कॉलेज गर्ल कामवाली बन कर चुदी- 3

Xxx हार्ड पोर्न स्टोरी में लाइब्रेरियन प्रकाश ने अपने कॉलेज की एक लड़की को रखैल की तरह अपने घर में आगे पीछे से, चूत गांड और मुंह में बुरी तरह से चोदा.

कहानी के दूसरे भाग
कॉलेज गर्ल की गांड फाड़ चुदाई
में आपने पढ़ा कि कॉलेज के लाइब्रेरियन प्रकाश ने अपने कॉलेज की एक लड़की को रखैल की तरह अपने घर में बुला रखा था और उसकी जोरदार चुदाई का मजा ले रहा था.

अब आगे Xxx हार्ड पोर्न स्टोरी:

पायल की नींद सुबह जल्दी खुल गई.
प्रकाश को सोता देख वो उठके बाथरूम में नहाने चली गई.

उसके नंगे बदन पर प्रकाश की जोरदार चुदाई की निशानियां थी।
चूचे लाल नीले हो चुके थे, चूत की फांकें चुद चुद के फूल चुकी थी, दो बार गांड मरवाकर गांड भी छिली पड़ी थी.
उसे चलने में तकलीफ हो रही थी।

पर प्रकाश के लंड के लिए पायल हर हद को पार करने को तैयार थी.

वह बाथरूम में जाकर खुद को निहारने लगी, अपने नंगे जिस्म पर प्रकाश की निशानियों को देख उसे अपनी जवानी पर गर्व आने लगा।

शावर चला कर वह गुनगुने पानी के नीचे नंगी नहाने लगी।

बाथरूम में पानी की आवाज से प्रकाश की नींद भी टूट गई।

कुछ देर वो बैठा रहा, जैसे पल्लवी का सुबह की चाय लाने का इंतजार कर रहा हो।

आप सभी तो जानते ही है, कि मर्दों के लंड, सुबह सुबह अपने आप सलामी देते हैं, और रात को प्रकाश के लौड़े की प्यास बुझी नहीं थी, ऐसे में प्रकाश भी अपने खड़े लंड को पकड़ मसल रहा था।

जैसे उसे पायल की चुदाई के लिए तैयार कर रहा हो।

अचानक ही उठा और बाथरूम का दरवाजा धीरे से खोल अंदर चला गया, पायल दूसरी और चेहरा कर नहाते हुए गुनगुना रही थी।

प्रकाश ने पीछे से पायल के चूचे दबोच लिए और पायल से चिपक कर अपना तना हुआ लंड पायल की गांड पर चुभोने लगा।

पायल भीगती हुई आहें भरने लगी … आह आआ आह!
प्रकाश- आह, मेरी रंडी सुबह सुबह मुझसे चुदने को तैयार है।

फिर उसने कमर से पायल के गीले बाल एक तरफ कर अपनी छाती पायल की पीठ से चिपका दी और उसके हाथ पकड़ कर हवा में ऊपर कर दिए और अपने एक हाथ से पायल के दोनों हाथ पकड़ लिए.

चलते पानी के नीचे उसने पायल को आगे की दीवार पर धकेला और उसकी चूचियां, दीवार से दबा दी।

पायल- इतनी जल्दी किस बात की है?
प्रकाश- रात तेरी गांड बच गई थी, पर अब मुझसे रुका नहीं जा रहा!

