फ्रेंड वाइफ सेक्स की कहानी में पढ़ें कि मैं चुदाई के लिए डेटिंग साईट पर लड़की खोज रहा था. मुझे एक गांडू मिला. उसकी शादी हो चुकी थी. मैंने उसकी बीवी की चुदाई का मजा कैसे लिया?
भाइयो और भाभियो, आज मैं अपनी सेक्स कहानी लेकर आप लोगों के सामने हाज़िर हूँ.
पहले मैं अपने बारे में बता देता हूँ.
मेरा नाम राहुल है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मैं खुद को फ़िट रखने के लिए डेली कसरत करता हूँ.
यह फ्रेंड वाइफ सेक्स की कहानी आज से दो साल पहले की है.
मुझे एक डेटिंग साइट पर एक लड़की की प्रोफाइल पसंद आई थी.
उससे हाय हैलो करने पर पता लगा कि लड़की के नाम से कोई लड़का मुझसे बात कर रहा है.
उसका असली नाम अमित था.
वह मुझसे बोला- मैं आपका लंड चूसना चाहता हूँ.
मुझे लड़कों में कोई इंटरेस्ट नहीं था.
यह बात मैंने उसे समझाई.
मगर तभी मुझे पता चला कि वह शादीशुदा है.
मेरे दिमाग़ में तभी एक़ आइडिया आया और मैंने उससे बात जारी रखी.
मैंने उससे कहा- ठीक है, मैं तेरी तमन्ना पूरी कर सकता हूँ. अगर तू मुझे अपनी बीवी की चूत दिलवाने को राजी है, तो मैं भी तेरे लिए अपना लौड़ा खोल सकता हूँ.
वह मेरी बात पर राज़ी हो गया क्योंकि उसकी बीवी को भी एक मर्द की जरूरत थी जो उसकी प्यासी चूत की आग को अपने लौड़े से चोद कर बुझा सके.
फिर हम दोनों ने मिलने का एक दिन फ़िक्स किया और प्लान बनाया.
उस तयशुदा दिन को मैं उसके घर चल गया.
हमारे प्लान के हिसाब से दारू पार्टी थी. उसी दौरान मैं उसकी बीवी को चोद लूँ और वह मेरे लौड़े को चूस सके.
इस प्लान में ये खास था कि मुझे उसकी बीवी को खुद अपनी तरफ़ आकर्षित करके पटाना होगा और उसके राजी होने पर उसे चोदना है.
मैं उसके घर आया और दस्तक देने लगा.
अन्दर से उसकी बीवी की सुरीली आवाज़ आई- आ रही हूँ.
कुछ पल बाद गेट खुला और सामने एक बहुत ही ख़ूबसूरत गोरी लड़की लाल साड़ी में मेरे सामने खड़ी थी.
उसके गहरे गले वाले ब्लाउज़ से उसके आधे बूब्स बाहर आने को बेताब हो रहे थे.
उसकी चिकनी सी कमर से फिसलती मेरी नज़र उसकी नाभि पर गड़ गई.
मेरी आंखें अभी उसकी नाभि की गहरायी नाप ही रही थी कि तभी उसकी आवाज़ आई- अन्दर आइए.
मैं आवाज़ सुन कर अपनी नजर हटा कर उसकी तरफ़ देखने लगा और हल्की सी मुस्कान देकर अन्दर घर में पहुँच गया.
वहां अमित था.
वह मुझे देख कर उठा और मेरे करीब आकर मुझसे हाथ मिलाने लगा.
मैं अमित से भी पहली बार ही मिला था.
देखने में वह चिकना गोरा सा बिना दाढ़ी वाला मीठा सा लड़का था.
फिर हम सब एक साथ बैठ कर बात करने लगे.
बात ही बात में पता चला कि उन दोनों की शादी हुए अभी बस एक साल ही हुआ है.
मैंने अमित की बीवी प्रीति से एक ग्लास पानी माँगा.
