हेयरी पुसी फक कहानी में मैंने अपनी रिश्ते की एक भाभी को बड़ी मुश्किल से घर बुलाया चुदाई के लिए. जब मैंने भाभी की पैंटी उतारी तो उनकी चूत झांटों से भरी पड़ी थी.
चूत और लंड के सभी शौकीनों को मेरा प्रणाम.
मैं अजय 21 साल का अच्छा खासा छह फुट लंबा लड़का हूँ.
मेरा हथियार भी मस्त है और यह 6 इंच लंबा है.
मेरी दूर की रिश्तेदारी में पलक भाभी से अच्छी खासी जान पहचान थी. पलक भाभी से अक्सर मेरी मुलाकात भी हो जाती थी.
भाभी की जवानी देख देखकर मेरा लंड भाभी की चूत मांगने लगा था
मेरे दिमाग में पलक भाभी को बजाने का ख्याल आने लगा था.
पलक भाभी लगभग 30 साल की हॉट सेक्सी बिंदास माल हैं.
उनके ऊपर भरपूर जवानी छाई हुई है.
भाभी के मस्त टाइट चूचे लगभग 34″ के और एकदम कसे हुए हैं.
उनकी चिकनी कमर लगभग 30″ की है.
भाभी की मस्त टाइट गांड 36″ की है.
मेरा लंड भाभी के सेक्सी फिगर को देखकर कुलबुलाने लगता था.
पलक भाभी से मेरी अच्छी पटती थी.
मैं उन्हें बातों बातों में ही मेरे लंड के नीचे लाने की कोशिश करता था.
लेकिन भाभी मेरी बात को इग्नोर कर जाती थीं.
मैं भाभी को पटाने की पूरी कोशिश करता था लेकिन वे सब कुछ जानती समझती हुई मेरी बात को हमेशा हंसकर टाल देती थीं.
तभी एक दिन भाभी का कॉल आया- अजय कहां है तू?
“घर पर हूँ भाभी!”
“मैं यहां होकर ही निकल रही हूँ. तुम्हें मिलना हो, तो बस स्टैंड पर आ जा.”
उस दिन मैं घर पर अकेला था; सब लोग बाहर गए हुए थे.
मुझे लगा कि अगर भाभी आज पट जाती हैं, तो उन्हें बजाने के लिए मेरे पास सबसे अच्छा मौका है.
तभी मैंने भाभी से कहा- भाभी आपको मिलना है, तो घर पर ही आ जाओ. वैसे भी आप हमारे घर कभी नहीं आई हो. इस बहाने हमारा घर भी देख लेना.
“नहीं यार, मैं घर पर नहीं आ सकती. मैं लेट हो जाऊंगी.”
“अरे भाभी अभी तो बहुत टाइम बाकी है. आप आराम से पहुंच जाओगी. आप पहले इधर ही आ जाओ!”
“नहीं यार, मैं घर पर नहीं आ सकती.”
“अरे भाभी आ जाओ. वैसे आपसे मिले हुए भी बहुत टाइम हो गया. घर पर कोई नहीं है, तो अच्छी तरह से मुलाकात हो जाएगी.”
भाभी मेरी बात का मतलब समझ चुकी थीं.
वे शायद मना ही कर देतीं लेकिन न जाने क्यों उस दिन भाभी ने कह दिया- अच्छा ठीक है, मैं सोचकर बताती हूं.
यह कह कर भाभी ने फोन काट दिया.
थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को दो तीन बार फ़ोन किया लेकिन भाभी ने फ़ोन नहीं उठाया.
फिर मैंने थोड़ी देर रुककर भाभी को फिर फ़ोन किया.
तब भाभी ने फ़ोन उठाया- अरे यार मैं वहां आकर क्या करूंगी? घर पर भी तो और कोई नहीं है?
“अरे भाभी मैं तो हूँ ना घर पर! आप आओ तो सही. अच्छे से खातिरदारी करूँगा आपकी!”
