गर्लफ्रेंड की माँ की चूत मिली

अन्तर्बासना सेक्स स्टोरी में मैं अपनी GF के घर पढ़ाई के बहाने जाकर उसे चोदता था. एक दिन उसकी मम्मी ने मुझे बुलाया और मुझे उनकी बेटी और मेरी चुदाई की वीडियो दिखाई.

सभी लंड के राजाओं और चूत की रानियों को मेरा नमस्कार!

मेरा नाम राहुल है.
मैं 24 साल नवयुवक हूँ. मेरा लंड 7 इंच का है.
मेरी एक गर्लफ्रेंड है, उसका नाम अंकिता है.

आज मैं आपको अन्तर्बासना सेक्स स्टोरी सुना रहा हूँ. यह कहानी मेरी गर्लफ्रेंड की माँ और मेरे बीच हुई चुदाई के बारे में है.
मेरी गर्लफ्रेंड अंकिता की माँ आशा एक घरेलू और धार्मिक महिला है.
पर हर महिला की तरह वे भी खुद को वासना के जाल से नहीं बचा पाई.

यह तब की बात है, जब मैं 21 साल का था.

अंकिता और मैं कालेज में मिले थे.
दो साल की दोस्ती के बाद हमें महसूस हुआ कि हम एक दूसरे से प्यार करने लगे हैं.

हम दोनों रिलेशनशिप में थे और वेलेंटाइन के दिन मैंने अपनी गर्लफ्रेंड की फुद्दी को चोद कर उसे चूत बना दिया था.
मेरा कालेज टाइम से ही अंकिता के घर आना जाना था.

अंकिता के पापा फौज में थे और वे कम ही घर आ पाते थे.
उसकी माँ गृहणी हैं और उनका नाम आशा है.

आशा आंटी एक भरे-पूरे शरीर की मालकिन थीं, उनका रंग एकदम दूध सा गोरा था.
उनके 36 इंच के बड़े बड़े चूचे थे.
हालांकि उनकी उम्र 48 साल थी, लेकिन वे अभी भी 35 की लगती थीं.

मैं कई बार अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई करने उसके घर गया था और कई बार मैंने बाथरूम में टंगी आशा आंटी की पैन्टी पर अपना वीर्य छोड़ा था.

खैर … अब वापस अन्तर्बासना सेक्स स्टोरी पर आते हैं.

एक बार मेरी गर्लफ्रेंड को किसी काम से शहर से बाहर जाना पड़ा.
मैं घर पर ही था कि तभी मुझे एक अनजान नंबर से काल आया.

मैंने फोन उठाकर कहा- हैलो कौन?
इस पर उधर से किसी महिला ने पूछा- क्या मेरी बात राहुल से हो रही है?
मैंने कहा- जी हां.

उधर से जवाब आया- मैं अंकिता की मम्मी बोल रही हूँ!
मैंने प्रणाम कहा और पूछा कि फोन किस काम से किया?

उन्होंने जोर देकर कहा- तुम अभी हमारे घर आओ!
मैं बाईक लेकर निकल गया.

उनके घर पहुंचते ही मैंने उन्हें नमस्कार किया.
पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

वे मेरा हाथ पकड़ कर अंकिता के कमरे में ले गईं.

वहां उन्होंने कम्प्यूटर पर एक वीडियो चलाई, जिसमें मैं उनकी बेटी को कुतिया बनाकर चोद रहा था और अंकिता ‘यस डैडी … यस डैडी …’ चिल्ला रही थी.

दरअसल ये हमारी पिछले दिनों की चुदाई थी, जिसे अंकिता ने खुद रिकॉर्ड किया था.

उन्होंने मेरे मुह पर जोर से थप्पड़ मारा और पूछा- ये है तुम्हारी दोस्ती और प्रोजेक्ट वर्क … जिसके लिए हमारे घर आते थे?

उनका झापड़ खाते ही मेरी तो गांड फट गयी.
मैंने हाथ जोड़कर उनसे माफी मांगी और कहा- मैं अंकिता से बहुत प्यार करता हूँ आंटी और मैं उससे शादी भी करूँगा. पर आप यह सब किसी और को ना बताएं!

पर वे उस वीडियो को मेरे पेरेंट्स और अंकिता के पापा को दिखाने की बात कहने लगीं.

मैंने उनसे कहा- आंटी आप जो बोलेंगी, मैं वह सब करूँगा … पर इसके बारे में किसी को भी नहीं बताइए प्लीज!

आंटी ने अपना स्वर बदलते हुए पूछा- क्या कर सकते हो मेरे लिए?
मैंने कहा- जो आप बोलो!

उन्होंने मुस्कुराते हुए मुझे देखा और बोला- क्या यही मजा मुझे दे सकते हो?
मैंने चौंकते हुए कहा- आंटी ये आप क्या कह रही हो … आप मेरी गर्लफ्रेंड की माँ हो!

