शादी में की जवान मौसी की चुदाई- 1

हॉट अनमैरिड सेक्स कहानी में मेरी एक मौसी मेरे साथ अपनी वासना को शांत करने का प्रयास करती थी. अक्सर वे मुझे अपनी चूची चुसवाती थी. एक बार मेरा लंड भी चूसा मौसी ने!

दोस्तो, मेरा नाम अमन है (यह बदला हुआ नाम है).

मेरी मौसी का नाम कुसुम है और उनकी उम्र अभी सिर्फ 30 साल है.

यह हॉट अनमैरिड सेक्स कहानी इसी मौसी के साथ की है.

कुसुम मौसी की शादी 23 साल की उम्र में हो गई थी.

शादी के ठीक 2 साल बाद कुसुम मौसी की मौसेरी बहन की शादी तय हुई थी, उनका नाम रितिका है.

रितिका मौसी की शादी होने वाली थी, उस वक्त मेरे एग्जाम भी खत्म हो गए थे.

इधर शादी की तैयारी शुरू हो गई थी और उधर मम्मी की मौसी ने अपने सब रिश्तेदारों को शादी में आने के लिए बुलावा भेज दिया था.
शादी के एक हफ्ते पहले से ही सब लोग आने लगे थे.

मुझे लड़कियों से ज़्यादा औरतें बहुत पसंद आती हैं.
उनके बड़े बड़े दूध और उठी हुई गांड देख कर मेरा मन उनके साथ सेक्स करने का करता था.

हालांकि अब तक मैंने सिर्फ ब्लू फिल्म और सेक्स स्टोरी ही पढ़ना शुरू की थीं, मतलब अभी तक सिर्फ मुठ मारी थी किसी चूत के छेद को सामने से नहीं देखा था.

मैंने अब तक काफी औरतों को ताड़ कर देखा था, पर सच कहूँ तो मुझे सबसे ज़्यादा कुसुम मौसी ही पसंद आई थीं.
क्योंकि वे सच में बहुत ज्यादा सेक्सी और हॉट माल लगती हैं.

उनको देखते ही मेरा दिल करता कि अभी के अभी इन्हें नंगी करके चोद दूं.
पर ऐसा तो अब तक मैं सिर्फ़ सोच ही सकता था.

मैं उनके ख्यालों में डूब कर सेक्स कहानी पढ़ता और उन्हें सोच कर मुठ मारने लगा था.

हालांकि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं कभी मौसी की चूत मारूँगा.

मेरी मौसी की उम्र भले ही उस वक्त 25 साल की हो गई थी पर वे उससे काफी कम उम्र की लगती थीं.

फिर शादी के बाद वे अपनी इस उम्र में औरत बनने लगी थीं जिस वजह से उनका फिगर और भी ज्यादा सेक्सी और हॉट हो गया था.

शादी होने के बाद से वे साड़ी पहनने लगी थीं और उनका साड़ी पहनने का अंदाज मुझे सबसे अलग लगता था.
वे अपनी साड़ी को अपनी नाभि से काफ़ी नीचे से बाँधती थीं.
इसलिए वे बहुत ज़्यादा सेक्सी लगती थीं.

उनका जिस्म देखते ही मेरे मुँह में पानी आ जाता और मन करता कि कैसे भी करके मौसी का सारा जिस्म चाट लूँ.

मौसी का अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ था इसलिए वे मुझे अपना बच्चे के जैसे मानती थीं और मुझसे ज़्यादा प्यार भी करती थीं.

जब भी मौसी मुझसे मिलती थीं तो वे मुझे अपने गले से लगा लेती थीं और ज़्यादातर बार वे मेरे मुँह को अपने बूब्स में दबा लेती थीं.
उस समय मौसी की हाइट मेरे बराबर की हो गई थी.

मौसी 5 फुट 6 इंच की थी और मैं भी करीब उनके ही बराबर की हाइट का हो गया था.

