पूरे परिवार को लगी चुदाई की लत- 2

घर में खुला सेक्स मार्केट … मेरे घर में मैं, मेरी अम्मी, चाची, ताई, उनकी बेटियाँ सब चुदाई की शौकीन थी. घर के सारे लंड सब चूतों में जाते आते रहते थे. चूतों का बाज़ार लगा था.

आपने कहानी के पिछले भाग
अम्मी ने मुझे अब्बू का लंड पकड़ा दिया
में पढ़ा कि किस तरह मैं राबिया, मेरी अम्मी वाज़िहा और मेरी ताई जवेरिया मिलकर चुदाई करवाने लगी थी।
हम सामूहिक चुदाई का मज़ा लेने लगी थी, लण्ड अदल बदल कर चुदवाने लगी थी और एक दूसरे की चूत में लण्ड पेल पेल कर एन्जॉय करने लगी थी।

अब तो हमारे घर में हर रोज़ ढेरों लण्ड नंगे नंगे घूमा करते हैं।

न हमको कभी लण्ड की कमी महसूस होती है और न लण्ड वालों को कभी किसी चूत की कमी महसूस होती है।
हम तीनों घर में हमेशा नंगी नंगी ही रहती हैं।
जब बाहर जाना होता है तभी कपड़े पहनती हैं।

अब आगे सुनिए खुला सेक्स मार्केट:

एक दिन शाम को हम तीनों नंगी नंगी बैठी बड़ी रोमांटिक बातें कर रही थी।

अम्मी बोली- मुझे तो अब लण्ड की आदत हो गयी है. बिना लण्ड के मैं एक दिन भी नहीं रह सकती।
ताई ने कहा- मेरा भोसड़ा साला हर रोज़ 4 / 6 लण्ड खाता है। मुझे तो लण्ड की लत लग गयी है। जबसे मेरा बेटा मुझे चोदने लगा है तब से मेरी लण्ड की चाहत और बढ़ गयी है।

मेरी तरफ मुंह करके ताई बोली- तू बुरचोदी राबिया कुछ नहीं बोल रही है? तुझे क्या अभी लण्ड की आदत नहीं पड़ी माँ की लौड़ी?
मैंने कहा- अरे ताई, क्या बात करती हो मैं अब तक 20 से ऊपर लण्ड ले चुकी हूँ। लण्ड मेरा नाश्ता है, लण्ड मेरा लंच है और लण्ड मेरा डिनर है। मैं जब भी मुंह खोलती हूँ तो बस लण्ड ही खाती हूँ।

ताई बोली- वाओ, तू तो अभी से रंडी बन गई राबिया!
मॉम ने कहा- अब तो ये मेरी चूत में लण्ड पेलती है जेठानी जी और मैं इसकी चूत में!

ताई बोली हां- मैं देखती हूँ कि तुम दोनों माँ बेटी अव्वल दर्जे की रंडी बनी हुई हो। लेकिन मैं मादर चोद तुम दोनों से भी बड़ी रंडी हूँ।

हमारे घर में चुदाई धकापेल होने लगी और इसी बीच मैं बहनचोद पेट से हो गयी।
मुझे बच्चा करना ही नहीं था तो मैंने ये बात अमान को बताई।

उसने कहा- चिंता की कोई बात नहीं है। मैं इसकी डॉक्टर से सफाई करवा दूंगा।

दूसरे दिन ही वह पवन सिंह नाम का एक डॉक्टर लेकर घर आ गया।
डॉक्टर बड़ा हैंडसम था, गोरा था और कद काठी का अच्छा था।

उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और धीरे धीरे कपड़े खोल कर सबके सामने मेरी चूत गांड सब चेक करने लगा।
मैं पूरी नंगी थी उसके आगे.