मैं बताना भूल गया कि अमित की वाइफ़ का नाम प्रीति था.
प्रीति ‘ओह सॉरी …’ कह कर पानी लेने गई.
जल्द ही वह दो गिलासों में पानी लेकर आई और झुक कर मुझे पानी का ग्लास पकड़ाने लगी.
मेरी नज़र उसके दोनों बूब्स के बीच बनी घाटी पर जा पड़ी.
आह क्या ग़ज़ब के बूब्स थे … चौंतीस इंच से कुछ ऊपर के लग रहे थे.
प्रीती के मम्मों को देख कर मेरा लंड जो पहले से खड़ा हो रखा था … वह और ज्यादा टाइट होकर बाहर आने को बेताब होने लगा.
तभी अमित ने मेरे लौड़े को फूलता हुआ देख लिया और वह अपनी बीवी से बोला- प्रीति, इन्हें पानी देने के बाद जरा बाशरूम तो दिखा दो. ये फ़्रेश हो लें फिर ड्रिंक शुरू करते हैं.
मैं समझ गया कि अब मुझे प्रीति से अकेले में मिलने का अवसर मिल गया है.
मैं खड़ा हुआ.
तभी प्रीति बोली- आइए मैं आपको वाशरूम दिखा देती हूँ.
उसने बताया- ग्राउंड फ़्लोर वाले वाशरूम में कुछ दिक़्क़त है, मैं आपको सेकंड फ़्लोर पर लेकर चलती हूँ.
प्रीति आगे, मैं उसके पीछे चलने लगा.
मैं पीछे से उसकी चिकनी कमर देख रहा था.
उसने साड़ी को इतना नीचे करके पहना था कि उसकी गांड की लाइन मुझे साफ़ नज़र आ रही थी.
अब हम दोनों सीढ़ियां चढ़ रहे थे.
उसने अपनी साड़ी को अपने हाथों से ऊपर उठा लिया था और ऊपर चढ़ती जा रही थी.
उसकी चिकनी और गोरी टांगें, व उसकी मटकती गांड की दरार देख कर मेरा लंड पूरे जोश में आ गया था.
वह पैंट फाड़ कर बाहर आने को बेताब था.
वाशरूम में जाकर मैंने सबसे पहले अपने लंड को आज़ाद किया.
मेरा लंड पूरे जोश में था और उस पर एक एक नस उभर कर दिखाई दे रही थी.
अपने लंड को सहलाते हुए मेरी नज़र दीवार पर टंगी प्रीति की पैंटी पर गयी.
मैंने तुरंत पैंटी को हाथ में ले लिया और सूंघने लगा. वह उसकी इस्तेमाल की हुई पैंटी थी.
मुझे उस पैंटी की महक बहुत पसंद आई.
अगले ही पल मैंने उसकी पैंटी को उठाया और सूंघते और चाटते हुए लंड को सहलाने लगा.
तभी अचानक से वाशरूम का गेट खुला.
मैंने पीछे घूम कर देखा, तो गेट पर प्रीति थी.
मेरा एक हाथ मेरे लंड पर था और दूसरे हाथ से मैं उसकी पैंटी को सूँघ रहा था.
कुछ सेकंड तक हम दोनों उसी पोज में खड़े रहे.
प्रीति की नज़र मेरे खड़े लंड पर थी. वह फ़ुल जोश में था.
प्रीति ‘सॉरी सॉरी …’ बोल कर मुँह घुमा कर खड़ी हो गई और बोली- मुझे लगा कि आप नीचे चले गए हो.
अब प्रीति ने इतना कुछ देख ही लिया था तो मेरा काम आसान हो गया.
मुझे अमित का तो डर था नहीं, तो मैंने नंगा ही रहकर प्रीति को पीछे से हग कर लिया.
इससे मेरा खड़ा लंड उसकी साड़ी के ऊपर से उसको चुभ रहा था.