“अरे यार रहने दे तू तो!”
“अरे भाभी ऐसे मत करो, प्लीज आ जाओ. मैं तो ब्रेसब्री से आपका इंतज़ार कर रहा हूं!”
भाभी मान नहीं रही थी.
शायद मौके की नजाकत को समझती हुई वे थोड़ा डर रही थीं.
लेकिन मैं आज इस मौके को छोड़ने के मूड में नहीं था. मैं उनको बार बार पटाने की कोशिश कर रहा था.
फिर न जाने कैसे भाभी मेरी ज़िद के आगे मान गईं- अरे यार तू नहीं मानेगा. चल तू बस स्टैंड पर मुझे लेने आ जा!
“ठीक है भाभी.”
अब मैं खुशी से लंड मसलता हुआ तुरंत बस स्टैंड पर भाभी को लेने पहुंच गया.
थोड़ी देर में ही भाभी बस से उतर आईं.
उस दिन भाभी हरे रंग साड़ी में शानदार माल लग रही थीं.
उनका चिकना जिस्म, होंठों पर लगी पिंक लिपस्टिक और भाभी का मेकअप देखते ही मेरा लंड लोहे की रॉड जैसे बन गया.
मैंने भाभी बाइक पर बैठाया और उन्हें घर ले लाने लगा.
भाभी के जिस्म से परफ्यूम की महक आ रही थी.
अब भाभी को चोदने के लिए मेरा लंड बेकाबू हो रहा था.
कुछ देर में हम दोनों घर पहुंच गए.
मैंने भाभी को हॉल में बैठाया और उनके लिए पानी लाया.
भाभी ने पानी पीते हुए पूछा- घर पर कोई नहीं है, फिर भी तूने मुझे बुला लिया. अगर सब यहां होते तो मैं उनसे मिल लेती!
“भाभी आज तो मैंने आपको सिर्फ मुझसे मिलने के लिए ही बुलाया है.”
“अच्छा?” भाभी खिलखिला उठीं.
उनकी चेहरे की मुस्कुराहट ने मेरे लंड को ग्रीन सिग्नल दे दिया.
“हां भाभी.”
तभी मैंने भाभी का हाथ पकड़ लिया.
“आओ भाभी मैं आपको मेरा रूम दिखाता हूं.”
अब भाभी मेरे साथ मेरे रूम में आ गईं.
भाभी के साथ मामला पूरा सैट हो चुका था.
तभी मैंने भाभी की कमर को पकड़ा और उनके गुलाबी होंठों को लपक लिया.
मैं भाभी के होंठों का रस पीता हुआ भाभी की गांड को सहला रहा था.
भाभी थोड़े से नखरे दिखा रही थीं.
मैं भाभी के होंठों की लिपस्टिक को बुरी तरह से चूस रहा था.
इधर भाभी की जिस्म की खुशबू मेरे लंड में आग लगाने का काम कर रही थी.
तभी मैं भाभी के टाइट चूचों को सहलाने लगा.
भाभी के टाइट मस्त कसे हुए बोबों को मैं कसकर मसल रहा था.
कुछ ही पल बाद भाभी भी मचल उठीं और मेरे होंठों को खाने लगीं.
अब “आउच् पुच्च्च आउछ …” की आवाजों के साथ भाभी गर्म होने लगी थीं.
मेरा मस्त हथियार भी भाभी की चूत नापने के लिए बेकाबू हो रहा था.
भाभी की गांड की कसावट मुझे हर पल उकसा रही थी.
वे भी अब लंड के लिए मचलने लगी थीं.
तभी मैंने भाभी को झट से बेड गिरा दिया और तुरंत अपना पजामा खोल कर लंड बाहर निकाल लिया.
भाभी मेरे लंड को देखते ही सकपका गईं.
वे भी अब मेरे लंड को चखने के लिए मचल रही थीं.