सफाई करने के बाद वह मेरी चूत सहलाने लगा और चूचियाँ दबाने लगा।
मुझे उसकी नीयत का पता चल गया।

मैंने देखा कि उसकी पैंट के अंदर लण्ड खड़ा है।
अमान भी सामने खड़ा था।
उसने इशारा किया तो डॉक्टर मेरी चूचियाँ चूमने और चूसने लगा।
मुझे मज़ा आया।

इतने में अम्मी ने उसकी पैंट खोल डाली।
पैंट खुली तो वह पूरा नंगा निकला क्योंकि नीचे कुछ नहीं पहना था।

लण्ड देख कर अम्मी भी मस्त हो गयी और मैं भी!
फिर उसने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और सबके सामने चोदने लगा।

मुझे डॉक्टर से चुदवाने में मज़ा आने लगा.
अम्मी उसके पेल्हड़ सहलाने लगी, बोली- बेटा इस बुरचोदी राबिया की चूत फाड़ डालो। ये साली कुतिया बड़ा मस्त चुदवाती है। इसे खूब हचक हचक के चोदो।

तब तक उधर अमान अपनी माँ चोदने लगा.

तभी पीछे से किसी ने अम्मी के कंधे पर लण्ड रख दिया।
अम्मी मुड़ी तो देखा वो समर था जो मुझे चोद चुका था.

वह बोला- आज मैं तुमको तुम्हारी बेटी के सामने चोदना चाहता हूँ।

वह भोसड़ी का अम्मी के ऊपर चढ़ बैठा.
सेक्स मार्केट में अम्मी नंगी तो थी ही।
वे गर्म तो पहले से ही थी तो खुल कर धकाधक चुदवाने लगीं।

मैंने कहा- माँ के लौड़े समर, मेरी माँ का भोसड़ा ठीक से चोदना. नहीं तो मैं तेरी गांड में लण्ड ठोक दूंगी।

मेरी एक तरफ मेरी माँ चुद रही थी और दूसरी तरफ मेरी ताई चुद रही थी।

मैं मादरचोद दोनों के बीच घपाघप खुला सेक्स करने में, चुदवाने में जुटी हुई थी।

पूरे घर में चुदाई की आवाज़ और चुदाई की महक गूंजने लगी।
तीनों साले खूब उछल उछाल कर चोद रहे थे और हम तीनों भी एकदम रंडी की तरह सिसकारियां लेते हुए और गालियां बकते हुए चुदवा रहीं थीं।

अम्मी की नज़र डॉक्टर पवन के लण्ड पर टिक गयी।
मैं समझ गयी कि अम्मी पवन के लण्ड का मज़ा लेना चाहती हैं।

तब मैंने इशारे इशारे में कहा- यार पवन, अब तुम मेरी माँ का भोसड़ा चोदो। मेरी माँ मेरे सामने चोद कर दिखाओ।

वह इशारा समझ गया और लण्ड मेरी चूत से निकाल कर अम्मी की चूत में पेल दिया तो समर ने दौड़ कर लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया।

मैं नंगी नंगी समर का लण्ड चूसती हुई डॉक्टर से अपनी माँ चुदवाने लगी।

डॉक्टर भी मादरचोद पूरा लण्ड पेल पेल के मेरी माँ चोदने लगा।

उधर अमान तो अपनी माँ ( मेरी ताई) को पागलों की तरह चोदने में जुटा था।

तभी अचानक कमरे में मेरी माईरा चाची आ गयी।
तब मुझे होश आया की दरवाजा साला खुला ही रह गया था।

चाची के पीछे उसकी बेटी इनायत थी और बेटा राणा भी था।

उन तीनों ने हमारी चुदाई बड़े गौर से देखी.
हमारी बेशर्मी देखिये, हम में से किसी ने चुदाई बंद नहीं की।
चुदाई तभी बंद हुई जब तीनों भोसड़ा खलास हो गए और तीनों लण्ड ने अपना अपना माल उगल दिया।

उधर वे तीनों हमारे सामने बैठ कर हमारी चुदाई बड़े ध्यान से देखते रहे; सबकी चूत और सबके लण्ड का ज़ायज़ा लेते रहे।