उनके मुलायम बूब्स मुझे हमेशा से ही पागल कर देते थे क्योंकि जब मैं छोटा था तब मौसी जवान होने लगी थीं और मुझे अच्छी तरह से याद है कि एक बार उन्होंने मुझे अपने दूध चुसवा दिया था.

हालांकि तब उनके मम्मों में दूध नहीं आता था पर शायद उनको अपने जवान होते जिस्म की आग सताने लगी थी तो वे अकेले में मुझे अपने मम्मों से सटा लेती थीं.

एक दिन जब कोई नहीं था, तब उन्होंने मुझे अपनी चूची पिला भी दी थी.

उस घटना का उस वक्त मुझे कुछ खास अहसास नहीं हुआ था पर मुझे अच्छा लगा था.
तो उस दिन के बाद से मैं उनसे जब भी मिलता … तो वे मुझे अपने सीने से लगा लेती थीं और मैं उनके दूध में अपना मुँह लगा देता था.

फिर जब मेरी उम्र कुछ बढ़ी हुई तो मैंने उनके दूध को मुँह लगाना बंद कर दिया था पर वे अभी भी मुझे अपने सीने से लगा कर दुलार करती हैं.

उसी टाइम की एक और घटना भी मुझे याद है.
तब शायद मौसी एकदम जवान हो गई थीं और उन्हें अपनी टाँगों के बीच की गुफा की तपिश सताने लगी थी.

उस दिन मेरे मामा का तिलक होने वाला था.

मौसी उस दिन एक सूने कमरे में छिप कर ब्लू-फिल्म देख रही थीं और अपनी टांगों में हाथ डाल कर कुछ कुछ कर रही थीं.
उस टाइम पर मुझे कुछ तो मालूम था, पर जो मैंने देखा था … वह मेरे मन मस्तिष्क पर छप गया था.

मैंने उन्हें ध्यान से देखा था, वे अपने पेटीकोट में हाथ डाले हुई थीं और अपनी चूत में फिंगरिंग कर रही थीं.
वे कान में हेड फोन लगाए हुई ब्लू फिल्म देखने में बिज़ी थीं और मैं धीरे से उनके पीछे से उनके फोन में ब्लू फिल्म देखने लगा था.

उस फिल्म में एक लड़का और लड़की दोनों नंगे थे. लड़का अपनी नुन्नू लड़की के छेद में पेल रहा था.
यह सब देख कर उस समय मेरा भी लंड कड़ा हो गया.

उस फिल्म में लड़के ने लड़की के दोनों दूध अपने हाथों में पकड़े हुए थे और वह उन्हें जोर जोर से मसल भी रहा था.

मुझे तब बड़ी उत्तेजना हो रही थी, मैंने एकदम से कुसुम मौसी के ढीले ब्लाउज में पीछे से हाथ डाल दिया.

मौसी अचानक से हुई इस हरकत से घबरा उठीं और एकदम से पीछे मुड़ कर देखने लगीं … और उसी के साथ उन्होंने झट से अपना हाथ अपने पेटीकोट से बाहर निकाल लिया.

उन्होंने मुझे देखते ही अपना फोन बंद कर दिया और बोलीं- तुम कब आए यहां?
मैं बोला- मैं तो कब का आया हू मौसी! मौसी वह फोन में क्या हो रहा था, मुझे भी उस लड़के के जैसे करना है!

मौसी यह सुनकर सुन्न पड़ गईं.
फिर कुछ पल सोचने के बाद वे मुझे फुसलाती हुई बोलीं- बेटा अमन, मैं तुमको टॉफी और कुरकुरे दूँगी … तुम अभी बाहर जाकर खेलो.

इस तरह से वे मुझे बहलाने लगीं और मैं भी भोला सा उनकी बातों में आकर सब भूल गया.

मैं बाहर जाने को हुआ तो मौसी बोलीं- बाहर किसी को कुछ मत बताना इस सबके बारे में!

मैं फिर से मौसी से ज़िद करने लगा कि मुझे भी वही करना है, जो आपके फोन में हो रहा था, नहीं तो मैं मामा को बताऊंगा!
यह सुनते ही मौसी वापस डर गईं और कुछ सोच में पड़ गईं!