दूसरा हाथ वो आगे से चूत की तरफ बढ़ाने लगा।
पायल भी मदमस्त हुई अपनी गांड पीछे की ओर उचकाने लगी।

प्रकाश भी पीछे से हल्के हल्के धक्के देकर अपना लंड पायल के गीले चूतड़ों पर रगड़ने लगा।

पायल पूरी तरह गर्म थी और लंबी लंबी सांसें ले रही थी।
प्रकाश ने उसे सीधा कर दिया और झुक कर पायल की चूचियां चूसने लगा, एक हाथ से उसकी चूत में उंगली करने लगा।

“अह्ह … आअ आह हहा … लौड़ा चाहिए तुम्हारा!” पायल ने अपनी टांगें खोल प्रकाश को आमंत्रण दिया।

पायल की टांगें और चौड़ी कर प्रकाश ने अपनी बलिष्ठ बाहों में उठा लिया, ऐसे कि प्रकाश का खड़ा लंड अब पायल की भभकती चूत और गांड से कुछ इंच ही दूर था।

प्रकाश ने पायल को अपनी बाहों में पकड़े हुए नीचे किया तो लंड भोसड़ा बनी चूत में जा घुसा।
अब वो पायल को एक सेक्स डॉल की तरह हवा में उछाल कर ऊपर नीचे कर चोदने लगा।
पायल ने प्रकाश की गर्दन में बाहें डाल सहारा लिया हुआ था.

कसकर पायल की जांघें पकड़ के हिलाने से प्रकाश को दबाव महसूस हो रहा था।
वह पल्लवी को कभी इस पोज में चोद नहीं पाया था।

पल्लवी को मासल मजबूत जांघें, प्रकाश से हवा में उठाई नहीं जाती थी।
पर पायल जिस्मानी रूप से हल्की थी और कद काठी से छोटी भी।

पायल के लिए ये नए तरह को चुदाई बहुत मजेदार थी, उसकी सीत्कारें इसकी गवाह थी- आह आआ … आह आइई … आआ ओआआ … आह्ह आआ … आह्ह फाड़ दो मेरी चूत!

“आज तू फिर मेरी काम वाली बाई बनेगी, सारे घर की सफाई भी कराऊंगा और तुझे रगड़ के चोदूंगा भी!”
“अच्छा, वो कैसे? अअह आआ आह्ह!”
“ऐसे … आह्ह हआ अआह्ह हआअ आस्स!”

दोनों ही चरम पर थे।
प्रकाश ने धार के साथ पायल की हवा में लटकती चूत को अपने गर्म गर्म वीर्य से भर दिया, जो रिस रिस कर नीचे टपकने लगा।

उसने पायल को नीचे उतारा।
पायल के हावभाव में स्खलित होने की और प्रकाश को स्खलित करने की तृप्ति थी।

दोनों कुछ देर दीवार से चिपके लंबी सांसें लेते खड़े रहे।

हांफती आवाज से प्रकाश ने पूछा- कैसा लगा?
पायल- तुम कमाल के चोदू हो! काश मैं पल्लवी होती … तो दिन रात अपने सुराखों को तुम्हारी मर्दानगी के लिए समर्पित करती।

“एक सप्ताह के लिए खुद को पल्लवी ही समझ लो, वैसे … वो भी मेरे लंड की दीवानी है।”
“वो तुम्हारे लंड की नहीं, तुम्हारी दीवानी है, उसकी आंखों में तुम्हारे लिए प्रेम साफ दिखता है।”
“और मेरी आंखों में?” प्रकाश ने पूछा.

पायल ने पास आकर प्रकाश की आंखें बंद कर दी- अब बताओ क्या दिख रहा है?
बंद हुई आंखों में प्रकाश को पल्लवी की वो पहली कातिलाना मुस्कान दिखी, जिसे देख वो पहली मुलाकात में ही मंत्रमुग्ध हो गया था।

पर उसने जवाब दिया- मुझे तो तेरी भभकती चूत और मटकती गांड दिख रही है. इस एक हफ्ते में दोनों को फाड़ के एक कर दूंगा.
यह कह प्रकाश ने आंखें खोल ली और पायल को अपनी और खींच उसे सीने से लगा लिया।
जैसे वह अपनी आंखों में आई ग्लानि को छिपाने का प्रयास कर रहा हो.

साफ जाहिर था कि वह पल्लवी से कितना प्यार करता है, और एक प्रश्न भी, कि वह क्यों उसे धोखा दे रहा है?