मैंने तुरंत भाभी के पेटीकोट में हाथ डाला और उनकी पैंटी खींच कर निकाल फेंकी.
भाभी ने आंखें बंद कर लीं.
मेरे मस्त हथियार को भाभी की काली घनी झांटों से ढकी हुई चूत के दर्शन हो गए.
मैंने भाभी की टांगों को फैलाया और उनकी हेयरी पुसी की दरार में अपने लंड को घिसने लगा.
“भाभी, अपनी ये झांटें तो काट लिया करो!”
यह सुनकर भाभी शर्म से पानी पानी हो गईं.
हेयरी पुसी फक की शुरुआत करते हुए मैंने एक जोर का झटका लगाया और मेरा मस्त हथियार भाभी की चूत को खोलता हुआ पेंदे में जा पहुंचा.
चूत की जड़ में लंड पहुंचते ही भाभी जोर से चिल्ला पड़ीं- आईई मम्मी … आहह मर गई … आईई बहुत दर्द हो रहा है साले बेदर्दी … आईई!
“होने दो भाभी. आज तो मैं आपकी तबियत से खातिरदारी करूँगा.”
अब मैं भाभी की चिकनी टांगों को अपने दोनों कंधों पर रखकर उनकी ज़ोरदार ठुकाई करने लगा.
भाभी की मस्त टाइट चूत में मेरा लंड ज़ोरदार खलबली मचा रहा था.
भाभी दर्द से मछली की तरह तड़प रही थीं.
उन्हें मेरा मोटा तगड़ा हथियार बहुत भारी पड़ रहा था.
“ओह मम्मी मर्रर्रर्रर्र गईईई, आईई ओह अजय बहुत दर्द हो रहा है … आईई सिस्स आईई मम्मी … अजय प्लीज लंड बाहर निकाल लो.”
“भाभी, आज तो मेरी प्यास बुझाने दो … आहह बहुत मज़ा आ रहा है. मैं बहुत दिनों से आपको चोदने के लिए तड़प रहा था!”
यह सुनकर भाभी चुप हो गईं.
वे मेरी तड़प को समझ रही थीं.
मैं भाभी को ताबड़तोड़ चोद रहा था. मेरे लंड की ज़ोरदार ठुकाई से बेड भी चूँ चूँ कर रहा था.
भाभी की चिकनी चूत में लंड ठोकने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था; भाभी के जिस्म की खुशबू मुझे पागल कर रही थी.
“आईईईई ओह मम्मी मर्र गईई आह्ह अजय धीरे धीरे चोदो आह्ह मैं मर जाऊंगी.”
“कुछ नहीं होगा भाभी आह्ह चोदने दो … बहुत मज़ा आ रहा है … आह्ह बहुत मस्त माल हो आप आह्ह!”
मैं भाभी की चूत को जमकर नाप रहा था.
मेरा मस्त लौड़ा भाभी की चूत की जड़ें हिला रहा था.
ताबड़तोड़ लंड ठुकाई से भाभी के चेहरे का मेकअप उतरने लगा था.
वे अपनी दोनों मुट्ठियों से बेडशीट को कस रही थीं- आईई ईईई आह ओह्ह्ह सिसस ओह्ह मम्मी!
“अहाह बहुत मज़ा आ रहा है मेरी जान!” मैं भाभी को मजे से चोदता जा रहा था और भाभी दर्द के मारे तड़प रही थीं.
लेकिन अब वे भी मेरे लंड को झेल रही थीं.
ज़ोरदार धक्कम पेल से भाभी की हालत पतली होने लगी थी.
उन्हें मेरा मोटा भारी भरकम लंड बहुत बुरी तरह से चोट पहुंचा रहा था.
आज बहुत दिनों की मेहनत के बाद मुझे भाभी को बजाने का मौक़ा मिला था और मैं इस मौके का जमकर फायदा उठा रहा था.
“ओह आह्ह आह्ह … सिसस्स आह्ह आई ईईईई मम्मी … मर्र गईई … बहुत दर्द हो रहा है.”