चुदाई के बाद मैंने चाची का परिचय डॉक्टर और समर से करवाया. बाकी को वह अच्छी तरह जानती थी।

इनायत और राणा भी उन दोनों से मिलकर खुश हुए।

इतने में अमान राणा को लेकर बाहर चला गया।
समर और डॉक्टर भी उसके पीछे चले गए।

मैंने कहा, माईरा चाची देखो हम सब नंगी बैठी हैं तो तुमको भी नंगी होना पड़ेगा। और हां इनायत, तुम तो मेरी तरह फ़ौरन नंगी हो जाओ।

मैंने खुद इनायत को नंगी करते हुए पूछा- तुम्हें अम्मी के सामने नंगी होने में शर्म तो नहीं आती?
वह तपाक से बोली- बिल्कुल नहीं आती।

ख़ैर 2 मिनट में ही दोनों माँ बेटी नंगी हो गईं।

फिर हमारी बातें होने लगीं।

मैंने कहा- क्या तुम लोग घर में भी इसी तरह नंगी रहती हो?
माईरा चाची बोली- हां रहती हूँ। हम दोनों में कोई शर्म नहीं है। मेरी बेटी मस्त जवान है और मैं तो हूँ ही जवान! एक साथ रहना है तो शर्म कैसी?

फिर मुसकुराकर बोली- राबिया, मैंने तो शर्म की माँ चोद दी है। हम दोनों नंगी नंगी एक दूसरे की बुर चाटती हैं।

ताई ने कहा- वाह वाह, तब तो बहुत अच्छा करती हो माईरा …मैं यही चाहती थी। और क्या करती हो?
माईरा बोली- हम दोनों लण्ड भी साथ साथ मिलकर चाटती हैं।

मैंने पूछा- सिर्फ लण्ड ही चाटती हो साथ साथ या कुछ और भी?
वह बोली- चाटने के बाद एक दूसरी की चूत में लण्ड पेलती भी हूँ।

ताई ने कहा- वाह माईरा वाह … तुम तो मुझसे भी आगे हो गई हो यार!

माईरा बोली- नहीं जेठानी जी, मैं आपसे आगे नहीं हूँ पर पीछे भी नहीं हूँ।

मैंने कहा- अब खुल कर बताओ न मेरी बुरचोदी माईरा चाची!

वह बोली- अच्छा तो सुन भोसड़ी वाली राबिया, तुम लोगों की चुदाई देख कर अब मेरी भी हिम्मत हो गयी है सब कुछ सच सच बताने की!

सुनो:
तुम एक बात तो जानती हो कि मेरे पति बहुत पहले दुनिया छोड़ कर चले गए थे।
मैं उस समय ज्यादा मस्त जवान थी।

मैंने एक साल तक किसी और के लण्ड की तरफ देखा तक नहीं.
पर मुझसे और ज्यादा न रहा गया तो मैं पराये मर्दों के संपर्क में आने लगी और उनके लण्ड का मज़ा लेने लगी।

कहते हैं कि अगर किसी बिवाहित स्त्री को एक बार पराये मर्द के लण्ड का मज़ा मिल जाए तो फिर वह आगे ही बढ़ती रहती है।
एक के बाद दो, दो के बाद तीन, तीन के बाद चार … जाने कितने लण्ड अपनी चूत में पेलवा लेती है।

मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है।
अब तक मैं ३०से ज्यादा लण्ड ले चुकी हूँ।

एक दिन की बात है कि मेरी बेटी इनायत ने मुझे चुदवाते हुए देख लिया.
तो मैंने खुद इसे अंदर बुलाया और कहा- बेटी इनायत देखो, तेरे अब्बू के न रहने से मेरी चूत की प्यास बुझती नहीं थी. इसीलिए मुझे पराये मर्दों का सहारा लेना पड़ा। मैं समझती हूँ कि तुम भी जवान हो और अब तुम्हें भी लण्ड की जरूरत है। तो आओ मेरे पास और पकड़ लो लण्ड! शर्माने की कोई जरूरत नहीं है। मैं बुर चोदी तेरी माँ नहीं तेरी सहेली हूँ और तू भी भोसड़ी वाली, मेरी बेटी नहीं मेरी दोस्त है। मेरे साथ नंगी नंगी लण्ड चाटो और चुदाई का मज़ा लूटो।

