डाईवोर्सी भाभी सेक्स कहानी एक अनजान भाभी से मिस काल पर बात होने के बाद दोस्ती की है. हम फोन पर सेक्स की बातें करने लगे और एक दिन हम सेक्स के लिए मिले.
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक रहा हूं. मैंने बहुत लोगों की कहानियां पढ़ी हुई हैं.
इसलिए मैंने भी सोचा कि क्यों न मेरे साथ हुई सेक्स कहानी को आपके साथ साझा किया जाए.
मेरा नाम कमल (बदला हुआ नाम) है. मेरी उम्र अभी 21 साल है. मैं पूर्वी उत्त्तरप्रदेश के जिले देवरिया का रहने रहने वाला हूं.
ये बात उस समय की है जब कोरोना के कारण भारत में पूर्ण लॉकडाउन लगा हुआ था. और लोगों की तरह मेरा भी समय इसी अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ कर ही बीत रहा था.
एक रात एक अनजान नंबर से मुझे व्हाट्सएप मैसेज आया.
मैं अन्य नंबर की तरह उसे भी इग्नोर करके सो गया.
जब मैं अगले दिन मॉर्निंग में उठा तो उस व्हाट्सएप को चैक किया.
उस पर न कोई डीपी थी और न ही कोई व्हाट्सएप के बारे में कुछ लिखा था … और न ही लास्ट सीन शो कर रहा था.
मैंने भी एक एसएमएस करके उस नंबर को डिलीट कर दिया.
मुझे उसी दिन फिर से उसी नंबर से व्हाट्सएप से हाय लिखकर आया.
मैंने उस व्हाट्सएप वाले की जानकारी ली तो मुझे मालूम हुआ कि वह एक भाभी का नम्बर है.
वो मेरे ही शहर से कुछ ही दूरी पे एक शहर की रहने वाली हैं.
मैंने उनसे पूछा कि क्या आप मुझे जानती हैं?
उन्होंने ना में उत्तर दिया.
मुझे न जाने कुछ ऐसा लगा कि यह झूठ बोल रही होंगी क्योंकि इतनी कम दूरी से किसी का रॉन्ग नंबर आना जल्दी संभव नहीं होता है.
फिर मैंने उनसे उनकी फोटो मांगी, उन्होंने मुझे बड़ी आसानी से अपनी फोटो भेज दी.
उनकी फोटो देखने के बाद मेरा मन बन गया और मैंने उनसे बात करना शुरू कर दी.
उस समय तो हम दोनों में ज्यादा बात नहीं हो पाई.
उन्होंने रात को कॉल करने की बात बोलकर फोन रख दिया.
फिर रात को 11 बजे मुझे उन्होंने कॉल किया.
उन्होंने बताया कि वह शहर में लगभग दो साल से रूम लेकर रहती हैं. उनके साथ उनकी एक छोटी सी बेटी भी रहती है.
वह अपने पति को छोड़ चुकी हैं क्योंकि उनका पति उनको शराब पीकर मारता पीटता था और गलियां देता था. वो उनको बिल्कुल भी प्यार नहीं करता था.
सॉरी दोस्तो, मैं भाभी के बारे में बताना ही भूल गया.
उनका नाम रूबी (बदला हुआ नाम) था और वह अभी 24 साल की ही थीं मतलब मुझसे केवल 3 साल बड़ी थीं.
उनकी शादी काफी पहले ही हो चुकी थी.
उन डाईवोर्सी भाभी का फिगर 34-32-36 का था. जो मुझे बाद में मालूम हुआ था.
मैंने जब भाभी से पूछा कि भाभी आपकी शादी भी हो चुकी है और आपकी एक बेटी भी है. तो आप बिना पति के कैसे रह लेती हैं?
रूबी भाभी- क्या कर सकती हूँ. बस मन मार के रहना ही पड़ता है.
मैंने- भाभी मन मार कर से क्या मतलब है?
रूबी भाभी- आप नहीं समझोगे.
मैंने- बताइए ना भाभी, मुझे आपसे सुनना अच्छा लग रहा है.
रूबी भाभी- देखो कमल जी मुझे सेक्स किए हुए दो साल से ऊपर हो गए हैं. मुझे करने का बहुत मन करता है. परंतु मैं ऐसे आदमी के साथ करना चाहती हूं. जो मेरी गोपनीयता का पूरा ध्यान रखे और मुझे उसके साथ किसी भी प्रकार की जोखिम न हो.