कुसुम मौसी अब फंस चुकी थीं, वे बोलीं- रूको, मैं रूम लॉक करके आती हूँ!

मौसी दरवाजा लॉक करके आईं और सोफे पर बैठ कर मुझको अपने दोनों पैरों से पकड़ कर हंस कर बोलीं- क्या करोगे?
एक पल मुझे प्यार से देखने के बाद वे पुनः हंस कर बोलीं- बताओ न!
इस बार मैं बोला- आपके दूदू पिऊंगा?

वैसे तो मौसी सलवार सूट पहनती हैं, पर उस दिन उन्होंने साड़ी पहनी थी. उनका ब्लाउज भी ढीला था.
उन्होंने अपने ब्लाउज के खुल से गले में से अपने दोनों बूब्स को एक एक करके बाहर निकाला और एक दूध के निप्पल को मेरे मुँह में दबा दिया.

मैं भी उनके दूध को चूसने लगा.

मौसी के मम्मे सच में क्या ही भरे भरे से लग रहे थे.
उनकी नई नई जवानी उनके मम्मों से छलक रही थी.

मौसी के दोनों दूध एकदम गोल थे और उनके निप्पल उस वक्त कुछ ज्यादा ही सख्त हुए पड़े थे.

मैंने जैसे ही मौसी के निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींचा, वे मदहोश होकर आह आह की आवाज़ निकालने लगीं.
उन्होंने अपना एक हाथ अपने खुले दूध पर रख दिया और उसे वे मस्ती से दबाने लगी थीं.

मैंने उनके हाथ को हटाया और अपना हाथ उनके उस दूध पर रख दिया.
अब मैं उनके दोनों दूध के साथ खेलने लगा, एक को चूस रहा था और दूसरे को मींज रहा था.

वे और ज्यादा गर्म होने लगीं तो वापस अपने एक हाथ को अपने पेटीकोट में डाल कर अपनी चूत में उंगली करने लगीं.

मैं भी उनके बूब्स को अपने हाथ से दबा रहा था व मुँह से चूस रहा था.

मौसी शायद पहली बार किसी को अपना दूध चुसा रही थीं क्योंकि यह बाद में मालूम हुआ था कि उनका एक भी ब्वॉयफ्रेंड नहीं था.

चढ़ती जवानी में लड़की के ऊपर कोई चढ़ने वाला न हो तो इसी तरह की तड़प मचती है.

जब मैंने मौसी के निप्पल को खूब चूसा और उनके स्तन से दूध नहीं निकला, तो मैंने उनके दूध को चूसना छोड़ दिया.

मौसी बोलीं- क्या हुआ बेटा?
मैं बोला- इनमें से दूध नहीं आ रहा है!

मौसी बोलीं- मैं अभी लड़की हूँ न … इसलिए मेरा अभी दूध नहीं निकलता है!

तभी किसी के आने की आहट हुई तो मौसी ने तुरंत अपना साड़ी ब्लाउज को सही कर लिया और उठ कर कमरे का दरवाजा खोल दिया.

फिर उन्होंने मुझे बहला फुसला लिया व अपने फोन में गेम खिलाने लगीं.

उस अवसर पर मौसी ने मुझे 4 दिन तक अपने साथ ही रखा था और वे मुझे अपने भय के चलते अकेला नहीं छोड़ रही थीं.

वे मुझको साथ में ही रखतीं, मार्केट से खाने का बहुत कुछ लातीं और मुझे खिलातीं.

उन्हीं 4 दिनों में मुझे मौसी ने अनेकों बार मुझे अपने नंगे बूब्स के दीदार कराए और साथ ही वे मुझे अपने दूध चूसने का भी मौका देतीं.

मैं अब पीछे की सब बातों को भूल गया था और अब बस मैं मौसी के मम्मों पर आ अटका था.

