Xxx हॉट पुसी स्टोरी में हम सहेलियाँ गोवा गई. पर मैं अपनी सहेलियों से अलग हो गयी. रास्ते में चुदती हुई मैं होटल पहुंची. वहां मुझे कमरा ना मिला. तो मेरे साथ क्या हुआ?
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मैं आपकी अपनी शबनम एक बार फिर हाजिर हूँ अपनी कहानी लेकर.
मेरी पिछली कहानी
मुंबई से गोवा तक मेरी चुदाई होती रही
में आपने पढ़ा कि अब्दुल, छोटू और ड्राइवर ने मिलकर मुझे पेल दिया था और हम लोग शेखर को छोड़ कर गोवा की तरफ निकल गए थे.
रास्ते भर तीनों बदमाश चोदू मिलकर कभी मेरे दूध निचोड़ते तो कभी मेरी गांड मसल देते.
बस इसी तरह चोदते-चुदाते, हँसते-हंसाते हम गोवा पहुँच गए.
अब आगे Xxx हॉट पुसी स्टोरी:
मैं खुशी खुशी उसी होटल में पहुंची जहां मेरी सहेलियां रुकी थीं.
वहां पता चला कि हरामजादियाँ कमरे में ताला मार कर गोवा घूमने चली गई हैं.
मेरा दिमाग खराब हो गया.
मैंने उसी होटल में एक कमरा बुक करने का सोचा.
तो होटल का मैनेजर बोला कि कोई भी कमरा खाली नहीं है.
मेरी आँखों से आंसू निकल गए.
मुझे रोती देख कर मैनेजर बोला- सॉरी मैडम, कमरा तो कोई खाली नहीं है. लेकिन आप अगर हाथ मुंह धोना चाहें तो हमारे स्टाफ क्वार्टर में आपका अरेंजमेंट कर सकता हूँ.
मैंने हाँ कर दी.
तो मैनेजर ने एक नौकर को बुला कर मुझे स्टाफ क्वार्टर ले जाने को कहा.
नौकर मुझे स्टाफ क्वार्टर ले जाने लगा.
मैंने देखा कि साला ठरकी नौकर बार बार मेरे मम्मों की तरफ देख रहा था.
क्वार्टर जाकर मैं रगड़ रगड़ कर नहाई और अपने बदन से अब्दुल, छोटू, ड्राइवर और शेखर का वीर्य साफ़ कर दिया.
मैनेजर बहुत ही अच्छा आदमी था, उसने मेरे लिए गरमागरम कॉफ़ी और खाने का इंतजाम भी कर दिया था.
मैं इतनी थकी हुई थी कि खाना खाकर स्टाफ क्वार्टर के बिस्तर पर गिर पड़ी और सो गई.
सोते सोते जाने कितने ही घंटे बीत गए थे.
शाम हो चली थी.
शाम को मैनेजर ने आकर मुझे उठाया और बोला- मैडम, अब आपको जाना पड़ेगा क्योंकि क्वार्टर में रहने वाले नौकर अपनी ड्यूटी ख़त्म करके आते ही होंगे.
मैंने अपनी सहेलियों को कॉल करने के लिए फ़ोन उठाया तो उसकी बैटरी ख़त्म हो चुकी थी.
मैंने मैनेजर से गुजारिश की- सर, मेरी सहेलियों के आने तक प्लीज मुझे रुक जाने दीजिये. उन लोगों ने इसी होटल में मेरी बुकिंग करवाई हुई है, उनके आने पर मैं उधर चली जाऊंगी.
मैनेजर ने कहा- ठीक है रुक जाइये. लेकिन रात को जरूर अपनी सहेलियों के पास चली जाइयेगा.
तभी मैनेजर चला गया और मैं कमरे में ही आराम करने लगी.
तभी दो नौकर आपस में बातें करते हुए कमरे में घुसे- साले, बहुत दिन से चुदाई नहीं की, आज तो रंडी बुलाएंगे.
“हाँ भाई, मैरी को बुलाते हैं, क्या गजब लंड चूसती है साली!”
“नहीं यार, साली का भोसड़ा बहुत चौड़ा है. मजा ही नहीं आता!”
तभी दोनों की नजर मुझ पर पड़ी.
तो सकपका कर दोनों सीधे खड़े हो गए.