मेरे दोनों हाथ उसके कंधे पर और मेरे होंठ उसके गले पर किस करने लगे.
प्रीति मुझे हटाने लगी- राहुल, आप क्या कर रहे हो … छोड़ो मुझे जाने दो, अमित आ जाएगा.
पर मैं उसे कहां छोड़ने वाला था.
कुछ देर बाद मैंने उसके साथ सेक्स की रजामंदी ले ली.
अब मैं नीचे आ गया और मैं अमित के साथ बैठ गया.
वह अपनी बीवी से नमकीन आदि लाने के लिए कह कर उठा और सामने की एक अलमारी से शराब की बोतल उठा कर ले आया.
हम दोनों ने अपने गिलासों में पैग बनाए तभी उसने मेरी तरफ देख कर इशारे से पूछा कि क्या हुआ? क्या मेरी बीवी सैट हो गई?
मैंने कहा- हां वह सैट हो गई. अब तुम ये बताओ कि तुम्हारे सामने उसे चोदूं या अलग किसी और जगह पर ले जाकर पेलूँ?
वह बोला- अभी तक वह मेरे सामने खुली नहीं है. तुम कुछ ऐसा करो कि वह मेरे सामने खुल जाए.
मैंने कहा- ओके.
अब हम दोनों ने दारू पीना शुरू की और प्रीति अमित के पीछे खड़ी होकर अपने दूध दबाती हुई मुझे दिखा रही थी.
मैंने उसे इशारा किया कि वापस वाशरूम में जाए.
वह चली गई.
मैंने भी अमित से कहा- अब मैं तेरी बीवी को चोदने जा रहा हूँ. वापस आकर तुमसे लंड चुसवाऊंगा.
वह हां में सर हिलाने लगा.
मैं ऊपर गया और वाशरूम में आ गया.
फ्रेंड वाइफ सेक्स के लिए अन्दर मेरा इंतजार कर रही थी.
मैंने उसे कसके पकड़ा और उसके बूब्स दबाने लगा.
थोड़ी मेहनत करने के बाद प्रीति की नानुकर कामुक सिसकारियों में बदल गयी.
मैंने भी उसे दीवार से चिपका दिया और साड़ी हटा कर उसके गले और उसके रसीले होंठों को चूसने लगा.
मेरा एक हाथ उसकी साड़ी के ऊपर से उसकी चूत को सहला रहा था.
मैंने धीरे धीरे करके उसकी साड़ी उतार दी और उसका मुँह दीवार से सटा कर उसकी पीठ पर किस करने लगा.
अपनी जीभ की नोक से मैं उसके ब्लाउज़ की किनारी चाट रहा था और मेरे दोनों हाथ उसके मम्मों को मसल रहे थे.
फिर मैंने उसके ब्लाउज़ की डोरी को मुँह से पकड़ के अलग कर दिया और उसके ब्रा के हुक को भी दाँत से खींच कर तोड़ दिया.
अब उसकी नंगी ओर चिकनी पीठ को मैं अपनी जीभ से चाट रहा था और अपने दोनों हाथों से उसके मम्मों को मसल रहा था.
मैं उसी पोज में ज़मीन पर घुटनों के बल बैठ कर उसकी गांड पर अपना मुँह रगड़ने लगा.
अपने दांतों से पकड़ कर उसकी पैंटी को भी नीचे खींचा और उसके पैरों ने खुद अपनी पैंटी को उतारने में मदद कर दी.
अब मैंने प्रीति की गांड की दरार में अपना मुँह लगाया और नाक रगड़ने लगा.
प्रीति की मादक सिसकारियां तेज होने लगीं.
मैंने उसकी गांड को दोनों हाथों से खोला और गांड के छेद को अपनी जीभ से अच्छे से चाटा.
वह आह आह कर रही थी.
