फोरबिडन सेक्स विद फॅमिली मेम्बर्स का अनुभव मुझे मेरी भाभी ने करवाया. उसने मेरे सामने अपने भाई का लंड अपनी चूत में लिया, फिर भाभी ने मुझे अपने पापा से चुदवाया.
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मेरी पिछली कहानी
भाभी ने फड़वा दी मेरी कोरी चूत
में आपने पढ़ा कि जब मैं जवान हुई तो मैंने अपनी भाभी को लंड का इंतजाम करने को कहा.
तब भाभी ने मुझे अपने छोटे भाई से चुदवा दिया.
अब आगे फोरबिडन सेक्स विद फॅमिली मेम्बर्स:
फिर सवेरे जब मैं उठी तो शेखर ने मेरे कहने पर लण्ड मेरी भाभी की बुर में पेल दिया।
वह अपनी बहन चोदने लगा.
मैं देखना चाहती थी कि एक भाई अपनी बहन को कैसे चोदता है और बहन कैसे अपने भाई का लण्ड गपागप अपनी चूत में पेलवाती है।
रश्मि भाभी ने जब चुदवाना शुरू किया तो मैं दंग रह गई।
वह बोल रही थी- साले कुत्ते, तेरी माँ का भोसड़ा. हरामी लौड़ा पूरा घुसा घुसा के चोद मुझे, मैं तेरी रंडी हूँ. मुझे चोद, मैं तेरी रखैल हूँ, मुझे चोद। अपनी गाँड से जोर लगा लगा के चोद हरामजादे … तेरी बहन की बुर … तेरी माँ की चूत मादर चोद मेरी चूत के चीथड़े उड़ा दे … तेरा लण्ड भोसड़ी का बड़ा मोटा है। अपने दोस्तों की तरह चोद मुझे!
तब मुझे पता चला कि मेरी भाभी कितनी बड़ी चुदक्कड़ हैं।
वह तो अपने भाई से ही नहीं बल्कि उसके दोस्तों से भी चुदवाती है।
अगले दिन भाभी मुझे एक फ्लैट में ले गईं वहां एक विमल नाम के लड़के से मिलवाया।
लड़का बड़ा स्मार्ट और हैंडसम था।
मैं उसके लण्ड के बारे में सोचने लगी।
तब भाभी खुल कर बोली- देख कंगना, मैं इससे चुदवाती हूँ। इसके दो दोस्त भी मुझे चोदते हैं. ये बात किसी को नहीं मालूम। आज मैं पहली बार तुमको बता रही हूँ, किसी से कहना मत।
मैंने कहा- नहीं कहूँगी भाभी।
तब तक कमरे में एक और लड़का आ गया।
मैंने पूछा- भाभी ये कौन है?
तो वह बोली- ये विमल का दोस्त विशाल है। मैं इसके लण्ड का भी मज़ा लेती हूँ।
मैं सोचने लगी कि भाभी तो बुर चोदी अंदर से बड़ी घुटी हुई और बेहद बदचलन औरत है।
फिर मैंने सोचा कि ज़िन्दगी का मज़ा लेना है तो मुझे भी भाभी की तरह होना पड़ेगा।
फिर क्या … भाभी मेरे कपड़े उतारने लगी और मैं उनके!
देखते ही देखते हम दोनों नंगी हो गईं।
फिर भाभी ने विमल को नंगा किया और मैंने विशाल को।
विशाल का लण्ड मेरे हाथ में आया तो मेरी गांड फट गई।
इसका लण्ड शेखर के लण्ड से मोटा था।
मैं लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी तो भाभी विमल का लण्ड चूसने लगीं।
मेरी नज़र विमल के लण्ड पर भी थी।
भाभी जैसे लण्ड चूस रही थी, वैसे मैं भी चूसने लगी।
विशाल मेरी चूत सहलाते हुए मेरी चूचियाँ दबाने और मसलने लगा, बोला- यार कंगना, तुम तो अपनी भाभी से भी ज्यादा हॉट हो। तुम्हें चोदने में बड़ा मज़ा आएगा। रश्मि की ननद इतनी खबसूरत और हॉट होगी यह मुझे नहीं पता था.