मैंने उनसे नजरें चुराते हुए कहा- मैनेजर साहब ने मुझे यहां रुकने की इजाजत दी थी. आपको तकलीफ हो तो मैं चली जाती हूँ.
दोनों घबराते हुए बोले- अरे नहीं नहीं मैडम, हमको कोई तकलीफ नहीं है. आपका जब तक जी करे रुकिए इधर!
मैं बैठ कर मोबाइल पर टिकटोक देखने लगी और वे दोनों अपने काम में लग गए.
कुछ देर बाद मैंने देखा कि एक नौकर नहाकर बाथरूम से निकला.
उसने बस एक छोटा सा तौलिया लपेटा हुआ था.
बाप रे, क्या मस्त चौड़ी छाती थी उसकी!
एक पल को तो मेरे मन में ख़्याल आया कि काश ऐसा कोई मेरा आशिक होता जो अपनी बाँहों में मुझे मसल कर रख देता.
फिर मुझे अपने पर ही शर्म आ गई.
लेकिन अब मेरी नीयत तो खराब हो ही चुकी थी, अब तो मुझे किसी भी हाल में यह जवान मर्द चाहिए था.
तभी मेरी सहेली का फ़ोन आ गया और मुझे जाना पड़ा.
मैंने मुस्कुराकर उस नौकर को थैंक यू कहा तो उसने शर्माते हुए कहा- कुछ जरूरत हो तो बताइयेगा मैडम!
मैंने कहा- जरूरत तो बहुत है, कल दिन में मिलते हैं. अभी मैं कुछ दिन इसी होटल में हूँ.
यह कह कर उस नौकर को आँख मारते हुए मैं उधर से निकल गई.
कमरे तक पहुंची तो सहेलियां खुशी के मारे मुझसे लिपट गईं.
सुमन गुस्सा दिखाती हुई बोली- क्यों रे रंडी की बच्ची शबनम, किधर रह गई थी?
मोना बोली- अरे, ये रंडी की बच्ची नहीं है बल्कि खुद ही रंडी है, किसी से चुदवाने के लिए रुक गई होगी.
मैं भी गुस्से में बोली- साली छिनाल, सुबह से तुम लोगों का रास्ता देख रही थी. किधर गांड मरवा रही थीं तुम लोग?
सुमन बोली- तू इधर पहुंची कैसे हराम की जनी शबनम?
मैंने कहा- टैक्सी कर के आई हूँ इधर तक, रात भर टेक्सी की सीट पर बैठे बैठे मेरे चूतड़ फट गए हैं.
मोना ने मेरे पास आकर मेरा मुंह सूंघने का नाटक किया और जोर से हँसते हुए बोली- अरे, इसके मुंह से तो वीर्य की महक आ रही है. लगता है रास्ते भर चूस चूस कर टेक्सी वाले के टट्टे निचोड़े हैं इसने!
इसी तरह अश्लील मजाक करते करते हम सब सो गईं.
सुबह हम लोग तैयार होकर घूमने के लिए निकलने लगी तो वही नौकर दिखाई दिया.
वह मुझे देख कर मुस्कुराया तो मैंने उसको देख कर आँख मार दी
वो बेचारा शर्मा गया.
मैंने सोचा कि घूमने फिरने में समय खराब करने से अच्छा है कि इस नौकर के साथ मजे किये जाएं.
यह सोच कर मैंने अचानक अपना पैर मोड़ लिया और जमीन पर बैठ गई.
जोर से कराहती हुई मैं सहेलियों से बोली- हाय … लगता है मोच आ गई है, चला नहीं जा रहा!
मोना बोली- इस रांड का कुछ ना कुछ लगा ही रहता है. अब आज का घूमना कैंसिल करो!
मैंने कहा- नहीं नहीं, तुम लोग जाओ नहीं तो मुझे बुरा लगेगा.
मेरे जिद करने पर सभी सहेलियां मुझे कमरे में लेटा कर चली गईं.
सबके जाते ही मैं उठी और तैयार होने लगी.
मैंने छोटा सा टॉप और मिनी स्कॉट पहन ली थी.
फिर मैंने लिपस्टिक पाउडर से खुद को सजाया और कमरे में इत्र छिड़क दिया.
बिल्कुल सुहागरात वाला माहौल हो गया था.
