सैक्सी आंटी ने मुझे सेट करके चूत दी

Xxx इंडियन सेक्स कहानी में हमरे पड़ोस की एक आंटी से हमारे अच्छे सम्बन्ध थे. उनके पति दूर जॉब करते थे. आंटी मुझे पटाने की कोशिश में मेरी गर्लफ्रेंड की बातें पूछती थी.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अर्पित है, मेरी उमर 25 साल है.
मैं बिलासपुर छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ.

यह मेरी पहली सेक्स की कहानी है जो मैं आप लोगों के साथ साझा कर रहा हूँ.
उम्मीद करता हूं कि आप सभी लोगों को पसंद आएगी.

Xxx इंडियन सेक्स कहानी तब की है जब मैं अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई खत्म करके अपने शहर में था.

उसी वक्त मेरे पड़ोस में रहने एक परिवार आया, जिसमें एक आंटी थी उनका नाम अंजलि है।
उनकी उम्र लगभग 36 साल रही होगी.

वे देखने में क्या मस्त मॉल दिखती हैं.
किसी भी लड़के की नीयत उनको देख कर ही बिगड़ जाए।

उनके पति भिलाई में स्टील प्लांट में नौकरी करते हैं।
उनका एक 4 साल का लड़का है.

पड़ोस में होने के कारण उनका मेरे घर वालों से अच्छा संबंध बन गया था.
तो मम्मी का उनके घर और आंटी का मेरे घर आना जाना लगा रहता था।

मेरी भी आंटी से अच्छे से जान पहचान हो गई थी और मैं इनके बच्चे के साथ भी खेलता था.

अगर आंटी की किसी भी चीज की जरूरत होती थी तो वे मुझसे बिना किसी झिझक के बोल दिया करती थी।

आंटी अपने घर में अपने बच्चे के साथ ही रहती थी.
अंकल के साथ ना होने के कारण आंटी के चेहरे पर वो खुशी नजर नहीं आती थी क्योंकि उनको भी इस उमर में सेक्स करने की बहुत जरूरत और इच्छा होती थी जो अंकल के बाहर जॉब होने के कारण पूरी नहीं हो पाती थी.

मेरा आंटी से अच्छा संबंध था पर मैंने कभी आज तक आंटी को कभी ऐसी कुदृष्टि से नहीं देखा था.

एक दिन शाम के वक्त की बात है, आंटी के घर में सब्जी खत्म हो गई थी तो उनको बाजार जाना था सब्जी और कुछ भी घर का राशन का सामान लेने जाने के लिए.
तो उन्होंने मुझे साथ चलने बोला.
मैं उन्हें ना नहीं बोल पाया और मैं उनको अपने बाइक पर लेकर सब्जी लेने बाजार चला गया।

रास्ते में जाते वक्त ऐसे ही उन्होंने मुझसे बातों ही बातों में पूछा- अर्पित, तुम्हारी गर्लफ्रेंड का क्या नाम है?
उनके मुंह से यह सवाल सुन कर मैं अचानक से थोड़ा हड़बड़ा गया.

फिर मैंने उनको बोला- आंटी, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
यह सुन कर वे मुस्कुरा कर बोली- डर मत, मैं तुम्हारी मम्मी को कुछ नहीं बताऊंगी।

फिर हम बाजार से सामान लेकर घर आ गए.
तो उन्होंने मुझे घर में चाय पीने बोला.

मैंने बोला- नहीं आंटी, मुझे कुछ काम से बाहर जाना है!
यह बोल कर मैं वहाँ से निकल गया।

इसके बाद रात में आंटी मेरे घर के बाहर मेरी मम्मी से बात कर रही थी.
तो मैं घर आया, बोला- मम्मी, खाना दे दो.

मम्मी ने जो सब्जी बनाई थी, वो मुझे अच्छा नहीं लगी तो आंटी मुझे अपने घर में खाना खाने के लिए बोलने लगी- चल आज मैंने अच्छी सब्जी बनाई है. और आज तूने मुझे मदद भी किया है तो आज मेरे घर खाना खा ले।
तब मम्मी भी बोली- जा आज अंजलि के घर में खाना खा ले।

इसके बाद मैं उनके साथ उनके घर खाना खाने आ गया.

उन्होंने मुझसे पूछा- तुझे लड़की में इंटरेस्ट नहीं है क्या जो तेरी गर्लफ्रेंड नहीं है?
मैं कुछ नहीं बोला, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था।

मैंने अंजलि आंटी के हाथ के बने खाने का बहुत तारीफ की तो वे कातिलाना सी मुस्कुराहट देते हुए बोली- अब बस भी कर अर्पित!
ऐसे बोलते हुए मेरे गाल पे हाथ फेरा।

आंटी का बेटा सो गया था.
फिर हम खाना के बाद ऐसे ही आपस में बात करने लगे।

बातों ही बातों में पता ही नहीं चला कि कब रात के 12 बज गए.
हमें बातें करना बहुत अच्छा लग रहा था, मैं और आंटी अच्छे से सभी विषय में बातें कर रहे थे।

फिर रात में मैं अपने घर आ गया.
मैं अपने बिस्तर में था मगर मैं अंजलि को मिस कर रहा था.
शायद वे भी मुझे ही मिस कर रही थी.