अपनी तारीफ सुनकर मैं विशाल से और ज्यादा चिपक गयी फिर लौड़ा पूरा मुंह में भर कर चूसने लगी।
तब भाभी बोली- अरे मादरचोद विशाल, कंगना को चोद। अभी एकदम कोरी चूत है इसकी। तुझे चोदने में बड़ा मज़ा आएगा। मैं तुमसे अपनी ननद चुदवाना चाहती हूँ।
विशाल ने फ़ौरन लण्ड मेरी चूत में सेट करके धक्का मार दिया।
लण्ड साला सांप की तरह बिल में घुस गया। लण्ड हालाँकि मोटा था पर मुझे दर्द नहीं हुआ क्योंकि मैं चुदी हुई थी।
शेखर ने खूब चोदा और अब विशाल चोद रहा है।
विशाल का लण्ड मुझे अलग तरह का मज़ा देने लगा।
मैंने कहा- भोसड़ी के विशाल, लौड़ा पूरा घुसा दे अंदर यार!
“आआआआ होओ … ऊऊ हां आआ”
वो चोद रहा था और मैं आहें भर रही थी।
उधर से भाभी बोली- पहले से ज्यादा मोटा हो गया है तेरा लण्ड विमल। क्या खिलाते हो तुम इसे?
वह बोला- भाभी आजकल मेरा लण्ड तुम जैसी हसीन बीवियों की चूत खा रहा है।
उन दोनों ने चुदाई रफ़्तार बढ़ा दी तो मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी- आआ आह आहो ऊह हह हाय दईया फटी जा रही है मेरी चूत! ये भोसड़ी वाली रश्मि मेरी चूत फड़वा के ही मानेगी। मुझे इसीलिए अपनी मायके लाई है। माँ की लौड़ी बहुत बड़ी रंडी है मेरी भाभी और मुझे भी रंडी बना रही है।
भाभी भी मज़ा ले ले के बोल रही थी- हां साली कंगना, मैं तेरी माँ का भोसड़ा जैसा बना दूंगी मैं तेरी चूत!
इन बातों से सबकी उत्तेजना बढ़ गई और सब चरम सीमा तक पहुँच गए।
हम दोनों खलास हुईं और फिर लण्ड भी।
मुझे दोनों झड़ते हुए लण्ड चूसने में बड़ा मज़ा आया।
दूसरे दिन भाभी ने कहा- कंगना, मैं तुम्हें एक राज़ की बात बता रही हूँ। मेरी मम्मी उस समय मर गयीं थीं जब मैं 18 की थी। उनके जाने के बाद पापा अकेले हो गए थे। उनको अपने लण्ड पर काबू नहीं रहा। उन्हें चोदने के लिए कोई चूत नहीं मिलती थी। तो मज़बूरी में वह लण्ड का सड़का मारने लगे थे। एक दिन रात में मैंने उन्हें सड़का मारते हुए देख लिया तो मेरे मुंह से निकला कि अरे पापा ये क्या रहे हो? ये काम तो लड़कियों का है। वह बोले तो फिर तुम ही कर दो न रश्मि। उस समय हम दोनों ही उत्तेजित थे। मेरा हाथ अपने आप लण्ड तक पहुँच गया और मैंने लण्ड मुट्ठी में लिया और आगे पीछे करने लगी। लण्ड तब तक बड़ा कड़क हो चुका था, मेरी एक मुट्ठी में नहीं आ रहा था तो मैंने दोनों हाथों से उसे पकड़ा और चूम लिया। लण्ड के टोपा को जबान निकाल कर चाट लिया। तब पापा ने मुझे दबोच लिया। वो भी काबू के बाहर हो गए और मैं भी। फिर क्या पापा ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और चोदने लगे। उस दिन से मैं पापा से भी बड़ी मस्ती से चुदवाने लगी। अब मैं उसी लण्ड से तेरी चूत फड़वाऊँगी। समझ में आया बुर चोदी कंगना?