बस उसी दिन से हम दोनों माँ बेटी सहेली बनकर चुदाई का मज़ा लेने लगी।
अब तो इनायत लण्ड पेलवाने में और मस्त मस्त गालियां देने में बड़ी एक्सपर्ट हो गयी है।

चाची की बातें सुनकर हम सब बड़ी खुश हो गईं।
मैंने कहा- चाची, यहाँ भी सब भोसड़ी वाली बड़ी चुदक्कड़ हैं। अब तुम्हारा साथ हम सबको मिलेगा तो मज़ा दूना हो जायेगा।

उसके बाद सबका नाश्ता पानी हुआ और खूब गन्दी गन्दी बातें हुईं।

चाची बोली- राबिया, ये अमान कब से अपनी माँ चोद रहा है?
मैंने बताया- यही कोई दो साल हो गए अमान को अपनी माँ चोदते हुए!

वह बोली- अच्छा. तो मेरे बेटे को अभी एक साल ही हुआ है अपनी माँ चोदते हुए!

मैंने बड़ी हैरानी से पूछा- चाची, क्या तुम भी अपने बेटे से चुदवाती हो?
उसने कहा- हां बिल्कुल, मैं अपने बेटे से चुदवाती हूँ। इतना ही नहीं अपनी बेटी के सामने अपने बेटे से चुदवाती हूँ। बेटे का लण्ड बेटी की चूत में भी पेल देती हूँ। अरे यार, जब अय्याशी करने निकली हूँ तो खूब जम कर अय्याशी करती हूँ, मेरी बेटी भी और मेरा बेटा भी करते हैं। अब तो मेरा बेटा अपनी माँ चोदने में बड़ा एक्सपर्ट हो गया है।

उसकी बातों ने हम सबको चकित कर दिया।

ताई ने कहा- अच्छा तो तुम हम सबको अपने बेटे से चुदवाकर कर दिखाओ?
वह बड़े मजे से बोली- हां दिखा दूंगी क्योंकि अब तो मुझे लण्ड की लत लग गयी है। मुझे ही नहीं, मेरी बेटी को भी लण्ड की आदत हो गई है।

उसके बाद हम लोग कपडे पहन कर बाहर घूमने चली गईं।
शहर की रौनक देखी थोड़ा इधर उधर घूमे और फिर चाट खाकर वापस आ गईं.

रात को लगभग 10 बजे हम सब चुदने के लिए तैयार हो रही थीं.
तभी ताई ने आवाज़ लगाई- अरी ओ बुरचोदी राबिया … कहाँ है तू? माँ चुदा रही है क्या तू अपनी भोसड़ी वाली? यहाँ आ देख ये सब साले चोदने वाले लड़के आ रहे हैं। जल्दी से नंगी होकर आ जा! चुदाई का टाइम हो गया है।

मैं तो मादरचोद नंगी थी ही … माईरा चाची भी नंगी हो गई थी और उसकी बेटी इनायत भी।
हम तीनों ताई जी के पास पहुँच गईं।

माईरा चाची ताई के बगल में गई.
दूसरी तरफ मैं लेट गई और मेरे बगल में इनायत भी नंगी नंगी लेट गयी।

पूरे हाल में ज़मीन पर ही बिस्तर लगा दिया गया था।
सामने से पहले डॉक्टर पवन आया।

उसने हम सबको नंगी देखा तो अपने कपड़े उतार कर फेंक दिया फिर इनायत ऊपर चढ़ बैठा और उसकी चूचियाँ चूसने लगा।
इनायत भी बड़ी बेशर्मी से उसका लण्ड हिलाने लगी।