कुछ पल बाद मैंने ऊपर खड़े होकर उसका मुँह अपनी तरफ़ कर लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ जमा कर किस करने लगा.
वह भी मेरे होंठों को खाने लगी.
यूं ही किस करते करते मैं उसके मम्मों पर आ गया और उसके एक दूध के निप्पल को मुँह में लेकर चूसने चाटने लगा.
उसी समय मेरा एक हाथ उसकी चूत को सहला रहा था.
मेरी उंगलियां उसकी चूत के कामरस में भीग चुकी थीं.
मैंने वह उंगलियां उसके मुँह में डाल दीं और वह अपना काम रस खुद ही चाट गयी.
उधर मैं उसके बूब्स चाटते हुए उसकी नाभि को चाट रहा था.
मैं धीरे धीरे नीचे कमर से होता हुआ उसकी खुशबूदार चूत पर जाकर रुक गया.
मैंने उसके पैर खोले और अपनी जीभ को चूत में डाल कर चाटने लगा.
वह और भी ज्यादा मादक आवाज़ें करने लगी.
मैं लेट गया और उसे मैंने अपने मुँह पर बैठने को कहा.
वह मेरे मुँह पर बैठ गयी और अपनी चूत मेरे मुँह पर रगड़ रही थी.
मैं जीभ से उसकी चूत को मस्ती से चाटे जा रहा था.
पूरे दस मिनट तक चूत चाटने के बाद अब मेरा लंड उसकी चूत में जाने को बेताब था.
मैंने उसे घुटनों के बल बैठाया और उसके मुँह में अपना लौड़ा घुसेड़ दिया.
जल्द ही मेरे लौड़े ने उसके गले तक अपनी पहुँच बना ली और मैं उसके बाल पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से मुँह चोदने लगा.
कुछ देर बाद मैंने उसे कमोड पर बैठने को कहा और उसकी दोनों टांगों को खोल कर लंड का टोपा उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
कुछ देर रगड़ते रगड़ते मैंने अचानक से पूरा लंड अन्दर पेल दिया और कस कस के शॉट लगाने लगा.
वह मीठी आहें भरने लगी.
काफी देर तक लगातार शॉट मारने के बाद मैंने लंड उसकी चूत से निकाला और मुँह में घुसेड़ दिया.
उसने अच्छे से उस पर लगा सारा रस चाट लिया.
अब मैंने उसे घोड़ी बनाया और काफी देर तक पेला.
फिर वापस उसके मुँह के ऊपर पानी निकाल दिया.
प्रीति मेरा लंड चाट कर साफ़ करती हुई बोल रही थी- आज कितने दिनों बाद मज़ा आया है.
मैंने कहा- आज तुझे मैं तेरे पति के सामने भी चोदूंगा.
वह बोली- वह कैसे?
मैंने कहा- चलो दिखाता हूँ.
नीचे आकर मैंने अमित से कहा- चलो अब तुम मेरे लंड को चूसो.
वह लंड चूसने लगा.
तभी मैंने अमित से कहा- अब मैं प्रीति को बुलाता हूँ.
वह हां में सर हिलाने लगा.
मैंने प्रीति को आवाज दी.
वह आ गई.
उसने देखा कि उसका पति तो गांडू है, तो वह अपने पति को गुस्से से देखने लगी.
इसके बाद मैंने प्रीति को समझाया कि गुस्सा करने से कुछ हासिल नहीं होगा. अमित तुमसे कुछ नहीं कहेगा. आओ मेरे साथ इसी के सामने सेक्स करो.
अब वह बेखौफ होकर मेरे सामने नंगी हो गई और मैंने उसे अमित के सामने ही चोदना चालू कर दिया.
अब मैं जब चाहे प्रीति के साथ चुदाई का मजा ले लेता हूँ. अमित भी खुश है कि उसकी बीवी को सेक्स का सुख मिलने लगा है.
आपको मेरी फ्रेंड वाइफ सेक्स की कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें.
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