मैंने- अच्छा भाभी ऐसी बात है. मैं ये आपकी कमी पूरी कर सकता हूं.
रूबी भाभी- आप तो मुझसे छोटे हो. आप शायद नहीं कर पाओ.
मैंने- छोटे बड़े होने की बात नहीं होती है भाभी … बात एक दूसरे को संतुष्ट करने की होती है. मैं आपको गारंटी देता हूं कि मैं आपको संतुष्ट कर दूंगा.
रूबी भाभी- अच्छा कैसे कर पाओगे … और आपका सामान कितना बड़ा है?
मैंने- सामान की बात छोड़ो भाभी. मैं आपको गारंटी देता हूं कि आपको बिना संतुष्ट किए नहीं हटूंगा. वैसे मेरे लंड की साइज अभी 6 इंच है और ये 2.5 इंच मोटा है.
रूबी भाभी- अच्छा. दिखाइए तो जरा अपने औजार को!
मैंने अपने लंड की पिक लेकर भाभी को सेंड कर दिया.
रूबी भाभी- देखने में तो बड़ा मस्त है. परंतु इसका टेस्ट लेने के बाद ही मालूम चलेगा कि वाकयी में इसमें दम है कि नहीं.
मैंने- जी हां भाभी, बंदा टेस्ट कराने के लिए हर वक्त हाजिर है.
रूबी भाभी- ठीक है. जरूर टेस्ट करेंगे. जरा लॉकडाउन बीतने दीजिए. आपकी ताकत को जरूर टेस्ट करूंगी.
लॉकडाउन बीतने तक हमारी और भाभी की बातें होती रहीं.
मैं हर दिन कॉल पर ही भाभी को गर्म करके उनकी चूत से पानी टपकवा दिया करता था.
फिर वह दिन आ गया, जब मैं भाभी से मिलने जाने वाला था.
यहां लॉकडाउन की पाबंदियां खत्म धीरे धीरे होती जा रही थीं परंतु अभी भी सारी बंदिशें नहीं खुली थीं.
हमारे सामने एक समस्या यह थी कि आखिर हम मिलेंगे कहां.
क्योंकि उस टाइम कोई भी होटल नहीं खुल रहे थे.
मैं उनके रूम पर भी नहीं जा सकता था क्योंकि वहां उनको जानने वाले रहते थे. अगर मुझे देखते तो शक करते.
हम दोनों में वासना की आग बहुत बढ़ चुकी थी और यह आग हम दोनों को बिना मिले शांत होने वाली नहीं थी.
मैंने अपने एक दोस्त को फोन किया और उससे पूछा कि मुझे एक रूम चाहिए कुछ घंटों के लिए, अगर कोई जुगाड़ हो सकती है, तो बता.
उसने कहा- देख भाई, मेरा एक फ्रेंड है वो उसी शहर में रहता है. मैं उससे बात करके बताता हूं.
मैंने ओके बोलकर फोन रख दिया.
दस मिनट बाद दोस्त ने कमरे की जुगाड़ करवा दी थी. बस वो साफ़ नहीं था क्योंकि लॉकडाउन में उधर कोई गया ही नहीं था.
इधर रूबी भाभी बार बार फोन करके पूछ रही थीं कि रूम की व्यवस्था हुई कि नहीं. मुझसे अब सहन नहीं हो रहा है. मुझे जल्दी से आपसे जम कर चुदाई करवानी है. मेरी चूत में आग लग चुकी है.
मैंने भी उनसे अगली सुबह मिलने को बुला लिया और मैं उनके शहर अगले दिन 10 बजे तक पहुंच गया.
मैंने रूम पर पहुंच कर भाभी को कॉल करके रूम का पता भेज दिया.
वहां भाभी को आने में आधा घंटा लगना था, तब तक मैंने रूम को अच्छे से साफ कर दिया.
ये रूम शहर से थोड़ा बाहर था, जहां कुछ दूर दूर घर बने हुए थे. इसलिए मुझे भी ये कमरा अच्छा लगा.
मैंने भी सोच लिया था कि आज भाभी को जम कर चोदूंगा.
मैं रूम के बाहर ही बैठा हुआ था, तभी भाभी अपनी स्कूटी से आ गईं.
भाभी क्या मस्त लग रही थीं.
उन्होंने नीके रंग की साड़ी पहनी हुई थी जिसमें वो पूरी अप्सरा बन कर आई थीं. ऐसा लग रहा था कि आसमान से रम्भा उर्वशी उतर कर आई हो.