भाभी मेरे लंड के कहर को झेल नहीं पाईं और वे बुरी तरह से अकड़ गईं.
कुछ ही पलों में भाभी की चूत से गर्मागर्म लावा फूट पड़ा.
भाभी पानी पानी हो चुकी थीं.
मेरा मोटा काला लंड भाभी के सफेद माल में लथपथ हो चुका था.
मैं अभी झड़ा नहीं था तो उनकी चिकनी हो चुकी चूत में सटासट सटासट लंड पेले जा रहा था.
भाभी बस “ओह इस्स अजय आह्ह” कर रही थीं.
कुछ देर बाद धीरे धीरे भाभी का दर्द गायब हो गया और वे मस्ती से अपनी चूत में लंड ठुकवाने लगी थीं.
“ओह अजय फक मी … आह्ह फक फक और ज़ोर ज़ोर से चोद मुझे … आहह मजा आ गया!”
“हां भाभी, आज मैं आपको बहुत पेलूंगा … ले साली चुद बहन की लौड़ी.”
मैंने उन्हें गाली देते हुए पेला तो वे और ज्यादा कामुक हो गईं.
“हां बजा ले साले अजय … मैं भी बहुत दिनों से प्यासी हूं … तू कब से मेरी जवानी पर अपनी नजरें गड़ाए बैठा था न कुत्ते आह आह्ह पेल मादरचोद … आह बहुत मज़ा आ रहा है तेरे लंड से चुदवाने में आह!”
मैं भाभी के मुँह से गाली सुनकर उनको और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा था.
मेरा लंड भाभी की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था.
“आह्ह इस्स उन्ह … ऐसे मज़ा नहीं आ रहा है … और गालियां दे मुझे.”
“हां भैन की लौड़ी.”
अब मैं भाभी को गालियां दे देकर बजा रहा था.
तभी भाभी की चिकनी चूत फिर से गाढ़े सफेद लावे से भर चुकी थी.
“आहा ओह्ह्ह् फक्क्क मी ओह फास्ट और फास्ट.”
“हां साली ले और फास्ट ले कुतिया.”
अब मेरी धुंआधार ठुकाई से भाभी की वासना बाहर फूटने लगी थी और वे अपनी दोनों टांगें हवा में उठाए हुई जमकर अपनी चूत में लंड ठुकवा रही थीं.
“ओह्ह्ह् मम्मी फाड़ दी मेरी तो … अहाहा फक्क मी कुत्ते!”
मैंने भाभी की साड़ी और पेटीकोट को खोल कर उन्हें नीचे से नंगी कर दिया और उनकी टांगों को उठा कर उन्हें मोड़ दिया.
एक तरह से मैंने भाभी को फोल्ड कर दिया था और मैं खड़ा होकर उनकी चूत में ज़ोर ज़ोर से लंड पेलने लगा.
मेरा मस्त लौड़ा अब भाभी की चूत में एकदम तीखा वार कर रहा था.
मेरे लंड के तीखे वार से भाभी तितर-बितर होने लगीं.
“आईई मम्मी रे … धीरे धीरे चोद आह्ह बहुत दर्द हो रहा है साले मां के लौड़े.”
“होने दे साली कुत्ती.”
भाभी को फोल्ड कर उनकी लेने में मेरे लौड़े की मौज हो रही थी.
मैं लपक लपक कर भाभी की चूत में लंड पेल रहा था. भाभी झमाझम चुद रही थीं.
आज तो मेरे लंड की मानो लॉटरी लग गई थी. मैं भाभी की जमकर ले रहा था.
भाभी की दर्द भरी चीखें बेडरूम में गूंज रही थीं.
“आई साले भाभी चोद कहीं के.”
“हां साली भैन की लौड़ी.”
“आहाह फक्क मी … निकाल दे मेरी चूत की गर्मी!”