फिर मैंने नौकर को बुलाने के लिए घंटी दबाई तो वही नौकर आया और शरमाते हुए बोला- क्या चाहिए मैडम?
मैंने कहा- तुम!
“जी, क्या मतलब?”
“मेरा मतलब तुम क्या मेरे पैर की मालिश कर सकते हो? मोच आ गई है!”
उसने कुछ नहीं बोला, चुपचाप मेरे पैरों के पास आकर बैठ गया और मेरे पैर अपनी गोद में लेकर सहलाने लगा.
मैंने पूछा- तुम्हारा नाम क्या है?
उसने कहा- डेविड!
मैंने उसको नारियल का तेल देकर कहा- लो डेविड, इस तेल से मुझे … मेरा मतलब मेरे पैरों को रगड़ डालो.
उसने मेरे पैरों पर तेल डाला और हौले हाथों से मालिश करने लगा.
मेरे मुंह से आह निकल गई- ओह डेविड, अल्ला कसम कितना सुकून मिल रहा है.
डेविड के हाथ मेरे पैरों पर चल रहे थे और मेरे सारे बदन में चींटियां दौड़ रही थीं.
मैंने धीरे से अपने पैर फैला लिए ताकि उसको मेरी मिनी स्कर्ट के अंदर पहनी हुई लाल चड्डी दिख सके.
मेरे पैरों की मालिश करते करते डेविड के हाथ मेरे घुटनों तक आने लग गए थे.
उसने पूछा- मैडम, मजा आ रहा है?
मैंने कहा- ओह डेविड, बहुत मजा आ रहा है.
डेविड बोला- तो फिर मालिश का नाटक ही करना है या पूरा काम करना है?
मुझे हंसी आ गई- चूतिये, जब पता है तो टाइम क्यों खराब कर रहा है, इधर तुझे पैर मसलवाने को थोड़े ही बुलाया है.
डेविड बोला- हाँ, पता है, कल से लाइन मार रही हो. मैं भी पूरी तैयारी के साथ आया हूँ.
मैंने कहा- ठीक है, फिर शुरू हो जा. बस एक शर्त है कि मेरी इतनी बुरी हालत कर देना कि मैं चलने फिरने लायक भी ना रह जाऊं.
मुझसे पूछे बिना ही डेविड ने मेरे पेट पर तेल डाला और मेरे पेट की मालिश करने लगा.
मैंने गुस्से में कहा- ये क्या हरकत है? कपडे खराब हो जाएंगे मेरे. रुक!
यह कहकर मैंने अपनी स्कॉट और टॉप निकाल दिए.
डेविड बोला- ब्रा और पेंटी भी तो खराब हो जाएगी.
मैंने कहा- सब कुछ मैं ही उतारूंगी क्या? फाड़ कर फेंक दे इनको!
यह सुनकर डेविड ने एक हाथ से मेरी चड्डी पकड़ कर जोर से खींची तो मेरी चड्डी फट कर उसके हाथ में आ गई और मेरी झांटें हवा में लहलहाने लगीं.
फिर डेविड ने मेरी ब्रा पकड़ कर खींची और मेरे कबूतरों को आजाद कर दिया.
मैंने पूछा- डेविड, तुमको मेरी झांटों से परेशानी तो नहीं है?
डेविड बोला “नहीं मैडम, हरे भरे जंगल में हल चलाने का अलग ही मजा है.
मैंने कहा- अब खुद भी नंगे हो जाओ ताकि मामला बराबरी का हो जाए.
डेविड ने तुरंत अपने कपड़े उतार दिए और अंडरवियर में मेरे सामने खड़ा हो गया.
मैंने डेविड के अंडरवियर के ऊपर से उसके लंड पर हाथ फेरा और धीरे से अंडरवियर उतार दिया.
डेविड का लंड ना तो शेखर के लंड जितना मोटा था ना ही ड्राइवर के लंड जितना लम्बा था लेकिन काम चलाऊ था.
डेविड के लंड पर मैंने एक जोरदार चुम्मा दिया और बिस्तर पर नंगी लेट गई.
मैंने डेविड को अपने मम्मों की मालिश करने का इशारा किया.
डेविड मेरे नंगे मम्मों की मालिश करने के लिए उनपर तेल डालने लगा.
तो मैंने कहा- तेल नहीं, अपने शहद से मालिश करो!