फिर जब मेरे जाने का आखिरी दिन था यानि चौथा दिन था, उस दिन मौसी से रहा नहीं गया.
पता नहीं क्यों, वे मेरी मम्मी से बोलीं- मैं इसको नहलाने ले जा रही हूँ.

उस समय कोई किसी पर ध्यान नहीं दे रहा था.
मम्मी ने भी शायद बेध्यानी में हां कह दिया और मौसी मुझे बाथरूम में ले गईं.

अन्दर ले जाकर उन्होंने दरवाजा लॉक करके मुझे नंगा कर दिया.

उस समय मेरा हथियार ढीली अवस्था में था.

मौसी मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मेरा लंड उनके इस कदम से जल्द ही अब अपने आकार में हो गया जो मौसी की चूत के लिए काफ़ी था.

मौसी लंड देख कर खुश हुईं कि आज उन्हें लंड की सवारी करने का मजा मिलेगा.

वे भी तुरंत नंगी होकर बाथरूम में रखे एक बड़े से स्टूल पर बैठ गईं और मेरे लंड पर अपना थूक लगा कर उसे चिकना करने लगीं.
लंड की मालिश करके वे उसे अपनी चूत में घुसवाने की कोशिश करने लगीं.

वे बोल रही थीं- बेटा, अपनी चिड़िया को मेरे इस बिल में डालने की कोशिश करो.

उस समय मौसी भी सेक्स करने के लिए तड़प रही थीं व किसी भी तरीके से वे मेरे लंड को अपनी चूत में लेना चाह रही थीं.

मौसी ने मेरी गांड को अपने हाथ से अपनी चूत की तरफ खींचने के लिए एक धक्का दिया ताकि मेरा लंड अन्दर घुस जाए.

मुझे बस यह मालूम था कि जो मौसी बोलीं हैं, वह करना है.

फिर अचानक से मौसी बोलीं- बेटा तुमको नहला देती हूँ, फिर तुम जाकर एक खीरा ले कर आना. उसे छिपा कर लाना, फिर बस मुझे देकर बाहर जाकर खेल लेना. तब तक मैं भी नहा कर आ जाऊंगी.

मैंने हामी भर दी और मौसी ने मुझे नहला दिया.
मैं बाहर गया और उनके कहे अनुसार उनको एक खीरा देकर खेलने चला गया.

मौसी ने उस खीरा के साथ क्या किया होगा, उन्होंने मुझसे खीरा क्यों माँगा था, इस सब बातों से मुझे कुछ भी लेना देना नहीं था.
यह सब तो बाद में मालूम चला था कि मौसी ने अपनी चूत में डालने के लिए मुझसे खीरा मँगवाया था.

फिर उधर कार्यक्रम खत्म हुआ और उसके अगले दिन मौसी अपने गांव चली गईं.
मैं भी अपने गांव आ गया.

इस घटना के कुछ दिन बाद मैं भूल गया कि मौसी के साथ क्या हुआ था.

इस तरह से मैं अपनी मौसी का दूध उसी वक्त पी चुका था, जब वे कुंवारी थीं.

बस उस वक्त तक मैंने उनकी चूत नहीं चोदी थी, पर दर्शन के अलावा उनकी चूत में अपना लंड डालने की कोशिश भी कर चुका था.

उस दिन सफलता मिल गई होती यदि मौसी ने खीरा न माँगा होता तो उनका मेरे साथ पहला सेक्स हो गया होता.

फिर समय बीता और अब कुसुम मौसी की शादी हो गई.
उनकी शादी के 3 साल बाद उनसे मुलाकात हुई थी.

दोस्तो, मेरी मौसी की चुदाई की कहानी में आपको मजा आ रहा होगा.
इस हॉट अनमैरिड सेक्स कहानी अगले भाग में मैं लिखूँगा कि मैंने उन्हें पूर्ण पुरुष के लंड से चुदाई का सुख किस तरह से दिया.
आप मेरी इस सेक्स कहानी पर अपनी क्या राय रखते हैं, प्लीज जरूर बताएं.
[email protected]

हॉट अनमैरिड सेक्स कहानी का अगला भाग: