “मांस तो हम भी ज्यादा खाते हैं और प्रसाद भी, जो आपके शौहर तो संभाल भी नहीं पाते,”
तो उसे अपने शौहर पे और गुस्सा आता था जो माल मारने के बाद पड़ा रहता था।
हमारी ऐसी ही बातें ज्यादा होने लगीं।
मेरा ज्यादातर वर्क फ्रॉम होम रहता था इसलिए मैं घर में बहुत ज्यादा रहता था।
हीना भी घर में अकेली होती थी तो उसके साथ हँसी मजाक करने चला जाता था.
और मैं उसे खूब ताड़ता था और छेड़ता भी था।
जब कोई घर में नहीं होता तो वो भी मेरा साथ देती थी।
उससे मुझे पता चला इसका शिकार करना आसान होगा।
वो खुद मुझे गर्लफ्रेंड वगैरह के बारे में पूछती थी और मैं बढ़ा चढ़ा के बता देता था।
वो थोड़ी भोली थी, सब सच लगता था।
उसने लड़कियों को मेरे घर आते-जाते देखा था तो उसे यकीन हो गया कि मेरे कई चक्कर हैं।
फिर हम सेक्सुअल कॉन्टेक्स्ट में भी बात करने लगे और मैं जान गया मेरी बातों से वो गर्म होने लगी है।
कुछ ही महीनों में मैं उसके बेडरूम के सारे राज जान चुका था और उसे रिजवान को रिझाने के तरीके भी बताता था.
पर उसे कोई संतुष्टि नहीं मिल रही थी और मैं हमेशा मजाक में उसे बोलता था, “मुझे एक बार मौका दो, जन्नत दिखा दूँगा।”
एक दिन हम घर पे अकेले थे क्योंकि रिजवान अपने बेटों को मिलने गया था इसलिए दो दिन बाद आने वाला था।
तब हीना मुझे बोली कि उसे जानना है माल मार के क्या होता है।
मुझे मौका मिल गया।
मैं जानता था आगे क्या करना है।
मैं बोला, “तुम खुद देख लो एक बार मार के।”
वो डर गई और बोली कि उसे नहीं आता।
मैंने कहा, “मैं सिखा दूँगा।”
तो हम दोनों चुपके से टेरेस पे गए और एक कोने में जहाँ मैं उसके शौहर के साथ फूँकता था, वहाँ उसे ले गया और उसे अच्छे से अपने हाथों से फूँका दिया और साथ में उस पे चांस भी मार रहा था।
साली ऊपर आते वक्त भी बुर्का पहन के आई थी।
मैंने उसे नकाब निकालने को कहा, फिर उसे फूँकना सिखा रहा था।
मैं अपने हाथों से उसके मुलायम गाल और जानबूझ के उसके होंठ भी छू रहा था।
पहले कुछ नहीं हुआ पर मैं उसके करीब रहा और उसको बाहों में भर के कहा, “तुझे असली नशा करना है तो मैं दम भरता हूँ तेरे होंठों में, उसका नशा तू संभाल भी नहीं पाएगी।”
उसका भरा हुआ बदन मेरी बाहों में था और वो विरोध नहीं कर रही थी।
हीना, “ऐसा कुछ नहीं है जो हम संभाल नहीं सकते, समझे।”
मैं, “तो मेरे होंठों से कश लेने होंगे, ले पाओगी?”
हीना, “तुम बहुत चालू हो, मैं नहीं आने वाली तुम्हारी बातों में, जाओ।”
मैं उसके भरे हुए बदन को सहला रहा था, कमर और कस ली थी पर उसका कोई विरोध नहीं कर रही थी।
मैं समझ गया ये सिर्फ नखरे हैं, अभी मैं जो चाहे कर सकता हूँ।
मैं, “बोल दे डर गई, तुझसे नहीं संभलेगा।”
हीना, “हम ऐसे ही डरते नहीं हैं, चलो देखें कितना दम भरते हो।”
फिर मैंने उसे समझाया मैं कश लेकर धुआँ अपने मुँह से उसके मुँह में डालूँगा जो उसे अंदर लेना है.