शायद इस सवाल का जवाब प्रकाश के पास भी नहीं था।

पायल भी प्रकाश के सीने से लिपटी गौरवान्वित महसूस कर रही थी कि प्रकाश को बंद आंखों से भी वो दिखाई देती है।
कुछ देर साथ नहाकर दोनों बाहर आ गए।

प्रकाश ने पायल से कहा- अब तुम नौकरानी मूड में आ जाओ, आज पूरे दिन के लिए मैं तुम्हारा मालिक हूं।
“ठीक है साहब, मेमसाहब कब तक आयेंगी?”

“मीना, मेमसाब कुछ दिन के लिए मायके गईं हैं. अब तुम्हें और मुझे ही पूरा घर संभालना है।”
“जी साहब, आप कहें तो मैं पहले झाड़ू कटका कर लेती हूं, फिर आपका नाश्ता तैयार कर दूंगी.”

“मीना, मुझे ताज़ा दूध पीना है, पल्लवी रोज सुबह मुझे अपने चूचों से दूध पिलाती है, आज तू पिला!”
“पर साहब … मेरे तो दूध आता ही नहीं?”

प्रकाश ने मीना को अपने पास खींचा- दूध मैं अपने आप निकाल लूंगा।
वह मीना की चूचियों को भींच होंठ लगा कर चूसने लगा।

“आअह साहब, कोई देख लेगा।”
“तुझे पल्लवी मेरी सेवा के लिए छोड़ कर गई है, तू मन लगा के सेवा कर और मुझे पल्लवी की कमी महसूस मत होने देना!”

बीस मिनट तक मीना की चूचियां चूस चूस कर प्रकाश ने लाल कर दी.
मीना की चूत भी अब गीली होने लगी थी।

“अब मैं आपका नाश्ता बना देती हूं।”
“ठीक है, जा … और सुन, रोटी फूली हुई ना हुई, तो तेरी चूत चोद चोद के फुला दूंगा।”
“जी साहब …”

मीना रसोई की ओर बढ़ गई.
अब किरदार के कारण पायल को खाना बनाना था, पर उसे खाना बनाना नहीं आता था।

तो वह वापिस प्रकाश के पास गई- साहब, हमसे अकेले नहीं हो पा रहा, थोड़ी मदद कर देते तो …
अब प्रकाश मीना के पीछे पीठ से चिपक उसकी हथेलियों पर हाथ रख रोटियां बनाने लगा।

रह रह कर वो मीना को गर्दन पर चूमता, कानों को चाटता।

फिर उसने अपनी हथेलियों को सूखे आटे से भर लिया, और वही सूखे आटे से भरी हथेलियों से मीना के स्तन भींच दिए।

मीना की छाती पर प्रकाश के आटे से भरे हाथों के चिह्न बन गए।

“ओह मुझे लगा, तुम्हारी चूचियां ही आटा है, एकदम सख्त और कोमल दोनों का सटीक मिश्रण!”

उसने फिर से मीना की चूचियां पकड़ ली और मसलने लगा।

“साहब जी, मालकिन भी इस तरह अपनी चूचियां मसलवाती और चुसवाती हैं?”

प्रकाश- मीना, मालकिन तो मेरे लंड पर बैठके खाना खिलाती है, बोल तू खिलाएगी?
मीना- अब मालकिन ने आपकी जिम्मेदारी दी हैं तो निभानी तो होगी!

प्रकाश ने मीना को उठा के रसोई की स्लैब पर बैठा दिया हाथ में घी लगा के मीना की गांड पर लगाया और उसकी गांड में उंगली करने लगा- कैसा लग रहा है मीना, मालकिन जैसे सुख पाकर!
मीना- साहब जी … आह … मेरा मर्द तो कब से मेरी गांड मारना चाहता है, आज आप अच्छे से खोल दोगे तो उसके भी भाग खुल जाएंगे।

प्रकाश ने मीना को सुबह की तरह गोद में उठा लिया और उसकी गांड पर अपना लंड टिकाया।
मीना को ऊपर से नीचे धकेला तो लंड सट से गांड में समा गया।

मीना- उई मां मर गई … साहब जी मेरी गांड की ठुकाई मालकिन की तरह मत करो!