मैं उनको देखता ही रह गया.
भाभी आते ही रूम में चली गईं.
मैं भी उनके पीछे रूम में आ गया और अन्दर जाकर दरवाजा बंद कर दिया.
दरवाजा बंद करते ही भाभी मुझसे चिपक गईं और कहने लगीं- मेरी दो साल से प्यासी जमीन को अपना पानी पिला दीजिए. मैं बहुत प्यासी हूं.
मैंने भी भाभी के रसीले होंठों पर अपने होंठ रखकर चूसना शुरू कर दिया.
मैं उनके मोटे होंठों को रगड़ता हुआ रसपान करने लगा.
वे अपने दोनों हाथ मेरे बालों में फेरती हुई किस किए जा रही थीं.
इधर मैं भी उनके दोनों मोटे चूतड़ों को और मम्मों को दबाए जा रहा था.
हम दोनों एक दूसरे को किस करते हुए कपड़े निकालने लगे.
मैंने भाभी का पेटीकोट और ब्लाउज भी खोलकर अलग कर दिया.
अब भाभी बस सफेद ब्रा और पैंटी में रह गई थीं.
भाभी की उभरी हुई चूचियां और अनकी फूली हुई गांड क्या मस्त लग रही थी.
भाभी की पूरी बॉडी एकदम दूध सी गोरी थी. ऊपर से सफेद रंग की ब्रा पैंटी गजब की कयामत ढा रही थी.
मैं भाभी को बेड पर लिटाते हुए उनको किस किए जा रहा था. मेरा हाथ अब उनकी पैंटी में चला गया था और उनकी चूत को सहलाने लगा था.
भाभी भी जोश में आ गई थीं और मेरे लंड को कच्छे के भीतर ही सहलाने लगी थीं.
मैंने भाभी को किस करते हुए उनकी ब्रा को निकाल फैंका और उनके मम्मों पर टूट पड़ा.
मैं उनके मम्मों को मसलते हुए चूसे जा रहा था और भाभी ‘सी … सीई …’ की मादक आवाज निकाले जा रही थीं.
फिर मैंने नीचे आते हुए भाभी की पैंटी को निकाल दिया.
भाभी अपनी चूत को साफ़ करके आई थीं. उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. उनकी फूली हुई चूत की खुशबू सच में बड़ा आनन्द दे रही थी.
भाभी कुछ संभल पातीं, उससे पहले ही मैंने भाभी की चूत पर मुँह लगाकर उनकी चूत चाटनी शुरू कर दी.
मैं अपनी जीभ भाभी की चूत में घुसाए जा रहा था और भाभी लगातार कराहें भर रही थीं- आह … आह … और जोर से चूसो … पूरी खा जाओ मेरी चूत को … आह!
भाभी मेरा सिर अपनी चूत पर दबाए जा रही थीं.
फिर मैंने भाभी को अपने मुँह पर अपनी चूत रखकर बैठने का इशारा किया.
जैसे ही भाभी मेरे मुँह पर चूत रखकर बैठीं, मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में घुसा दी.
भाभी- आह … खा जाओ चूत को … आह … मर गई.
चूत चाटने के साथ ही मैं भाभी के मम्मों को पकड़ कर दबाए जा रहा था.
लगभग 5 मिनट के बाद भाभी मेरे मुँह में ही झड़ गईं और बेड पर गिर कर हांफने लगीं.
अब उनकी बारी मेरा लंड चूसने की आ गई थी. मैंने भी अपने लंड को निकालते हुए उनके मुँह के सामने कर दिया.
भाभी पूरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मेरे मुँह से ‘आह … आह …’ की आवाजें आने लगीं और भाभी के मुँह से गुंग … गुंग …’ की आवाजें पूरे कमरे में गूंजने लगी थीं.
मैंने भाभी को इशारा किया कि मैं आने वाला हूं.
भाभी इशारा करती हुई बोलीं कि मुँह में आ जाओ.
मैंने ‘आह …’ की आवाजें करते हुए अपना पूरा माल उनके मुँह में गिरा दिया.
भाभी मुँह में मेरा पानी लिए हुए बाथरूम में चली गईं और उधर से कुल्ला करके वापस आकर बेड पर लेट गईं.
अब हमारा चुदाई का समय आ चुका था.
मैंने भाभी को किस करते हुए उनकी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी.