“हां मेरी जान् आज तेरे जिस्म का पुर्जा पुर्जा हिला दूंगा!”
मेरी धुंआधार ठुकाई से भाभी की चूत फिर से गीली हो गई थी.
मेरे लंड के ज़ोरदार धक्कों के साथ फच्छ फच्छ फच्छ की आवाजें गूंजने लगीं.
मैं भाभी को पेले जा रहा था और वे दर्द से कराहने लगी थीं- उन्ह आह्ह बस कर यार … चूत में दर्द हो रहा है.
“होने दे साली मां की लौड़ी!”
थोड़ी देर में ही भाभी का जिस्म अकड़ने लगा था.
अब मैंने भाभी को वापस अनफोल्ड कर दिया.
भाभी की शक्ल अब देखने लायक थी.
ताबड़तोड़ ठुकाई से उनके जिस्म से पसीना बह रहा था.
उनका पूरा मेकअप तहस नहस हो चुका था. भाभी का ब्लाउज पसीने से पूरा भीग चुका था.
मैंने भाभी के टाइट चूचों को जोर से भींच डाला.
उससे भाभी दर्द से उछल पड़ीं- आईई मम्मी … साले छोड़ मेरे दूध … आह उखाड़ेगा क्या … आह लग रही है!
मैं भाभी के चूचों को मसलने लगा और वे दर्द से कसमसाती रहीं.
“ओह्ह्ह भाभी तेरे चुचे तो बहुत मस्त लग रहे हैं.”
तभी मैंने भाभी के ब्लाउज के हुक खोल दिए और भाभी की ब्रा को हटाकर चूचों को नंगा कर दिया.
अब मैं भाभी के चूचों पर भुखे कुत्ते की तरह झपट पड़ा.
“आईई इस्स आईई ओह्ह्ह कुत्ते धीरे धीरे दबा आह … बहुत दर्द हो रहा है आईई मम्मी … ओह्ह्ह साले आराम से आह … आज कहां फंस गई.”
अब भाभी दर्द से बुरी तरह से झल्ला रही थीं.
मैं भाभी के गोरे गोरे चिकने बोबों को जोर से अपनी दोनों मुट्ठियों में कस रहा था.
भाभी की दर्द के मारे गांड फटकर हाथ में आ रही थी- ओह्ह्ह भैन के लौड़े छोड़ दे मादरचोद … आईई दर्द हो रहा है … आईई ओह्ह्ह!
मैंने भाभी के चूचों की शक्ल बिगाड़ दी और उनको निचोड़ कर लाल कर दिया.
मैंने फिर से भाभी की टांगों को खोल लिया और अपने हथियार के सुपाड़े को भाभी की चूत में रगड़ने लगा.
“जल्दी से डाल कमीने … इस्स बहुत खुजली मची है मेरी चूत में.”
“थोड़ा तो सब्र रख मेरी रानी.”
मैंने भाभी की चूत में लंड पेला और फिर से झमाझम चोदने लगा.
अबकी बार मैं भाभी को बांहों में कसकर चोद रहा था.
मेरे लंड के झटकों से भाभी का चिकना जिस्म मेरी बॉडी से टकरा कर रगड़ खा रहा था.
“आईई इस्स ओह्ह्ह अजय फक्क मी … ओह्ह्ह फास्ट.”
“ओह्ह्ह मेरी रानी.”
भाभी की टांगें हवा में लहरा रही थीं.
मैं ज़ोर ज़ोर से भाभी की चूत में लंड डाल रहा था.
ताबड़तोड़ ठुकाई से अब तो भाभी को दिन में तारे नज़र आने लगे थे.
वे अपने नुकीले नाखूनों से मेरी पीठ को खोद रही थीं.
उनके टाइट चूचे मेरी बॉडी की रगड़ से पिचक रहे थे.
“आई ईईई सिसस्स आह्ह आह्ह आह्ह उन्ह ओह आई ईईई इस्स ओह साले हरामी … कैसा मस्त चोदता है … बहुत अच्छा लग रहा है.”