प्रकाश- क्यों अभी तो तुझे मालकिन वाले सारे सुख चाहिए थे, अब क्या हुआ? पल्लवी को तो मैं रगड़ के चोदता हूं, घंटों तक हमारी चुदाई के दौर चलते हैं।

मीना- साहब जी, मेरी गांड मालकिन जैसी मज़बूत कहां है।
प्रकाश- नहीं है तो गांड मार मार के मजबूत कर दूंगा।

कहते ही प्रकाश ने पूरा लंड बाहर निकाला और फिर से मीना की गांड को चीरते हुए अंदर धकेल दिया।

मीना- आआ आह आआ आआ आह साहब जी बस करो … मुझे छोड़ दो!
प्रकाश- मैं खुली गांड और चूत देखकर अनदेखा नहीं कर सकता, अब तेरा ये जिस्म जब तक मेरे लंड को तृप्त नहीं करेगा, तू तब तक चुदेगी।

प्रकाश ने धक्के तेज करते हुए मीना को और कस के पकड़ लिया और अपनी गांड हिलाते हुए मीना की गांड में तेजी से लौड़ा अंदर बाहर करने लगा।
मीना प्रकाश की बाहों की जकड़ में कुछ नहीं कर पा रही थी।

प्रकाश- आह मीना, क्या कड़क गांड है तेरी! सुबह सुबह तेरी गांड मिल जाए तो पूरा दिन लौड़ा खड़ा करके पायल को चोदने की बात ही कुछ और होगी।
वह बेदर्दी से मीना बनी पायल की गांड मारता रहा … और मीना चिल्लाती रही.

मीना- आह साहब … मेरी गांड फाड़ दी आपने?
प्रकाश- अभी कहां फटी है!
कहते हुए प्रकाश ने मीना को दीवार से चिपका दिया और दनादन उसकी गांड में लौड़ा पेलने लगा.

Xxx हार्ड पोर्न का मजा लेते हुए आज प्रकाश पायल की तंग गांड को पूरा दिन मारने के मूड में था.
इसीलिए झड़ने से ठीक पहले उसने अपना लौड़ा निकाल लिया और मीना को बाहों से नीचे उतार दिया.

प्रकाश- चल जा अब खाना लगा, भूख लगी है और हां … खाना स्वादिष्ट नहीं हुआ तो गर्म गर्म ही तेरी चूत और गांड में डाल दूंगा.
मीना- जी साहब, अभी लगाती हूं!

थोड़ी देर बाद दोनों ने मिलकर खाना बनाया और खाया।
खाना खाने के बाद पायल फिर से मीना के रूप में आ गई.

मीना- साहब, आप थके हुए लग रहे हैं, चाय बना दूँ?

प्रकाश ने मीना को अपनी और खींच कर उसे अपनी गोद में बिठा लिया और तुरंत उसके चूचों को मुंह में भर कर चूसने लगा- ये दूध ही काफी है मेरी थकान मिटाने को!
“लगता है तुम्हारी बहुत गहरी इच्छा है काम वाली बाई की चुदाई करने की?” पायल ने प्रकाश के बालों में हाथ फेरते हुए कहा।

प्रकाश- देख … सब इच्छाएं पूरी हों … यह जरूरी नहीं, बस किसी तरह मन को बहलाना पड़ता है। आज तू बनी है मीना, कभी पल्लवी को भी बनाऊंगा।

प्रकाश फिर से पायल की सख्त चूचियां चूसने में व्यस्त हो गया।

पायल- तुम अपने दोस्तों से चुदवाने की बात कर रहे थे, क्या सच में करना चाहते हो?
प्रकाश- बिना तुम्हारी इच्छा के कुछ नहीं करूंगा.