तब तक पीछे से अमान कूद पड़ा और सट्ट से लण्ड घुसा दिया अपनी माँ के भोसड़े में!
उसे तो अपनी माँ चोदने में सबसे ज्यादा मज़ा आता है।
वह एकदम खुल्लम खुल्ला सबके सामने माँ चोदता है।

उसे देख कर राणा आया और वह भी नंगा अपनी माईरा माँ के ऊपर चढ़ गया।
पहले तो उसके उसके नंगे बदन पर बड़े प्यार से हाथ फेरा और फिर लण्ड गच्च से पलक दिया उसकी चूत के अंदर!

इस तरह अमान और राणा दोनों अपनी अपनी माँ हचक हचक के चोदने लगे।
उधर विशाल मेरी चूत पेलने लगा और मेरी अम्मी अंदर कमरे में अमान के दोस्त रोहित से चुदवाने लगीं।

राणा तो जानवरों की तरह अपनी माँ का भोसड़ा फाड़ रहा था.
वह बोला- आज मैं इसे अव्वल दर्जे की रंडी बना दूंगा। इसे चुदवाने का बड़ा शौक है न … आज मैं इसका सारा शौक उतार दूंगा। इसे तो लण्ड खाने की आदत है।

फिर जवाब में माईरा बोली- साले कुत्ते राणा, तेरी माँ का भोसड़ा मादरचोद तेरी बहन की बुर साले! तू चाहे जितना चोद मगर न मेरा भोसड़ा फटेगा और न मेरी गांड! इस भोसड़े में तेरे जैसे जाने कितने लण्ड घुस चुके हैं।

इन मस्त मस्त गालियों से सबकी उत्तेजना बढ़ गयी और चुदाई ने स्पीड पकड़ ली.

डॉक्टर इनायत की बुर में लण्ड पेले पड़ा था और विशाल मेरी फुद्दी में।
ताई का भोसड़ा उसका बेटा खूब उछल उछल कर चोद रहा था.

बड़ा मनमोहक सीन था सामूहिक चुदाई का!
घर में खुला सेक्स मार्केट था.
इतने में अमान बोला- यार राणा, अब मैं तेरी अम्मी को चोदना चाहता हूँ।
राणा बोला- ठीक है!

उसने लण्ड अपनी माँ की चूत निकाल लिया तो अमान उसकी माँ की चूत में पेल दिया लण्ड!

उधर राणा ने अमान की माँ के भोसड़ा में घुसेड़ दिया लण्ड!

दोनों एक दूसरे की माँ चोदने लगे।

चुदाई के बाद सब साथ नंगी नंगी बैठ गयीं.

ताई ने कहा- यार, मुझे लण्ड की लत लग गयी है। मेरा भोसड़ा बिना लण्ड के रह नहीं सकता था।
माईरा ने कहा- हां जेठानी जी, मेरी चूत को भी लण्ड की आदत पड़ गई है।

मैंने कहा- यार, लण्ड है ही ऐसी चीज कि जितना पेलो उतना और पेलवाने का मन करता है।

इनायत ने कहा- हां यार, मुझे तो बहन चोद हर दिन 5-7 लण्ड चाहिए।

तब तक मेरी अम्मी भी कमरे से नंगी नंगी आ गई और कहा- मैं तो लण्ड की दीवानी हूँ। मुझे लण्ड की वैसी ही लत है जैसे एक शराबी को शराब की लत!

ताई ने कहा- हम सब भोसड़ी वाली लण्ड खाती हैं, लण्ड पीती हैं, लण्ड बिछाती हैं लण्ड ओढ़ती हैं और लण्ड खुला आम पेलवाती हैं। अच्छा है कि हम सबको लण्ड की लत गई है तो लण्ड वालों की भी हमारी चूत और भोसड़ा की लत लग गयी है.

बहुत अच्छी होती है लण्ड की लत!

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