उन्होंने कहा- तो आज मुझे गर्लफ्रेंड समझ ले … या खुद को मादरचोद मान ले … और साले ज्यादा बन मत, मैंने देखा है कि तू मेरी बाथरूम में टंगी मेरी ब्रा पैन्टी पर अपना माल गिराता है!
मैं सकपका गया.

उन्होंने आगे कहा- मेरी नीले रंग की पैंटी भी गायब है, वह भी तेरा काम है. तू भी तो यही चाहता है न … तो कर ले आज अपनी मनोकामना पूरी!

मैंने उनकी आंखों में चुदास देख कर हां कर दी और कहा- आंटी मैं आपको चोदूंगा, पर अपने ढंग से … फुल वाइल्ड स्टाइल में … सोच लो, बाद में खुद मुकर मत जाना!

उन्होंने कहा- मैं पिछले 6 महीने से प्यासी हूँ, तू जैसे चाहे, वैसे चोद … पर तुमको मुझे शान्त करना पड़ेगा!

मैंने हामी भर दी और उनसे कहा- पहले आप लाल रंग की साड़ी पहनो और अपने कमरे में बैठ कर मेरा इंतज़ार करो. मैं आपको आज अपनी बीवी बनाकर चोदूंगा.

वे मान गईं और अपने कमरे में जाकर लाल रंग की साड़ी पहन कर मेरा इंतजार करने लगीं.

इतने में मैं बाहर गया और पास की कैमिस्ट की दुकान से कंडोम और डेरी मिल्क चाकलेट ले आया.

मैं चाकलेट और कंडोम लेकर उनके पास गया और देखा तो वे बला की खूबसूरत लग रही थीं.
आंटी 5 फुट 4 इंच की थीं और उनका 36-30-38 का फिगर मेरे लौड़े के कत्ल के इंतजार में उफन रहा था.

वे घूँघट निकाले बैठी थीं.
मैंने उनका घूँघट उठाया, उन्होंने एक बीवी की तरह मेरे पैर छुए.

मैंने उनके गाल पर हाथ फेरते हुए कहा- भगवान तुम्हें आज दर्द सहने की शक्ति दें.
वे यह बात समझ पातीं कि उससे पहले मैंने उनके मुँह पर एक जोरदार तमाचा जड़ दिया और कहा- साली रांड … मुझ पर हाथ उठाती है बहन की लौड़ी … तेरी बेटी की चूत का भोसड़ा बनाया है मैंने … और अब आज तेरी बारी है!

इसके बाद मैंने आशा आंटी के बालों को पकड़ा और उन्हें बेड पर पटक दिया.
मैं उन पर चढ़ गया और उनके रसीले होंठों को काटने, चूसने लगा.

मैं किसी भूखे शेर की तरह उनके होंठों को खा रहा था.
मेरे जोर जोर से चूसने के कारण उनके होंठों से खून निकलने लगा. मैं उस खून को चाटने लगा.

आशा आंटी भी मेरा साथ दे रही थीं.
उन्हें दर्द हो रहा था, पर वे इस चुदाई के पहले की मस्ती को इन्जॉय कर रही थीं.

मैंने उन्हें बालों से पकड़ कर खड़ा किया और किसी विलेन की तरह उनकी साड़ी उतारने लगा.

इसी के साथ मैंने आशा आंटी का ब्लाउज फाड़ कर निकाल दिया और उनके पेटीकोट का नाड़ा तोड़कर उसे भी उतार दिया.
उन्होंने अन्दर ब्रा पैन्टी नहीं पहनी थी.

मैंने फिर उन्हें तमाचा मारा और कहा- रन्डी, इतनी भी क्या जल्दी थी तुझे चुदने की कि साली पैन्टी और ब्रा भी पहनना भूल गयी!

अब आशा आंटी की आंखों में आंसू आने लगे थे.
उनके 36 इंच के मोटे चूचे और सफाचट चूत देखकर मेरा मन डोल गया.

मैंने उनके आंसू देखना नजरअंदाज किया और उनके चूचे मसलने शुरू कर दिए.
वे ‘आह आह … माँ … उम्म …’ की आवाज करती रहीं.

मैंने अब वह पिघली हुई चाकलेट उनकी चूचियों पर डाली तो वे चाकलेट की गर्माहट व चिकनाहट से मचलने लगी थीं.

मैंने आंटी के चूचे चूसने शुरू कर दिए.
चॉकलेट के साथ उनके दूध चूसने का मजा कुछ ज्यादा ही आ रहा था.

फिर मैंने उठ कर अपने सारे कपड़े उतार दिए.

मेरा साढ़े सात इंच का मोटा लंड आशा आंटी के सामने था.
वे लंड को बड़े अनुराग से देख रही थीं.

मैंने आशा आंटी का मुँह को खोला और अपना लंड अन्दर घुसेड़ दिया.
आशा आंटी लौड़े को चूसने लगीं.