मैं अपनी गांड हिला हिलाकर भाभी को बजाए जा रहा था.
भाभी टांगें फैलाकर जमकर चुद रही थीं.
कुछ ही देर में मेरी ताबड़तोड़ पेलम पेल से भाभी फिर से झड़ने की कगार पर पहुंच गईं- ओह्ह्ह इस्स आईई कुत्ते … फक मी फास्ट आहा … ओह्ह्ह मर गई मैं तो!
तभी भाभी का माल निकल गया.
मेरा लंड फिर से भाभी के लावे में सन चुका था.
भाभी फिर से पसीने में नहा चुकी थीं.
अब भाभी ने जोर से मुझे बांहों में जकड़ लिया- ओह्ह्ह अजय, इस्स!
मेरा लंड लगातार भाभी की चूत में हलचल कर रहा था.
भाभी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थीं.
मैं थोड़ा सा रुका, तभी भाभी में न जाने कहाँ से ताकत आ गई और वे मुझे धक्का देकर मेरे ऊपर चढ़ गईं.
भाभी ने मेरे हथियार को चूत में फिट कर लिया और अब वे अपनी गांड उछाल उछाल कर चुदने लगीं.
“आह्ह आह्ह आह्ह ओह मम्मी … बहुत मज़ा आ रहा है … आह्ह आह्ह उंह … इस्स.”
“खूब चुदो भाभी … मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है … आहाह ज़ोर ज़ोर से झटके मारो!”
“हां कुत्ते मार रही हूँ.”
भाभी ज़ोर ज़ोर से झटके मार मारकर चुद रही थीं. वे जमकर लंड ले रही थीं.
उनको मेरे मोटे तगड़े हथियार की सवारी करने में बहुत मज़ा आ रहा था और चूत चुदाने का बहुत ज्यादा जोश चढ़ा हुआ था.
“आह आहह मॉम.”
“ओह्ह्ह साली आहा बहुत अच्छा लग रहा है.”
भाभी के ज़ोरदार झटकों से उनके टाइट चूचे जोर जोर से हिल रहे थे.
उनके दोनों चूचों के बीच लटकता हुआ मंगलसूत्र उन्हें बहुत ज्यादा सेक्सी बना रहा था.
भाभी को मेरे लंड की सवारी करने में बहुत मज़ा आ रहा था.
“ओह्ह्ह साले आहाह इस्स उन्ह आहा.”
“ओह्ह्ह मेरी रानी बहुत पक्की खिलाड़ी है तू!”
“हां कमीने, आज मस्त लंड मिला है तो क्यों न मजा लूँ!”
लगातार लंड के साथ उछल कूद करने से भाभी हांफने सी लगी थीं.
अब उनका चिकना जिस्म पसीने से लथपथ हो चुका था.
तभी भाभी का पानी निकल गया और अब उनके झटके बंद हो गए.
भाभी ने तुरंत मेरे होंठों में अपने होंठ फंसा दिए. अब वे मेरे होंठों को चूस रही थीं और पागल सी हो रही थीं.
मैं भाभी की चिकनी पीठ को सहला रहा था.
भाभी मेरी छाती पर आ गईं और ताबड़तोड़ तरीके से किस करने लगीं.
अब तो वे मानो भूखी शेरनी बन चुकी थीं. मेरी छाती पर वे बुरी तरह से बाईट कर रही थीं.
मैं भाभी के बालों को सम्हाल रहा था. भाभी की गर्मागर्म सांसों का अहसास पाकर लग रहा था कि वे बहुत दिनों से चुदी नहीं थीं.
भाभी में किस कर करके मेरी छाती को गीला कर डाला.
फिर वे नीचे को सरक गईं और उन्होंने मेरे मोटे तगड़े लंड को पकड़ लिया.
अब भाभी मुस्कुराती हुई मेरे लंड को मसलने लगीं.