और वो मान गई।
मैंने जोरदार कश भरा और उसके होंठों से होंठ सटा के उसके मुँह में दम भर दिया।
ये करते वक्त उसकी एक हाथ से गर्दन पकड़ ली और उसके होंठ चूसने लग गया और दूसरे हाथ से उसकी मुलायम गांड को मसल रहा था।
उसके मीठे होंठ चूस के मैं तो पागल हो गया और कसके उसे दबोच लिया।
वो छूटने के लिए मुझे धकेल रही थी पर अभी मैं उसके होंठों में खोया था और उसका सारा धुआँ आखिर नाक से बाहर आया।
वो खाँसने लगी तो मैंने उसका मुँह छोड़ दिया पर बदन को कस के पकड़ा रहा और गले पे चूमने लगा।
इतनी तो समझ थी मुझे कि कैसे औरत को उकसाते हैं।
मैं गले को चूम रहा था और उसके बदन की खुशबू में खोया था।
तभी उसने भी मुझे कसके पकड़ लिया।
अब मैं जान गया कि हीना गर्म भी हो गई है और न.शा भी उसके दिमाग में चढ़ गया है।
मैंने कसके उसकी गांड दबोच ली और दूसरे हाथ से उसका एक पूरा स्तन पकड़ लिया।
हीना, “आहहा … हायल्ला”
मैं, “आया नशा?”
हीना, “हाँ…स्स्श”
मैं फिर से उसे चूमने लगा और उसके स्तन और गांड मसलने लगा।
हीना, “आहा हाय… यहाँ मत कीजिए प्लीज़… याल्ला… नीचे चलो…”
मैं, “नीचे क्या करना है?”
हीना, “जो आप चाहो, यहाँ नहीं”
मैंने उसे अपनी बाहों से आजाद कर दिया, “जो मैं चाहूँ करने दोगी… संभाल पाओगी?”
हीना, “वो भी देख लेते हैं।”
और वो नीचे भाग गई।
नीचे मेरे घर के दरवाजे पे जा के रुक गई।
मैंने उसे इशारा किया उसके घर में जाने को।
वो चुपचाप दरवाजा खोलके अंदर गई।
मैं झट से अंदर गया और दरवाजा लॉक कर दिया।
फिर उसे बाहों में भर लिया और चूमने लगा।
हीना, “हाय… मेरा सर घूम रहा है।”
मैं, “तुझे बोला था ना नहीं संभाल पाएगी, अभी इसे संभाल पाती है क्या नहीं ये देखना है।”
मैंने एक हाथ से उसका बुर्का खींच लिया जो उसने खुद ही ऊपर से निकाल लिया।
मेरे सामने का नजारा देख के मैं हैरान रह गया।
उसने अंदर सिर्फ काले रंग की नेट ब्रा और पैंटी पहनी थी.
उस पे उसका गोरा चिट्टा बदन उभर के दिख रहा था और निप्पल का एरिया भी पिंक दिखाई दे रहा था।
ये देख के मेरा लंड तो एकदम तन गया।
मैंने उसे बताया था मर्द को रिझाने के लिए ऐसे सेक्सी लॉन्जरी पहन के सामने जाया कर!
और वो वही मुझ पे आजमा रही थी.
जबकि मुझे उकसाने की जरूरत भी नहीं थी … मैं तो ऐसे ही उसके भरे हुए बदन से उत्तेजित हुआ करता था।
मैं, “क्या कातिल माल लग रही है।”
हीना, “आपने ही कहा था इससे मर्द उत्तेजित होते हैं, मेरा शौहर तो नहीं हुआ, सोचा आप पे ही आजमा लूँ।”
मैं झट से उसके एक स्तन पकड़ लिया और गले से ले के स्तनों तक चूमने और चाटने लगा।
एक हाथ से उसकी चूत मसलने लगा पैंटी के ऊपर से।
हीना, “आह हहा हाल्ला धीरे कीजिए, मैं कहीं भाग नहीं रही हूँ।”
मैं, “चुप साली, अभी कुछ धीरे नहीं होगा, तुझे दिखाता हूँ औरत को कैसे भोगा जाता है।”
मैं उसे बेडरूम में ले गया और बिस्तर में डाला और उसे लिटा के फिर से उसके स्तनों को और पेट को चूमने लगा और उसकी ब्रा निकाल दी।
उसके हल्के गुलाबी रंग के निप्पल देख के मैं पागल हो गया।
इतने गुलाबी निप्पल मैंने नहीं देखे थे और उन्हें चूसने लग गया।
हीना, “आहह हाह आराम से हाय हहा”
मैं समझ गया इसके निप्पल बहुत सेंसिटिव हैं और उन्हें चूसते चूसते मैंने अपने कपड़े और उसकी पैंटी भी निकाल दी।
वो उधर तिलमिला रही थी और फिर मैं नीचे उसकी चूत पे चला गया।
उसकी चूत बहुत गीली, थोड़ी खट्टी भी।
मैं उसे चाटने लगा।
हीना, “आहह्हा हाय तोबा ये क्या कर रहे हो… आह हा छी … गंदा है ये बहुत।”
मैं, “चुप कर रंडी। इसे ऐसे ही खाया जाता है। तेरा शौहर नहीं खाता क्या?”