मैंने लंड को आगे पीछे करके आशा आंटी का मुँह चोदना शुरू कर दिया.
आशा आंटी के मुँह से ‘घू … घू … घू’ की आवाज आ रही थी.
मेरा लंड आशा आंटी के गले के अंत तक जा रहा था.

करीब दस मिनट तक उनके मुँह को चोदने के बाद मैं आंटी के मुँह में ही झड़ गया.

मेरा सारा वीर्य आशा आंटी के मुँह से होते हुए उनके पेट में चला गया.
मैंने अपना गीला लंड बाहर निकाल लिया.

लंड बाहर निकालते ही आशा आंटी ने लंबी सांस ली और वे खाँसने लगीं.

फिर उन्होंने कहा- मेरी बेटी तुम्हारे साथ सेक्स कैसे करती है … तुमने तो इतने में ही मेरी जान निकाल दी!

मैंने कहा- आशा मेरी जान, अभी तो यह शुरुआत है. अभी तो तेरी चूत भी चोदनी है. जब लंड अन्दर घुसेड़ूँगा, तब देखना तुझे क्या मजा आता है!

थोड़ी देर लेटे रहने के बाद मैंने आशा आंटी को 69 की पोजीशन में आने को कहा.
वे 69 में हो गईं.

मैंने अब अपने लंड और आशा की चूत पर चॉकलेट लगा दी और उनकी चूत को चाटने लगा.
आंटी मेरा लंड चूसने लगीं.

थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और आशा आंटी की चूत ने पानी छोड़ दिया.

मैंने आशा आंटी को कुतिया बनने को बोला और मैं उनके पीछे आ गया.

शायद उनके पति का लंड बड़ा नहीं था क्योंकि उनकी चूत अभी भी टाईट लग रही थी.

मैंने लंड पर कंडोम लगाया और लंड आशा आंटी की चूत में पेल दिया.
आशा आंटी की चीख निकल गयी.

मैं उनकी तरफ ध्यान न देते हुए तेज तेज धक्के लगाने लगा और कहने लगा- आह चिल्ला रण्डी … और चिल्ला ताकि तुझे भी पता चले कि तेरी बेटी किस मर्द से चुदती है … चिल्ला मेरी राण्ड … चिल्ला बहन की लौड़ी आह.

आशा आंटी भी ‘आह आह …’ करती हुई चिल्ला रही थीं और कह रही थीं- चोद मुझे भोसड़ी वाले, चोद मादरचोद तेरी माँ हूँ … बस तू ये समझ कर चोद मुझे … फाड़ दे आज उस छेद को … जहां से तेरी गर्लफ्रेंड निकली है … चोद मुझे भड़वे चोद आह … आह … माँ मर गई … रखैल बना दिया आज तुमने तो … आह.

आंटी की गालियां मुझे और उकसा रही थीं.

मैंने अब आशा आंटी की गांड पर तमाचे जड़ने शुरू कर दिए थे.
आशा आंटी मार से और पागल हो गयी थीं.
हर झटके के साथ तमाचा खाने से उन्हें दर्द और मजा एक साथ आ रहा था.

इस बीच आंटी दो बार झड़ चुकी थीं.

करीब 30 मिनट की टपाटप चुदाई के बाद मैं भी झड़ गया और निढाल होकर बेड पर लेट गया.

आंटी भी थक गयी थीं, उन्होंने मेरे सीने पर सर रख दिया और हम दोनों को नींद आ गई.
हम दोनों नंगे ही सो गए.

करीब 4 घंटे बाद हम जागे, फिर हम दोनों बाथरूम में जाकर नहाए.

मैंने उन्हें शावर के नीचे फिर से एक बार चोदा.
इस बार मैंने आंटी की मोटी गांड भी चोद डाली.

उसके बाद करीब दो महीने तक मैंने आशा आंटी को हफ्ते में 4 बार चोदा.

कई बार तो बिना कंडोम के ही चोदा, जिससे दो महीने बाद आशा आंटी गर्भवती हो गईं.

किस्मत से उसी के दस दिन पहले उनके पति ने आंटी को चोदा था.

उन्होंने अपने पति को यह बात बताई, तो वे खुश हुए कि इस उम्र में भी वह अपनी बीवी को प्रेग्नेंट कर सकते हैं.

उन दोनों ने पहले तो बच्चा गिराने की सोची.
पर फिर अंकिता से बात करके उन्होंने उस बच्चे को जन्म दे दिया.

आशा आंटी ने मेरे और उनके प्यार की निशानी को 9 महीने बाद जन्म दिया.
वह बेबी एक खूबसूरत बेटी थी.

उसके बाद मेरा और अंकिता का ब्रेकअप हो गया.
पर आशा आंटी और मेरा प्यार अब भी जिन्दा है.

अब मैं 24 साल का हूँ और आशा आंटी मुझसे दुगनी बड़ी उम्र की हैं. पर अभी भी हम दोनों कई बार चुदाई करते हैं.

आपको मेरी यह अन्तर्बासना सेक्स स्टोरी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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