फिर मेरे मोबाइल में आंटी का मेसेज आया- हाय अर्पित, क्या कर रहे हो? सो गए क्या?
मैंने भी तुरंत जवाब दिया- नहीं तो!
उन्होंने बोला- मैं तुमको मिस कर रही हूँ. हम लोग अभी कितने अच्छे से बातें कर रहे थे ना!
मैंने भी कहा- सही बात है!

तो उन्होंने बोला- क्या हम अभी कॉल में बात कर सकते हैं?
मैंने भी बोला- ठीक है, आप कॉल करो।

इसके बाद मैं और आंटी फोन पर बातें करने लगे.
हम अच्छे दोस्तों के जैसे बहुत बातें करने लगे.

फिर आंटी ने मुझे बोला- अर्पित, तुम मुझे आंटी नहीं अंजलि बोला करो!
मैंने भी बोला ठीक है अंजलि।

बातों ही बातों में हमने पूरी रात बिता दी.

इसके बाद मैंने अंजलि से पूछा- आप ज्यादा टाइम उदास क्यों रहती हो?
तो पहले तो उन्होंने कुछ नहीं बताया.

मेरे ज्यादा जोर देने पर फिर उन्होंने बताया- अर्पित, तुम्हारे अंकल बहुत दिन तक घर नहीं आते और मुझे उनकी साथ की जरूरत रहती है।

मैं सब समझ कर भी ना समझने की नाटक करने लगा.
तो फिर उन्होंने बोला- रहने दो, तुम नहीं समझोगे?

मैं बोला- तो आप समझा दो ना मुझे अंजलि! मैं तो आपसे सब समझने के लिए वैसे भी रेडी हूँ!
मेरे मुंह से यह सुन कर अंजलि कुछ नहीं बोली।

फिर मैं एक बार जब उनके घर में था, तब उनके हाथ में हाथ रख कर उनसे बोला- तुम क्या साथ की जरूरत की बातें कर रही थी?
अचानक से वे सहम सी गई.

फिर मैंने उनसे प्यार से कहा- मैं सब समझता हूँ. तुम घबराओ नहीं।

मैं जरा सा भी मौका ना गंवाते हुए बोला- तुम अपनी सेक्स लाइफ का मजा अच्छे तरीके से नहीं ले पा रही हो ना?
मेरे मुंह से यह सुन कर वे मुझे देखने लगी, वासना भरी नजरों से देखने लगी।

मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुए उनकी जांघ पर हाथ रखते हुए बोला- अगर आप कहो तो मैं आपकी मदद जरूर कर सकता हूँ।

उन्होंने मुझे देखा.
मेरे आंखों में उन्हें प्यार नजर आया जो उनकी प्यास बुझा सकता था.
और मैंने उनकी आंखों में वो खुशी देखी जो उनको चाहिए थी।

पहले तो उन्होंने मुझे कुछ कहने से मना कर दिया.
पर मैं उनकी नहीं सुनी और उनके गाल पर किस कर दिया.

पहले तो उन्होंने मुझे गाल में तमाचा मारा और बोली- अर्पित, क्या कर रहे हो? ये सब गलत है. हमें ये सब नहीं करना चाहिए।

पर मैंने उनकी एक ना सुनी और मैं ताबड़तोड़ उनके रसीले होंठों पर किस करने लगा.

पहले तो उन्होंने मुझसे दूर होने का नाटक किया, फिर मैंने उन्हें अपने सीने से दूर ही भी नहीं होने दिया।

इसके बाद वे भी मेरा साथ देने लगी और हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर प्यार करने लगे,

वे भी मुझे अच्छा से चूमने लगी.
काफी दिनों से अंजलि को जरूरत थी लौड़े की!
आज मेरे लौड़े से उनकी प्यास बुझने वाली थी।

ज्यादा वक्त ना लगाते हुए वे मेरे पैंट के ऊपर से ही मेरे लौड़े को मसलने लगी और पैंट खोल कर अपने हाथ से चड्डी से उसे बाहर अपने हाथ में ले लिया।

मेरा 6 इंच का लौड़ा देख कर उनकी आंखों और चेहरे पर एक अलग ही चमक आ गई.
उन्होंने मेरा लौड़ा ऐसे झपटकर अपने मुख में लिया मानो वे लंड के लिए बहुत तड़प रही थी।

इसके बाद मैं भी उनका ब्लाउज खोलकर ब्रा उनको और पेंटी में ले आया, फिर मैंने उनकी ब्रा पैंटी हटा पर उन्हें पूरी नंगी कर दिया.