“साले भैन के लौड़े … तेरा तो बहुत तगड़ा लंड है. काश तेरे भैया का भी ऐसा होता तो रोज मेरी चूत फटती!”
“कोई बात नहीं भाभी. आप जब चाहोगी तब मैं आपकी चूत फाड़ दूंगा!”
“हां फाड़ देना साले कमीने!”
भाभी ने मेरे लंड को मसल मसल कर लाल कर डाला.
फिर मेरे लंड को मुँह में भरा और उसे चूसने लगीं.
“उम्म … बहुत ही वजनदार हथियार है तेरा!”
“हां भाभी, जमकर चूसो मेरे लौड़े को!”
भाभी भूखी शेरनी की तरह मेरे लंड पर टूट पड़ी थीं. वे जोर जोर से झटके मार रही थीं.
भाभी को संभाल पाना अब मेरे लिए मुश्किल हो रहा था. मैं भाभी के काले घने बालों को एक तरफ करके उनको लंड चूसने में पूरी मदद कर रहा था.
“ओह्ह्ह भाभी आहह और जोर जोर से चूसो. बहुत मज़ा आ रहा है … आहह.”
भाभी लबलबा कर मेरा लंड चूसे जा रही थीं. भाभी को देखकर लग रहा था कि उन्हें भारी भरकम लंड की सख्त जरूरत थी.
उन्होंने मेरे लंड को चूस चूसकर लाल कर दिया.
अब भाभी 69 की पोजीशन में आ गईं.
वे अपनी गर्मागर्म चूत को मेरे मुँह पर रगड़ रही थीं और मेरे लंड के साथ खेल रही थीं.
मैं भी भाभी के चिकने चूतड़ों को सहलाते हुए उनकी चूत में जीभ डालकर खलबली मचा रहा था.
भाभी की चूत की भीनी भीनी खुशबू मुझे पागल कर रही थी.
मुझे भाभी की रसीली चूत चाटने में मज़ा आ रहा था.
उधर भाभी फिर से मेरे लंड को लॉलीपॉप बनाने में लगी हुई थीं.
साथ ही उन्हें अपनी चूत में मेरी जीभ की हरकतें अब चुभने लगी थीं.
“ओह्ह्ह कुत्ते आराम से चाट इस्स.”
हम दोनों ने थोड़ी देर 69 पोजीशन में मज़ा लिया और मैंने भाभी को वापस सीधा करके पटक दिया.
अब मैंने भाभी की टांगें खोल कर उनकी चूत में लंड लहरा दिया.
मैं भाभी को फिर से दे दना दन बजाने लगा.
“ओह्ह्ह इस्स आहह ओह्ह्ह कमीने.”
“ओह्ह मेरी प्यारी भाभी. बहुत रसीली चूत है तेरी.”
“आहह फक्क मी कुत्ते आई ओह्ह्ह मम्मी.”
मैं फिर से भाभी की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था. भाभी का सेक्सी चिकना जिस्म फिर से पानी पानी होने लगा था.
तभी कुछ ही झटकों में भाभी का पानी निकल आया.
“आईई इस्स ओह्ह्ह मम्मी.”
कुछ देर बाद मैं भी झड़ने की कगार पर पहुंच गया था. तभी मैंने भाभी को जोर से कस लिया और फिर भाभी की रसीली चूत को मेरे लंड के लावे से भर दिया.
भाभी ने भी तृप्त होकर मुझे बांहों में भर लिया.
दोस्तो, अभी भाभी की चूत मेरे लवड़े की प्यासी थी तो मैं उनको अभी और चोदने वाला हूँ.
तो अगले भाग के साथ आपसे पुनः मिलता हूँ.
हेयरी पुसी फक कहानी कैसी लग रही है आपको?
मुझे मेल जरूर करें.
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हेयरी पुसी फक कहानी का अगला भाग: भाभी को घर बुलाकर बजाया- 2