पायल नहीं जानती थी प्रकाश के आगे के इरादे को!
प्रकाश पहले ही अपने दो दोस्तों को फोन पर कल आने को कह चुका था.
उसके मन में पायल को असली रंडी बनाने का पूरा प्लान था।

प्रकाश ने पायल के सारे छेद एक साथ भरने का निश्चय कर लिया था।

ये सब पायल नहीं जानती थी.
वह प्रकाश की रंडी, उसकी काम वाली और उसकी रखैल बन कर अपनी जवानी के मजे लूट रही थी.

उसकी विधिवत तरीके से गांड मार मार के खोलना और चूत का भोसड़ा बनाना … प्रकाश का इरादा साफ था.

वह पायल को किसी से चुदने लायक नहीं छोड़ने वाला था.
इस एक हफ्ते में वह उसके छेदों को इतना खोल देना चाहता था कि कोई पायल के साथ हमबिस्तर हो तो उसे ज़रा भी मजा ना आ सके।

मौका मिलते ही वो पायल की चूत में मुट्ठी करने लगता और पायल को गर्म करके फिर उसकी गांड मारता.

पूरा दिन यही सिलसिला चलता रहा.

दोनों सुबह से नंगे थे और उन दोनों का कपड़े पहन ने का कोई इरादा नहीं था.
जब चाहते तुरंत लंड चूत गांड का खेल शुरू कर देते!

शाम होने आई थी.
चाय बना कर दोनों साथ में शाम को टीवी पर पोर्न लगा कर देखने लगे।

तभी पल्लवी का फोन आया।
प्रकाश ने बड़ी सहजता से फोन उठाकर कर कहा- कैसी हो जान … मेरी याद नहीं आती लगता है तुम्हें!

दूसरी और की बात पायल सुन नहीं पाई.

प्रकाश फोन पर- हां यहां सब ठीक है, पर मैं ठीक नहीं हूं, मेरा लौड़ा तुम्हें चोदने को फड़क रहा है. कल सुबह की बस पकड़ के आ जाऊं, तुम्हें चोद के वापिस लौट आऊंगा.

पल्लवी के कुछ कहने पर प्रकाश ठहाका लगा कर हंस दिया।

प्रकाश- देख लो इतनी तड़प मेरे लिए ठीक नहीं, किसी को कहीं चोद चाद दिया तो फिर ना कहना कि मैं दगाबाज हूं.
उधर से कुछ कहा गया होगा.
प्रकाश- सच्ची … इतना भरोसा करती हो … सच में चोद दूं जाके किसी को?

प्रकाश फिर कुछ सुन के ठहाका लगा के हंस दिया- चलो मैं अब रखता हूं … आज फिर मुठ मार के सोना पड़ेगा।

यह कहते हुए उसने फोन काट दिया और पायल के होंठों पर किस करने लगा, उसके होंठ अपने होंठों में दबाकर चूसने लगा.
पायल भी पूरा साथ देने लगी.

दोनों की जीभ एक दूसरे से अठखेलियां कर रही थी।

उसने इस लंबे चुम्बन के बीच पायल की दोनों चूचियां अपनी हथेलियों में दबा ली और लगातार दोनों एक दूसरे को चूमते रहे।

प्रकाश ने पायल की गोद में अपना सिर रख लिया और चूचियां चूसते हुए पोर्न देखने लगा.

पोर्न देखते देखते पायल भी गर्म होने लगी.
उसने टांगें चौड़ी कर ली.

प्रकाश ने खुली चूत का न्योता देख पायल की गीली गुलाबी चिकनी चूत पर किस कर लिया और चाटने लगा।

पायल प्रकाश के मुख चोदन से और उत्तेजित होने लगी।
प्रकाश ने पायल की भगनासा को होंठों में दबा के चूसना शुरू कर दिया, फिर जुबान से पूरी चूत रगड़ रगड़ के साफ की, चूत के होंठों को अपने होंठों में भर लिया और उसकी चूत के साथ खेलने लगा।

कभी चूसता कभी काटता, कभी ज़ुबान अंदर बाहर करता … पायल यौनी सुख के सातवें आसमान पर थी.