भाभी अपनी गांड उठा उठा कर उंगली अन्दर लेने लगी थीं.
जैसे ही भाभी गर्म हुईं, वह लंड पेलने के लिए चूत में बोलने लगीं.
मैंने भी सही समय देख कर उनके पैरों के बीच आकर अपना लंड उनकी चूत पर सैट कर दिया.
मुझे पता था कि भाभी दो साल से चुदी नहीं है, तो उनको थोड़ा दर्द होगा.
मैंने भाभी के होंठों को अपने होंठों में जकड़ते हुए एक जोर का झटका दे मारा.
मेरे जोरदार झटके से भाभी की चीख तो निकली परंतु मेरे मुँह में ही दब कर रह गई.
मैं अपने लंड को भाभी की चूत में पेले ही उनको किस किए जा रहा था और उनके मम्मों को दबाए जा रहा था.
भाभी ने एक मिनट बाद अपनी गांड हिलाते हुए मुझे इशारा दे दिया कि मैं अब चुदने के लिए तैयार हूं.
तब मैंने अपने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया.
मेरे मुँह के उनके होंठों से हटते ही भाभी ने एक लंबी सांस ली और मुस्कुराने लगीं.
मैंने अपने दोनों हाथ उनके बूब्स पर रखे और उनको पूरी ताकत से चोदने लगा.
भाभी ‘आह … आह …’ की आवाजें निकालती हुई अपनी चूत को सहलाने लगीं.
धकापेल चुदाई चलती रही.
इस दौरान मैंने कई पोजीशन में भाभी को सैट किया और उनकी चुदाई करता रहा.
बाद में जब मैं चरम सीमा पर आ गया तो मैंने अपनी स्पीड शताब्दी एक्सप्रेस के जैसी बढ़ाई और उनकी चूत में पूरा लंड पेलने लगा.
भाभी- आह … मजा आ रहा है … और जोर से चोदो मुझे … आह … फक मी …
मैं- भाभी कैसा लग रहा है?
भाभी- बहुत अच्छा लग रहा है राजा. चोदो मुझे जोर जोर से चोदो … आंह फाड़ दो मेरी चूत को … आज से मैं आपकी रानी रंडी सब … जो मजा चुदाई में है … वह किसी में भी नहीं … आह!
वे बड़बड़ाती रहीं और उनकी टांगें अकड़ने लगीं.
मैं समझ गया कि भाभी झड़ने वाली हैं. मैंने अपने धक्कों की स्पीड और तेज कर दी.
भाभी ने ‘आह … आह …’ करते हुए मेरे लंड पर अपने चूत का गर्म पानी छोड़ दिया.
भाभी झड़ चुकी थीं पर अभी मेरा काम नहीं हुआ था, बस मैं आने ही वाला था.
तभी मैंने एक जोर का झटका मारा और उनकी बच्चेदानी तक अपना लंड पेल दिया.
फिर दस या बारह धक्के के बाद मैं भी झड़ने के कगार पर आ गया.
मैंने भाभी से पूछा- भाभी, माल कहां लेना चाहोगी?
भाभी मुझे किस करती हुई बोलीं- जान मेरी चूत को आज हरी भरी कर दो, मैं गर्भ निरोधक गोली ले लूंगी. पर आपका पानी अपनी चूत में ही लूंगी.
मैंने भी तीन चार झटकों के बाद डाईवोर्सी भाभी की चूत में ही लंड झाड़ दिया.
मैंने उस दिन भाभी को 4 बार चोदा.
एक बार उनके मना करने के बाद भी उनको जबरदस्त तरीके से चोदा.
चुदाई के बाद भाभी बहुत खुश नजर आ रही थीं.
भाभी का अच्छा मूड देखकर मैंने उसी दिन भाभी की गांड भी चोदने को बोला परंतु भाभी ने अगली बार बोलकर मना कर दिया.
मैंने दस दिन के बाद ही भाभी की गांड भी मारी, वह चुदाई घटना मैं बाद में लिखूंगा.
मैं आशा करता हूँ कि आप लोगो को यह डाईवोर्सी भाभी की चुदाई कहानी अच्छी लगी होगी.
यह मेरी पहली कहानी है, अगर कोई चूक हो गई हो तो आप कमेंट में बता सकते हैं या मुझे ईमेल भी कर सकते हैं.
मैं आपके ईमेल का जरूर जवाब दूंगा.
आप सभी के रिव्यूज का मुझे इंतज़ार रहेगा.
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