हीना, “वो तो चूत तक नहीं, बस लंड पेलते हैं।”
मैं फिर से चूत चाटने लगा, चूत के होंठ हाथों से मसल रहा था।
वो तिलमिला रही थी, पूरा बदन हिल रहा था।
पूरे 10 मिनट में उसकी चूत पे अपनी जबान का तजुर्बा अपना रहा था।
और उसका पानी निकल गया।
उसका पानी बहुत ही खट्टा था।
हीना, “याह ह्हाल्ला आपने तो आहहा आपने तो यही पानी निकाल दिया।”
मैं, “अभी और भी बाकी है।”
ये कह के मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा और निप्पल्स को मरोड़ने लगा।
हीना, “आहहा मर गई ऐसे मत छेड़ो मुझे… छोड़ दो… चढ़ जाओ मुझपे और पेल दो… आहहा!”
मैं, “इतनी भी क्या जल्दी है… तुझे तो आराम से पेलूँगा। कब से इंतजार था इस वक्त का।”
हीना, “आहहा वो तो मैं पहले हाय आहहा … पहले ही तुम्हारे नापाक इरादे तुम्हारी आँखों से दिख रहे थे… आहहा… अभी पूरी कर लो सभ तमन्ना… हाय!”
मैं दो उंगली चूत में डाल के उसके चूत होंठ मसल रहा था और साथ ही निप्पल्स चूस और काट रहा था।
हीना, “इतनी उत्तेजना मेरे शौहर ने कभी नहीं दी… आहहह सिर्फ लंड चुसा के पेलते हैं… आह हह आज मैं असल में गर्म हुई हूँ।”
मैं, “आज तुझे असली लंड पेलने वाला है छिनाल।”
हीना, “छिनाल मत बोलो… मैं आपकी मेहबूबा हूँ… अपनी बेगम बना लो… आहहा हाय…”
मैं, “अच्छा बेगम साहिबा, लो इसे चूस लो और असली लंड का स्वाद ले लो।”
मैं उसके बाजू में बैठ के अपना लंड उसके हाथ में दे दिया।
उसने तुरंत उठके लंड चाटना शुरू किया।
पहले उसने सभी जगह से चाटा फिर दोनों गोटियाँ चाट ली।
हीना, “आप बहुत ही साफ रखते हो। मजा आ गया चाट के। ऐसा भरा हुआ लंड पहले कभी नहीं चाटा।”
फिर से वो चाटने लगी और लंड हिलाने लगी, उसे लंड हिलाने में मजा आने लगा और वो अपने होंठ मेरे लंड के ऊपरी हिस्से पे लगा के जोरो से हिलाने लगी।
मैं, “ऐसे कितने लंड चाटे हैं तूने?”
हीना, “3”
मैं, “किस-किसके?”
हीना, “मेरे शौहर, मामू का लड़का और अपने चाचू का!”
मैं, “तू तो शरीफ बनती है… छिनाल है तू।”
हीना, “ऐसा मत बोलो… परिवार में चलता है।”
मैं, “तीन लंड लेती है फिर भी प्यासी बैठी है।”
हीना, “वो बस पेल के फारिग होते हैं… गर्म होने से पहले ही… आपने तो चोदने से पहले ही पानी निकाल दिया।”
फिर वो मेरे लंड की चमड़ी चूसने लगी।
मैं, “इतनी पसंद आ गई… खाएगी क्या?”
हीना, “मैंने पहली बार चमड़ी वाला लंड चूसा है… काफी भरा हुआ लग रहा है।”
ये बोल के वो पूरा लंड मुँह में लेने लगी और चूसने लगी।
5 मिनट बहुत आराम से चूस रही थी और मजे ले रही थी।
उसका गर्म मुँह मेरे लंड को अंदर खींच रहा था।
मुझसे फिर रहा नहीं गया और मैंने उसका सर पकड़ के उसका मुँह चोदना शुरू कर दिया।
उसकी आँखें बड़ी हो गई।
मैं जोर से मुँह पेल रहा था।
उसकी आँखों से आँसू आने लगे।
उसका चेहरा पूरा लाल हो गया पर वो अभी भी मेरा साथ दे रही थी।
कुछ ही वक्त में मेरा पानी निकल गया जो मैंने अंदर डाल के ही उसका मुँह चोदा।
वो झट से उठी।
उसके मुँह से पानी नीचे उसके स्तनों पे बहने लगा।
और वो लंबी साँसें लेने लगी।
हीना, “स्स्स्श्ह्ह क्या जालिम मर्द हो।”
मैं, “अभी मर्दानगी देखी कहाँ है तूने।”
हीना, “मेरा सर चकरा रहा है।”
और वो बाजू में लेट गई।
मैं उसपे आके उसके स्तनों पे बैठ गया और अपना ढीला पड़ा लंड उसके स्तनों पे घिसने लगा।
हीना, “याहहाल्ला ये क्या कर रहे हो?”