मैंने उनके दूध को बहुत देर तक दबाकर चूस चूस कर लाल कर दिया.
उसके बाद उनकी चिकनी चूत को देखकर मैं चाटने लगा.
वे भी पागलों की तरह मुझसे अपनी चूत चटवाती रही और अपनी चूत का सारा पानी मेरे मुंह में निकाल दिया।

उसके बाद हम 69 ही पोजीशन में आ गए.
वे मेरा लौड़ा चूसने लगी और मैं उनकी चिकनी चूत चाट रहा था।

हम दोनों काफी समय तक एक दूसरे का इंजॉय करते रहे.
इस बीच में वे झड़ चुकी थी और मेरा भी माल उनके मुंह में निकल चुका था.

इसके बाद हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर एक दूसरे को लगातार किस करते रहे.

फिर मैंने उनसे बोला- तुम किस पोजीशन में मेरे से चुदाना चाहती हो?
तो उन्होंने मुझे बताया- सबसे पहले मैं डॉगी पोजीशन में चुदवाना पसंद करूंगी.

मैंने ज्यादा समय ना लगाते हुए उन्हें बिस्तर के किनारे डॉगी बना कर मैंने अपना लौड़ा उनकी चूत में डाल दिया.

काफी काफी समय से उनकी चोदाई ना होने के कारण उनकी चूत बहुत टाइट थी.
उन्हें बहुत जोरों से दर्द हुआ और उनके मुंह से बहुत तेज चिल्लाने की आवाज निकली.
उनकी आंखों से आंसू निकल गये।

मेरा आधा लंड उनकी चूत में समा गया.
मैंने उन्हें बोला दर्द सहने को!

उसके बाद मैंने दूसरा झटका उनकी चूत में मारा और मेरा पूरा लौड़ा उनकी चूत में समा गया।

कुछ देर दर्द के बाद वे मजे लेने लगी और अपने बड़े बड़े चूतड़ हिला हिला कर मेरे लण्ड को अपने चूत में समा लिया और चोदाई का मजा लिया पूरा!

उसके बाद हमने बहुत देर तक अलग-अलग आसन में चोदाई की.

20-25 मिनट चोदाई करने के बाद उनकी चूत में ही मैंने अपना माल छोड़ दिया।
इस बीच वे दो से तीन बार झड़ गई थी।

अब हम लोग उठकर बाथरूम में चले गए.
वहां एक दूसरे का बदन चूमने चाटने के बाद हम दोनों फिर से एक दूसरे को किस करते रहे।

और मैं ज्यादा देर ना करते हुए फिर से मेरा लौड़ा उनके मुंह में देकर चूसाने लगा।

मेरा लौड़ा फिर से फौलाद की तरह उन्हें चोदने के लिए तैयार था.
और मैंने उनको बाथरूम में अलग-अलग आसनों में फिर से चोद कर उनकी चूत की प्यास बुझाई।

मगर मेरा लौड़ा अब भी फौलाद की तरह खड़ा था, मैंने उनसे बोला- मुझे आपकी गांड मारनी है, मारने दो!
पहले तो वे मना करने लगी।
पर मैंने उन्हें बहुत प्यार से मनाया और उनकी गांड में बाथरूम में तेल लगाकर उंगली करने लगा.

इसके बाद मैंने अपने लोड़े के सुपारे पर बहुत सारा तेल लगाया और उनकी गांड पर भी.
काफी मेहनत के बाद मेरे लोड़े का कुछ हिस्सा उनकी गांड में समाया।

वे काफी दर्द में थी और यह गांड में दर्द सह नहीं पा रही थी.
मगर मैंने भी जोश में उनके दर्द को नजरअंदाज करते हुए लगातार अपने लोड़े का वार जारी रखा, उनकी गांड में झटके देता रहा.
और काफी मशक्कत के बाद उनकी गांड में मेरा पूरा लौड़ा समा गया पर गांड से खून निकलने लगा.

मगर मैं भी पूरे जोश में उन्हें चोदता रहा.
कुछ देर बाद उनकी गांड का दर्द कम होने के बाद वे अपनी गांड उठा उठा कर मेरे लोड़े का, Xxx इंडियन सेक्स का मजा लेने लगी।
और उनको कुतिया बनाकर मैं लगातार उनकी गांड मारता रहा।

काफी देर तक सेक्स करने के बाद हम दोनों फिर झड़ गये.
फिर नहा कर हम बिस्तर पर आकर साथ में सो गए।

उन्होंने मेरे साथ खूब सेक्स किया.

अब आंटी मेरे से बहुत ज्यादा प्यार करने लगी हैं.
जब भी सेक्स का मौका मिलता है, हम बहुत चुदाई करते हैं, मजा लेते हैं.

आगे की बातें मैं आपको अपनी दूसरी कहानी में बताऊंगा.
इस Xxx इंडियन सेक्स कहानी पर आप कमेंट्स में अपनी राय लिखें.
धन्यवाद।