यह सुनकर डेविड मेरे मम्मों पर थूकने लगा और अपने थूक से मेरे मम्मों की मालिश करने लगा.
कुछ देर अपने मम्मे मसलवाने के बाद मैंने डेविड को बिस्तर पर धक्का दे दिया और उसके ऊपर चढ़ कर बैठ गई.
मैंने डेविड के मुंह में अपनी जीभ घुसा दी और अपनी जीभ से उसका मुंह चोदने लगी.
कुछ देर तक डेविड का मुंह चूसने के बाद मैंने पोजीशन बदली और डेविड के लंड की तरफ आ गई.
मेरी Xxx हॉट पुसी डेविड के मुंह पर थी.
मैं डेविड का लंड चाटने लगी और डेविड मेरी झांटें चाटने लगा.
पूरी ताकत से मैं डेविड का लंड चूस रही थी और पूरी कोशिश कर रही थी कि उसका लंड मेरे गले तक पहुँच जाए.
तभी डेविड ने पूरी ताकत से मुझे अपनी टांगों के बीच जकड़ लिया और तेजी से धक्के मारने लगा.
एक बार तो मुझे लगा कि मेरा मुंह फट ही जाएगा.
डेविड तेजी से मेरे मुंह में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था.
तभी जोर से गुर्राते हुए डेविड ने मेरे मुंह में अपना लंड पूरी तेजी से दबा दिया और झटके मारने लगा.
अचानक मुझे ऐसा लगा मानो मेरे मुंह में किसी ने गर्म गर्म लावा उड़ेल दिया है.
डेविड ने एक एक कर के मेरे मुंह में चार पांच गरमागरम वीर्य कि पिचकारियां मार दी.
कुछ वीर्य मेरे हलक से नीचे उतर गया था और कुछ मेरे मुंह से बाहर बह रहा था.
आखिरी एक दो झटके मार कर अपने टट्टे मेरे मुंह में खाली करते हुए डेविड ने अपना लंड मेरे मुंह से बाहर निकाल लिया था.
मैंने डेविड के मुरझाए हुए लंड को फिर से चूस कर खड़ा करने की कोशिश की तो डेविड ने अपना लंड खींच लिया.
मेरा दिमाग खराब हो गया था कि ये मादरचोद तो पांच मिनट भी नहीं टिका.
डेविड अपनी अंडरवियर पहनने लगा.
तो गुस्से में मैंने अपना मोबाइल उठाया और उसका नंगा फोटो खींच लिया और चीखते हुए बोली- साले भड़वे, अपना माल झाड़कर भाग रहा है. मेरा पानी कौन निकालेगा?
डेविड घबरा गया- प्लीज जाने दो मैडम, अब मैं नहीं कर पाऊंगा.
मैंने फोटो दिखाते हुए कहा- साले रंडी की औलाद, तेरे बाप को भी करना पड़ेगा. मेरा पानी निकाल … नहीं तो तेरे ऊपर बल।त्कार का इल्जाम लगवा दूंगी.
डेविड मेरे पैर पकड़ कर रोने लगा- प्लीज मैडम, अभी मुझे बक्श दो.
मैंने उसको डराते हुए कहा- साले, घायल शेर से भी ज्यादा खतरनाक होती है आधी चुदी औरत. अभी तेरा फोटो फेसबुक पर डालती हूँ.
डेविड रोते हुए बोला- मैडम, मैं आपकी चुदाई का इंतजाम कर देता हूँ. आप आधे घंटे में मेरे सर्वेंट क्वार्टर पर आ जाओ, आपकी प्यास बुझाने का सारा इंतजाम करवा दूंगा!
मैंने डेविड की नंगी गांड पर जोरदार लात मारी और कहा- भाग मादरचोद, पंद्रह मिनट में सब इंतजाम करके रखना!
डेविड मेरी चुदाई का इंतजाम करने भाग गया.
और मैं कपड़े पहन कर उसके सर्वेंट क्वार्टर पर जाने की तैयारी करने लगी.
उफ़, ये पंद्रह मिनट तो पंद्रह साल जैसे लग रहे थे.
लेकिन अगली कहानी में मैं आपको बताऊंगी कि डेविड ने मेरी रगड़ाई का पूरा इंतजाम किया या नहीं.
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