मैं, “तेरी चूत के लिए तैयार कर रहा हूँ।”
फिर उसने खुद अपने स्तन एक दूसरे पे दबा के मेरा लंड उसमें ले लिया।
मैं उसके स्तन चोद रहा था और वो मेरा लंड स्तनों से बाहर आते ही उसका टोपा चूमती थी।
हीना, “ये तो बहुत जल्दी खड़ा होने लगा।”
मैं, “ये तो तेरे बदन का जादू है।”
हीना, “मेरे बदन का जादू हमारे लौंडों पे नहीं चलता शायद… सभी बस थोड़ा चुसा के पेलते हैं और फारिग हो के सो जाते हैं।”
मैं, “चल तुझे अनकटे लंड की ताकत दिखाता हूँ।”
और मैंने उठके अपना लंड उसकी चूत पे रगड़ना शुरू कर दिया।
उसकी चूत गर्म हो चुकी थी और लंड लेने को बेकरार थी।
मैंने अपना टोपा अंदर डालके वैसे ही रख दिया।
हीना, “पेल दो अंदर तक आहहा तड़फाओ नहीं… आहहा”
मैंने फिर अंदर पेलना शुरू कर दिया।
उसकी चूत काफी कसी हुई थी।
3 बच्ची की माँ पर वर्जिन चूत लग रही थी।
मैं, “बहुत कसी हुई है तेरी चूत।”
हीना, “ठीक से चुदाई नहीं है इसलिए शायद।”
मैंने फिर उसकी चूत चोदना शुरू किया।
क्या मस्त चूत थी, एकदम गर्म और मेरे लंड को कस के पकड़ी हुई थी।
मैं जोर से पेलने लगा।
हीना, “आहहह चोदो मेरे सनम… मेरे मालिक… आहहह क्या मस्त लंड है आपका… आहहा”
मैं, “तेरी चूत का भी जवाब नहीं हीना बेगम।”
हीना, “आहहा हायो … बेगम कहो चाहे चिनाल… आपका लंड तो इसे फाड़ देगा आज… आहहहा”
मैं, “तुझे तो अपनी रखैल बनाऊँगा, ले इस बड़े लंड को छिनाल।”
मैंने जोर से हार्डकोर सेक्स शुरू कर दिया। और साथ ही मैं उसके स्तन मसल रहा था, निप्पल्स को काट रहा था।
हीना, “आह हह सही में आपके लंड में वो दम है जो उन कटल्लों में नहीं… आह हह हाय… बना लो रखेल, आप हमें… ऐसी चुदाई होनी हो तो मैं रखैल बनने को भी तैयार हूँ।”
मैं, “किसकी रखैल बनेगी हीना?”
हीना, “आपकी रखैल… मेरे मालिक… आहहा चोदो अपनी हीना को, अपनी गुलाम हीना को… आहहह… आपके मोटे लंड ने फाड़ दी है मेरी चूत।”
उसका पानी निकल गया था शायद।
मैं अभी उसके स्तनों पे चमट मार मार के उसे पेल रहा था और जोरदार शॉट लगा रहा था।
हीना, “आहहह मारो मालिक, आपका ही बदन है ये… हमारे मर्द बस हाथों से मारते हैं, आप तो बदन को भी मार रहे हो और लंड से चूत को भी फाड़ रहे हो… आहहह हमारे कटहल्ले ये नहीं कर सकते।”
मैं, “बोला था ना तुझे आजमा लो एक बार।”
हीना, “आहहह सही कहा था आपने… आज से हीना आपकी है मालिक… आपकी रखैल, आपकी सेक्स की गुलाम… आहहह आपके लंड की दीवानी है।”
उसकी चूत फिर से कस गई और मेरे लंड को निचोड़ने लगी, उसने अपने पैरों से मुझे कस लिया।
हार्डकोर सेक्स के बाद मेरा भी पानी निकलने वाला था।
मैं, “मेरा निकलने वाला है… तेरी गर्म चूत इसे निचोड़ रही है।”
हीना, “मेरा भी निकलने वाला है मालिक… अंदर ही डाल दो… आहहा मैं संभाल लूँगी।”
मैंने अपना पानी अंदर ही डाल दिया।
उसकी चूत मेरे लंड पे कसी रही, मैं उसके ऊपर लेट गया।
और वो भी एकदम थकी हुई मुझसे लिपट गई।
आगे हीना के साथ क्या क्या हुआ और कैसे उसने मेरे लंड की गुलामी स्वीकार ली.
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