भाभी की बातों से मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।
इतने में डोर बेल बजी और भाभी के पापा घर वापस आ गए।
भाभी ने उनका सामान लिया और उन्हें प्यार से बैठाया।
फिर इधर उधर की बातें करके वो अपने काम पर लग गए।
रात के करीब 11 बजे अचानक भाभी ने मुझे आवाज़ दी, बोली- कंगना ज़रा मेरे पास आना।
मैं जब जाने लगी तो उनकी बातों की भनक मेरे कानों में पड़ी।
मैं छिप कर उसकी बातें सुनने लगी।
भाभी बोल रहीं थी- तेरा लण्ड तो पहले से बड़ा मोटा हो गया है यार?
भाभी के पापा ने कहा- हां रश्मि, मैंने जबसे तेरी ननद को देखा है तबसे मेरा लौड़ा साला आप से बाहर हो गया है। बड़ी खूबसूरत सेक्सी और हॉट है तेरी ननद! मन करता है कि बस पेल दूँ।
यह सुनकर मेरे बदन में आग लग गयी और मेरी चूत गीली हो गयी।
तब तक मैं बेशरम हो ही चुकी थी तो फ़ौरन घुस गयी अंदर।
मैंने देखा कि भाभी नंगी नंगी अपने पापा का लण्ड हिला रही है।
मुझे देख कर बोली- ले कंगना, पकड़ के देख मेरे पापा का लण्ड।
मैंने हाथ बढ़ाकर पकड़ लिया लण्ड तो भाभी ने मेरे कपड़े उतार दिये।
मुझे अंकल के आगे नंगी होने में ज़रा भी शर्म नहीं आई बल्कि मुझे और मज़ा आया।
अंकल ने मुझे अपने बदन से चिपका लिया।
लण्ड उसका 8″ का था।
मैं समझ गयी कि आज मेरी चूत बहनचोद फट जाएगी.
फिर भी मैं फड़वाने के लिए तैयार थी।
भाभी मेरी चूत चाटने लगीं और अंकल उसकी चूत चाटने लगे।
मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा और मोटा लण्ड मेरे हाथ में था।
फिर जाने कितनी फुर्ती से भाभी ने लण्ड मेरी चूत में पेल ही दिया और बोली- ले बुरचोदी कंगना, चुदवा ले रंडी की तरह मेरे पापा से! ऐसे चोदेगा तुझे की तेरी माँ चुद जाएगी, फट जाएगी तेरी बुर।
मैंने कहा- अरे रश्मि भाभी, मेरी तो पहले से ही फटी हुई है और फट जाने दो। देखती हूँ कितना ताकतवर तेरे पापा का मादरचोद लण्ड?
तब तक लण्ड पूरा घुस चुका था मेरी चूत में!
और मैं उफ़ कह कर घपाघप चुदवाने लगी।
अंकल बोले- रश्मि, तेरी ननद तो साली बड़ी मस्त है। देखो न कैसे गांड हिला हिला कर मस्ती से चुदवा रही है माँ की लौड़ी।
मुझे अंकल की बातों ने और ज्यादा उत्तेजित कर दिया।
भाभी मेरी चूची सहलाने लगीं और अंकल के पेल्हड़ भी।
कुछ देर तक मैं चुदाई का मज़ा लेती रही फिर मौका पाकर मैंने लण्ड भाभी की बुर में घुसा दिया और कहा- अंकल, अब मैं देखना चाहती हूँ कि तुम भोसड़ी वाले कैसे अपनी बिटिया की बुर चोदते हो?
मैंने सच में बड़े ध्यान से देखा कि कितने मजे से अंकल अपनी बेटी की बुर चोद रहे थे.
ऐसा लग रहा था कि जैसे वो किसी और की बीवी को चोद रहा हो।
मैं जब तक वहां रही, तब तक भाभी कभी अपने के भाई से, कभी उनके दोस्तों से और कभी अपने पापा से कभी उनके दोस्तों से मुझे चुदवाती रही।
सच में मेरी चूत साली फट फट के भोसड़ा बन गई थी।
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