तभी प्रकाश ने पायल की गांड में अपनी एक उंगली घुसा दी और उसकी चूत का अमृत पान करता रहा.

आह … आआ आआ आह … पायल की गर्म आहें प्रकाश को और बढ़ावा दे रही थी.
पायल ने प्रकाश का मुंह अपनी योनि पर दबा दिया और अपना यौन रस उसके मुंह पर उड़ेलने लगी।

प्रकाश पायल को लगातार झड़वाना चाहता था, उसने पायल की चूत पीना जारी रखते हुए गांड में एक से दो उंगली कर दी.

पायल की सीत्कारियों से पूरा घर भर गया, उसकी वासना भरी चीखें अब दीवारों से टकरा कर वापिस आने लगी.
प्रकाश ने पायल का मुंह बंद किया और उसकी चूत की भभकती आग में अपने होंठों और ज़ुबान से घी डालता रहा.

पायल की सांसें उखड़ने लगी.
वह फिर एक बार चरम पर थी.
प्रकाश बड़ी ही सहजता से पायल की चूत को अपने मुंह में कब्जाए हुए उसकी गांड में तीसरी उंगली डाल देता है।

अब पायल की घुटी हुई चीखें भी प्रकाश को मज़ा दे रही थी.
पायल की तड़प और कम्पकपाती टांगें बता रही थी कि पायल अब केवल अपनी वासना की कठपुतली है … जिससे वह जैसे चाहे वैसे मजे ले सकता है।

पायल की गांड में अंदर बाहर होती तीन उंगलियां पायल सह नहीं पाई और दोबारा झड़ने लगी.

प्रकाश पायल को झाड़ झाड़ के थका देना चाहता था ताकि वह उस पर अपनी मन मर्जी कर सके.
उसने पायल की चूत के दाने को अपने होंठों में भर कर खींचा और फिर उसे ज़ुबान से छेड़ते हुए अपनी गांड की उंगलियों की गति तेज कर दी.

अब पायल खुद पर पूरा नियंत्रण खो चुकी थी.
उसने प्रकाश की चुसाई के आगे घुटने टेक दिए.

पायल लगातार झड़ झड़ के अपना सारा रस प्रकाश के मुंह पे उड़ेलती गई … उसकी कम्पकपाती टांगों ने प्रकाश की गर्दन को जकड़ लिया.

फिर एक बार पायल झड़ती हुई निढाल हो गई.

प्रकाश ने अपना मुंह पायल की जांघों के फंदे से बाहर निकाला और पायल की उखड़ी सांसों और उसकी अधमरी हालत में उठा कर अंदर बिस्तर पर ले गया.

पायल इतनी थक चुकी थी कि वह कुछ देर तक बोल नहीं पाई … गठरी बन कर प्रकाश से लिपट कर रोने लगी.

प्रकाश- अरे अरे … क्या हुआ … जन्नत की सैर करके आई हो … अब भी रो रही हो?
पायल को चुप कराते हुए प्रकाश ने उसका चुम्बन ले लिया- देख तेरी चूत की गर्मी को मुझसे ज्यादा कोई नहीं जानता, इसीलिए इसे ठंडा भी मुझे ही करना था. अब ये बता ठंडी हुई या नहीं?

पायल रोती रोती हंस पड़ी और प्रकाश को होंठों पर चूमने लगी … मानो उसने अपनी स्वीकृति दे दी कि अब पायल का जिस्म सिर्फ प्रकाश के भोगने की वस्तु है.
दोनों एक दूसरे की बाहों में सो गए।

इसके आगे की कहानी अगली शृंखला में!

आशा है कि यहां तक Xxx हार्ड पोर्न स्टोरी आपको पसंद आई होगी.
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